मास्टर परिपत्र रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें- शहरी सहकारी बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें- शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई/2014-15/28 01 जुलाई 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 01 जुलाई 2013 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि. बीपीडी(पीसीबी) एमसी. सं. 11/13.01.000/2013-14 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2014 तक के सभी अनुदेशों/ दिशानिर्देशों को समेकित एवं अद्यतन किया गया है तथा परिशिष्ट में उल्लिखित है। भवदीय (ए. के. बेरा) संलग्नक: यथोक्त मास्टर परिपत्र
मास्टर परिपत्र रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 21 तथा 35 क द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनहित में ऐसा करना आवश्यक एवं समीचीन है, यह निदेश जारी किए हैं कि कोई भी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक उसके द्वारा स्वीकारी गई या नवीकृत की गई रुपया जमाराशियों पर अनुबंध 1 और 2 में बताई गई दरों के अलावा अन्य दरों पर ब्याज अदा नहीं करेगा। ब्याज की अदायगी निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी।
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक अपने विवेकानुसार चालु खातों पर आधा प्रतिशत प्रति वर्ष से अनधिक ब्याज अदा कर सकते हैं। चूँकि आमतौर पर विवेकाधीन प्रावधानों के कारण ऐसी जमाराशियों की लागत में वृद्धि होती है इसलिए बैंकों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे चालू खातों पर कोई ब्याज न दें। चालू खातों के शेष पर ब्याज, जहां भुगतान किया जाना है, के भुगतान का परिकलन दैनिक उत्पाद के आधार पर तिमाही या लंबे अंतरालों पर किया जा सकता है। 4 ए. बचत जमाराशियों पर देय ब्याज दर 4.1 बैंकों को घरेलु और बचत जमाराशियों पर, इस मास्टर परिपत्र के अनुबंध 1 में निर्दिष्ट दरों पर ब्याज का भुगतान करना चाहिए। 4.2 25 नवंबर 2011 से बचत बैंक जमा ब्याज दर को विनियंत्रित किया गया। तदनुसार, बैंक निम्नलिखित दो शर्तों के अधीन अपनी बचत बैंक जमा ब्याज दर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं: (i) प्रत्येक बैंक ` 1 लाख तक की बचत बैंक जमाराशियों पर एक समान ब्याज दर प्रदान करेंगे चाहे इस सीमा के भीतर खाते में राशि कुछ भी हो (ii) `1 लाख से अधिक बचत बैंक जमाराशियों के लिए बैंक विभेदक ब्याज दरें प्रदान करने का विकल्प चुन सकते हैं बशर्ते वे ऐसी जमाराशियों पर देय ब्याज अर्थात् अपने किसी कार्यालय में एक ही तारीख को स्वीकृत समान राशि की एक जमाराशि तथा दूसरी जमाराशि के बीच देय ब्याज के मामले में कोई भेद नहीं करेंगे। 4.2.1 घरेलू बचत जमाराशि पर लागू ब्याज दरें दिन के अंत में खाते की शेष राशि पर तय किए जाएंगे। तदनुसार बैंक घरेलू बचत बैंक जमाराशि पर दिन के अंत में ` 1 लाख तक खाते की शेष राशि के लिए उनके द्वारा तय समान दर पर ब्याज की गणना करे तथा दिन के अंत में ` 1 लाख से अधिक खाते की शेष राशि के लिए उनके द्वारा निर्धारित विभेदक दर लागू करें। शहरी सहकारी बैंक यह सुनिश्चित करे कि ऐसी जमाराशियों के लिए ब्याज निर्धारित करते समय बोर्ड/ आस्ति देयता प्रबंधन समिति (यदि मंडल द्वारा शक्तियों का प्रत्यायोजन किया गया हो) का पूर्वानुमोदन लिया गया है। 