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सितंबर 08, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

आरबीआई/2023-24/59
विवि.रिटर्न.आरईसी.34/12.01.001/2023-24

08 सितम्बर 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

कृपया दिनांक 10 अगस्त, 2023 के परिपत्र विव.रिटर्न.आरईसी.29/12.01.001/2023-24 तथा उपर्युक्त विषय पर संबंधित अधिसूचना देखें।

2. जैसा कि 08 सितंबर, 2023 की आरबीआई प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की गई, समीक्षा के बाद, चरणबद्ध तरीके से वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) को बंद करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों के आकलन के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि आई-सीआरआर के तहत परिबद्ध की गई राशि को चरणों में जारी किया जाएगा ताकि प्रणाली की तरलता को आकस्मिक आघातों का सामना न करना पड़े और मुद्रा बाजार व्यवस्थित तरीके से कार्य कर सके। राशियाँ निम्नानुसार जारी की जाएंगी:

आरबीआई/2023-24/59
विवि.रिटर्न.आरईसी.34/12.01.001/2023-24

08 सितम्बर 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

कृपया दिनांक 10 अगस्त, 2023 के परिपत्र विव.रिटर्न.आरईसी.29/12.01.001/2023-24 तथा उपर्युक्त विषय पर संबंधित अधिसूचना देखें।

2. जैसा कि 08 सितंबर, 2023 की आरबीआई प्रेस विज्ञप्ति में घोषणा की गई, समीक्षा के बाद, चरणबद्ध तरीके से वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) को बंद करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान और उभरती चलनिधि स्थितियों के आकलन के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि आई-सीआरआर के तहत परिबद्ध की गई राशि को चरणों में जारी किया जाएगा ताकि प्रणाली की तरलता को आकस्मिक आघातों का सामना न करना पड़े और मुद्रा बाजार व्यवस्थित तरीके से कार्य कर सके। राशियाँ निम्नानुसार जारी की जाएंगी:

सितंबर 04, 2023
एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों का परिचालन

आरबीआई/2023-24/58
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.नंबर.एस-567/02-23-001/2023-2024

04 सितम्बर 2023

प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंक, लघु वित्त बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया / प्रिय महोदय,

एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों का परिचालन

कृपया 06 अप्रैल 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य का संदर्भ लें, जिसमें बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों से/में हस्तांतरण को सक्षम करके यूपीआई के दायरे का विस्तार किया गया है। वर्तमान में, बचत खाता, ओवरड्राफ्ट खाता, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है। जैसा कि घोषणा की गई है, यूपीआई का दायरा अब फंडिंग खाते के रूप में क्रेडिट लाइनों को शामिल करके विस्तारित किया जा रहा है।

2. इस सुविधा के तहत, व्यक्तिगत ग्राहक की पूर्व सहमति से, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक द्वारा व्यक्तियों को जारी पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइन के माध्यम से भुगतान, यूपीआई प्रणाली का उपयोग करके लेनदेन के लिए सक्षम किया जाता है।

3. बैंक, अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार, ऐसी क्रेडिट लाइनों के उपयोग के नियम और शर्तें निर्धारित कर सकते हैं। शर्तों में अन्य मदों के अलावा, क्रेडिट सीमा, क्रेडिट की अवधि, ब्याज दर आदि शामिल हो सकते हैं।

4. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10(2) के तहत जारी किया गया है।

भवदीय,

(गुणवीर सिंह)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

आरबीआई/2023-24/58
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.नंबर.एस-567/02-23-001/2023-2024

04 सितम्बर 2023

प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंक, लघु वित्त बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया / प्रिय महोदय,

एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों का परिचालन

कृपया 06 अप्रैल 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य का संदर्भ लें, जिसमें बैंकों में पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइनों से/में हस्तांतरण को सक्षम करके यूपीआई के दायरे का विस्तार किया गया है। वर्तमान में, बचत खाता, ओवरड्राफ्ट खाता, प्रीपेड वॉलेट और क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जा सकता है। जैसा कि घोषणा की गई है, यूपीआई का दायरा अब फंडिंग खाते के रूप में क्रेडिट लाइनों को शामिल करके विस्तारित किया जा रहा है।

