निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना –75,000 अमरीकी डालर की सीमा बढ़कार 1,25,000 अमरीकी डालर की गयी - आरबीआई - Reserve Bank of India
निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना –75,000 अमरीकी डालर की सीमा बढ़कार 1,25,000 अमरीकी डालर की गयी
भारिबैंक/2014-15/132 17 जुलाई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना –75,000 अमरीकी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना संबंधी दिशानिर्देशों (योजना) की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. 30 जून 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.138 में यह निर्णय लिया गया था कि 75,000 अमरीकी डालर की सीमा को बढ़ाकर 1,25,000 अमरीकी डालर प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) किया जाए। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को इस योजना के अंतर्गत अनुमत चालू अथवा पूंजी खातेगत लेनदेनों अथवा दोनों के लिए संयुक्त रूप में प्रति वित्तीय वर्ष 1,25,000 अमरीकी डालर की सीमा तक विप्रेषण करने की अनुमति दी गई थी। इसके अलावा, यह स्पष्ट किया जाता है कि अब इस योजना का उपयोग भारत से बाहर अचल संपत्ति के अर्जन के लिए किया जा सकता है। 3. 4 फरवरी 2004 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 64, 20 दिसंबर 2006 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 24, 8 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.51, 4 अप्रैल 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.36, 16 सितंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 17 एवं 18, 23 मई 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.106, 14 अगस्त 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 24 और 3 जून 2014 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.138 में दी गई सभी अन्य शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी। 4. रिज़र्व बैंक ने 11 जुलाई 2014 के जी.एस.आर. सं. 488(ई) के जरिए 24 जून 2014 की अधिसूचना सं. फेमा.311/2014-आरबी के द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाते गत लेनदेन)(संशोधन) विनियमावली, 2014 द्वारा अब मूल विनियमावली को संशोधित कर दिया है। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |