अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
सित॰ 19, 2011
धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानक - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां
भारिबैंक/2011-12/185 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.21 19 सितंबर 2011 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय, धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानक - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 20 मई 2011 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकृष्ट किया जाता है जो ईरान और डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में कमियों के कारण उत्पन्न जोखिमों के संबंध में था। 2
भारिबैंक/2011-12/185 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.21 19 सितंबर 2011 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय, धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानक - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 20 मई 2011 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकृष्ट किया जाता है जो ईरान और डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में कमियों के कारण उत्पन्न जोखिमों के संबंध में था। 2
सित॰ 16, 2011
निवासी व्यक्तियों द्वारा घनिष्ठ अनिवासी भारतीय संबंधियों/रिश्तेदारों को रुपए में ऋण देना
भारिबैंक/2011-12/180 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.18 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों द्वारा घनिष्ठ अनिवासी भारतीय संबंधियों/रिश्तेदारों को रुपए में ऋण देना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना स. फेमा 4/2000 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपए में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली,2000, समय समय पर यथा संशोधित की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत में प्राधिकृत व्यापारी अ
भारिबैंक/2011-12/180 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.18 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों द्वारा घनिष्ठ अनिवासी भारतीय संबंधियों/रिश्तेदारों को रुपए में ऋण देना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना स. फेमा 4/2000 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपए में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली,2000, समय समय पर यथा संशोधित की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत में प्राधिकृत व्यापारी अ
सित॰ 16, 2011
निवासी व्यक्ति द्वारा अनिवासी घनिष्ठ/निकट संबंधी/रिश्तेदार को उपहार रुपये में देना
भारिबैंक/2011-12/179 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.17 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्ति द्वारा अनिवासी घनिष्ठ/निकट संबंधी/रिश्तेदार को उपहार रुपये में देना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 20 दिसंबर 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 24 और 26 सितंबर 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.9 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार निवासी व्यक्तियों द्वारा उपहार एवं दान संबंधी विप्रेषण उदारीकृत विप्
भारिबैंक/2011-12/179 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.17 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्ति द्वारा अनिवासी घनिष्ठ/निकट संबंधी/रिश्तेदार को उपहार रुपये में देना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 20 दिसंबर 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 24 और 26 सितंबर 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.9 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार निवासी व्यक्तियों द्वारा उपहार एवं दान संबंधी विप्रेषण उदारीकृत विप्
सित॰ 16, 2011
निवासियों द्वारा अनिवासी भारतीय घनिष्ठ रिश्तेदारों के ऋणों की अदायगी
भारिबैंक/2011-12/183 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.19 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासियों द्वारा अनिवासी भारतीय घनिष्ठ रिश्तेदारों के ऋणों की अदायगी प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 4/2000-आरबी अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपए में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार किसी प्राधिकृत व्यापारी या भारत में आवासीय
भारिबैंक/2011-12/183 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.19 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासियों द्वारा अनिवासी भारतीय घनिष्ठ रिश्तेदारों के ऋणों की अदायगी प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 4/2000-आरबी अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपए में उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार किसी प्राधिकृत व्यापारी या भारत में आवासीय
सित॰ 16, 2011
निवासी भारतीयों द्वारा अनिवासी भारतीय घनिष्ठ संबंधियों/निकट रिश्तेदारों के चिकित्सा व्यय वहन करना
भारिबैंक/2011-12/184 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.20 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासी भारतीयों द्वारा अनिवासी भारतीय घनिष्ठ संबंधियों/निकट रिश्तेदारों के चिकित्सा व्यय वहन करना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 16/आरबी-2000 के पैरा 2 अर्थात भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति से प्राप्तियाँ और ऐसे व्यक्ति को भुगतान, समय-समय पर यथा संशोधित की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार निवा
भारिबैंक/2011-12/184 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.20 16 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, निवासी भारतीयों द्वारा अनिवासी भारतीय घनिष्ठ संबंधियों/निकट रिश्तेदारों के चिकित्सा व्यय वहन करना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 16/आरबी-2000 के पैरा 2 अर्थात भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति से प्राप्तियाँ और ऐसे व्यक्ति को भुगतान, समय-समय पर यथा संशोधित की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार निवा
सित॰ 15, 2011
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2011-12/177 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.16 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 11 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा
भारिबैंक/2011-12/177 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.16 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 11 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा
सित॰ 15, 2011
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC) - संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
सित॰ 15, 2011
भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
सित॰ 15, 2011
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
सित॰ 15, 2011
भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 16, 2025