2. इस सुविधा के तहत, व्यक्तिगत ग्राहक की पूर्व सहमति से, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक द्वारा व्यक्तियों को जारी पूर्व-स्वीकृत क्रेडिट लाइन के माध्यम से भुगतान, यूपीआई प्रणाली का उपयोग करके लेनदेन के लिए सक्षम किया जाता है।

3. बैंक, अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार, ऐसी क्रेडिट लाइनों के उपयोग के नियम और शर्तें निर्धारित कर सकते हैं। शर्तों में अन्य मदों के अलावा, क्रेडिट सीमा, क्रेडिट की अवधि, ब्याज दर आदि शामिल हो सकते हैं।

4. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10(2) के तहत जारी किया गया है।

भवदीय,

(गुणवीर सिंह)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

अगस्त 24, 2023
ऑफ़लाइन मोड में छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान के लिए लेनदेन सीमा बढ़ाना

आरबीआई/2023-24/57
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस.526/02-14-003/2023-24 24 अगस्त 2023 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकृत भुगतान प्रणाली संचालक और भागीदार (बैंक और गैर-बैंक)

आरबीआई/2023-24/57
सीओ.डीपीएसएस.पीओएलसी.सं.एस.526/02-14-003/2023-24 24 अगस्त 2023 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकृत भुगतान प्रणाली संचालक और भागीदार (बैंक और गैर-बैंक)

अगस्त 18, 2023
उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

आरबीआई/2023-24/53
विवि.एमसीएस.आरईसी.28/01.01.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)

महोदया/ महोदय,

उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

दंडात्मक ब्याज के प्रकटीकरण में तर्कसंगतता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों के अंतर्गत, ऋण देने वाली संस्थाओं के पास ब्याज की दंडात्मक दरें लगाने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करने की परिचालन स्वायत्तता है। यह पाया गया है कि कई आरई, ऐसी शर्तें जिन पर क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत की गई थीं, उधारकर्ता द्वारा उनकी चूक/गैर-अनुपालन किए जाने के मामले में, लागू ब्याज दरों के अलावा, दंडात्मक ब्याज दरों का प्रयोग कर रही हैं।

2. दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने का इरादा अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना निर्माण करना है, न की ऐसे शुल्क ब्याज की अनुबंधित दर से अधिक राजस्व वृद्धि उपकरण के रूप में उपयोग करने के लिए है। हालाँकि, पर्यवेक्षी समीक्षाओं में दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने संबंध में आरई द्वारा भिन्न प्रथाएं जिनसे ग्राहकों में शिकायतें और विवाद उत्पन्न होते हैं के उदाहरण मिले हैं।

3. ऋणों पर दंडात्मक ब्याज/शुल्क वसूलने के लिए आरई द्वारा अपनाई गई प्रथाओं की समीक्षा करने पर, अपनाए जाने हेतु निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं: -

(i) उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

(ii) आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

(iii) आरई को दंडात्मक शुल्क अथवा ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

(iv) दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

(v) 'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

आरबीआई/2023-24/53
विवि.एमसीएस.आरईसी.28/01.01.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित)
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)

महोदया/ महोदय,

उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क

दंडात्मक ब्याज के प्रकटीकरण में तर्कसंगतता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं (आरई) के लिए विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान दिशानिर्देशों के अंतर्गत, ऋण देने वाली संस्थाओं के पास ब्याज की दंडात्मक दरें लगाने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करने की परिचालन स्वायत्तता है। यह पाया गया है कि कई आरई, ऐसी शर्तें जिन पर क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत की गई थीं, उधारकर्ता द्वारा उनकी चूक/गैर-अनुपालन किए जाने के मामले में, लागू ब्याज दरों के अलावा, दंडात्मक ब्याज दरों का प्रयोग कर रही हैं।

2. दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने का इरादा अनिवार्य रूप से ऋण अनुशासन की भावना निर्माण करना है, न की ऐसे शुल्क ब्याज की अनुबंधित दर से अधिक राजस्व वृद्धि उपकरण के रूप में उपयोग करने के लिए है। हालाँकि, पर्यवेक्षी समीक्षाओं में दंडात्मक ब्याज/शुल्क लगाने संबंध में आरई द्वारा भिन्न प्रथाएं जिनसे ग्राहकों में शिकायतें और विवाद उत्पन्न होते हैं के उदाहरण मिले हैं।

3. ऋणों पर दंडात्मक ब्याज/शुल्क वसूलने के लिए आरई द्वारा अपनाई गई प्रथाओं की समीक्षा करने पर, अपनाए जाने हेतु निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं: -

(i) उधारकर्ता द्वारा ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों का अनुपालन न करने पर कोई दंड, यदि लगाया जाता है, तो उसे 'दंडात्मक शुल्क' के रूप में माना जाएगा, और इसे 'दंडात्मक ब्याज' के रूप में नहीं लगाया जाएगा, जो अग्रिमों पर लगाए गए ब्याज की दर में जोड़ा जाता है। दंडात्मक शुल्कों का कोई पूंजीकरण नहीं किया जाएगा अर्थात ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। हालाँकि, इससे ऋण खाते में ब्याज चक्रवृद्धि की सामान्य प्रक्रियाएँ प्रभावित नहीं होंगी।

(ii) आरई द्वारा ब्याज दर में कोई अतिरिक्त घटक शामिल नहीं किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

(iii) आरई को दंडात्मक शुल्क अथवा ऋण पर समान शुल्क, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाए, पर बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति तैयार करनी होगी।

(iv) दंडात्मक शुल्क की मात्रा उचित होगी और किसी विशेष ऋण/उत्पाद श्रेणी के भीतर भेदभाव किए बिना ऋण अनुबंध के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के अनुपालन न करने के अनुरूप होगी।

(v) 'व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को, व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए' स्वीकृत किए गए ऋणों के मामले में दंडात्मक शुल्क, महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों के समान गैर-अनुपालन के लिए गैर-व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर लागू दंडात्मक शुल्क से अधिक नहीं होगा।

अगस्त 18, 2023
सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए का कार्यान्वयन: नामित सूची (संशोधन)

आरबीआई/2023-24/56 विवि.एएमएल.आरईसी.33/14.06.001/2023-24 18 अगस्त 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय,

आरबीआई/2023-24/56 विवि.एएमएल.आरईसी.33/14.06.001/2023-24 18 अगस्त 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय,

अगस्त 18, 2023
आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा

आरबीआई/2023-24/54
विवि.एसआईजी.एफ़आईएन.आरईसी.31/03.10.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी इंफ्रास्ट्रेंक्चर डेब्ट फंड-एनबीएफ़सी (आईडीएफ़-एनबीएफ़सी)

महोदय/ महोदया,

आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा

आधारभूत संरचना क्षेत्र को वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आईडीएफ़-एनबीएफ़सी को सक्षम बनाने और एनबीएफ़सी द्वारा आधारभूत संरचना को वित्तपोषण को नियंत्रित करनेवाले विनियमों को समानीकरण करने के लिए भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श करने के बाद आईडीएफ़-एनबीएफ़सी पर लागू दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है।

2. आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए संशोधित विनियामक ढांचा अनुबंध में दिया गया है। ये दिशानिर्देश इस परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे।

भवदीय,

(जे.पी.शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

आरबीआई/2023-24/54
विवि.एसआईजी.एफ़आईएन.आरईसी.31/03.10.001/2023-24

18 अगस्त 2023

सभी इंफ्रास्ट्रेंक्चर डेब्ट फंड-एनबीएफ़सी (आईडीएफ़-एनबीएफ़सी)

महोदय/ महोदया,

आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए विनियामक ढांचे की समीक्षा

आधारभूत संरचना क्षेत्र को वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आईडीएफ़-एनबीएफ़सी को सक्षम बनाने और एनबीएफ़सी द्वारा आधारभूत संरचना को वित्तपोषण को नियंत्रित करनेवाले विनियमों को समानीकरण करने के लिए भारत सरकार के साथ विचार-विमर्श करने के बाद आईडीएफ़-एनबीएफ़सी पर लागू दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है।

2. आईडीएफ़-एनबीएफ़सी के लिए संशोधित विनियामक ढांचा अनुबंध में दिया गया है। ये दिशानिर्देश इस परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे।

भवदीय,

(जे.पी.शर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

अगस्त 18, 2023
समान मासिक किस्तों (ईएमआई) आधारित व्यक्तिगत ऋण पर अस्थायी (फ्लोटिंग) ब्याज दर का पुनर्निर्धारण

संदर्भ.संख्या एमपीडी.बीसी.244/07.01.279/2003-04 5 नवंबर 2003 कार्तिक 14, 1925 (सं) सभी प्राथमिक डीलर महोदय प्राथमिक डीलरों की कॉल/नोटिस मनी मार्केट तक पहुंच कृपया गवर्नर के पत्र सं एमपीडी.बीसी.241/07.01.279/2003-04 दिनांक 3 नवंबर 2003 के साथ संलग्न वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा पर उनके वक्तव्य के पैराग्राफ 62 और 63 (पैराग्राफ की प्रति संलग्न) देखें। 2. यह पुनर्स्मरण किया जाए कि अप्रैल 2002 के वार्षिक नीति वक्तव्य के बाद, जुलाई 2002 में यह

संदर्भ.संख्या एमपीडी.बीसी.244/07.01.279/2003-04 5 नवंबर 2003 कार्तिक 14, 1925 (सं) सभी प्राथमिक डीलर महोदय प्राथमिक डीलरों की कॉल/नोटिस मनी मार्केट तक पहुंच कृपया गवर्नर के पत्र सं एमपीडी.बीसी.241/07.01.279/2003-04 दिनांक 3 नवंबर 2003 के साथ संलग्न वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा पर उनके वक्तव्य के पैराग्राफ 62 और 63 (पैराग्राफ की प्रति संलग्न) देखें। 2. यह पुनर्स्मरण किया जाए कि अप्रैल 2002 के वार्षिक नीति वक्तव्य के बाद, जुलाई 2002 में यह

अगस्त 10, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

आरबीआई/2023-24/52
विवि.आरईटी.आरईसी.29/12.01.001/2023-24    

10 अगस्त 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक /
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के अंतर्गत, सभी अनुसूचित बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक में निवल मांग और आवधिक देयताओं (एनडीटीएल) का 4.50 प्रतिशत नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना आवश्यक है।

2. वर्तमान तरलता स्थितियों की समीक्षा करने पर, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1ए) के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को 12 अगस्त 2023 से प्रारम्भ होने वाले पखवाड़े से 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच एनडीटीएल में वृद्धि पर 10 प्रतिशत का वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) भारतीय रिज़र्व बैंक में बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। आई-सीआरआर की समीक्षा 8 सितंबर 2023 या उससे पहले की जाएगी।

3. संबंधित अधिसूचना दिनांक 10 अगस्त 2023, विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24 की प्रति संलग्न की गई है।

भवदीय,

(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक

विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24

10 अगस्त 2023

अधिसूचना

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) को-ऑपरेटिव बैंक/सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक, 12 अगस्त 2023 से शुरू होने वाले पखवाड़े से भारतीय रिजर्व बैंक में निम्नलिखित को बनाए रखेंगे:

धारा 42 की उपधारा (1) के अंतर्गत बनाए रखने के लिए आवश्यक औसत दैनिक शेष के अलावा अतिरिक्त औसत दैनिक शेष; और

ऐसे अतिरिक्त औसत दैनिक शेष की राशि 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच निवल मांग और आवधिक देयताओं में वृद्धि के 10 प्रतिशत से कम नहीं होगी।

(जयंत कुमार दाश)
कार्यपालक निदेशक

आरबीआई/2023-24/52
विवि.आरईटी.आरईसी.29/12.01.001/2023-24    

10 अगस्त 2023

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक /
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 - धारा 42(1ए) - अतिरिक्त सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) के अंतर्गत, सभी अनुसूचित बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक में निवल मांग और आवधिक देयताओं (एनडीटीएल) का 4.50 प्रतिशत नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना आवश्यक है।

2. वर्तमान तरलता स्थितियों की समीक्षा करने पर, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1ए) के अंतर्गत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को 12 अगस्त 2023 से प्रारम्भ होने वाले पखवाड़े से 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच एनडीटीएल में वृद्धि पर 10 प्रतिशत का वृद्धिशील सीआरआर (आई-सीआरआर) भारतीय रिज़र्व बैंक में बनाए रखने का निर्णय लिया गया है। आई-सीआरआर की समीक्षा 8 सितंबर 2023 या उससे पहले की जाएगी।

3. संबंधित अधिसूचना दिनांक 10 अगस्त 2023, विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24 की प्रति संलग्न की गई है।

भवदीय,

(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक

विवि.आरईटी.आरईसी.30/12.01.001/2023-24

10 अगस्त 2023

अधिसूचना

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/सभी अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) को-ऑपरेटिव बैंक/सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक, 12 अगस्त 2023 से शुरू होने वाले पखवाड़े से भारतीय रिजर्व बैंक में निम्नलिखित को बनाए रखेंगे:

धारा 42 की उपधारा (1) के अंतर्गत बनाए रखने के लिए आवश्यक औसत दैनिक शेष के अलावा अतिरिक्त औसत दैनिक शेष; और

ऐसे अतिरिक्त औसत दैनिक शेष की राशि 19 मई 2023 और 28 जुलाई 2023 के बीच निवल मांग और आवधिक देयताओं में वृद्धि के 10 प्रतिशत से कम नहीं होगी।

(जयंत कुमार दाश)
कार्यपालक निदेशक

जुलाई 24, 2023
यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन: यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 02 प्रविष्टियों में संशोधन

भा.रि.बैंक/2023-24/50 विवि.एएमएल.आरईसी.26/14.06.001/2023-24 24 जुलाई 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन: यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 02 प्रविष्टियों में संशोधन

भा.रि.बैंक/2023-24/50 विवि.एएमएल.आरईसी.26/14.06.001/2023-24 24 जुलाई 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन: यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 02 प्रविष्टियों में संशोधन

जुलाई 18, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में “नोंगह्यूप बैंक” को शामिल करना

भा.रि.बैं/2023-24/49
विवि.आरईटी.आरईसी.25/12.07.160/2023-24

18 जुलाई 2023

सभी बैंक

महोदया / प्रिय महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में “नोंगह्यूप बैंक” को शामिल करना

हम यह सूचित करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में “नोंगह्यूप बैंक” को 15 जुलाई - 21 जुलाई, 2023 के भारत के राजपत्र (भाग III - खंड 4) में प्रकाशित 20 जून 2023 की अधिसूचना विवि.एलआईसी.सं.S1568/23.13.164/2023-24 के द्वारा शामिल किया गया है।

भवदीय,

(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक

भा.रि.बैं/2023-24/49
विवि.आरईटी.आरईसी.25/12.07.160/2023-24

18 जुलाई 2023

सभी बैंक

महोदया / प्रिय महोदय,

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में “नोंगह्यूप बैंक” को शामिल करना

