प्रेस प्रकाशनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
अप्रैल 25, 2019
मिस्टर अगस्टिन कार्स्टेंस, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) ने सत्रहवां सी.डी. देशमुख स्मारक व्याख्यान दिया जिसका शीर्षक था "केंद्रीय बैंकिंग और नवोन्मेष : वित्तीय समावेशन अनुसंधान में भागीदार"
25 अप्रैल 2019 मिस्टर अगस्टिन कार्स्टेंस, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) ने सत्रहवां सी.डी. देशमुख स्मारक व्याख्यान दिया जिसका शीर्षक था "केंद्रीय बैंकिंग और नवोन्मेष : वित्तीय समावेशन अनुसंधान में भागीदार" भारतीय रिज़र्व बैंक ने 25 अप्रैल, 2019 को मुंबई में सत्रहवें सी. डी देशमुख स्मारक व्याख्यान की मेजबानी की। व्याख्यान श्री अगस्टिन कार्स्टेंस, महाप्रबंधक, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) द्वारा दिया गया। गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी
25 अप्रैल 2019 मिस्टर अगस्टिन कार्स्टेंस, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) ने सत्रहवां सी.डी. देशमुख स्मारक व्याख्यान दिया जिसका शीर्षक था "केंद्रीय बैंकिंग और नवोन्मेष : वित्तीय समावेशन अनुसंधान में भागीदार" भारतीय रिज़र्व बैंक ने 25 अप्रैल, 2019 को मुंबई में सत्रहवें सी. डी देशमुख स्मारक व्याख्यान की मेजबानी की। व्याख्यान श्री अगस्टिन कार्स्टेंस, महाप्रबंधक, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) द्वारा दिया गया। गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी
मार्च 18, 2019
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर विशेषज्ञ समिति
18 मार्च 2019 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर विशेषज्ञ समिति आपको विदित होगा कि रिज़र्व बैंक ने क्षेत्र के संरचनात्मक बाधाओं और कार्यनिष्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों को समझने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति के गठन और कार्य क्षेत्र के बारे में विवरण /hi/web/rbi/-/press-releases/rbi-constitutes-expert-committee-on-micro-small-amp-medium-enterprises-msmes-45898 उपलब्ध है। समिति इसके विकास के लिए कारणों की पहचान करने और द
18 मार्च 2019 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर विशेषज्ञ समिति आपको विदित होगा कि रिज़र्व बैंक ने क्षेत्र के संरचनात्मक बाधाओं और कार्यनिष्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों को समझने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति के गठन और कार्य क्षेत्र के बारे में विवरण /hi/web/rbi/-/press-releases/rbi-constitutes-expert-committee-on-micro-small-amp-medium-enterprises-msmes-45898 उपलब्ध है। समिति इसके विकास के लिए कारणों की पहचान करने और द
फ़र॰ 14, 2019
राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) – ई-लर्निंग प्रबंधन प्रणाली और सामग्री विकास
14 फरवरी 2019 राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) – ई-लर्निंग प्रबंधन प्रणाली और सामग्री विकास राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) की स्थापना 2013 में राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण कार्यनीति के कार्यान्वयन के लिए सभी वित्तीय विनियामकों अर्थात आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई तथा पीएफआरडीए की सहायता से की गई। यह एफएसडीसी (वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद) की उप समिति के वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता संबंधी तकनीकी समूह के तत्वाधान में कार्य करता है। एनसीएफई अब धारा 8
14 फरवरी 2019 राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) – ई-लर्निंग प्रबंधन प्रणाली और सामग्री विकास राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) की स्थापना 2013 में राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण कार्यनीति के कार्यान्वयन के लिए सभी वित्तीय विनियामकों अर्थात आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई तथा पीएफआरडीए की सहायता से की गई। यह एफएसडीसी (वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद) की उप समिति के वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता संबंधी तकनीकी समूह के तत्वाधान में कार्य करता है। एनसीएफई अब धारा 8
फ़र॰ 04, 2019
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए कार्यशील पूंजी