4.3 बचत बैंक खाते की शेष राशि पर दैनिक आधार पर ब्याज का परिकलन किया जाएगा। 4.4 यह ब्याज तिमाही आधार पर या लंबे अंतरालों पर अदा की जाएगी। 4.5 प्रवर्तन अधिकारीयों द्वारा अवरुद्ध बचत बैंक खातों के मामले में भी बैंकों को निरंतर रूप से खाते में ब्याज जमा करना जारी रखना चाहिए। 4 बी. अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशियों तथा साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों पर ब्याज दरें एनआरओ खाते तथा एनआरई जमाराशियों पर बैंकों को अनुबंध 1 और 2 में दिए गए दरों के अनुसार ब्याज का भुगतान करना चाहिए। 28 दिसंबर 2011 से एनआरई जमाराशियों तथा (एनआरओ) जमाराशियों पर ब्याज दरों को विनियंत्रित किया गया हैं। तदनुसार, बैंक अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमाराशि खातों के अंतर्गत बचत जमाराशियों तथा एक वर्ष और उससे अधिक परिपक्वता अवधि की मीयादी जमाराशियों तथा साधारण अनिवासी (एनआरओ) खातों के अंतर्गत बचत जमाराशियों पर अपनी ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। तथापि, बैंकों द्वारा एनआरई तथा एनआरओ जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरें उन ब्याज दरों से अधिक नहीं हो सकतीं जो उनके द्वारा तुलनीय घरेलू रुपया जमाराशियों पर दी जाती हैं। ऐसी जमाराशियों पर ब्याज दरें निर्धारित करते समय बैंकों द्वारा बोर्ड/आस्ति प्रबंधन समिति (यदि बोर्ड द्वारा शक्तियां प्रत्यायोजित की गई हों) का पूर्वानुमोदन प्राप्त किया जाए। किसी समय विशेष पर सभी बैंकों द्वारा अपनी सभी शाखाओं पर एक समान दरें दी जानी चाहिए। बैंकों को विनियंत्रण के कारण उत्पन्न होने वाली अपनी बाह्य देयता की सघन निगरानी करनी चाहिए तथा प्रणालीगत जोखिम के दृष्टिकोण से आस्ति-देयता अनुकूलता को सुनिश्चित करना चाहिए। टिप्पणी: एनआरओ/ एनआरई जमाराशियां केवल उन्हीं बैंकों द्वारा स्वीकार की जाएं जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में विशिष्ट रूप से प्राधिकृत किया गया हो। 5. मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दरें 5(ए) 15 दिनों से कम न होनेवाली मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दरें (` 15 लाख और अधिक की मीयादी जमाराशि के लिए 7 दिन और एनआरई जमारशि के लिए 1 वर्ष) बैंक इस परिपत्र के अनुबंध 1 और 2 में निर्दिष्ट दरों से ब्याज अदा करेंगे। बैंक देशी मीयादी जमाराशियों के लिए किसी दर से संबध्द अस्थायी दर पर और एनआरई जमाराशियों के लिए इस मास्टर परिपत्र के अनुबंध 2 में उल्लिखित उच्चतर सीमा पर अपने विवेकानुसार ब्याज देने के लिए स्वतंत्र हैं। विभिन्न परिपक्वताओं वाली ब्याज दरें तय करने के लिए निदेशक मंडल का पूर्वानुमोदन लिया जाना चाहिए। 5.1 बैंक देशी मीयादी जमाराशियों पर ब्याज दरें तय करने के लिए स्वतंत्र हैं। 5.2 बैंक अपने विवेकाधिकार से ` 15 लाख रुपये से कम की घरेलू/ एनआरओ मीयादी जमाराशियों की भी न्यूनतम अवधि 15 दिनों से घटाकर 7 दिनों तक कर सकते हैं। 5.3. बैंकों को चाहिए कि वे एक समान परिपक्वता अवधि वाली ` 15 लाख से कम जमाराशियों के लिए एक समान दर निश्चित करें। 5.4 एक ही तारीख को स्वीकृत समान परिपक्वतावाली ` 15 लाख और उससे अधिक राशि के मामले में बैंक जमाराशि के आकार के आधार पर ब्याज दर में अंतर कर सकते हैं। 5.5 शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि वे देयताओं की कीमतें निर्धारित करने के संबंध में बोर्ड द्वारा मंजूर की गई एक पारदर्शी नीति लागू करें। बोर्ड/एएलसीओ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि `15 लाख रुपये एवं उससे अधिक की एकल सावधि जमाराशियों तथा समान परिपक्वता अवधि की अन्य (अर्थात `15 लाख से कम) सावधि जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरों में न्यूनतम अंतर है। 5.6 बैंको के लिए यह आवश्यक है कि वे उन जमाराशियों सहित जिन पर विभेदक ब्याज अदा की जाएगी, ब्याज दरों की सूची अग्रिम तौर पर प्रदर्शित करें । किसी बैंक द्वारा देशी हजमाराशियों के लिए अदा की गई ब्याज दर सूची के अनुसार होगी और उसे बैंक और जमाकर्ता बातचीत से तय नहीं कर सकेंगे । 5.7 बैंक विभिन्न परिपक्वतावाली घरेलू मीयादी जमा राशियों पर ब्याज दर सूची की समीक्षा करें और उन्हें वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दी जा रही ब्याज दरों की तुलना में लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें । (बी) मीयादी जमाराशियों पर ब्याज परिकलन की प्रणाली सदस्य बैंकों द्वारा बैंकिंग प्रथाएं समान रूप से अपनाए जाने के लिए आईबीए द्वारा इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) कोड जारी किए गए हैं। कोड से यह अपेक्षित हैं कि वे न्यूनतम मानक स्थापित कर बैंकिंग प्रथाओं को उन्नत करें जिसे सदस्य बैंक ग्राहकों के साथ लेनदेन करते समय आचरण में लाएं। देशी मीयादी जमाराशियों पर ब्याज के परिकलन के लिए आईबीएने यह निर्धारित किया है कि तीन माह से कम की देय जमाराशियों पर या जहां अंतिम तिमाही अपूर्ण हो वहां वर्ष को 365 दिनों का मानते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के लिए अनुपातिक आधार पर ब्याज अदा की जाए। हमें यह सूचना मिली है कि कुछ बैंक वर्ष को लीप वर्ष और अन्य वर्षों के लिए क्रमश: 366/ 365 दिनों का मान कर ब्याज अदा कर रहे हैं। बैंक जब कि अपनी-अपनी प्रणाली अपनाने के लिए स्वतंत्र है तथापि, उन्हें चाहिए कि वे जमाराशि स्वीकार करते समय अपने जमाकर्ताओं को ब्याज के परिकलन के तरीके की समुचित रूप से जानकारी दें और इस सूचना के अपनी शाखाओं में प्रदर्शित करें। 6.1 स्टाफेत्तर जमाकर्ताओं को (i) प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंक अपने विवेक से स्थानीय रुपया (देशी) बचत जमाराशियों पर और निवासी जमाकर्ताओं द्वारा खोले गए उन बचत खातों पर जो जमाकर्ताओं के विदेश जाने पर साधारण अनिवासी खाते (एनआरओ) बन जाते हैं, 1% प्रतिवर्ष से अनधिक दर से अतिरिक्त ब्याज अदा कर सकते हैं। (ii) बैंकों को जब कि बचत बैंक जमाराशियों और चालू खातों की जमाराशियों पर क्रमश: 1% और 1/2% से अनधिक अतिरिक्त ब्याज देने की अनुमति दी गई है तथापि, विवेकपूर्ण प्रावधानों के फलस्वरुप सामान्यत: जमाराशियों की लागत में वृद्धि हो जाती है। अत: बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे शीघ्रातिशीघ्र निम्नलिखित उपाय करें। (ए) वे बचत बैंक खातों पर वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दी जा रही ब्याज दर से अधिक अतिरिक्त ब्याज न दें और (बी) चालू खातों पर ब्याज न दें। 