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अग॰ 11, 2025
बैंकों द्वारा आयोजित पुनः-केवाईसी शिविरों में गवर्नर और उप गवर्नरों का दौरा

वित्तीय समावेशन (एफआई) योजनाओं की अधिकतम संतृप्ति हेतु बैंक, 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक ग्राम पंचायत स्तर पर एक देश-व्यापी अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत बैंक खातों का पुनः केवाईसी भी किया जा रहा है। शिविरों का उपयोग दावा न की गई जमा राशि के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और शिकायतों के निवारण के लिए भी किया जा रहा है। 11 अगस्त 2025 तक, 1.41 लाख से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और 35 लाख से अधिक खातों की पुनः-केवाईसी का कार्य पूरा हो चुका है। अपेक्षित परिणामों की प्राप्ति में हो रही प्रगति पर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

वित्तीय समावेशन (एफआई) योजनाओं की अधिकतम संतृप्ति हेतु बैंक, 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक ग्राम पंचायत स्तर पर एक देश-व्यापी अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत बैंक खातों का पुनः केवाईसी भी किया जा रहा है। शिविरों का उपयोग दावा न की गई जमा राशि के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और शिकायतों के निवारण के लिए भी किया जा रहा है। 11 अगस्त 2025 तक, 1.41 लाख से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं और 35 लाख से अधिक खातों की पुनः-केवाईसी का कार्य पूरा हो चुका है। अपेक्षित परिणामों की प्राप्ति में हो रही प्रगति पर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

जुल॰ 22, 2025
मार्च 2025 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक

भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से, देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित

भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से, देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित

मार्च 24, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी संशोधित दिशानिर्देश जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने हितधारकों से प्राप्त प्रतिकृया को ध्यान में रखते हुए मौजूदा प्रावधानों की व्यापक समीक्षा के बाद आज प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए दिशा-निर्देशों में निम्नलिखित प्रमुख परिवर्तन शामिल हैं:

भारतीय रिज़र्व बैंक ने हितधारकों से प्राप्त प्रतिकृया को ध्यान में रखते हुए मौजूदा प्रावधानों की व्यापक समीक्षा के बाद आज प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए दिशा-निर्देशों में निम्नलिखित प्रमुख परिवर्तन शामिल हैं:

फ़र॰ 24, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2025 का शुभारंभ किया

वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए रिज़र्व बैंक 2016 से हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है। गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ​​ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) 2025 के दसवें संस्करण का शुभारंभ किया और इस वर्ष का विषय है "वित्तीय समझदारी: समृद्ध नारी”

वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए रिज़र्व बैंक 2016 से हर वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) का आयोजन कर रहा है। गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ​​ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) 2025 के दसवें संस्करण का शुभारंभ किया और इस वर्ष का विषय है "वित्तीय समझदारी: समृद्ध नारी”

अग॰ 20, 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूर्वस्नातक छात्रों के लिए राष्ट्रव्यापी क्विज़ शुरू किया

भारतीय रिज़र्व बैंक, पूर्वस्नातक स्तर पर कॉलेज छात्रों के लिए आरबीआई90क्विज़ की शुरुआत की घोषणा करता है। यह क्विज़ एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता है जिसे रिज़र्व बैंक की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।

आरबीआई90क्विज़ सामान्य ज्ञान पर आधारित है और इसमें बहु-स्तरीय प्रतियोगिता होगी, जो ऑनलाइन चरण से शुरू होगी, उसके बाद राज्य और क्षेत्रीय स्तर के दौर होंगे और राष्ट्रीय फाइनल के साथ  समापन होगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक, पूर्वस्नातक स्तर पर कॉलेज छात्रों के लिए आरबीआई90क्विज़ की शुरुआत की घोषणा करता है। यह क्विज़ एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता है जिसे रिज़र्व बैंक की स्थापना के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।

आरबीआई90क्विज़ सामान्य ज्ञान पर आधारित है और इसमें बहु-स्तरीय प्रतियोगिता होगी, जो ऑनलाइन चरण से शुरू होगी, उसके बाद राज्य और क्षेत्रीय स्तर के दौर होंगे और राष्ट्रीय फाइनल के साथ  समापन होगा।

