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सित॰ 16, 2011
बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों [(पीडीज़) प्राइमरी डीलर्स] के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटिज़)
आरबीआइ/2011-12/181संदर्भ सं. मौनीवि.बीसी. 348/07.01.279/2011-12 16 सितंबर, 2011 सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर] और प्राथमिक व्यापारी महोदया/महोदय, बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों [(पीडीज़) प्राइमरी डीलर्स] के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटिज़) कृपया 16 सितंबर, 2011 को जारी रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति  की मध्य तिमाही समीक्षा देखें, जिसके अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिपो दर को तत्काल प्र
आरबीआइ/2011-12/181संदर्भ सं. मौनीवि.बीसी. 348/07.01.279/2011-12 16 सितंबर, 2011 सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर] और प्राथमिक व्यापारी महोदया/महोदय, बैंकों और प्राथमिक व्यापारियों [(पीडीज़) प्राइमरी डीलर्स] के लिए स्थायी चलनिधि सुविधाएं (स्टैंडिंग लिक्विडिटि फ़ैसिलिटिज़) कृपया 16 सितंबर, 2011 को जारी रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति  की मध्य तिमाही समीक्षा देखें, जिसके अनुसार चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत रिपो दर को तत्काल प्र
सित॰ 15, 2011
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2011-12/177 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.16 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 11 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा
भारिबैंक/2011-12/177 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.16 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत बिक्रीगत आमदनी को एनआरई/एफसीएनआर(बी) खातों में जमा करना - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 11 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण या निर्गम) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा
सित॰ 15, 2011
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC) - संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
भारिबैंक/2011-12/176 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.15 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (EEFC) तथा निवासी विदेशी मुद्रा खाते (RFC)- संयुक्त खाता धारक-उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 तथा 5 अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवास करने वाले व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता), विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता
सित॰ 15, 2011
भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
भारिबैंक/2011-12/175 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.14 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश- उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 ए(ए) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण या निर्गम)) विनियमावली, 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के साथ पठित 25 अगस्त 2005
सित॰ 15, 2011
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
भारिबैं/2011-12/174 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.13 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा एनआरई/एफसीएनआर (बी) खाते भारतीय निवासी घनिष्ठ संबंधी के साथ संयुक्त रूप में रखना – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 तथा 2 अर्थात समय समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जात
सित॰ 15, 2011
भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
भारिबैं/2011-12/173 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.12 15 सितंबर 2011 विदेशी मुद्रा का व्यापार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय, भारत में निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा रखे गये बचत बैंक खाते – संयुक्त खाता धारक – उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं. 5 के विनियम 2(vi) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) का अर्थ भारत से बाहर रहने वाले उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक या भारतीय मूल का व्यक्ति
सित॰ 12, 2011
रुग्ण एसएमई इकाईयों के पुनर्वास हेतु दिशा-निर्देश
आरबीआइ/2011-2012/171 ग्राआऋवि.एस एम ई एण्ड एन एफ एस. बीसी. 19/06.02.31/2011-12 12  सितंबर  2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकमुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया / महोदय, रुग्ण एसएमई इकाईयों के पुनर्वास हेतु दिशा-निर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 16 जनवरी 2002 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएनएफएस. बीसी. 57/  06.04.01/ 2001-02 के अनुबंध I का पैराग्राफ 5 देखें। उक्त परिपत्र के परिशिष्ट – II 
