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फ़रवरी 22, 2019
एमएसएमई के लिए ब्याज सबवेंशन योजना
भारिबैं/2018-19/129 गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.96/03.10.001/2018-19 22 फरवरी 2019 सभी प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महोदया/महोदय, एमएसएमई के लिए ब्याज सबवेंशन योजना जैसा कि आप जानते हैं, भारत सरकार ने 02 नवंबर 2018 को ‘एमएसएमई के लिए ब्याज सबवेंशन योजना 2018’ की घोषणा की है। 2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार, द्वारा उपर्युक्त योजना के कार्यान्वयन हेतु जारी मुख्य विशेषताओं और परिचालन दि
भारिबैं/2018-19/129 गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.96/03.10.001/2018-19 22 फरवरी 2019 सभी प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महोदया/महोदय, एमएसएमई के लिए ब्याज सबवेंशन योजना जैसा कि आप जानते हैं, भारत सरकार ने 02 नवंबर 2018 को ‘एमएसएमई के लिए ब्याज सबवेंशन योजना 2018’ की घोषणा की है। 2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार, द्वारा उपर्युक्त योजना के कार्यान्वयन हेतु जारी मुख्य विशेषताओं और परिचालन दि
फ़रवरी 22, 2019
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रति एक्सपोजर के लिए जोखिम भार
भारिबै/2018-19/126 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.25/21.06.001/2018-19 22 फरवरी 2019 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अतिरिक्त), लघु वित्त बैंक महोदय/महोदया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रति एक्सपोजर के लिए जोखिम भार कृपया बासल III पूंजी विनियमन पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र के पैरा 5.8 और पैरा 5.13.5 का संदर्भ लें। वर्तमान में आस्ति वित्तपोषण कंपनियों (एएफसी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों - इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण कंपनियों (एनबीएफसी-आईए
भारिबै/2018-19/126 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.25/21.06.001/2018-19 22 फरवरी 2019 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अतिरिक्त), लघु वित्त बैंक महोदय/महोदया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के प्रति एक्सपोजर के लिए जोखिम भार कृपया बासल III पूंजी विनियमन पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र के पैरा 5.8 और पैरा 5.13.5 का संदर्भ लें। वर्तमान में आस्ति वित्तपोषण कंपनियों (एएफसी), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों - इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण कंपनियों (एनबीएफसी-आईए
जनवरी 01, 2019
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र – अग्रिमों की पुनर्रचना
आरबीआई/2018-19/100 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.18/21.04.048/2018-19 1 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफ़सी) महोदया/महोदय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र – अग्रिमों की पुनर्रचना 1. कृपया दिनांक 07 फरवरी 2018 का परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.100/21.04.048/2017-18 तथा 06 जून 2018 का बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.108/21.04.048/2017-18 देखें। इस संबंध में, द्बावग्रस्त हो चुके एमएसएमई खातों {एमएसएमई, सूक्ष्म, लघु और म
आरबीआई/2018-19/100 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.18/21.04.048/2018-19 1 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफ़सी) महोदया/महोदय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र – अग्रिमों की पुनर्रचना 1. कृपया दिनांक 07 फरवरी 2018 का परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.100/21.04.048/2017-18 तथा 06 जून 2018 का बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.108/21.04.048/2017-18 देखें। इस संबंध में, द्बावग्रस्त हो चुके एमएसएमई खातों {एमएसएमई, सूक्ष्म, लघु और म
नवंबर 29, 2018
प्रतिभूतीकरण लेनदेन पर एनबीएफसी के लिए दिशा-निर्देशों में छूट
भारिबैं/2018-19/82 गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.95/03.10.001/2018-19 29 नवम्बर 2018 सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महोदया/महोदय, प्रतिभूतीकरण लेनदेन पर एनबीएफसी के लिए दिशा-निर्देशों में छूट कृपया दिनांक 01 सितंबर 2016 को जारी मास्टर निदेश - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली तथा जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश के पैराग्राफ 102 और दिनांक 01 सितंबर 2016 को जारी मास्टर निदेश - गैर प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि
भारिबैं/2018-19/82 गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.95/03.10.001/2018-19 29 नवम्बर 2018 सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महोदया/महोदय, प्रतिभूतीकरण लेनदेन पर एनबीएफसी के लिए दिशा-निर्देशों में छूट कृपया दिनांक 01 सितंबर 2016 को जारी मास्टर निदेश - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली तथा जमाराशि स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश के पैराग्राफ 102 और दिनांक 01 सितंबर 2016 को जारी मास्टर निदेश - गैर प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमाराशि
नवंबर 02, 2018
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड के लिए आंशिक ऋण संवर्धन
भारिबै/2018-19/70 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.7/21.04.142/2018-19 नवंबर 02, 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड के लिए आंशिक ऋण संवर्धन कृपया कॉर्पोरेट बॉन्ड के लिए आंशिक ऋण संवर्धन पर दिनांक 24 सितंबर 2015 का परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.40/21.04.142/2015-16 और उपर्युक्त विषय पर बाद में जारी किए गए अन्य परिपत्र देखें। 2. अब यह निर्णय लिया गया है क
भारिबै/2018-19/70 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.7/21.04.142/2018-19 नवंबर 02, 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले बॉन्ड के लिए आंशिक ऋण संवर्धन कृपया कॉर्पोरेट बॉन्ड के लिए आंशिक ऋण संवर्धन पर दिनांक 24 सितंबर 2015 का परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.40/21.04.142/2015-16 और उपर्युक्त विषय पर बाद में जारी किए गए अन्य परिपत्र देखें। 2. अब यह निर्णय लिया गया है क
जुलाई 27, 2018
स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स की गतिविधियों का विविधीकरण – विदेशी मुद्रा कारोबार
भारिबैं/2018-19/27गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.094/03.10.001/2018-19 27 जुलाई 2018 सभी स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स महोदया/महोदय स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स की गतिविधियों का विविधीकरण – विदेशी मुद्रा कारोबार कृपया वर्ष 2018-19 के द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में 06 जून 2018 को जारी विकासात्मक और विनियामकीय नीति वक्तव्य के, ‘स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स (एसपीडी) की गतिविधियों को विस्तारित करने’ संबंधी पैरा 11 का संदर्भ ग्रहण करें। 2. एसपीडी द्वारा उनक
भारिबैं/2018-19/27गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.094/03.10.001/2018-19 27 जुलाई 2018 सभी स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स महोदया/महोदय स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स की गतिविधियों का विविधीकरण – विदेशी मुद्रा कारोबार कृपया वर्ष 2018-19 के द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में 06 जून 2018 को जारी विकासात्मक और विनियामकीय नीति वक्तव्य के, ‘स्टैंडएलोन प्राथमिक डीलर्स (एसपीडी) की गतिविधियों को विस्तारित करने’ संबंधी पैरा 11 का संदर्भ ग्रहण करें। 2. एसपीडी द्वारा उनक
जून 07, 2018
प्रायोजक सीआईसी-एनडीएसआई द्वारा बुनियादी संरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) की इकाइयों में निवेश
आरबीआई/2017-18/189 डीएनबीआर(पीडी)सीसी.सं.093/03.10.001/2017-18 07 जून 2018 सभी प्रणालीगत महत्वपूर्ण मूल निवेश कंपनी (सीआईसी-एनडीएसआई) महोदया/महोदय प्रायोजक सीआईसी-एनडीएसआई द्वारा बुनियादी संरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) की इकाइयों में निवेश इनविट के प्रायोजक के रूप में कार्य करने हेतु प्रणालीगत महत्वपूर्ण मूल निवेश कंपनियों (सीआईसी-एनडीएसआई) को सक्षम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि सीआईसी-एनडीएसआई को इनविट इकाइयों को केवल धारण करने की अनुमति प्रायोजक के रूप में दी ज