अग॰ 05, 2024
वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन - विजेता

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2024 अभियान के हिस्से के रूप में “नवयुवकों के लिए पैसा मायने रखता है: आउटरीच कार्यनीतियों पर पुनर्विचार” विषय पर स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2024 अभियान के हिस्से के रूप में “नवयुवकों के लिए पैसा मायने रखता है: आउटरीच कार्यनीतियों पर पुनर्विचार” विषय पर स्नातकोत्तर छात्रों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी।

जुल॰ 09, 2024
मार्च 2024 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक

सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।

सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।

मार्च 21, 2024
वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन – समय-सीमा बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 फरवरी 2024 को स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी, जिसमें प्रविष्टियां जमा करने की समय-सीमा 20 मार्च 2024 थी। समय-सीमा को बढ़ाने के लिए प्राप्त अनुरोधों के मद्देनज़र, भारतीय रिज़र्व बैंक, आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को 15 अप्रैल 2024 तक बढ़ाने की सहर्ष घोषणा करता है। 2.  इसके अतिरिक्त, आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और निरंतरता बनाए रखने के लिए, प्रतिभागियों को सूचित किया जाता है कि: i)  प्रस्तुतियाँ टाइप की हुई होनी चाहिए और इसे ऑनलाइन या डाक द्वारा प्रस्तुत की जा सकती है। ii)  प्रत्येक प्रविष्टि के साथ संबंधित कॉलेज/ संस्थान का आईडी कार्ड होना चाहिए।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 फरवरी 2024 को स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की घोषणा की थी, जिसमें प्रविष्टियां जमा करने की समय-सीमा 20 मार्च 2024 थी। समय-सीमा को बढ़ाने के लिए प्राप्त अनुरोधों के मद्देनज़र, भारतीय रिज़र्व बैंक, आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि को 15 अप्रैल 2024 तक बढ़ाने की सहर्ष घोषणा करता है। 2.  इसके अतिरिक्त, आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और निरंतरता बनाए रखने के लिए, प्रतिभागियों को सूचित किया जाता है कि: i)  प्रस्तुतियाँ टाइप की हुई होनी चाहिए और इसे ऑनलाइन या डाक द्वारा प्रस्तुत की जा सकती है। ii)  प्रत्येक प्रविष्टि के साथ संबंधित कॉलेज/ संस्थान का आईडी कार्ड होना चाहिए।

फ़र॰ 26, 2024
वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2024 और वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन

भारतीय रिज़र्व बैंक 26 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक "करो सही शुरुआत – बनो फ़ाइनेंशियली स्मार्ट" विषय पर वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) 2024 मना रहा है। वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2016 से प्रति वर्ष एफएलडब्ल्यू मनाया जाता रहा है। 2. इस वर्ष का विषय, युवा वयस्कों, मुख्यतः विद्यार्थियों पर लक्षित है। इसका उद्देश्य बचत, बजट, कंपाउंडिंग की शक्ति, बैंकिंग अनिवार्यताओं और साइबर हाइजीन पर इनपुट के साथ कम उम्र से ही वित्तीय अनुशासन विकसित करने के फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 3. 2024 के एफएलडब्ल्यू अभियान के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की सहर्ष घोषणा करता है, जिसका उद्देश्य युवाओं के बीच वित्तीय साक्षरता का प्रचार करने के लिए रचनात्मक कार्यनीतियों पर स्नातकोत्तर छात्रों से नवीन विचारों को आमंत्रित करना है ताकि उन्हें दायित्वपूर्ण वित्तीय व्यवहार करने और सोच-समझकर वित्तीय निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाया जा सके।

भारतीय रिज़र्व बैंक 26 फरवरी से 1 मार्च 2024 तक "करो सही शुरुआत – बनो फ़ाइनेंशियली स्मार्ट" विषय पर वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफ़एलडब्ल्यू) 2024 मना रहा है। वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2016 से प्रति वर्ष एफएलडब्ल्यू मनाया जाता रहा है। 2. इस वर्ष का विषय, युवा वयस्कों, मुख्यतः विद्यार्थियों पर लक्षित है। इसका उद्देश्य बचत, बजट, कंपाउंडिंग की शक्ति, बैंकिंग अनिवार्यताओं और साइबर हाइजीन पर इनपुट के साथ कम उम्र से ही वित्तीय अनुशासन विकसित करने के फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 3. 2024 के एफएलडब्ल्यू अभियान के भाग के रूप में, भारतीय रिज़र्व बैंक वित्तीय साक्षरता आइडियाथॉन की सहर्ष घोषणा करता है, जिसका उद्देश्य युवाओं के बीच वित्तीय साक्षरता का प्रचार करने के लिए रचनात्मक कार्यनीतियों पर स्नातकोत्तर छात्रों से नवीन विचारों को आमंत्रित करना है ताकि उन्हें दायित्वपूर्ण वित्तीय व्यवहार करने और सोच-समझकर वित्तीय निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाया जा सके।

सित॰ 15, 2023
मार्च 2023 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक

15 सितंबर 2023 मार्च 2023 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।

15 सितंबर 2023 मार्च 2023 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था जिसे पहली बार मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में प्रकाशित किया गया था।

जून 05, 2023
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया
5 जून 2023 गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने आज अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक एक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। जैसा कि इस नाम से पता चलता है, यह डैशबोर्ड प्रासंगिक मापदंडों को शामिल करके वित्तीय समावेशन की प्रगति का आकलन और इसकी निगरानी करने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। यह सुविधा देश भर में व्यापक स्तर पर वित्तीय वंचन की सीमा को मापने में भी सक्
5 जून 2023 गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने आज अंतर्दृष्टि (ANTARDRISHTI) नामक एक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। जैसा कि इस नाम से पता चलता है, यह डैशबोर्ड प्रासंगिक मापदंडों को शामिल करके वित्तीय समावेशन की प्रगति का आकलन और इसकी निगरानी करने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। यह सुविधा देश भर में व्यापक स्तर पर वित्तीय वंचन की सीमा को मापने में भी सक्
फ़र॰ 13, 2023
वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2023
13 फरवरी 2023 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक देश की जनता के बीच एक विशेष विषय पर वित्तीय शिक्षण संदेशों का प्रचार करने के लिए 2016 से प्रति वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफएलडब्ल्यू) आयोजित कर रहा है। 2. वर्तमान वर्ष के एफएलडब्ल्यू के लिए चयनित विषय है- "सही वित्तीय बर्ताव, करे आपका बचाव", जिसे 13 से 17 फरवरी 2023 के बीच मनाया जाएगा। यह विषय वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति: 2020-2025 के समग्र कार्यनीतिक उद्देश्यों के साथ संरेखित है, जिसका उद
13 फरवरी 2023 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक देश की जनता के बीच एक विशेष विषय पर वित्तीय शिक्षण संदेशों का प्रचार करने के लिए 2016 से प्रति वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफएलडब्ल्यू) आयोजित कर रहा है। 2. वर्तमान वर्ष के एफएलडब्ल्यू के लिए चयनित विषय है- "सही वित्तीय बर्ताव, करे आपका बचाव", जिसे 13 से 17 फरवरी 2023 के बीच मनाया जाएगा। यह विषय वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति: 2020-2025 के समग्र कार्यनीतिक उद्देश्यों के साथ संरेखित है, जिसका उद
अग॰ 02, 2022
मार्च 2022 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक
02 अगस्त 2022 मार्च 2022 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक भारतीय रिज़र्व बैंक ने सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था और मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में इसे प्रकाशित किया था। मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए सूचकांक तैयार किया गया है। मार्च 2021 में 53.9 की तुलना में मार्च 2022 के लिए एफआई-सूचकांक 56.4 है, जिसमें सभी उप-सू
02 अगस्त 2022 मार्च 2022 के लिए वित्तीय समावेशन सूचकांक भारतीय रिज़र्व बैंक ने सरकार सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया था और मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए अगस्त 2021 में इसे प्रकाशित किया था। मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए सूचकांक तैयार किया गया है। मार्च 2021 में 53.9 की तुलना में मार्च 2022 के लिए एफआई-सूचकांक 56.4 है, जिसमें सभी उप-सू
फ़र॰ 11, 2022
वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2022
11 फरवरी 2022 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) देश की जनता के बीच विभिन्न विषयों पर वित्तीय शिक्षण संदेशों का प्रचार करने के लिए 2016 से प्रति वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफएलडब्ल्यू) आयोजित कर रहा है। 2. वर्तमान वर्ष के एफएलडब्ल्यू के लिए चयनित विषय "डिजिटल चुनो, सुरक्षा के साथ" है जिसे 14 से 18 फरवरी 2022 के बीच मनाया जाएगा। यह विषय वित्तीय शिक्षण हेतु राष्ट्रीय कार्यनीति 2020-2025 के कार्यनीतिक उद्देश्यों में से एक है। (क) डिजिटल लेनदेन की
11 फरवरी 2022 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) देश की जनता के बीच विभिन्न विषयों पर वित्तीय शिक्षण संदेशों का प्रचार करने के लिए 2016 से प्रति वर्ष वित्तीय साक्षरता सप्ताह (एफएलडब्ल्यू) आयोजित कर रहा है। 2. वर्तमान वर्ष के एफएलडब्ल्यू के लिए चयनित विषय "डिजिटल चुनो, सुरक्षा के साथ" है जिसे 14 से 18 फरवरी 2022 के बीच मनाया जाएगा। यह विषय वित्तीय शिक्षण हेतु राष्ट्रीय कार्यनीति 2020-2025 के कार्यनीतिक उद्देश्यों में से एक है। (क) डिजिटल लेनदेन की
अग॰ 17, 2021
भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय समावेशन सूचकांक की शुरुआत की
17 अगस्त 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय समावेशन सूचकांक की शुरुआत की 07 अप्रैल 2021 को 2021-2022 हेतु पहले द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में किए गए घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया है। इस एफआई-सूचकांक को सरकार और संबंधित क्षेत्र के विनियामकों के परामर्श से बनाया गया है, जिसमे बैंकिंग, निवेश, बीमा
17 अगस्त 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय समावेशन सूचकांक की शुरुआत की 07 अप्रैल 2021 को 2021-2022 हेतु पहले द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में किए गए घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने देश भर में वित्तीय समावेशन की सीमा को मापने के लिए एक सम्मिश्र वित्तीय समावेशन सूचकांक (एफआई-सूचकांक) का निर्माण किया है। इस एफआई-सूचकांक को सरकार और संबंधित क्षेत्र के विनियामकों के परामर्श से बनाया गया है, जिसमे बैंकिंग, निवेश, बीमा
मई 05, 2021
गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021