हम यह सूचित करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में “नोंगह्यूप बैंक” को 15 जुलाई - 21 जुलाई, 2023 के भारत के राजपत्र (भाग III - खंड 4) में प्रकाशित 20 जून 2023 की अधिसूचना विवि.एलआईसी.सं.S1568/23.13.164/2023-24 के द्वारा शामिल किया गया है।

भवदीय,

(ब्रिज राज)
मुख्य महाप्रबंधक

जुलाई 04, 2023
सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए का कार्यान्वयन: नामित सूची (संशोधन)

भा.रि.बैंक/2023-24/48 विवि.एएमएल.आरईसी.24/14.06.001/2023-24 04 जुलाई 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय

भा.रि.बैंक/2023-24/48 विवि.एएमएल.आरईसी.24/14.06.001/2023-24 04 जुलाई 2023 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय

जुलाई 04, 2023
सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए का कार्यान्वयन: नामित सूची (समेकित)

RBI/2023-24/47 DOR.AML.REC.23/14.06.001/2023-24 July 04, 2023 The Chairpersons/ CEOs of all the Regulated Entities Madam/Dear Sir, Implementation of Section 12A of the Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Act, 2005: Designated List (Consolidated) Please refer to Section 52 and Section 53 of our Master Direction on Know Your Customer dated February 25, 2016 as amended on May 04, 2023 (MD on KYC), in terms of which

RBI/2023-24/47 DOR.AML.REC.23/14.06.001/2023-24 July 04, 2023 The Chairpersons/ CEOs of all the Regulated Entities Madam/Dear Sir, Implementation of Section 12A of the Weapons of Mass Destruction and their Delivery Systems (Prohibition of Unlawful Activities) Act, 2005: Designated List (Consolidated) Please refer to Section 52 and Section 53 of our Master Direction on Know Your Customer dated February 25, 2016 as amended on May 04, 2023 (MD on KYC), in terms of which

