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प्रेस प्रकाशनियां - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India

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जुलाई 21, 2003
Make Ordinary Bank Customer Ultimate Beneficiary of RTGS: RBI urges Banks
Shri Vepa Kamesam, Deputy Governor, Reserve Bank of India today urged banks to ensure complete infrastructural and human resources readiness, and connectivity and security at their end so that the Real Time Gross Settlement (RTGS) facilities could percolate to the ordinary customers. He added that one of the primary objectives of every central bank is to put in place a modern, robust, secure and integrated payment and settlement system to enable the common man to make
Shri Vepa Kamesam, Deputy Governor, Reserve Bank of India today urged banks to ensure complete infrastructural and human resources readiness, and connectivity and security at their end so that the Real Time Gross Settlement (RTGS) facilities could percolate to the ordinary customers. He added that one of the primary objectives of every central bank is to put in place a modern, robust, secure and integrated payment and settlement system to enable the common man to make
जून 16, 2003
एसीयू सदस्यों की भुगतान और निपटान प्रणालीमज़बूत बनाने की मांग
एसीयू सदस्यों की भुगतान और निपटान प्रणाली मज़बूत बनाने की मांग16 जून 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बेंगलूर में एशियाई समाशोधन यूनियन (एसीयू) की 32वीं बोड़ बैठक की मेजबानी की। बांग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, म्यानमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के केंद्रीय बैंक गवर्नर बैठक में सहभागी हुए। सेंट्रल बैंक ऑफ थाइलैंड के वरिष्ठ स्तर के दो अधिकारी भी प्रेक्षक के रूप में मौजूद थे।वर्ष 1974 में गठित एशियाई समाशोधन यूनियन के इस समय आठ सदस्य हैं, वे हैं बांग्लादेश, भूटान, भारत,
एसीयू सदस्यों की भुगतान और निपटान प्रणाली मज़बूत बनाने की मांग16 जून 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बेंगलूर में एशियाई समाशोधन यूनियन (एसीयू) की 32वीं बोड़ बैठक की मेजबानी की। बांग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, म्यानमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के केंद्रीय बैंक गवर्नर बैठक में सहभागी हुए। सेंट्रल बैंक ऑफ थाइलैंड के वरिष्ठ स्तर के दो अधिकारी भी प्रेक्षक के रूप में मौजूद थे।वर्ष 1974 में गठित एशियाई समाशोधन यूनियन के इस समय आठ सदस्य हैं, वे हैं बांग्लादेश, भूटान, भारत,
मार्च 31, 2003
रिज़र्व बैंक ने विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण की शुरुआत की

रिज़र्व बैंक ने विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण की शुरुआत की31 मार्च 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के साथ मिल कर एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश के कई केंद्रों में बैंकों की शाखाओं के बीच सुरक्षित, संरक्षित और तेज़ गति से निधियों का अंतरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सहायक होगी। यह योजना पहली अप्रैल 2003 से शुरू की जाएगी, जिसमें मुंबई में अंतर बैंक निधियों के अंतरण का समायोजन किया जाएगा। इस योजना की खास-खास बातें इस प्रकार हैं :इ

रिज़र्व बैंक ने विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण की शुरुआत की31 मार्च 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के साथ मिल कर एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश के कई केंद्रों में बैंकों की शाखाओं के बीच सुरक्षित, संरक्षित और तेज़ गति से निधियों का अंतरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सहायक होगी। यह योजना पहली अप्रैल 2003 से शुरू की जाएगी, जिसमें मुंबई में अंतर बैंक निधियों के अंतरण का समायोजन किया जाएगा। इस योजना की खास-खास बातें इस प्रकार हैं :इ

