अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अक्तूबर 28, 2016
मुद्रा बाजार फ्यूचर्स
भारिबैं/2016-17/104 एफएमआरडी.डीआइआरडी.10/14.03.01/2016-17 28 अक्तूबर 2016 सभी बाजार प्रतिभागी प्रिय महोदय/महोदया, मुद्रा बाजार फ्यूचर्स जैसाकि प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2016-17, में घोषणा की गयी थी, यह निर्णय लिया गया है कि ब्याज दर फ्यूचर्स को आरंभ किया जाये, जो रुपया में मूल्यवर्गित किसी मुद्रा बाजार ब्याज दर या सेबी द्वारा प्राधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों में मुद्रा बाजार लिखत पर आधारित हो ।2. इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 अक्तूबर 2016 को एक अ
भारिबैं/2016-17/104 एफएमआरडी.डीआइआरडी.10/14.03.01/2016-17 28 अक्तूबर 2016 सभी बाजार प्रतिभागी प्रिय महोदय/महोदया, मुद्रा बाजार फ्यूचर्स जैसाकि प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2016-17, में घोषणा की गयी थी, यह निर्णय लिया गया है कि ब्याज दर फ्यूचर्स को आरंभ किया जाये, जो रुपया में मूल्यवर्गित किसी मुद्रा बाजार ब्याज दर या सेबी द्वारा प्राधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों में मुद्रा बाजार लिखत पर आधारित हो ।2. इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 अक्तूबर 2016 को एक अ
अक्तूबर 27, 2016
स्टार्ट-अप द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) लेना
भा.रि.बैंक/2016-17/103 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.13 27 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, स्टार्ट-अप द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) लेना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या. श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान 04 अक्टूबर 2016 को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वर्ष 2016-17 के चौथे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसमें स्टार्ट-अप उद्यमों को ईसीबी फ्रेमवर्क के तहत ऋण लेने की अनुमति दी गई है। 2. किसी उद्यम
भा.रि.बैंक/2016-17/103 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.13 27 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, स्टार्ट-अप द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) लेना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या. श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान 04 अक्टूबर 2016 को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वर्ष 2016-17 के चौथे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसमें स्टार्ट-अप उद्यमों को ईसीबी फ्रेमवर्क के तहत ऋण लेने की अनुमति दी गई है। 2. किसी उद्यम
अक्तूबर 27, 2016
भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय) व्यापार समझौते
भारिबैंक/2016-17/101 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 12 27 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय) व्यापार समझौते प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों (प्रा.व्या. श्रेणी-I) का ध्यान 30 जून 2016 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 79 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें विशेष करेंसी बास्केट के तहत 23 जून 2016 से रुपया का मूल्य 83.5796140 रुपए नियत किया
भारिबैंक/2016-17/101 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 12 27 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय) व्यापार समझौते प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों (प्रा.व्या. श्रेणी-I) का ध्यान 30 जून 2016 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 79 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें विशेष करेंसी बास्केट के तहत 23 जून 2016 से रुपया का मूल्य 83.5796140 रुपए नियत किया
अक्तूबर 27, 2016
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दसवां संशोधन) विनियमावली, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई- 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.372/2016-आरबी 27 अक्टूबर 2016 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दसवां संशोधन) विनियमावली, 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई- 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.372/2016-आरबी 27 अक्टूबर 2016 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दसवां संशोधन) विनियमावली, 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा
अक्तूबर 24, 2016
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई- 400 001 अधिसूचना सं.फेमा. 373/2016-आरबी 24 अक्टूबर 2016 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई- 400 001 अधिसूचना सं.फेमा. 373/2016-आरबी 24 अक्टूबर 2016 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्
अक्तूबर 20, 2016
एनडीएस-ओएम प्लैटफार्म पर सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों की सहभागिता
भारिबैं/2016-17/86 एफएमआरडी.डीआइआरडी.08/14.03.007/2016-17 20 अक्तूबर 2016 सभी एसजीएल/सीएसजीएल खाताधारक प्रिय महोदय/महोदया, एनडीएस-ओएम प्लैटफार्म पर सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों की सहभागिता भारतीय रिज़र्व बैंक के परिपत्र एफएमआरडी.डीआइआरडी. 06/14.03.007/2014-15 दिनांक 20 मार्च 2015 के अनुसार एफपीआइ को इस समय सरकारी प्रतिभूतियों में ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) बाजार में T+2 निपटान के साथ लेन देन करने की अनुमति है । 2. जैसाकि 5 अप्रैल 2016 को वर्ष 2016-17 के ल