आरबीआइ/2011-2012/171 ग्राआऋवि.एस एम ई एण्ड एन एफ एस. बीसी. 19/06.02.31/2011-12 12  सितंबर  2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकमुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया / महोदय, रुग्ण एसएमई इकाईयों के पुनर्वास हेतु दिशा-निर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 16 जनवरी 2002 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएनएफएस. बीसी. 57/  06.04.01/ 2001-02 के अनुबंध I का पैराग्राफ 5 देखें। उक्त परिपत्र के परिशिष्ट – II 
सित॰ 09, 2011
आधार दर पर दिशानिर्देश
आरबीआइ/2011-12/170 बैंपविवि.डीआइआर.बीसी.34/13.03.00/2011-12 18 भाद्र 1933 (शक) 9 सितंबर 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया आधार दर पर दिशानिर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर 9 अप्रैल 2010 का हमारा परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 88/13.07.001/ 2009-10 तथा भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को संबोधित 24 जून 2010 का हमारा पत्र बैंपविवि. डीआइआर. सं. 21957/ 13.07.001/2009-10 देखें । 2. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय वित्त तथा विकास निगम (एनए
आरबीआइ/2011-12/170 बैंपविवि.डीआइआर.बीसी.34/13.03.00/2011-12 18 भाद्र 1933 (शक) 9 सितंबर 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया आधार दर पर दिशानिर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर 9 अप्रैल 2010 का हमारा परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 88/13.07.001/ 2009-10 तथा भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को संबोधित 24 जून 2010 का हमारा पत्र बैंपविवि. डीआइआर. सं. 21957/ 13.07.001/2009-10 देखें । 2. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय वित्त तथा विकास निगम (एनए
सित॰ 07, 2011
दस्तावेज़ों में लघु उद्योग के स्थान पर माइक्रो और लघु उद्यम शब्द बदलना
आरबीआई / 2011-12 / 167ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 18 / 03.05.33 / 2011-12 7  सितंबर  2011 अध्यक्षसभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, दस्तावेज़ों में लघु उद्योग के स्थान पर माइक्रो और लघु उद्यम शब्द बदलना " लघु उद्यम " के स्थान पर " माइक्रो और लघु उद्यम " शब्द बदलने के संबंध में लघु उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 29 सितंबर 2006 की अधिसूचना सं. एस.ओ. 1642/(ई) तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 27 फरवरी 2009 की अधिसूचना सं. एस.ओ. 563 (ई) की
आरबीआई / 2011-12 / 167ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 18 / 03.05.33 / 2011-12 7  सितंबर  2011 अध्यक्षसभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, दस्तावेज़ों में लघु उद्योग के स्थान पर माइक्रो और लघु उद्यम शब्द बदलना " लघु उद्यम " के स्थान पर " माइक्रो और लघु उद्यम " शब्द बदलने के संबंध में लघु उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 29 सितंबर 2006 की अधिसूचना सं. एस.ओ. 1642/(ई) तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी दिनांक 27 फरवरी 2009 की अधिसूचना सं. एस.ओ. 563 (ई) की
सित॰ 05, 2011
ऋण आसूचना कंपनियों को ऋण आसूचना प्रस्तुत करना - 1 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि के चूककर्ता और 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक राशि के इरादतन चूककर्ता - वाद दायर खातों से संबंधित ऋण आसूचनाओं का प्रसार
आरबीआई/2011-12/165 बैंपविवि.सं.सीआइडी.बीसी.30/20.16.042/2011-12 5 सितंबर 2011 14 भाद्र 1933 (शक) अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा सभी अधिसूचित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय, ऋण आसूचना कंपनियों को ऋण आसूचना प्रस्तुत करना - 1 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि के चूककर्ता और 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक राशि के इरादतन चूककर्ता - वाद दायर खातों से संबंधित ऋण आसूचनाओं
आरबीआई/2011-12/165 बैंपविवि.सं.सीआइडी.बीसी.30/20.16.042/2011-12 5 सितंबर 2011 14 भाद्र 1933 (शक) अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा सभी अधिसूचित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय, ऋण आसूचना कंपनियों को ऋण आसूचना प्रस्तुत करना - 1 करोड़ रुपये तथा उससे अधिक राशि के चूककर्ता और 25 लाख रुपये तथा उससे अधिक राशि के इरादतन चूककर्ता - वाद दायर खातों से संबंधित ऋण आसूचनाओं

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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