प्रेस प्रकाशनियां
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
अक्तूबर 2025 माह के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत कार्य-निष्पादन का विश्लेषण किया गया है, और उसका सारांश नीचे दिया गया है
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए निम्नलिखित निदेशों के मसौदे जारी किए हैं: 1. भारतीय रिज़र्व बैंक (पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा i) भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा ii) भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए निम्नलिखित निदेशों के मसौदे जारी किए हैं: 1. भारतीय रिज़र्व बैंक (पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा i) भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा ii) भारतीय रिज़र्व बैंक (लघु वित्त बैंक - पूंजी बाजार एक्सपोज़र) निदेश, 2025 का मसौदा
दिनांक 29 जुलाई 2025 के उपर्युक्त निदेशों के पैरा 7(बी) के अनुसार, यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक, भारत सरकार के परामर्श से, एक अधिसूचना द्वारा, कतिपय वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को उपरोक्त निदेशों (पैराग्राफ 5 - "सामान्य आवश्यकता" को छोड़कर) और इसी संबंध में जारी 19 दिसंबर 2023 और 27 मार्च 2024 के पिछले परिपत्रों के दायरे से छूट दे सकता है।
दिनांक 29 जुलाई 2025 के उपर्युक्त निदेशों के पैरा 7(बी) के अनुसार, यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक, भारत सरकार के परामर्श से, एक अधिसूचना द्वारा, कतिपय वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को उपरोक्त निदेशों (पैराग्राफ 5 - "सामान्य आवश्यकता" को छोड़कर) और इसी संबंध में जारी 19 दिसंबर 2023 और 27 मार्च 2024 के पिछले परिपत्रों के दायरे से छूट दे सकता है।
रिज़र्व बैंक का अपने विनियामक ढांचे को अनुकूलतम बनाने के लिए निरंतर प्रयास रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विनियामक बोझ और अनुपालन लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही मौजूदा अनुदेशों की वैधता का समय पर पुनर्मूल्यांकन भी किया गया है।
रिज़र्व बैंक का अपने विनियामक ढांचे को अनुकूलतम बनाने के लिए निरंतर प्रयास रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ विनियामक बोझ और अनुपालन लागत को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही मौजूदा अनुदेशों की वैधता का समय पर पुनर्मूल्यांकन भी किया गया है।
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज निम्नलिखित निदेशों का मसौदा जारी किया: क. भारतीय रिज़र्व बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - ऋण संबंधी जोखिम के लिए पूंजी प्रभार - मानकीकृत दृष्टिकोण) निदेश, 2025 का मसौदा प्रस्तावित निदेश, बैंकिंग पर्यवेक्षण बासेल समिति (बीसीबीएस) द्वारा कार्यान्वित वैश्विक सुधारों के प्रमुख तत्वों में से एक को भारतीय संदर्भ के अनुरूप लागू करने
दिनांक 1 अक्तूबर 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज निम्नलिखित निदेशों का मसौदा जारी किया: क. भारतीय रिज़र्व बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक - ऋण संबंधी जोखिम के लिए पूंजी प्रभार - मानकीकृत दृष्टिकोण) निदेश, 2025 का मसौदा प्रस्तावित निदेश, बैंकिंग पर्यवेक्षण बासेल समिति (बीसीबीएस) द्वारा कार्यान्वित वैश्विक सुधारों के प्रमुख तत्वों में से एक को भारतीय संदर्भ के अनुरूप लागू करने
दिनांक 8 दिसंबर 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्यमें की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा संबंधित पक्षों को उधार देने संबंधी निम्नलिखित विनियामक ढांचा के मसौदे जारी किए हैं, जिन पर जन सामान्य से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं:
दिनांक 8 दिसंबर 2023 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्यमें की गई घोषणा के अनुसरण में, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा संबंधित पक्षों को उधार देने संबंधी निम्नलिखित विनियामक ढांचा के मसौदे जारी किए हैं, जिन पर जन सामान्य से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं:
रिज़र्व बैंक ने 19 जून 2024 को ‘एनबीएफसी के लिए स्व-विनियामक संगठनों (एसआरओ) की मान्यता हेतु आवेदन आमंत्रित करना' संबंधी एक प्रेस प्रकाशनी जारी की थी, जिसमें एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एसआरओ को मान्यता प्रदान करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे। 2. हमें एनबीएफसी के लिए एसआरओ के
रिज़र्व बैंक ने 19 जून 2024 को ‘एनबीएफसी के लिए स्व-विनियामक संगठनों (एसआरओ) की मान्यता हेतु आवेदन आमंत्रित करना' संबंधी एक प्रेस प्रकाशनी जारी की थी, जिसमें एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एसआरओ को मान्यता प्रदान करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे। 2. हमें एनबीएफसी के लिए एसआरओ के
सितंबर 2025 के महीने के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत निष्पादन का विश्लेषण किया गया है और उसका सारांश नीचे दिया गया है – विवरण आवेदनों की सं. ए महीने की शुरुआत में लंबित आवेदन 3,124 बी माह के दौरान प्राप्त आवेदन 23,548 सी अतिरिक्त जानकारी के लिए आवेदकों को वापस भेजा गया 346 डी कुल (ए+बी-सी) 26,326
सितंबर 2025 के महीने के दौरान नागरिक चार्टर के अंतर्गत निष्पादन का विश्लेषण किया गया है और उसका सारांश नीचे दिया गया है – विवरण आवेदनों की सं. ए महीने की शुरुआत में लंबित आवेदन 3,124 बी माह के दौरान प्राप्त आवेदन 23,548 सी अतिरिक्त जानकारी के लिए आवेदकों को वापस भेजा गया 346 डी कुल (ए+बी-सी) 26,326
रिज़र्व बैंक ने निरसन हेतु एनबीएफसी (एचएफसी सहित) द्वारा पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) के स्वैच्छिक अभ्यर्पण पर दिनांक 1 दिसंबर 2022 को एक प्रेस प्रकाशनी जारी की थी, जिसमें आवेदन फॉर्म और सांकेतिक जांच सूची संलग्न थी। रिज़र्व बैंक ने 28 मई 2024 को प्रवाह पोर्टल का लोकार्पण किया है, ताकि किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिए विभिन्न विनियामकीय अनुमोदन और निकासी के लिए सहजता
रिज़र्व बैंक ने निरसन हेतु एनबीएफसी (एचएफसी सहित) द्वारा पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) के स्वैच्छिक अभ्यर्पण पर दिनांक 1 दिसंबर 2022 को एक प्रेस प्रकाशनी जारी की थी, जिसमें आवेदन फॉर्म और सांकेतिक जांच सूची संलग्न थी। रिज़र्व बैंक ने 28 मई 2024 को प्रवाह पोर्टल का लोकार्पण किया है, ताकि किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिए विभिन्न विनियामकीय अनुमोदन और निकासी के लिए सहजता
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त कर दिया है:
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त कर दिया है: