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दिस॰ 20, 2006
निवासी व्यक्तियों के लिए 50,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत विप्रेषण योजना
आरबीआइ/2006-07/216 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.24 दिसंबर 20, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 50,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत विप्रेषण योजना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64, समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 (नियम) तथा जनवरी 13, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.66 की ओर आकर्षित किया जाता है।उपर्
आरबीआइ/2006-07/216 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.24 दिसंबर 20, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 50,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत विप्रेषण योजना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64, समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 (नियम) तथा जनवरी 13, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.66 की ओर आकर्षित किया जाता है।उपर्
दिस॰ 18, 2006
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल
आरबीआइ/2006-07/215 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.23 दिसंबर 18, 2006 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदया/महोदय, भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान जुलाई 6, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.01 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य मई 31, 2006 से 60.4958 रुपये दर्शाया गया था। 2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I ब
आरबीआइ/2006-07/215 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.23 दिसंबर 18, 2006 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदया/महोदय, भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान जुलाई 6, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.01 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य मई 31, 2006 से 60.4958 रुपये दर्शाया गया था। 2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I ब
दिस॰ 13, 2006
आयात के सीमाशुल्क घटक के लिए वायदा संविदा बुक करना
आरबीआइ/2006-07/207 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.21 दिसंबर 13, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, आयात के सीमाशुल्क घटक के लिए वायदा संविदा बुक करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित और समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) नियमावली, 2000 की अनुसूची-1 [अ.1(ञ)] तथा अप्रैल 29, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.98 की ओर आकर्
आरबीआइ/2006-07/207 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.21 दिसंबर 13, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, आयात के सीमाशुल्क घटक के लिए वायदा संविदा बुक करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित और समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) नियमावली, 2000 की अनुसूची-1 [अ.1(ञ)] तथा अप्रैल 29, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.98 की ओर आकर्
दिस॰ 13, 2006
पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर वायदा संविदाएं बुक करना
आरबीआइ/2006-07/208 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.22 दिसंबर 13, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर वायदा संविदाएं बुक करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान जनवरी 24, 2002 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.19, दिसंबर 21, 2002 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.63 तथा नवंबर 1, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, विश
आरबीआइ/2006-07/208 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.22 दिसंबर 13, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर वायदा संविदाएं बुक करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान जनवरी 24, 2002 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.19, दिसंबर 21, 2002 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.63 तथा नवंबर 1, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, विश
दिस॰ 06, 2006
म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2006-07/199 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.19 दिसंबर 6, 2006 सेवा में सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक के साथ म्यांमार स्थित थानलिइन रिफाइनरी के नवीकरण के लिए भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत निर्यात के लिए पात्र, परामर्श सेवाओं सहित, माल और सेवाओं के निर्यात के वित्तपोषण हेतु उनको
आरबीआइ/2006-07/199 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.19 दिसंबर 6, 2006 सेवा में सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक के साथ म्यांमार स्थित थानलिइन रिफाइनरी के नवीकरण के लिए भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत निर्यात के लिए पात्र, परामर्श सेवाओं सहित, माल और सेवाओं के निर्यात के वित्तपोषण हेतु उनको
दिस॰ 04, 2006
बाह्य वाणिज्यिक उधार
आरबीआइ/2006-07/194 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.17 दिसंबर 4, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबद्ध समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 6 तथा अगस्त 1, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.5 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. वर्तमान में, कंपनियां स्वतः अनुमोदित मार्ग
आरबीआइ/2006-07/194 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.17 दिसंबर 4, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबद्ध समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 6 तथा अगस्त 1, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.5 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. वर्तमान में, कंपनियां स्वतः अनुमोदित मार्ग
दिस॰ 04, 2006
विदेश में कार्यालयों की स्थापना
आरबीआइ/2006-07/197 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.18 दिसंबर 4, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेश में कार्यालयों की स्थापना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित और समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 तथा अप्रैल 21, 2006 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.32 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान
आरबीआइ/2006-07/197 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.18 दिसंबर 4, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेश में कार्यालयों की स्थापना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित और समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 तथा अप्रैल 21, 2006 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.32 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान
नव॰ 30, 2006
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - प्रक्रिया का उदारीकरण
आरबीआइ/2006-07/129 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.15 नवंबर 30, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - प्रक्रिया का उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में
आरबीआइ/2006-07/129 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.15 नवंबर 30, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - प्रक्रिया का उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में
नव॰ 30, 2006
अंगोला सरकार को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर  की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2006-07/193 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.16 नवंबर 30,  2006 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, अंगोला सरकार को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर  की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अंगोला गणतंत्र की सरकार के साथ उनको कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए जुलाई 6, 2006 को करार किया है। यह ऋण भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत निर्यात क
आरबीआइ/2006-07/193 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.16 नवंबर 30,  2006 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, अंगोला सरकार को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर  की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अंगोला गणतंत्र की सरकार के साथ उनको कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए जुलाई 6, 2006 को करार किया है। यह ऋण भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत निर्यात क
नव॰ 28, 2006
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण
आरबीआइ/2006-07/190 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.14 नवंबर 28, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381(E) द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के
आरबीआइ/2006-07/190 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.14 नवंबर 28, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381(E) द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के

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