6.2 बैंक स्टाफ और उनके अनन्य संघों को कोई बैंक अपने विवेक से अनुबंध 1 और 2 में निर्धारित ब्याज दर से ऊपर एक प्रतिशत प्रतिवर्ष से अनधिक और पैराग्राफ 6.1 के अनुसार देय/प्रदत्त अतिरिक्त ब्याज अदा कर सकता है। (ए) निम्नलिखित के नाम से खोले गए बचत और मीयादी जमा खातों के संबंध में, (i) बैंक स्टाफ के किसी सदस्य या सेवानिवृत्त सदस्य के नाम से अकेले या किसी अन्य सदस्य या अपने परिवर के किसी सदस्य के साथ संयुक्त रुप से। (ii) मृत सदस्य की पत्नी/केपति या बेंक स्टाफ के किसी मृत सेवानिवृत्त सदस्य के नाम और (iii) कोई एसोसिएशन या कोई निधि जिसके सदस्य बैंक स्टाफ के सदस्य है के नाम बशर्ते - बैंक संबंधित जमाकर्ता से इस आशय का एक घोषणापत्र प्राप्त करे कि ऐसे खाते में जमा की गई राशि या समय समय पर जमा की जानेवाली राशि ऊपर शर्त (i) से (iii) में बताएं गए अनुसार जमाकर्ता की राशि होगी। बशर्ते यह भी कि :- (ए) दूसरे बैंक से प्रतिनियुक्ति पर लिए कर्मचारी के संबंध में जिस बैंक से उस प्रतिनियुक्त किया गया है वह बैंक प्रतिनियुक्ति की अवधि के दौरान खोले गए बचत और मीयादी खातों पर अतिरिक्त ब्याज दे सकता है। (बी) यदि किसी व्यक्ति को निर्धारित अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर या निर्धारित अवधि के लिए ठेके पर लिया गया हो तो प्रतिनियुक्ति या ठेके की अवधि, जैसी भी स्थिति हो, समाप्त हो जाने पर लाभ बंद हो जाएंगे। (बी) अतिरिक्त ब्याज का भुगतान निम्नलिखित शर्तें के अधीन होगा, (i) अतिरिक्त ब्याज तब तक देय होगी जब तक कि व्यक्ति उसके लिए पात्र बना रहता है। मीयादी जमा खाते के मामले में जमाराशि की परिपक्वता अवधि पर वह उसके लिए पात्र नहीं रहेगा। (ii) समामेलन योजना के अनुकरण में लिए गए कर्मचारियों के मामले में अतिरिक्त ब्याज तभी देय होगी जब अतिरिक्त ब्याज सहित संविदाकृत ब्याज दर, यदि ऐसे कर्मचारी को मूलत: बैंक कर्मचारी के रुप में नियुक्त करने पर दी जाने वाली ब्याज दर से अधिक न हो। (सी) बैंक कर्मचारी फेडरेशन जिनमें बैंक के कर्मचारी सीधे सदस्य नहीं हैं, अतिरिक्त ब्याज के लिए पात्र नही होंगे। 6.3 बैंक के प्रबंध निदेशकों/मुख्य कार्यपालकों को कोई बैंक अपन्टा विवेक से प्रबंध निदेशक से प्राप्त/नवीकृत जमाराशियों पर अनुबंध 1 और 2 में निर्धारित ब्याज दर और पैराग्राफ 6.1 के अनुसार देय/ प्रदत्त अतिरिक्त ब्याज से ऊपर एक प्रतिशत प्रति वर्ष अतिरिक्त ब्याज दे सकता है बशर्ते वह (प्रबंध निदेशक) नियमित वेतन पर बैंक के मुख्य कार्यपालक की हैसियत से काम करता हो और पैराग्राफ 6.2 के अंतर्गत उसी प्रकार के लाभ लेने का पात्र न हो। बैंक के प्रबंध निदेशक की जमाराशियों पर ऊपर बताए गए अनुसार अतिरिक्त ब्याज प्रबंधक निदेशक के रुप में उसके कार्यकाल के दौरान ही देय होगी। 6.4 ज्येष्ठ नागरिकों को (i) बैंक अपने निदेशक मंडल की अनुमति से ज्येष्ठ नागरिकों को किसी भी आकार की मीयादी जमाराशियों पर उच्च ब्याज दर दे सकते हैं। (ii) ज्येष्ठ नागरिकों के लिए मीयादी जमाराशि योजना में जमाकर्ता की मृत्यु पर हो जाने पर जमाराशि अपने आप उनके नामिनी के नाम अंतरित हो जाने की सरलीकृत क्रियाविधि होनी चाहिए। 