आरबीआई/2017-18/189 डीएनबीआर(पीडी)सीसी.सं.093/03.10.001/2017-18 07 जून 2018 सभी प्रणालीगत महत्वपूर्ण मूल निवेश कंपनी (सीआईसी-एनडीएसआई) महोदया/महोदय प्रायोजक सीआईसी-एनडीएसआई द्वारा बुनियादी संरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) की इकाइयों में निवेश इनविट के प्रायोजक के रूप में कार्य करने हेतु प्रणालीगत महत्वपूर्ण मूल निवेश कंपनियों (सीआईसी-एनडीएसआई) को सक्षम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि सीआईसी-एनडीएसआई को इनविट इकाइयों को केवल धारण करने की अनुमति प्रायोजक के रूप में दी ज
मई 31, 2018
सरकारी स्वामित्व वाली एनबीएफसी को प्रदत्त छूट को वापस लिया जाना

आरबीआई/2017-18/181 डीएनबीआर(पीडी)सीसी.सं.092/03.10.001/2017-18 31 मई 2018 सभी सरकारी एनबीएफसी महोदया/महोदय सरकारी स्वामित्व वाली एनबीएफसी को प्रदत्त छूट को वापस लिया जाना कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 2 के खंड (45) (कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 617) के अंतर्गत परिभाषित सरकारी स्वामित्व वाली और भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत कंपनियों को वर्तमान में निम्नलिखित विनियामक और वैधानिक प्रावधानों से छूट प्राप्त हैः (i) आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 45-आईबी और

आरबीआई/2017-18/181 डीएनबीआर(पीडी)सीसी.सं.092/03.10.001/2017-18 31 मई 2018 सभी सरकारी एनबीएफसी महोदया/महोदय सरकारी स्वामित्व वाली एनबीएफसी को प्रदत्त छूट को वापस लिया जाना कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 2 के खंड (45) (कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 617) के अंतर्गत परिभाषित सरकारी स्वामित्व वाली और भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ एनबीएफसी के रूप में पंजीकृत कंपनियों को वर्तमान में निम्नलिखित विनियामक और वैधानिक प्रावधानों से छूट प्राप्त हैः (i) आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 45-आईबी और

मार्च 15, 2018
सरकारी स्वाधिकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा विवरणी (रिटर्न) प्रस्तुत किया जाना
आरबीआई/2017-18/141 डीएनबीएस.पीडी.सीसी.सं.1925/66.08.001/2017-18 मार्च 15, 2018 सेवा में सभी सरकारी स्वाधिकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) महोदया/महोदय सरकारी स्वाधिकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा विवरणी (रिटर्न) प्रस्तुत किया जाना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (इसके पश्चात आरबीआई अधिनियम कहा जाएगा) की धारा 45जेए, 45क और 45एल द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 के खंड 45 में दिये गए परिभाषा
आरबीआई/2017-18/141 डीएनबीएस.पीडी.सीसी.सं.1925/66.08.001/2017-18 मार्च 15, 2018 सेवा में सभी सरकारी स्वाधिकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) महोदया/महोदय सरकारी स्वाधिकृत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा विवरणी (रिटर्न) प्रस्तुत किया जाना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (इसके पश्चात आरबीआई अधिनियम कहा जाएगा) की धारा 45जेए, 45क और 45एल द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2 के खंड 45 में दिये गए परिभाषा
फ़रवरी 23, 2018
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना – 2018
उप राज्यपाल गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना – 2018 अध‍िसूचना संदर्भ : उश‍िसंवि.निअ. सं 3590/13.01.004/2017-18 23 फरवरी 2018 1. भारतीय रिज़र्व बैंक अध‍िनियम 1934 की धारा 45ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और इस बात से संतुष्ट होकर कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपन‍ियों के बीच हितकारी ऋण संस्कार को प्रोत्साहित करने के लिए और देश की ऋण प्रणाली को उसके हित में विनियमित करने हेतु, जमा, ऋण और अग्रिमों और अन्य निर्दिष्‍ट सेवओं में आनेवाली कमी के संबंध
उप राज्यपाल गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना – 2018 अध‍िसूचना संदर्भ : उश‍िसंवि.निअ. सं 3590/13.01.004/2017-18 23 फरवरी 2018 1. भारतीय रिज़र्व बैंक अध‍िनियम 1934 की धारा 45ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और इस बात से संतुष्ट होकर कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपन‍ियों के बीच हितकारी ऋण संस्कार को प्रोत्साहित करने के लिए और देश की ऋण प्रणाली को उसके हित में विनियमित करने हेतु, जमा, ऋण और अग्रिमों और अन्य निर्दिष्‍ट सेवओं में आनेवाली कमी के संबंध

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