मार्च 12, 2003
मुंबई समाशोधन गृह 14 मार्च और 14 मई कोबंद रहेगा : भारतीय रिज़र्व बैंक
मुंबई समाशोधन गृह 14 मार्च और 14 मई को बंद रहेगा : भारतीय रिज़र्व बैंक12 मार्च 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूचित किया है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के अंतर्गत 14 मार्च 2003 को मोहर्रम का अवकाश घोषित किये जाने के कारण उक्त तारीख को मुंबई का समाशोधन गृह बंद रहेगा। इससे पूर्व मोहर्रम का अवकाश 15 मार्च 2003 को घोषित किया गया था। अब समाशोधन गृह 15 मार्च 2003 को सामान्य रूप से कार्य करेगा।भारतीय रिज़र्व बैंक का मुंबई स्थित समाशोधन गृह 15 मई 2003
मुंबई समाशोधन गृह 14 मार्च और 14 मई को बंद रहेगा : भारतीय रिज़र्व बैंक12 मार्च 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने सूचित किया है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के अंतर्गत 14 मार्च 2003 को मोहर्रम का अवकाश घोषित किये जाने के कारण उक्त तारीख को मुंबई का समाशोधन गृह बंद रहेगा। इससे पूर्व मोहर्रम का अवकाश 15 मार्च 2003 को घोषित किया गया था। अब समाशोधन गृह 15 मार्च 2003 को सामान्य रूप से कार्य करेगा।भारतीय रिज़र्व बैंक का मुंबई स्थित समाशोधन गृह 15 मई 2003
फ़रवरी 04, 2003
रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने मुंबई में सीवीपीएस का उद्घाटन किया

रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने मुंबई में सीवीपीएस का उद्घाटन किया4 जनवरी 2003डॉ. विमल जालान, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के मुंबई कार्यालय में करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम (सीवीपीएस) का उद्घाटन किया। करेंसी और वेरिफिकेशन सिस्टम रिज़र्व बैंक के कार्यालयों में गंदे करेंसी नोटों की तीव्र और सुरक्षित प्रोसेसिंग के लिए लगाये गये हैं। गंदे करेंसी नोटों को चलन से बाहर करना और उनके स्थान पर नये नोट चलन में डालना, ये कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्

रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने मुंबई में सीवीपीएस का उद्घाटन किया4 जनवरी 2003डॉ. विमल जालान, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के मुंबई कार्यालय में करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम (सीवीपीएस) का उद्घाटन किया। करेंसी और वेरिफिकेशन सिस्टम रिज़र्व बैंक के कार्यालयों में गंदे करेंसी नोटों की तीव्र और सुरक्षित प्रोसेसिंग के लिए लगाये गये हैं। गंदे करेंसी नोटों को चलन से बाहर करना और उनके स्थान पर नये नोट चलन में डालना, ये कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्

अगस्त 05, 2002
इलेक्ट्रॉनिक मनी पर कार्यदल की रिपोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक मनी पर कार्यदल की रिपोर्ट5 अगस्त 2002भारत में भविष्य में ई-मनी के बढ़ते हुए प्रयोग के कारण भुगतान आदत तथा मौद्रिक नीति की प्रेषण प्रणाली पर व्यापक परिणाम हो सकते हैं। इन मामलों की जांच करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाज़ार सहभागियों और भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों को लेकर एक कार्यदल गठित किया था। इस कार्यदल के अध्यक्ष श्री ज़रीर जे. कामा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, हांगकांग एंड शांघाइ बैंकिंग कार्पोरेशन थे। कार्यदल ने 11 जुलाई 2002 को अपनी रिपोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक मनी पर कार्यदल की रिपोर्ट5 अगस्त 2002भारत में भविष्य में ई-मनी के बढ़ते हुए प्रयोग के कारण भुगतान आदत तथा मौद्रिक नीति की प्रेषण प्रणाली पर व्यापक परिणाम हो सकते हैं। इन मामलों की जांच करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाज़ार सहभागियों और भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों को लेकर एक कार्यदल गठित किया था। इस कार्यदल के अध्यक्ष श्री ज़रीर जे. कामा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, हांगकांग एंड शांघाइ बैंकिंग कार्पोरेशन थे। कार्यदल ने 11 जुलाई 2002 को अपनी रिपोर्ट
दिसंबर 15, 2001
रिज़र्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों की खुदरा बिक्री और इलैक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए रास्ता खोला

रिज़र्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों की खुदरा बिक्री और इलैक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए रास्ता खोला15 दिसंबर 2001निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम (एनडीएस) 15 जनवरी 2002 से शुरू हो जायेगी। इस प्रणाली को लागू करने की शुरुआत में एनएसडी के सदस्यों को यह अनुमति दी जायेगी कि वे चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत पुनर्खरीद/प्रत्यावर्तनीय पुनर्खरीद के लिए अपनी बोलियां इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, इस तारीख से एनडीएस सदस्यों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वार