7. रविवार/ छुट्टीवाले दिन/ कारबारेत्तर कार्यदिवस को परिपक्व होनेवाली मीयादी जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान रविवार/ छुट्टीवाले दिन/ कारबारेत्तर कार्यदिवस को भुगतान करने के लिए परिपक्व होनेवाली मीयादी जमाराशियों के संबंध में बैंक अगले कार्यदिवस तक पहले से सहमत दर से ब्याज अदा करेंगे - (i) पुननिर्वेश जमाराशियों और आवर्ती जमाराशियों के मामले में परिपक्वता मूल्य पर, और (ii) सामान्य मीयादी जमाराशि के मामले में वर्ष में 365 दिन के आधार पर आरंभिक मूल धन पर 8. मीयादी जमाराशि का परिपक्वतापूर्व आहरण 8.1 प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जमाकर्ता के अनुरोध पर राशि जमा करते समय तय की गई अवधि पूर्ण होने से पहले किसी मीयादी जमाराशि के आहरण की अनुमति दे सकता है। ऐसी स्थिति में बैंक मीयादी जमाराशि के अवधि पूर्ण होने से पहले आहरण करने पर अपना दंडात्मक ब्याज लगाने के लिए स्वतंत्र होंगे। 8.2 बैंक यह सुनिश्चित करें कि जमाकर्ता को जमा दर के साथ-साथ दंडात्मक दर लगाए जाने से भी अवगत करा दिया जाता है 8.3 बैंक अपने विवेक से, व्यक्तियों और हिन्दू अविभक्त परिवार को छोड़कर संस्थाओं को परिपक्वता अवधि से पूर्व बडी राशिवाले आहरण की अनुमति नकार सकते हैं । तथापि, बैंकों को अग्रिम तौर पर अर्थात जमाराशियां स्वीकार करते समय जमाकर्ताओं को परिपक्वता अवधि से पूर्व आहरण की अनुमति नहीं दिए जाने की अपनी नीति से अवगत करा देना चाहिए। 8.4 तथापि, एफसीएनआर (बी) जमाराशियां बनाए रखने की अनुमति के लिए एनआरई जमाराशियों को एफसीएनआर (बी) जमाराशियां में और इसके विपरित किया गया संपरिवर्तन परिपक्वता पूर्व आहरण से संबंधित दंडात्मक उपबंधों के अधीन होगा। 8.5 निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं यह बात रिज़र्व बैंक के ध्यान में लाई गई है कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं: (i) 6 से 12 महीने तक की विस्तारित सीमा वाली निश्चित अवरुद्धता अवधि; (ii) निश्चित अवरुद्धता अवधि के दौरान समयपूर्व आहरण करने की अनुमति नहीं होती है। अवरुद्धता अवधि के दौरान समयपूर्व आहरण करने की स्थिति में ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है; (iii) इन जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज दरें, सामान्य जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज की दरों के अनुरूप नहीं हैं; तथा (iv) कुछ बैंक विशिष्ट शर्तों के अधीन आंशिक रूप से समयपूर्व भुगतान की अनुमति देते हैं। अपने संबंधित बोर्डों के अनुमोदन से नयी देशी जमा संग्रहण योजनाएं प्रारंभ करने से पूर्व शहरी सहकारी बैक जमाराशियों पर ब्याज की दरों, मीयादी जमाराशियों के समयपूर्व आहरण, मीयादी जमाराशियों की जमानत पर ऋण/ अग्रिमों की स्वीकृति आदि के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निदेशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। इससे संबंधित किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) के अंतर्गत दंड भी लगाया जा सकता है। यह स्पष्ट किया जाता है कि कुछ बैंकों द्वारा प्रवर्तित निश्चित अवरुद्धता अवधि तथा ऊपर उल्लिखित अन्य विशेषताओं वाली विशेष योजनाएं हमारे अनुदेशों के अनुरूप नहीं हैं। अत: जिन बैंकों ने ऐसी जमा योजनाएं प्रवर्तित की हैं उन्हें सूचित किया जाता है कि उन योजनाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर दें और उसके अनुपालन की सूचना भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। 9. मीयादी जमाराशि का संपरिवर्तन, दैनिक जमा के रूप में जमाराशि, या मीयादी जमा में पुनर्निवेश के लिए आवर्ती जमा बेहतर आस्ति देयता प्रबंधन के लिए बैंको को जमाराशियों के परिवर्तन की अपनी नीतियां तैयार करने के लिए अनुमति दी गई है। 10. बिना दावे किए जमाराशियां तथा निष्क्रिय खाते बैंकों को जिन खाताधारकों के खाते निष्क्रिय हो गए हैं, उनका पता-ठिकाना ढूंढने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। i. बचत तथा चालू खाता, दोनों में अगर दो वर्ष से अधिक अवधि से कोई लेनदेन नहीं हो रहा है तो उन्हे निक्रिय खाता माना जाए। किसी भी खाते को 'निष्क्रिय' रूप में वर्गीकृत करने के प्रयोजन के लिए ग्राहक तथा अन्य पार्टी के अऩ्रोध पर किए गए दोनों प्रकार के लेनेदेन, अर्थात् नामे तथा जमा लेनदेन को विचार में लेना चाहिए। ii. बचत बैंक खातों में नियमित आधार पर ब्याज की अदायगी की जानी चाहिए चाहे खाता सक्रिय हो अथवा न हो। यदि मीयादी जमा राशि के परिपक्व होने पर देय राशि का भुगतान नहीं होता है तो बैंक के पास पड़ी अदावी राशि पर बचत खाते पर लागू ब्याज दर लागू होगी। 11. मृत जमाकर्ता के जमाखाते पर देय ब्याज बैंक अपने विवेक से मृत जमाकर्ता व्यक्ति या दो या अधिक संयुक्त जमाकर्ता, जहां एक जमाकर्ता की मृत्यु हो गई हो, के नाम रखी गयी जमाराशि पर ब्याज का भुगतान कानुनी वारिसा प्रतिनिधि/ नामितियों को करने के संबंध में मानदंड बनाए बशर्ते निदेशक मंडल एक पारदर्शी नीति निर्धारित करे और जमाकर्ता को राशि स्वीकार करते समय पूरी जानकारी दी जाए। यह नीतिं न तो विवेकाधिकार पर आधिरित हो और न ही भेदभावपूर्ण हो। जमाराशियों पर देय ब्याज और अग्रिमों पर प्रभार्य ब्याज को निकटतम रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा अर्थात् 50 पैसे और अधिक की भिन्न को अगले रुपये में पूर्णांकित कियाजाएगा जब कि 50 पैसे से कम की भिन्न को छोड़ दिया जाएगा। 13. मीयादी जमाराशियों की जमानत पर दिये गए अग्रिमों पर मार्जिन बैंक द्वारा मीयादी जमाराशि की जमानतपर दी गई किसी भी वित्तीय सहायता के लिए पर्याप्त मार्जिन बनाए रखने का निर्णय प्रत्येक बैंक पर छोड़ दिया गया है, बशर्ते उनका बोर्ड इस संबंध में एक पारदर्शी नीति तय करें। 14. संयुक्त खाता धारकों के नाम जोड़ना, हटाना या अलग-अलग करना कोई भी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक अपने विवेक से और जमाराशि के संयुक्त खाताधारक यदि कोई हो, के अनुरोध पर, (i) परिस्थितियों की गरज के अनुसार संयुक्त खाता धारकों के नाम जोड़ने या हटाने की अनुमति दे सकता है, या (ii) किसी अकेले जमाकर्ता को संयुक्त खाता धारक के रुप में किसी अन्य व्यक्ति का नाम जोड़ने की अनुमति दे सकता है, या (iii) संयुक्त जमाराशि को प्रत्येक संयुक्त खाता धारक को नाम अलग-अलग करने की अनुमति दे सकता है, बशर्ते जमाराशि यदि मीयादी जमाराशि हो तो मूल जमा की राशि और अवधि में किसी प्रकार का परिवर्तन न होता हो। 15. किसी खाताधारक की मृत्यु हो जानेपर जमाराशि का अंतरण/ विभाजन किसी जमाकर्ता की मृत्यु हो जानेपर प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक जमाराशि को जमाकर्ता के एक या अधिक कानूनी उत्तराधिकारीयों, कानूनी प्रतिनिधियों या नामितियों के नाम संयुक्त रुप से या अन्य व्यक्तियों के साथ या राशि को विभाजित कर उनके नामें में अलग-अलग रखने की अनुमति दे सकता है। 