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अक्‍तूबर 27, 2008
भारत में आयात के लिए व्यापार
ऋण- समग्र लागत सीमा की पुनरीक्षा
*ग़ख्र्ड्ढ आरबीआई/2008-09/251 एपी(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 27 27 अक्तूबर 2008सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंकमहोदय/महोदयाभारत में आयात के लिए व्यापार ऋण- समग्र लागत सीमा की पुनरीक्षासभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंकों का ध्यान, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण की समग्र लागत सीमा से संबंधित 28 मई 2008 के एपी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 42 की ओर आकर्षित करते हैं ।2. चूंकि घरेलू आयातक, अंतरराष्ट्रीय ऋण बाजारों में दुर्लभ नकदी स्थिति को देखते हुए मौजूदा समग्र लागत
*ग़ख्र्ड्ढ आरबीआई/2008-09/251 एपी(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 27 27 अक्तूबर 2008सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंकमहोदय/महोदयाभारत में आयात के लिए व्यापार ऋण- समग्र लागत सीमा की पुनरीक्षासभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंकों का ध्यान, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण की समग्र लागत सीमा से संबंधित 28 मई 2008 के एपी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 42 की ओर आकर्षित करते हैं ।2. चूंकि घरेलू आयातक, अंतरराष्ट्रीय ऋण बाजारों में दुर्लभ नकदी स्थिति को देखते हुए मौजूदा समग्र लागत
अक्‍तूबर 22, 2008
बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण
आरबीआइ/2008-09/245 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.26 22 अक्तूबर 2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदय/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 21 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.60 , 7 अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 , 29 मई 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 , 22 सितंब
आरबीआइ/2008-09/245 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.26 22 अक्तूबर 2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदय/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 21 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.60 , 7 अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 , 29 मई 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 , 22 सितंब
अक्‍तूबर 16, 2008
भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकॉल्स
–्र॰ख्र्ड्ढ–ख्र्×न्न्/2007-08/337आरबीआइ 2008-09/236 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 24 16 अक्तूबर 2008सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदयभारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकॉल्सप्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 26 सितंबर 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 18 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें 17 सितंबर 2008 से विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 60.0186 रुपये दर्शाया गया था।2. प्राधिकृत
–्र॰ख्र्ड्ढ–ख्र्×न्न्/2007-08/337आरबीआइ 2008-09/236 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 24 16 अक्तूबर 2008सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदयभारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकॉल्सप्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 26 सितंबर 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 18 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें 17 सितंबर 2008 से विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 60.0186 रुपये दर्शाया गया था।2. प्राधिकृत
अक्‍तूबर 14, 2008
एक्जिम बैंक की 64.07 मिलियन अमरीकी डॉलर की म्यांमा विदेशी व्यापार बैंक,म्यांमार को ऋण सहायता
आरबीआई/2008-09/221 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.21 14 अक्तूबर 2008 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया एक्जिम बैंक की 64.07 मिलियन अमरीकी डॉलर की म्यांमा विदेशी व्यापार बैंक,म्यांमार को ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने म्यांमा विदेशी व्यापार बैंक , म्यांमार को 24 जून 2008 को हुए ऋण करार के तहत तीन ट्रांसमिशन लाइनों अर्थात् पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा म्यांमार में स्थापित की जाने वाली थाटे चौंग -ओक्षिपिटिन 230 किलोवाट, थाट
आरबीआई/2008-09/221 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.21 14 अक्तूबर 2008 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया एक्जिम बैंक की 64.07 मिलियन अमरीकी डॉलर की म्यांमा विदेशी व्यापार बैंक,म्यांमार को ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने म्यांमा विदेशी व्यापार बैंक , म्यांमार को 24 जून 2008 को हुए ऋण करार के तहत तीन ट्रांसमिशन लाइनों अर्थात् पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा म्यांमार में स्थापित की जाने वाली थाटे चौंग -ओक्षिपिटिन 230 किलोवाट, थाट
अक्‍तूबर 14, 2008
म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआई/2008-09/222 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.22 14 अक्तूबर 2008 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक के साथ म्यांमार स्थित एक एल्युमिनियम कंडक्टर स्टील रिइनफोर्सड(एसीएसआर) वायर विनिर्माण फैक्टरी, जिसकी एसीएसआर की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता 10,000 टन और गैलवनाइज्ड आयरन वायर 4000 टन होगी, के लिए भारत
