अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
सितंबर 15, 2011
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC) - संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
सितंबर 15, 2011
भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
सितंबर 15, 2011
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
सितंबर 15, 2011
भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
सितंबर 07, 2011
बाह्य वाणिज्यिक उधार - क्रियाविधि सरल बनाना
भारिबैं/2011-12/169 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 11 07 सितंबर 2011 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार - क्रियाविधि सरल बनाना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 3 / 2000 - आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000, और बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित, समय-समय पर यथा संशोधित, 1 अगस्त 20
भारिबैं/2011-12/169 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 11 07 सितंबर 2011 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार - क्रियाविधि सरल बनाना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 3 / 2000 - आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000, और बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित, समय-समय पर यथा संशोधित, 1 अगस्त 20
सितंबर 07, 2011
भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय)व्यापार समझौते
आरबीआइ/2011-12/168 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.10 07 सितंबर 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय)व्यापार समझौते प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-।(ए.डी. श्रेणी-।)बैंकों का ध्यान 11 फरवरी 2011 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.41 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें विशेष करेंसी बास्केट के तहत 31 जनवरी 2011 से रुपए का मूल्य 64.7004 नियत किया गया था। 2. प्राधि
आरबीआइ/2011-12/168 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.10 07 सितंबर 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय)व्यापार समझौते प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-।(ए.डी. श्रेणी-।)बैंकों का ध्यान 11 फरवरी 2011 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.41 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें विशेष करेंसी बास्केट के तहत 31 जनवरी 2011 से रुपए का मूल्य 64.7004 नियत किया गया था। 2. प्राधि
अगस्त 29, 2011
अनिवासी विनिमय गृहों के रूपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते खोलना और उन्हें रखना
भारिबैं/2011-12/160 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 09 ए.पी.(एफएल/आरएल) परिपत्र सं. 01 29 अगस्त 2011 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी विनिमय गृहों के रूपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते खोलना और उन्हें रखना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान अनिवासी विनिमय गृहों के रूपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते खोलने और उसे बनाये रखने से संबंधित अनुदेशों के ज्ञापन को अंतर्विष्ट करने वाले 06 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) सं. 28 (ए
भारिबैं/2011-12/160 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 09 ए.पी.(एफएल/आरएल) परिपत्र सं. 01 29 अगस्त 2011 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी विनिमय गृहों के रूपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते खोलना और उन्हें रखना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान अनिवासी विनिमय गृहों के रूपया/विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाते खोलने और उसे बनाये रखने से संबंधित अनुदेशों के ज्ञापन को अंतर्विष्ट करने वाले 06 फरवरी 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) सं. 28 (ए
अगस्त 09, 2011
घरेलू (डोमेस्टिक) मुचुअल फंडों की यूनिटों में निवेश
भारिबैं/2011-12/148 एपी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 08 9 अगस्त 2011 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, घरेलू (डोमेस्टिक) मुचुअल फंडों की यूनिटों में निवेश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000, समय-समय पर यथासंशोधित, की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अ
भारिबैं/2011-12/148 एपी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 08 9 अगस्त 2011 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, घरेलू (डोमेस्टिक) मुचुअल फंडों की यूनिटों में निवेश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (एडी श्रेणी I) बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000, समय-समय पर यथासंशोधित, की अनुसूची 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अ
अगस्त 02, 2011
को-ऑपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गयाना की सरकार को एक्जिम बैंक की 4 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
आरबीआइ/2011-12/138 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.07 02 अगस्त 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक महोदया/महोदय, को-ऑपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गयाना की सरकार को एक्जिम बैंक की 4 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने को-आपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गयाना की सरकार को गयाना में फिक्स्ड तथा मोबाइल सिंचाई पंप अर्जित करने, लगवाने तथा चालू करने के प्रयोजन के लिए भारत से निर्यात की जाने वाली सुयोग्य वस्तुओं और परामर्शदात्री सेवाओं सहित सेवाओं, मशीनर
आरबीआइ/2011-12/138 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.07 02 अगस्त 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक महोदया/महोदय, को-ऑपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गयाना की सरकार को एक्जिम बैंक की 4 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने को-आपरेटिव रिपब्लिक ऑफ गयाना की सरकार को गयाना में फिक्स्ड तथा मोबाइल सिंचाई पंप अर्जित करने, लगवाने तथा चालू करने के प्रयोजन के लिए भारत से निर्यात की जाने वाली सुयोग्य वस्तुओं और परामर्शदात्री सेवाओं सहित सेवाओं, मशीनर
जुलाई 26, 2011
इंडो-ज़ाम्बिया बैंक लिमिटेड को एक्जिम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
आरबीआइ/2011-12/125 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.06 26 जुलाई 2011 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, इंडो-ज़ाम्बिया बैंक लिमिटेड को एक्जिम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने इंडो-ज़ाम्बिया बैंक लिमिटेड के साथ 29 सितंबर 2010 को एक करार किया है जिसके तहत उसे 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पाँच मिलियन अमरीकी डॉलर) की ऋण सहायता सुयोग्य वस्तुओं और सेवाओं का वित्तपोषण करने के लिए उपलब्ध करायी जाएगी। इस करार के तहत भ
आरबीआइ/2011-12/125 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.06 26 जुलाई 2011 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, इंडो-ज़ाम्बिया बैंक लिमिटेड को एक्जिम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने इंडो-ज़ाम्बिया बैंक लिमिटेड के साथ 29 सितंबर 2010 को एक करार किया है जिसके तहत उसे 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पाँच मिलियन अमरीकी डॉलर) की ऋण सहायता सुयोग्य वस्तुओं और सेवाओं का वित्तपोषण करने के लिए उपलब्ध करायी जाएगी। इस करार के तहत भ
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