16. बंद खातों (फ्रोजेन अकाउंट) पर ब्याज का भुगतान प्रवर्तन प्राधिकारियों द्वारा बंद किए गए मीयादी जमा खातों के मामले में निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाए। (i) परिपक्वता अवधि पूरी होने पर नवीनीकरण के लिए ग्राहक से एक अनुरोध पत्र प्राप्त किया जाए। ग्राहक से अनुरोध पत्र प्राप्त करते समय ग्राहक को यह सूचित करे कि वे नवीकरण की अवधि दर्शाए। ग्राहक द्वारा अवधि न दर्शाने की स्थिति में बैंक मूल अवधि के समान अवधि के लिए जमाराशि का नवीकरण करें। (ii) कोई नई पावती जारी करने की आवश्यकता नहीं है। तथापि, जमा लेजर में नवीनीकरण के संबंध में यथोचित टिप्पणी दज्ज़ की जाए। (iii) जमाराशि के नवीनीकरण की सूचना संबंधित सरकारी विभाग को पंजीकृत पत्र/स्पीड पोस्ट/ कूरियर सेवा द्वारा दी जाए जिसकी सूचना जमाकर्ता को भी दी जाए। जमाकर्ता को दी गई सूचना के अंतर्गत जिस ब्याज दर पर जमाराशि को नवीकृत किया गया है उसकी सूचना भी दी जानी चाहिए। (iv) यदि अनुरोध पत्र प्राप्त होने की तारीख़ को अतिदेय अवधि 14 दिन से अधिक नहीं हो तो नवीनीकरण परिपक्वता की तारीख़ से की जाए। यदि वह 14 दिन से अधिक हो तो बैंकों को अपनी नीति के अनुसार अतिदेय अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करें और उसे एक पृथक ब्याजरहित उप-खाते में रखें जिसे मूल सावधि जमाराशि जारी करते समय जारी किया जाए। जमाराशियों पर ब्याज दर के बारे में जारी दिशानिर्देर्शों में बताई गई कोई भी बात/ शर्त प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निम्नलिखित से प्राप्त जमाराशियों पर लागू नहीं होगी। (i) उधारदाता तथा उधारकर्ताओं दोनों के रूप में माँग/सूचना मुद्रा बाजार में भाग लेने के लिए अनुमत संस्थाएं (अनुबंध 3)। (ii) "विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता योजना" के अंतर्गत किसी जमाकर्ता से। 18.1 कोई भी बैंक (i) ज्येष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई विशिष्ट मीयादी जमा योजना जिसमें किसी भी आकार की जमाराशि की तुलना में उच्च और निधारित ब्याज अदा की जाती है और 15 लाख रुपये और उससे अधिक की एकल मीयादी जमाराशि जिस पर जमाराशि के आकार के आधार पर भिन्न-भिन्न ब्याज दर अनुमत की जाती है, को छोड़कर ब्याज अदा करने के मामलेमें एक ही तारीख और समान परिपक्वता वाली दो जमाराशियों के बीच भेदभाव नही करेगा भले ही जमाराशियां बैंक के एक ही कार्यालय में या अलग अलग कार्यालयों में प्राप्त की गई हों। (ii) निम्नलिखित को छोड़कर किसी भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी एसोसिएशन, संस्था या किसी अन्य व्यक्ति को जमाराशि पर दलाली नहीं देगा। (ए) किसी विशेष योजना के अंतर्गत द्वार-द्वार जाकर जमाराशि इकठ्ठा करने के लिए नियुक्त एजेंट को प्रदत्त कमीशन। (बी) रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर अनुमोदित किए गए अनुसार स्टाक को स्वीकृत प्रोत्साहन राशि (iii) जमाराशि इकट्ठा करने या जमाराशि से सहबद्ध किसी उत्पादन की बिक्री करने के लिए किसी व्यक्ति, फर्म, कंपनी, असोसिएशन, संस्था या किसी अन्य व्यक्ति को, ऊपर खंड (ii) के उप खंड (क) में अनुमत सीमा को छोड़कर किसी भी प्रकार के पारिश्रमिक, शुल्क या कमीशन के भुगतान पर नियुक्त नहीं करेगा। काम पर नहीं लगाएगा। (iv) इनाम/ लॉटरी/ नि:शुल्क यात्रा (भारत में या विदेश में) जैसी कोई जमा संग्रहण योजना नहीं चलाएगा। (v) मौजूदा/भावी उधारकर्ताओं की ऋण संबंधी जरुरतों को पूरा करने या जमा संग्रहण की उगाही के आधार पर मध्यस्थियों को ऋण देने के लिए एजंटों/तीसरे पक्षकारों के जरिए संसाघनों को जुटाने हेतु किसी अनैतिक प्रथा का सहारा नहीं लेगा। (vi) जनता से जमाराशि एकत्रित करने के लिए अवधि विशेष के लिए बैंक द्वारा दी जा रही वास्तविक साधारण ब्याज दर का उल्लेख किए बिना केवल मीयादी जमाराशियों के बारे में यौगिक उत्पादन को उजागर करने वाले कोई विज्ञापन साहित्य जारी नहीं करेगा। जमाराशि की अवधि के लिए प्रतिवर्ष साधारण ब्याज दर का उल्लेख अनिवार्य रुप से किया जाना चाहिए। (vii) किसी भी ऐसी व्यवस्था के तहत (जिसमें नीजी वित्तपोषकों के एजंट/ एजेटों के पक्ष में जमा रसीदें जारी करनी पड़ती हें या ऐसी परिपक्वता पर ऐसी जमाराशि प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को मुख्तारनामा, नामांकन या अन्य प्रकार का कोई प्राधिकार देना पड़ता हो) जमाराशि स्वीकार नहीं करेगा। (viii) अन्य बैंकों की सावधि जमा रसीदों या अन्य मीयादी जमाराशियों की जमानत पर कोई अग्रिम प्रदान नहीं करेगा। 18.2 विशिष्ट निकायों/ संगठनों के नाम खाते (i) कोई भी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक उन सरकारी विभागों/ निकायों को जो अपने कार्य निष्पादन के लिए बजट आबंटन पर आश्रित हैं/ महानगरपालिकाओं या म्युनिसीपल कमेटियों/ पंचायत समितियों/ राज्य हाऊसिंग बोर्डो/ वाटर ऍण्ड सीवरेज/ ड्रेनेज बोर्डो/ राज्य पाठयपुस्तक मुद्रण निगम/सोसायटियां/ महानगरीय विकास प्राधिकरण/ राज्य/ जिला स्तरीय सहकारी आवास समितियां आदि या कोई राजनैतिक पार्टी या कोई व्यापारी/व्यावसायिक या मालिकाना संस्था भले ही वह संस्था मालिकाना हो या साझेदारी फर्म हो या कंपनी हो या एसोसिएशन हो, के नाम कोई बचत बैंक खाता नहीं खोलेगा। (ii) ऊपर (I) पर बताया गया निषेध निम्नलिखित संगठनों/ एजंसियों के मामलों में लागू नहीं होगा: (ए) लघु कृषक विकास एजेंसी (एसएफडीए) (बी) सीमांत कृषक और कृषि श्रमिक एजेंसियां (एमएफएएल) (सी) सूखाग्रस्त क्षेत्र कार्यक्रम (डीपीएपी) (डी) जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) (ई) जिला ग्रामिण विकास एजेंसी/ सोसायटी (डीआरडीए/ डीआरजीएस) (एफ) समेकित जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए) (जी) कृषि उत्पादन बाजार समितियां (एच) खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (आई) मछली पालक विकास एजेंसी (एफएफडीए) (जे) सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1960 के या किसी राज्य या संघशासित राज्य में प्रभावी कानून के तहत पंजीकृत सोसायटियां (के) कंपनी अधिनियम 1956 द्वारा शासित वे कंपनियां जिन्हें उक्त अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत या भारतीय कंपनी अधिनियम 1913 के प्रतिपक्षी उपबंध के अंतर्गत सरकार क्षरा लाइसेंस दिया गया है और अपने नाम के आगे "लिमिटेड" या प्राइवेट लिमिटेड शब्दों को न जोड़ने की अनुमति दी गई है। (एल) ऊपर 18.2 (i) में बताई गई संस्थाओंको छोडकर और जिनकी संपूर्ण आय को आयकर अधिनियमन 1961 के अंतर्गत आयकर से छूट दी गई है। (एम) जवाहर रोजगार योजना निधियों के संबंध में "जिला परिषद/ग्राम पंचायतें" (एन) हिंदु अविभक्त परिवार, बशर्ते हिंदु अविभक्त परिवार किसी व्यापार या व्यवसाय में न लगा हो और खाता कर्ता के नाम निर्दिष्ट हो। मास्टर परिपत्र रुपया जमाराशि पर ब्याज दरें मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
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