4 फरवरी 2019 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए कार्यशील पूंजी किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य अल्पकालिक फसल ऋण के लिए किसानों को लचीली और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एकल विंडों के अंतर्गत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर सहायता उपलब्ध कराना है। पशुपालन और मत्स्यपालन में लगे हुए किसानों को परिचालनात्मक लचीलापन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 2018-19 के बज़ट में इन किसानों को केसीसी की सुविधा प्रदान करने संबंधी निर्णय की घोषणा की थ
4 फरवरी 2019 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना : पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए कार्यशील पूंजी किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लक्ष्य अल्पकालिक फसल ऋण के लिए किसानों को लचीली और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एकल विंडों के अंतर्गत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर सहायता उपलब्ध कराना है। पशुपालन और मत्स्यपालन में लगे हुए किसानों को परिचालनात्मक लचीलापन प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 2018-19 के बज़ट में इन किसानों को केसीसी की सुविधा प्रदान करने संबंधी निर्णय की घोषणा की थ
सित॰ 25, 2017
एनसीएफई की राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता आकलन परीक्षा (एनसीएफई-एनएफएलएटी) 2017-18
25 सितंबर 2017 एनसीएफई की राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता आकलन परीक्षा (एनसीएफई-एनएफएलएटी) 2017-18 राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) कक्षा VI से XII तक के सभी स्कूलों के छात्रों को राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता आकलन परीक्षा (एनएफएलएटी 2017-18) में सहभागिता करने के लिए आमंत्रित करता है। एनसीएफई सभी वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों अर्थात आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और पीएफआरडीए की वित्तीय शिक्षण की राष्ट्रीय कार्यनीति लागू करने की संयुक्त पहल है और इसे वर्तमान में एनआईएसएम मे
25 सितंबर 2017 एनसीएफई की राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता आकलन परीक्षा (एनसीएफई-एनएफएलएटी) 2017-18 राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षण केंद्र (एनसीएफई) कक्षा VI से XII तक के सभी स्कूलों के छात्रों को राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता आकलन परीक्षा (एनएफएलएटी 2017-18) में सहभागिता करने के लिए आमंत्रित करता है। एनसीएफई सभी वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों अर्थात आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई और पीएफआरडीए की वित्तीय शिक्षण की राष्ट्रीय कार्यनीति लागू करने की संयुक्त पहल है और इसे वर्तमान में एनआईएसएम मे
जून 05, 2017
वित्तीय साक्षरता सप्ताह (5-9 जून 2017)
5 जून 2017 वित्तीय साक्षरता सप्ताह (5-9 जून 2017) वित्तीय समृद्धि के लिए वित्तीय साक्षरता पहला कदम है। वित्तीय साक्षरता आम आदमी को उस ज्ञान से सशक्त बनाती है जो उसे बेहतर वित्तीय निर्णय लेने और अंततः वित्तीय रूप से खुशहाल बनाता है। प्रत्येक वर्ष मुख्य विषयों पर बड़े पैमाने पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने निर्णय लिया है कि वित्तीय साक्षरता सप्ताह के रूप में वर्ष में एक सप्ताह मनाया जाए। इस वर्ष भारतीय रिज़र्व बैंक राज्यों में 5 से 9 जून
5 जून 2017 वित्तीय साक्षरता सप्ताह (5-9 जून 2017) वित्तीय समृद्धि के लिए वित्तीय साक्षरता पहला कदम है। वित्तीय साक्षरता आम आदमी को उस ज्ञान से सशक्त बनाती है जो उसे बेहतर वित्तीय निर्णय लेने और अंततः वित्तीय रूप से खुशहाल बनाता है। प्रत्येक वर्ष मुख्य विषयों पर बड़े पैमाने पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने निर्णय लिया है कि वित्तीय साक्षरता सप्ताह के रूप में वर्ष में एक सप्ताह मनाया जाए। इस वर्ष भारतीय रिज़र्व बैंक राज्यों में 5 से 9 जून
जून 02, 2017
वित्तीय साक्षरता प्रश्नोत्तरी
02 जून 2017 वित्तीय साक्षरता प्रश्नोत्तरी वित्तीय साक्षरता के महत्व पर बल देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 5 से 9 जून 2017 तक पूरे देश में वित्तीय साक्षरता सप्ताह मनाया जाएगा। इस सप्ताह में चार व्यापक विषयों, जैसेकि अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), क्रेडिट अनुशासन, शिकायत निवारण और गोईंग डिजिटल (यूपीआई और *99#), पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस सप्ताह के दौरान, वित्तीय साक्षरता केंद्र (एफएलसी) और ग्रामीण शाखाएं विशेष शिविर आयोजित करेंगे और देश की सभी बैंक शाखाएं
