अधिसूचनाएं - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
सित॰ 11, 2009
आदाता खाता चेक का संग्रह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध
आरबीआई / 2009-10/154 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 19/03.05.33/2009-10 11 सितंबर 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय आदाता खाता चेक का संग्रह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध कृपया 27 अप्रैल 2006 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरएफ. बीसी.78/ 07.38.03/ 2005-06 देखां जिसके अनुसार बैंकों को मना किया था कि वे "आदाता खाता" चेकों को उनमें अंकित आदाता के नाम के सिवाय किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में जमा न करें। 2. यह ब
आरबीआई / 2009-10/154 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 19/03.05.33/2009-10 11 सितंबर 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय आदाता खाता चेक का संग्रह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध कृपया 27 अप्रैल 2006 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरएफ. बीसी.78/ 07.38.03/ 2005-06 देखां जिसके अनुसार बैंकों को मना किया था कि वे "आदाता खाता" चेकों को उनमें अंकित आदाता के नाम के सिवाय किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में जमा न करें। 2. यह ब
सित॰ 11, 2009
कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - क्षेत्रीय ग्रामाीण बैंक
आरबीआइ सं. 2009-10/153 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. 20/03.05.72/2009-10 11 सितंबर 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - क्षेत्रीय ग्रामाीण बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी.सं.बीसी. 18/03.05.072/2008-09, 17 नवंबर 2008 का परिपत्र ग्राआऋवि. केंका.आरआरबी.सं.बीसी.64/03.05.072/2008-0
आरबीआइ सं. 2009-10/153 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. 20/03.05.72/2009-10 11 सितंबर 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता संबंधी विवेकपूर्ण मानदंड - क्षेत्रीय ग्रामाीण बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी.सं.बीसी. 18/03.05.072/2008-09, 17 नवंबर 2008 का परिपत्र ग्राआऋवि. केंका.आरआरबी.सं.बीसी.64/03.05.072/2008-0
सित॰ 07, 2009
आदाता खाता चेक का संगह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध
आरबीआई/2009-10/148 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं.18/07.38.03/2009-10 7 सितंबर 2009 सभी राज्य सहकारी बैंक और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय आदाता खाता चेक का संगह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध कृपया 27 अप्रैल 2006 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 78/ 07.38.03/ 2005-06 देखें जिसके अनुसार बैंकों को मना किया गया था कि वे ’आदाता खाता’ चेकों को उनमें अंकित आदाता के नाम के सिवाय किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में जमा
आरबीआई/2009-10/148 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं.18/07.38.03/2009-10 7 सितंबर 2009 सभी राज्य सहकारी बैंक और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय आदाता खाता चेक का संगह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध कृपया 27 अप्रैल 2006 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 78/ 07.38.03/ 2005-06 देखें जिसके अनुसार बैंकों को मना किया गया था कि वे ’आदाता खाता’ चेकों को उनमें अंकित आदाता के नाम के सिवाय किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में जमा
सित॰ 04, 2009
बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 24 सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना
आरबीआई 2009-10/146 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 17/ 03.05.28(बी)/2009-10 4 सितंबर 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय, बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 24 सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना कृपया भारत सरकार के नकदी प्रबंधन बिल के जारी किए जाने के बारे में 10 अगस्त 2009 की रिज़र्व बैंक की प्रेस प्रकाशनी : 2009 - 2010/227 देखें। हम सूचित करते हैं कि प्रस्तावित नकदी प्रबंधन बिल को 14 फरवरी 2008 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी.सं. 8483/03.05.28
आरबीआई 2009-10/146 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 17/ 03.05.28(बी)/2009-10 4 सितंबर 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय, बैंककारी विनियम अधिनियम, 1949 की धारा 24 सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना कृपया भारत सरकार के नकदी प्रबंधन बिल के जारी किए जाने के बारे में 10 अगस्त 2009 की रिज़र्व बैंक की प्रेस प्रकाशनी : 2009 - 2010/227 देखें। हम सूचित करते हैं कि प्रस्तावित नकदी प्रबंधन बिल को 14 फरवरी 2008 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी.सं. 8483/03.05.28
अग॰ 24, 2009
संपार्श्विक रहित ऋण - माइक्रो और लघु उद्यम(एमएसई)
भारिबै/2009-10/129 ग्राआऋवि.एसएमईएंडएनएफएस.बीसी.सं.16/06.02.31(पी)/2009-10 24 अगस्त 2009 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित) महोदय, संपार्श्विक रहित ऋण - माइक्रो और लघु उद्यम(एमएसई) कृपया दिनांक 20 जनवरी 2009 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. एसएमई एंड एनएफएस. बीसी.सं. 84ए/ 06.02.31(पी)/2008-09 देखें जो एमएसएमइडी अधिनियम , 2006 के अंतर्गत परिभाषितानुसार एमएसई क्षेत्र (उत्पादक तथा सेवा उद्यम दोनों ) की
भारिबै/2009-10/129 ग्राआऋवि.एसएमईएंडएनएफएस.बीसी.सं.16/06.02.31(पी)/2009-10 24 अगस्त 2009 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित) महोदय, संपार्श्विक रहित ऋण - माइक्रो और लघु उद्यम(एमएसई) कृपया दिनांक 20 जनवरी 2009 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. एसएमई एंड एनएफएस. बीसी.सं. 84ए/ 06.02.31(पी)/2008-09 देखें जो एमएसएमइडी अधिनियम , 2006 के अंतर्गत परिभाषितानुसार एमएसई क्षेत्र (उत्पादक तथा सेवा उद्यम दोनों ) की
अग॰ 13, 2009