5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्वास

5 मई 2021 गवर्नर का वक्तव्य – 5 मई 2021 वित्तीय वर्ष के रूप में 2020-21 - महामारी का वर्ष – खत्म होने के कगार पर था, पीअर्स के सापेक्ष, भारतीय अर्थव्यवस्था लाभप्रद रूप से तैयार की गई थी। भारत एक मजबूत बहाली की तलहटी में था, जिसने सकारात्मक संवृद्धि हासिल की, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह थी कि संक्रमण वक्र समतल हो गया । तब से कुछ हफ्तों में, स्थिति काफी बदल गई है। आज, भारत संक्रमण और मृत्यु दर की भयानक वृद्धि से लड़ रहा है। नया म्युटेंट स्ट्रैन उभरा हैं, जिससे स्वास

सित॰ 04, 2020
भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार दिशानिर्देश जारी किए
04 सितंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार दिशानिर्देश जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद उभरती राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने और समावेशी विकास पर गहन ध्यान केंद्रित करने हेतु, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार (पीएसएल) दिशानिर्देशों की व्यापक समीक्षा की है। संशोधित पीएसएल दिशानिर्देश ऋण की कमी वाले क्षेत्रों में ऋण गति को बेहतर करने में सक्षम होगा; छोटे और सीमांत किसानों और कमज
04 सितंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार दिशानिर्देश जारी किए भारतीय रिज़र्व बैंक ने, सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद उभरती राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने और समावेशी विकास पर गहन ध्यान केंद्रित करने हेतु, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र उधार (पीएसएल) दिशानिर्देशों की व्यापक समीक्षा की है। संशोधित पीएसएल दिशानिर्देश ऋण की कमी वाले क्षेत्रों में ऋण गति को बेहतर करने में सक्षम होगा; छोटे और सीमांत किसानों और कमज
जन॰ 10, 2020
वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफ़आई): 2019-2024
10 जनवरी 2020 वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफ़आई): 2019-2024 पूरे विश्व में तेजी से वित्तीय समावेशन आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन के प्रमुख चालक के रूप में पहचाना जा रहा है। औपचारिक वित्त तक पहुंच से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सकता है, आर्थिक झटके की संभावना कम हो सकती है और मानव पूंजी में निवेश बढ़ सकता है। 2030 के संयुक्त राष्ट्र के निरंतर विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में वित्तीय समावेशन सातवां लक्ष्य है जिसेकि दुनिया भर में महत्वपूर्ण विकास हासिल करने क
10 जनवरी 2020 वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफ़आई): 2019-2024 पूरे विश्व में तेजी से वित्तीय समावेशन आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन के प्रमुख चालक के रूप में पहचाना जा रहा है। औपचारिक वित्त तक पहुंच से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सकता है, आर्थिक झटके की संभावना कम हो सकती है और मानव पूंजी में निवेश बढ़ सकता है। 2030 के संयुक्त राष्ट्र के निरंतर विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में वित्तीय समावेशन सातवां लक्ष्य है जिसेकि दुनिया भर में महत्वपूर्ण विकास हासिल करने क
सित॰ 13, 2019
कृषि ऋण की समीक्षा के लिए आंतरिक कार्य समूह की रिपोर्ट
13 सितंबर 2019 कृषि ऋण की समीक्षा के लिए आंतरिक कार्य समूह की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक ने 07 फरवरी 2019 को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा, 2018-19 के दौरान अपने विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर अपने वक्तव्य में कृषि ऋण की समीक्षा के लिए आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) के गठन की घोषणा की थी। समीक्षा के दायरे में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित कार्य शामिल हैं: ऋण पहुंच: संस्थागत ऋण, पहुंच को प्रभावित करनेवाले उपाय और कारक लागत प्रभावी और समावेशी प्रणाली: ऋण और
13 सितंबर 2019 कृषि ऋण की समीक्षा के लिए आंतरिक कार्य समूह की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक ने 07 फरवरी 2019 को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा, 2018-19 के दौरान अपने विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर अपने वक्तव्य में कृषि ऋण की समीक्षा के लिए आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) के गठन की घोषणा की थी। समीक्षा के दायरे में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित कार्य शामिल हैं: ऋण पहुंच: संस्थागत ऋण, पहुंच को प्रभावित करनेवाले उपाय और कारक लागत प्रभावी और समावेशी प्रणाली: ऋण और
मई 31, 2019
वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2019
31 मई 2019 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2019 वित्तीय साक्षरता सप्ताह भारतीय रिज़र्व बैंक की एक ऐसी पहल है जिसमें प्रति वर्ष केंद्रीकृत अभियान के माध्यम से प्रमुख विषयों पर जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2019 "किसान" थीम के साथ 3 से 7 जून तक मनाया जाएगा जिसमें किसानों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का एक हिस्सा बन जाने पर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया जाएगा। समग्र आर्थिक विकास के लिए कृषि में विकास होना आवश्यक है और इस प्रयोजन हेतु वित्त
31 मई 2019 वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2019 वित्तीय साक्षरता सप्ताह भारतीय रिज़र्व बैंक की एक ऐसी पहल है जिसमें प्रति वर्ष केंद्रीकृत अभियान के माध्यम से प्रमुख विषयों पर जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2019 "किसान" थीम के साथ 3 से 7 जून तक मनाया जाएगा जिसमें किसानों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली का एक हिस्सा बन जाने पर उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में बताया जाएगा। समग्र आर्थिक विकास के लिए कृषि में विकास होना आवश्यक है और इस प्रयोजन हेतु वित्त

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 22, 2022

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