02 जून 2017 वित्तीय साक्षरता प्रश्नोत्तरी वित्तीय साक्षरता के महत्व पर बल देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 5 से 9 जून 2017 तक पूरे देश में वित्तीय साक्षरता सप्ताह मनाया जाएगा। इस सप्ताह में चार व्यापक विषयों, जैसेकि अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), क्रेडिट अनुशासन, शिकायत निवारण और गोईंग डिजिटल (यूपीआई और *99#), पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस सप्ताह के दौरान, वित्तीय साक्षरता केंद्र (एफएलसी) और ग्रामीण शाखाएं विशेष शिविर आयोजित करेंगे और देश की सभी बैंक शाखाएं
दिस॰ 13, 2016
नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख
13 दिसंबर 2016 नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख श्री आर. गांधी: अपने काउंटर पर और अपने ए.टी.एम. के माध्यम से बैंकों ने 10 नवंबर 2016 को इस कार्यक्रम की शुरूआत से 10 दिसंबर 2016 तक 4.61 लाख करोड़ नोट जनता को जारी किया है। दिनांक 10 दिसंबर 2016 के अनुसार आर.बी.आई तथा मुद्रा तिजोरियों को वापस किए गए ₹ 500 और ₹ 1000 के विनिर्दिष्ट बैंक नोट (एस.बी.एन) की राशि ₹ 12.44 लाख करोड़ रही। इस अवधि के दौर
13 दिसंबर 2016 नोटों के मामले पर श्री आर. गांधी तथा श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नरों द्वारा एजेंसियों को बयान : संपादित प्रतिलेख श्री आर. गांधी: अपने काउंटर पर और अपने ए.टी.एम. के माध्यम से बैंकों ने 10 नवंबर 2016 को इस कार्यक्रम की शुरूआत से 10 दिसंबर 2016 तक 4.61 लाख करोड़ नोट जनता को जारी किया है। दिनांक 10 दिसंबर 2016 के अनुसार आर.बी.आई तथा मुद्रा तिजोरियों को वापस किए गए ₹ 500 और ₹ 1000 के विनिर्दिष्ट बैंक नोट (एस.बी.एन) की राशि ₹ 12.44 लाख करोड़ रही। इस अवधि के दौर
जुल॰ 18, 2016
निकट भविष्य में हम प्रत्येक इच्छुक भारतीय के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाएं लाएंगेः भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर
18 जुलाई 2016 निकट भविष्य में हम प्रत्येक इच्छुक भारतीय के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाएं लाएंगेः भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर “निकट भविष्य में हम प्रत्येक इच्छुक भारतीय के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाएं लाएंगे। वित्तीय समावेशन पहुंच और इक्विटी सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण तत्व होगा – ये दोनों हमारे देश की संधारणीय वृद्धि के लिए आवश्यक निर्माण ब्लाक हैं।” हैदराबाद में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान द्वारा आयोजित इक्विटी, पहुंच और समावेशन पर राष्ट्रीय सम्म
18 जुलाई 2016 निकट भविष्य में हम प्रत्येक इच्छुक भारतीय के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाएं लाएंगेः भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर “निकट भविष्य में हम प्रत्येक इच्छुक भारतीय के लिए औपचारिक वित्तीय सेवाएं लाएंगे। वित्तीय समावेशन पहुंच और इक्विटी सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण तत्व होगा – ये दोनों हमारे देश की संधारणीय वृद्धि के लिए आवश्यक निर्माण ब्लाक हैं।” हैदराबाद में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान द्वारा आयोजित इक्विटी, पहुंच और समावेशन पर राष्ट्रीय सम्म
मई 22, 2016
भारत में मुक्त उद्यम को सुदृढ़ बनाना : रिज़र्व बैंक गवर्नर
22 मई 2016 भारत में मुक्त उद्यम को सुदृढ़ बनाना : रिज़र्व बैंक गवर्नर “मुक्त उद्यम को बढ़ावा देने के मामले में भारत ने लंबा सफर तय किया है – छोटी दूकानों से लेकर इंटरनेट स्टार्ट-अप तक, उद्यमिता की भावना सक्रिय है। पिछले कुछ दशकों के मुकाबले अब कारोबार चलाना प्रतिष्ठा की बात है, और यह भावना बढ़ रही है। स्नातकधारी किसी प्रतिष्ठित कंसलटंसी या किसी बैंक में भर्ती होने के बजाय कारोबार शुरू करना या स्टार्टअप में काम करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके लिए बेहतर माहौल त
22 मई 2016 भारत में मुक्त उद्यम को सुदृढ़ बनाना : रिज़र्व बैंक गवर्नर “मुक्त उद्यम को बढ़ावा देने के मामले में भारत ने लंबा सफर तय किया है – छोटी दूकानों से लेकर इंटरनेट स्टार्ट-अप तक, उद्यमिता की भावना सक्रिय है। पिछले कुछ दशकों के मुकाबले अब कारोबार चलाना प्रतिष्ठा की बात है, और यह भावना बढ़ रही है। स्नातकधारी किसी प्रतिष्ठित कंसलटंसी या किसी बैंक में भर्ती होने के बजाय कारोबार शुरू करना या स्टार्टअप में काम करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसके लिए बेहतर माहौल त
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