जून 23, 2023
महत्वपूर्ण बेंचमार्क के रूप में माइफॉर की स्थिति
आरबीआई/2023-24/46 विबाविवि.एफएमएसडी.03/03.07.25/2023-24 23 जून, 2023 प्रति सभी वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक महोदया/महोदय, महत्वपूर्ण बेंचमार्क के रूप में माइफॉर की स्थिति कृपया आरबीआई द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 01 जनवरी, 2020 और 01 दिसंबर, 2022 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ वित्तीय बेंचमार्कस् इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा प्रशासित वित्तीय बेंचमार्क अर्थात मुंबई इंटरबैंक फॉरवर्ड आउटराइट रेट (एमआईएफओआर) और आशोधित मुंबई इंटरबैंक फॉरवर्ड आउट
आरबीआई/2023-24/46 विबाविवि.एफएमएसडी.03/03.07.25/2023-24 23 जून, 2023 प्रति सभी वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक महोदया/महोदय, महत्वपूर्ण बेंचमार्क के रूप में माइफॉर की स्थिति कृपया आरबीआई द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 01 जनवरी, 2020 और 01 दिसंबर, 2022 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ वित्तीय बेंचमार्कस् इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एफबीआईएल) द्वारा प्रशासित वित्तीय बेंचमार्क अर्थात मुंबई इंटरबैंक फॉरवर्ड आउटराइट रेट (एमआईएफओआर) और आशोधित मुंबई इंटरबैंक फॉरवर्ड आउट
जून 22, 2023
उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) को विप्रेषण
भा.रि.बैंक/2023-24/45 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 06 22 जून 2023 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदय/महोदया उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) को विप्रेषण प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान "उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) को प्रेषण" विषय पर 16 फरवरी 2021 के ए. पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र संख्या 11 और 26 अप्रैल 2023 के ए. पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र संख्य
भा.रि.बैंक/2023-24/45 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 06 22 जून 2023 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदय/महोदया उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) को विप्रेषण प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान "उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत भारत में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) को प्रेषण" विषय पर 16 फरवरी 2021 के ए. पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र संख्या 11 और 26 अप्रैल 2023 के ए. पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र संख्य
जून 15, 2023
राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना 2023-24
भा.रि.बैंक/2023-24/44 आईडीएमडी.सीडीडी.सं.एस650/14.04.050/2023-24 15 जून 2023 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (संलग्न सूची के अनुसार),नामित डाक घर (संलग्न सूची के अनुसार) स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेडभारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड। महोदया/महोदय, राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना 2023-24 भारत सरकार ने 14 जून 2023 की अधिसूचना सं. एफ़.संख्या 4.(6)-बी (डबल्यू&एम)/2023 के माध्यम से राजकीय स्‍वर्ण बॉ
भा.रि.बैंक/2023-24/44 आईडीएमडी.सीडीडी.सं.एस650/14.04.050/2023-24 15 जून 2023 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (संलग्न सूची के अनुसार),नामित डाक घर (संलग्न सूची के अनुसार) स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेडभारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड। महोदया/महोदय, राजकीय स्वर्ण बॉन्ड (एसजीबी) योजना 2023-24 भारत सरकार ने 14 जून 2023 की अधिसूचना सं. एफ़.संख्या 4.(6)-बी (डबल्यू&एम)/2023 के माध्यम से राजकीय स्‍वर्ण बॉ
जून 14, 2023
ICEGATE भुगतान गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण के लिए एजेंसी कमीशन
आरबीआई/2023-24/43 सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.एस 295/31-12-010/2023-2024 14 जून 2023 सभी एजेंसी बैंक महोदया/ महोदय ICEGATE भुगतान गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण के लिए एजेंसी कमीशन कृपया एजेंसी कमीशन का दावा करने से संबंधित एजेंसी बैंको द्वारा सरकारी कारोबार के संचालन पर दिनांक 1 अप्रैल 2023 के हमारे मास्टर परिपत्र - एजेंसी कमीशन का भुगतान के पैरा 21 का संदर्भ देखें। 2. चूंकि ICEGATE (CEP) भुगतान गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण से संबंधित कुछ ले
आरबीआई/2023-24/43 सीओ.डीजीबीए.जीबीडी.सं.एस 295/31-12-010/2023-2024 14 जून 2023 सभी एजेंसी बैंक महोदया/ महोदय ICEGATE भुगतान गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण के लिए एजेंसी कमीशन कृपया एजेंसी कमीशन का दावा करने से संबंधित एजेंसी बैंको द्वारा सरकारी कारोबार के संचालन पर दिनांक 1 अप्रैल 2023 के हमारे मास्टर परिपत्र - एजेंसी कमीशन का भुगतान के पैरा 21 का संदर्भ देखें। 2. चूंकि ICEGATE (CEP) भुगतान गेटवे के माध्यम से अप्रत्यक्ष करों के संग्रहण से संबंधित कुछ ले