आरबीआई/2008-09/222 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.22 14 अक्तूबर 2008 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने म्यांमार फॉरेन ट्रेड बैंक के साथ म्यांमार स्थित एक एल्युमिनियम कंडक्टर स्टील रिइनफोर्सड(एसीएसआर) वायर विनिर्माण फैक्टरी, जिसकी एसीएसआर की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता 10,000 टन और गैलवनाइज्ड आयरन वायर 4000 टन होगी, के लिए भारत
अक्‍तूबर 08, 2008
बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण
आरबीआइ/2008-09/210 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.20 22 अक्तूबर 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदय/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 7 अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 , 29 मई 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 और 22 सितंबर 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.16 की ओर आकर्षित
आरबीआइ/2008-09/210 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.20 22 अक्तूबर 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदय/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 7 अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 , 29 मई 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 और 22 सितंबर 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.16 की ओर आकर्षित
अक्‍तूबर 01, 2008
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008
अधिसूचना सं.फेमा 181/आरबी - 2008 अक्तूबर 1, 2008   विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008   विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 (जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004)
अधिसूचना सं.फेमा 181/आरबी - 2008 अक्तूबर 1, 2008   विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008   विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 (जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004)
सितंबर 26, 2008
भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय)व्यापार समझौते
आरबीआइ 2008-09/195 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 18 26 सितंबर, 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय)व्यापार समझौते प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 21 अगस्त 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 10 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें जिसमें 12 अगस्त 2008 से विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 60.4392 रुपये नियत किया गया था। 2. प्राधिकृत व्यापारी श
आरबीआइ 2008-09/195 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 18 26 सितंबर, 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय भारत सरकार और पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच 30 अप्रैल 1981 तथा 23 दिसंबर 1985 के आस्थगित भुगतान (राजकीय)व्यापार समझौते प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 21 अगस्त 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 10 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें जिसमें 12 अगस्त 2008 से विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 60.4392 रुपये नियत किया गया था। 2. प्राधिकृत व्यापारी श
सितंबर 23, 2008
विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008
आरबीआइ/2008-09/192 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.17 23 सितंबर , 2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदय/महोदय विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , भारत सरकार , वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग की 15 फरवरी 2008 की अधिसूचना जी.एस.आर. 89(ङ) ,जिसकी एक प्रति संलग्न है, द्वारा अधिसूचित विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. तद्नुसार , भारतीय कंपनिय
आरबीआइ/2008-09/192 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.17 23 सितंबर , 2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदय/महोदय विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008 सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान , भारत सरकार , वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग की 15 फरवरी 2008 की अधिसूचना जी.एस.आर. 89(ङ) ,जिसकी एक प्रति संलग्न है, द्वारा अधिसूचित विदेशी मुदा विनिमेय बॉण्ड निर्गम योजना 2008 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. तद्नुसार , भारतीय कंपनिय
सितंबर 08, 2008
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 - सेवाओं के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण
आरबीआई/2008-09/158 एपी (डी आईआर सिरीज़)परिपत्र सं.15 08 सितंबर, 2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदय / महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 - सेवाओं के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 06 जनवरी 2003एपी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.65 के पैराग्राफ 3 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के लिए अपेक्षित था कि वे भारत को आयात सेवाओं के लिए 100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल
आरबीआई/2008-09/158 एपी (डी आईआर सिरीज़)परिपत्र सं.15 08 सितंबर, 2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदय / महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 - सेवाओं के आयात के लिए अग्रिम विप्रेषण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 06 जनवरी 2003एपी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.65 के पैराग्राफ 3 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों के लिए अपेक्षित था कि वे भारत को आयात सेवाओं के लिए 100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल

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