भारिबैं/2016-17/86 एफएमआरडी.डीआइआरडी.08/14.03.007/2016-17 20 अक्तूबर 2016 सभी एसजीएल/सीएसजीएल खाताधारक प्रिय महोदय/महोदया, एनडीएस-ओएम प्लैटफार्म पर सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी संविभाग निवेशकों की सहभागिता भारतीय रिज़र्व बैंक के परिपत्र एफएमआरडी.डीआइआरडी. 06/14.03.007/2014-15 दिनांक 20 मार्च 2015 के अनुसार एफपीआइ को इस समय सरकारी प्रतिभूतियों में ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) बाजार में T+2 निपटान के साथ लेन देन करने की अनुमति है । 2. जैसाकि 5 अप्रैल 2016 को वर्ष 2016-17 के ल
अक्तूबर 20, 2016
एनडीएस-ओएम वेब मॉड्यूल – गिल्ट खाताधारकों (जीएएच) तक पहुँच
भारिबैं/2016-17/87 एफएमआरडी.डीआइआरडी.07/14.03.007/2016-17 20 अक्तूबर 2016 सभी एसजीएल/सीएसजीएल खाताधारक प्रिय महोदय/महोदया एनडीएस-ओएम वेब मॉड्यूल – गिल्ट खाताधारकों (जीएएच) तक पहुँच जैसाकि 5 अप्रैल 2016 को वर्ष 2016-17 के लिए प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य (पैराग्राफ 36) में घोषणा की गयी थी, यह निर्णय लिया गया है कि प्राथमिक सदस्यों (पीएम) के लिए यह बाध्यकर बना दिया जाये कि वे अपने घटक गिल्ट खाताधारकों (व्यक्तियों को छोड़ कर) को समर्थक बाजार में सरकारी प्रतिभूतिय
भारिबैं/2016-17/87 एफएमआरडी.डीआइआरडी.07/14.03.007/2016-17 20 अक्तूबर 2016 सभी एसजीएल/सीएसजीएल खाताधारक प्रिय महोदय/महोदया एनडीएस-ओएम वेब मॉड्यूल – गिल्ट खाताधारकों (जीएएच) तक पहुँच जैसाकि 5 अप्रैल 2016 को वर्ष 2016-17 के लिए प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य (पैराग्राफ 36) में घोषणा की गयी थी, यह निर्णय लिया गया है कि प्राथमिक सदस्यों (पीएम) के लिए यह बाध्यकर बना दिया जाये कि वे अपने घटक गिल्ट खाताधारकों (व्यक्तियों को छोड़ कर) को समर्थक बाजार में सरकारी प्रतिभूतिय
अक्तूबर 20, 2016
सेबी (एफवीसीआई) विनियमावली, 2000 के अंतर्गत पंजीकृत विदेशी जोखिम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) द्वारा निवेश
भा.रि.बैंक/2016-17/89 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.07 20 अक्तूबर 2016 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक महोदया/महोदय, सेबी (एफवीसीआई) विनियमावली, 2000 के अंतर्गत पंजीकृत विदेशी जोखिम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) द्वारा निवेश सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या. श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं॰ फेमा 20/2000-आरबी के मार्फत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनि
भा.रि.बैंक/2016-17/89 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.07 20 अक्तूबर 2016 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक महोदया/महोदय, सेबी (एफवीसीआई) विनियमावली, 2000 के अंतर्गत पंजीकृत विदेशी जोखिम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) द्वारा निवेश सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या. श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं॰ फेमा 20/2000-आरबी के मार्फत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनि
अक्तूबर 20, 2016
रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – व्यापार संबंधी विप्रेषण सीमाएं
भा.रि.बैंक/2016-17/91 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.09 20 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – व्यापार संबंधी विप्रेषण सीमाएं सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान 21 मई 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 102 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें, प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) के तहत निर्धारित सीमाओं से अधिक राशि के भुगतनों को भी नियमित करने की अनुमति
भा.रि.बैंक/2016-17/91 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.09 20 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) – व्यापार संबंधी विप्रेषण सीमाएं सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान 21 मई 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 102 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें, प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को रुपया आहरण व्यवस्था (RDA) के तहत निर्धारित सीमाओं से अधिक राशि के भुगतनों को भी नियमित करने की अनुमति
अक्तूबर 20, 2016
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) – विस्तार एवं परिवर्तन
भा.रि.बैंक/2016-17/92 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.10 20 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) – विस्तार एवं परिवर्तन सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान दिनांक 30 नवम्बर 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.32 के अनुलग्नक के पैराग्राफ सी.14, एफ़.18 एवं एफ़.19 तथा ‘बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, प्राधिकृत व्यापारियों तथा प्राधिकृत व्यापारियों से इतर व्यक्तियों द्वारा विदेशी
भा.रि.बैंक/2016-17/92 ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.10 20 अक्तूबर 2016 सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) – विस्तार एवं परिवर्तन सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (प्रा.व्या.श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान दिनांक 30 नवम्बर 2015 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.32 के अनुलग्नक के पैराग्राफ सी.14, एफ़.18 एवं एफ़.19 तथा ‘बाह्य वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण, प्राधिकृत व्यापारियों तथा प्राधिकृत व्यापारियों से इतर व्यक्तियों द्वारा विदेशी
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