जून 08, 2023
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी लक्ष्य / उप-लक्ष्य और पीएसएल लक्ष्यों को प्राप्त करने में कमी के प्रति अंशदान – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) – समयावधि में विस्तार
भारिबै/2023-24/42 विवि.सीआरई.आरईसी.18/07.10.002/2023-24 08 जून 2023 वेतन अर्जक बैंकों के अलावा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी लक्ष्य / उप-लक्ष्य और पीएसएल लक्ष्यों को प्राप्त करने में कमी के प्रति अंशदान – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) – समयावधि में विस्तार कृपया दिनांक 13 मार्च 2020 के परिपत्र डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि. सं.10/13.05.000/2019-201 के पैरा 3 और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएस
भारिबै/2023-24/42 विवि.सीआरई.आरईसी.18/07.10.002/2023-24 08 जून 2023 वेतन अर्जक बैंकों के अलावा प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी लक्ष्य / उप-लक्ष्य और पीएसएल लक्ष्यों को प्राप्त करने में कमी के प्रति अंशदान – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) – समयावधि में विस्तार कृपया दिनांक 13 मार्च 2020 के परिपत्र डीओआर (पीसीबी).बीपीडी.परि. सं.10/13.05.000/2019-201 के पैरा 3 और प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएस
जून 08, 2023
डिजिटल उधार में डिफॉल्ट लॉस गारंटी (डीएलजी) पर दिशानिर्देश
आरबीआई/2023-24/41 विवि.सीआरई.आरईसी.21/21.07.001/2023-24 08 जून, 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक सहित) प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक, केंद्रीय सहकारी बैंक; और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियां सहित) महोदया/महोदय डिजिटल उधार में डिफॉल्ट लॉस गारंटी (डीएलजी) पर दिशानिर्देश 10 अगस्त, 2022 को जारी आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति “डिजिटल ऋण पर कार्य दल की सिफ़ारिशें – कार्यान्वयन” के अनुबंध-II की धारा सी के पैरा (3.4.3.1) का संदर्भ दिया जाता
आरबीआई/2023-24/41 विवि.सीआरई.आरईसी.21/21.07.001/2023-24 08 जून, 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक सहित) प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक, केंद्रीय सहकारी बैंक; और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (आवास वित्त कंपनियां सहित) महोदया/महोदय डिजिटल उधार में डिफॉल्ट लॉस गारंटी (डीएलजी) पर दिशानिर्देश 10 अगस्त, 2022 को जारी आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति “डिजिटल ऋण पर कार्य दल की सिफ़ारिशें – कार्यान्वयन” के अनुबंध-II की धारा सी के पैरा (3.4.3.1) का संदर्भ दिया जाता
जून 08, 2023
समझौता निपटान और तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालने (राइट-ऑफ) के लिए रूपरेखा
आरबीआई/2023-24/40 विवि.एसटीआर.आरईसी.20/21.04.048/2023-24 08 जून 2023 वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित) महोदया/महोदय, समझौता निपटान और तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालने (राइट-ऑफ) के लिए रूपरेखा भारतीय रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं (आरई) को दबावग्रस्त खातों से संबंध
आरबीआई/2023-24/40 विवि.एसटीआर.आरईसी.20/21.04.048/2023-24 08 जून 2023 वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक / केंद्रीय सहकारी बैंक अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों सहित) महोदया/महोदय, समझौता निपटान और तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालने (राइट-ऑफ) के लिए रूपरेखा भारतीय रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं (आरई) को दबावग्रस्त खातों से संबंध
जून 08, 2023
शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए शाखा प्राधिकरण नीति का युक्तिकरण
भारिबै/2023-24/39 विवि.आरईजी.सं.19/07.01.000/2023-24 जून 08, 2023 प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (वेतन अर्जक बैंकों को छोड़कर) महोदया / महोदय शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए शाखा प्राधिकरण नीति का युक्तिकरण यूसीबी को वित्तीय रूप से सक्षम और सुप्रबंधित (एफ़एसडबल्यूएम) रूप में वर्गीकृत करने के लिए संशोधित मानदंड निर्धारित करने हेतु आरबीआई द्वारा दिनांक 01 दिसंबर 2022 को ‘’वित्तीय रूप से सक्षम और सुप्रबंधित” (एफ़एसडबल्यूएम) रूप में
भारिबै/2023-24/39 विवि.आरईजी.सं.19/07.01.000/2023-24 जून 08, 2023 प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (वेतन अर्जक बैंकों को छोड़कर) महोदया / महोदय शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए शाखा प्राधिकरण नीति का युक्तिकरण यूसीबी को वित्तीय रूप से सक्षम और सुप्रबंधित (एफ़एसडबल्यूएम) रूप में वर्गीकृत करने के लिए संशोधित मानदंड निर्धारित करने हेतु आरबीआई द्वारा दिनांक 01 दिसंबर 2022 को ‘’वित्तीय रूप से सक्षम और सुप्रबंधित” (एफ़एसडबल्यूएम) रूप में

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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