आवास वित्त
आरबीआई /2009-10/120 ग्राआऋवि.केंका.आरसीबीडी.बीसी.सं.15 /03.03.01/2009-10 13 अगस्त 2009 सभी राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक प्रिय महोदय आवास वित्त कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 5 जुलाई 1997 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएनएफएस.बीसी. 04 /06.11.02 / 97-98 तथा 24 फरवरी 1995 के परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएनएफएस.बीसी.122 /06.11.02 /94-95 के साथ पठित दिनांक 31 अक्तूबर 1997 का परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएनएफएस. बीसी.51/ 06.11.02/97-98 देखें। वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, रा
आरबीआई /2009-10/120 ग्राआऋवि.केंका.आरसीबीडी.बीसी.सं.15 /03.03.01/2009-10 13 अगस्त 2009 सभी राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक प्रिय महोदय आवास वित्त कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 5 जुलाई 1997 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएनएफएस.बीसी. 04 /06.11.02 / 97-98 तथा 24 फरवरी 1995 के परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएनएफएस.बीसी.122 /06.11.02 /94-95 के साथ पठित दिनांक 31 अक्तूबर 1997 का परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएनएफएस. बीसी.51/ 06.11.02/97-98 देखें। वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, रा
अग॰ 04, 2009
आंतर बैंक सहभागिता
आरबीआई /2009-10/113 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 13/03.05.33/2009-10 4 अगस्त 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय आंतर बैंक सहभागिता हमारे दिनांक 31 दिसंबर 1988 के परिपत्र डीबीओडी सं.बीपी.बीसी.57/62-88 (प्रति संलग्न) के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए एक आंतर बैंक सहभागिता प्रमाणपत्र (आइबीपीसी) योजना आरंभ की गई थी । 2. यह निर्णय लिया गया है कि अब से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को 180 दिनों की अवधि के लिए जोखिम में हिस
आरबीआई /2009-10/113 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 13/03.05.33/2009-10 4 अगस्त 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय आंतर बैंक सहभागिता हमारे दिनांक 31 दिसंबर 1988 के परिपत्र डीबीओडी सं.बीपी.बीसी.57/62-88 (प्रति संलग्न) के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए एक आंतर बैंक सहभागिता प्रमाणपत्र (आइबीपीसी) योजना आरंभ की गई थी । 2. यह निर्णय लिया गया है कि अब से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को 180 दिनों की अवधि के लिए जोखिम में हिस
अग॰ 04, 2009
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) - राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने के लिए नीति
आरबीआई/2009-10/114 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 14/07.06.00/2009-10 4 अगस्त 2009 12 श्रावण 1931 (शक) सभी राज्य सहकारी बैंक महोदय / महोदया, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) - राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने के लिए नीति बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) की धारा 23 के अंतर्गत राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने की नीति की समीक्षा करने पर निम्नलिखित मानदंड अपनाने का निर
आरबीआई/2009-10/114 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 14/07.06.00/2009-10 4 अगस्त 2009 12 श्रावण 1931 (शक) सभी राज्य सहकारी बैंक महोदय / महोदया, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) - राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने के लिए नीति बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) की धारा 23 के अंतर्गत राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने की नीति की समीक्षा करने पर निम्नलिखित मानदंड अपनाने का निर
जुल॰ 01, 2009
कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआई/2009-10/92 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 11/03.05.33/2009-10 01 जुलाई 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी. बीसी. सं.18/03.05.072/ 2008-09; 17 नवंबर 2008 का परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 64/ 03.05.072/ 2008-0
आरबीआई/2009-10/92 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 11/03.05.33/2009-10 01 जुलाई 2009 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना 2008 - आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण तथा पूंजी पर्याप्तता पर विवेकपूर्ण मानदंड - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 30 जुलाई 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी. बीसी. सं.18/03.05.072/ 2008-09; 17 नवंबर 2008 का परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 64/ 03.05.072/ 2008-0
जून 30, 2009
मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (एसआरएमएस) का मार्च 2009 के बाद भी जारी रहना
ग्राआऋवि.केंका.एसपी.बीसी.सं.117/09.03.01/2008-09 29 जून 2009 अध्यक्ष /प्रबंध निदेशक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी भारतीय बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (एसआरएमएस) का मार्च 2009 के बाद भी जारी रहना कृपया 15 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 57/09.03.01/2007-08 देखां् जिसमें बैंकों को मार्च 2009 तक बकाया स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास को लक्ष्य बनाकर भारत सरकार द्वारा
ग्राआऋवि.केंका.एसपी.बीसी.सं.117/09.03.01/2008-09 29 जून 2009 अध्यक्ष /प्रबंध निदेशक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी भारतीय बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (एसआरएमएस) का मार्च 2009 के बाद भी जारी रहना कृपया 15 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 57/09.03.01/2007-08 देखां् जिसमें बैंकों को मार्च 2009 तक बकाया स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास को लक्ष्य बनाकर भारत सरकार द्वारा
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