रिज़र्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों की खुदरा बिक्री और इलैक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए रास्ता खोला15 दिसंबर 2001निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम (एनडीएस) 15 जनवरी 2002 से शुरू हो जायेगी। इस प्रणाली को लागू करने की शुरुआत में एनएसडी के सदस्यों को यह अनुमति दी जायेगी कि वे चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत पुनर्खरीद/प्रत्यावर्तनीय पुनर्खरीद के लिए अपनी बोलियां इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, इस तारीख से एनडीएस सदस्यों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वार

मई 29, 2001
एसजीएल लेनदेनों के लिए ऊ + 1 सेटलमेंट
एसजीएल लेनदेनों के लिए T + 1 सेटलमेंट29 मई 2001वर्ष 2001-02 के लिए घोषित मौद्रिक और ऋण नीति में यह प्रस्ताव किया गया था कि दूसरी जून 2001 से सहायक सामान्य खाता बही (एसजीएल)/भुगतान पर वितरण (डीवीपी) प्रणाली के माध्यम से निपटायी गयी सरकारी प्रतिभूतियों के सभी लेनदेन T + 1 आधार पर होंगे। बाज़ार सहभागियों जिनके साथ रिज़र्व बैंक ने अनेक बार परामर्श किया, से प्राप्त फीडबैक यह है कि सहायक सामान्य खाता बही के माध्यम से निपटाये जानेवाले लेनदेन जिस तारीख से T + 1 आधार पर होना प
एसजीएल लेनदेनों के लिए T + 1 सेटलमेंट29 मई 2001वर्ष 2001-02 के लिए घोषित मौद्रिक और ऋण नीति में यह प्रस्ताव किया गया था कि दूसरी जून 2001 से सहायक सामान्य खाता बही (एसजीएल)/भुगतान पर वितरण (डीवीपी) प्रणाली के माध्यम से निपटायी गयी सरकारी प्रतिभूतियों के सभी लेनदेन T + 1 आधार पर होंगे। बाज़ार सहभागियों जिनके साथ रिज़र्व बैंक ने अनेक बार परामर्श किया, से प्राप्त फीडबैक यह है कि सहायक सामान्य खाता बही के माध्यम से निपटाये जानेवाले लेनदेन जिस तारीख से T + 1 आधार पर होना प
जनवरी 16, 2001
‘पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (भुगतान और निपटान प्रणाली)
‘पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (भुगतान और निपटान प्रणाली) और ‘बैंकरप्टसी लॉ’ज (दिवालियापन संबंधी कानून) सलाहकार दलों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत15 जनवरी 2001 आपको याद होगा वैश्विक मानकों और कूटों की पहचान करने और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने, भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए इन मानकों की प्रयोज्यता लागू किये जाने पर विचार करने, उसकी स्थिति की आवधिक रूप से समीक्षा करने और सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के सभी संबंधित संगठनों को रिपोर्टों उपलब्ध करने के लिए दिसंबर 1999 में अंतर्राष्ट्
‘पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (भुगतान और निपटान प्रणाली) और ‘बैंकरप्टसी लॉ’ज (दिवालियापन संबंधी कानून) सलाहकार दलों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत15 जनवरी 2001 आपको याद होगा वैश्विक मानकों और कूटों की पहचान करने और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखने, भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए इन मानकों की प्रयोज्यता लागू किये जाने पर विचार करने, उसकी स्थिति की आवधिक रूप से समीक्षा करने और सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के सभी संबंधित संगठनों को रिपोर्टों उपलब्ध करने के लिए दिसंबर 1999 में अंतर्राष्ट्
सितंबर 27, 2000
Advisory Group on Payment and Settlement Systems Submits Report
It may be recalled that the Governor, Reserve Bank of India constituted a Standing Committee on International Financial Standards and Codes in December 1999 in order to identify and monitor developments in global standards and codes, consider aspects of applicability of these standards to Indian financial system, periodically review the status and make available its reports to all concerned organisations in public or private sector. The Standing Committee chaired by D
It may be recalled that the Governor, Reserve Bank of India constituted a Standing Committee on International Financial Standards and Codes in December 1999 in order to identify and monitor developments in global standards and codes, consider aspects of applicability of these standards to Indian financial system, periodically review the status and make available its reports to all concerned organisations in public or private sector. The Standing Committee chaired by D

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 02, 2025