प्रेस प्रकाशनियां
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी-एससी) की उप-समिति द्वारा अपनी 32वीं बैठक में अनुमोदित वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफआई): 2025-30 को श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 1 दिसंबर 2025 को औपचारिक रूप से जारी किया गया।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी-एससी) की उप-समिति द्वारा अपनी 32वीं बैठक में अनुमोदित वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफआई): 2025-30 को श्री संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 1 दिसंबर 2025 को औपचारिक रूप से जारी किया गया।
एमएसएमई क्षेत्र को ऋण प्रवाह की समीक्षा के लिए स्थायी सलाहकार समिति(एसएसी) की 30वीं बैठक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण के प्रवाह की समीक्षा करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति (एसएसी) की 30वीं बैठक 27 अक्तूबर 2025 को कोयंबटूर में श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व
एमएसएमई क्षेत्र को ऋण प्रवाह की समीक्षा के लिए स्थायी सलाहकार समिति(एसएसी) की 30वीं बैठक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को ऋण के प्रवाह की समीक्षा करने के लिए स्थायी सलाहकार समिति (एसएसी) की 30वीं बैठक 27 अक्तूबर 2025 को कोयंबटूर में श्री स्वामीनाथन जे, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व
वित्तीय समावेशन (एफआई) योजनाओं की अधिकतम संतृप्ति हेतु बैंक, 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक ग्राम पंचायत स्तर पर एक देश-व्यापी अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत बैंक खातों का पुनः केवाईसी भी किया जा रहा है। शिविरों का उपयोग दावा न की गई जमा राशि के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और शिकायतों के निवारण के लिए भी किया जा रहा है। 11 अगस्त 2025 तक, 1.41 लाख से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और 35 लाख से अधिक खातों की पुनः-केवाईसी का कार्य पूरा हो चुका है। अपेक्षित परिणामों की प्राप्ति में हो रही प्रगति पर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
वित्तीय समावेशन (एफआई) योजनाओं की अधिकतम संतृप्ति हेतु बैंक, 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक ग्राम पंचायत स्तर पर एक देश-व्यापी अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत बैंक खातों का पुनः केवाईसी भी किया जा रहा है। शिविरों का उपयोग दावा न की गई जमा राशि के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और शिकायतों के निवारण के लिए भी किया जा रहा है। 11 अगस्त 2025 तक, 1.41 लाख से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और 35 लाख से अधिक खातों की पुनः-केवाईसी का कार्य पूरा हो चुका है। अपेक्षित परिणामों की प्राप्ति में हो रही प्रगति पर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से, देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से, देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हितधारकों से प्राप्त प्रतिकृया को ध्यान में रखते हुए मौजूदा प्रावधानों की व्यापक समीक्षा के बाद आज प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए दिशा-निर्देशों में निम्नलिखित प्रमुख परिवर्तन शामिल हैं:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हितधारकों से प्राप्त प्रतिकृया को ध्यान में रखते हुए मौजूदा प्रावधानों की व्यापक समीक्षा के बाद आज प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए दिशा-निर्देशों में निम्नलिखित प्रमुख परिवर्तन शामिल हैं:
वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए रिज़र्व बैंक 2016 से हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है। गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) 2025 के दसवें संस्करण का शुभारंभ किया और इस वर्ष का विषय है "वित्तीय समझदारी: समृद्ध नारी”
वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए रिज़र्व बैंक 2016 से हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है। गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) 2025 के दसवें संस्करण का शुभारंभ किया और इस वर्ष का विषय है "वित्तीय समझदारी: समृद्ध नारी”
भारतीय रिज़र्व बैंक, पूर्वस्नातक स्तर पर कॉलेज छात्रों के लिए आरबीआई90क्विज़ की शुरुआत की घोषणा करता है। यह क्विज़ एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता है जिसे रिज़र्व बैंक की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
आरबीआई90क्विज़ सामान्य ज्ञान पर आधारित है और इसमें बहु-स्तरीय प्रतियोगिता होगी, जो ऑनलाइन चरण से शुरू होगी, उसके बाद राज्य और क्षेत्रीय स्तर के दौर होंगे और राष्ट्रीय फाइनल के साथ समापन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक, पूर्वस्नातक स्तर पर कॉलेज छात्रों के लिए आरबीआई90क्विज़ की शुरुआत की घोषणा करता है। यह क्विज़ एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता है जिसे रिज़र्व बैंक की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
आरबीआई90क्विज़ सामान्य ज्ञान पर आधारित है और इसमें बहु-स्तरीय प्रतियोगिता होगी, जो ऑनलाइन चरण से शुरू होगी, उसके बाद राज्य और क्षेत्रीय स्तर के दौर होंगे और राष्ट्रीय फाइनल के साथ समापन होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2024 अभियान के हिस्से के रूप में “नवयुवकों के लिए पैसा मायने रखता है: आउटरीच कार्यनीतियों पर पुनर्विचार” विषय पर स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2024 अभियान के हिस्से के रूप में “नवयुवकों के लिए पैसा मायने रखता है: आउटरीच कार्यनीतियों पर पुनर्विचार” विषय पर स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी।
सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।
सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 फरवरी 2024 को स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी, जिसमें प्रविष्टियां जमा करने की समय-सीमा 20 मार्च 2024 थी। समय-सीमा को बढ़ाने के लिए प्राप्त अनुरोधों के मद्देनज़र, भारतीय रिज़र्व बैंक, आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को 15 अप्रैल 2024 तक बढ़ाने की सहर्ष घोषणा करता है। 2. इसके अतिरिक्त, आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और निरंतरता बनाए रखने के लिए, प्रतिभागियों को सूचित किया जाता है कि: i) प्रस्तुतियाँ टाइप की हुई होनी चाहिए और इसे ऑनलाइन या डाक द्वारा प्रस्तुत की जा सकती है। ii) प्रत्येक प्रविष्टि के साथ संबंधित कॉलेज/ संस्थान का आईडी कार्ड होना चाहिए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 फरवरी 2024 को स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी, जिसमें प्रविष्टियां जमा करने की समय-सीमा 20 मार्च 2024 थी। समय-सीमा को बढ़ाने के लिए प्राप्त अनुरोधों के मद्देनज़र, भारतीय रिज़र्व बैंक, आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को 15 अप्रैल 2024 तक बढ़ाने की सहर्ष घोषणा करता है। 2. इसके अतिरिक्त, आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और निरंतरता बनाए रखने के लिए, प्रतिभागियों को सूचित किया जाता है कि: i) प्रस्तुतियाँ टाइप की हुई होनी चाहिए और इसे ऑनलाइन या डाक द्वारा प्रस्तुत की जा सकती है। ii) प्रत्येक प्रविष्टि के साथ संबंधित कॉलेज/ संस्थान का आईडी कार्ड होना चाहिए।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 05, 2025