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मई 29, 2008
बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरण
–्र॰ख्र्ड्ढ–ख्र्×न्न्/2007-08/337आरबीआई/2007-08/339 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 29 मई 2008श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक नहोदया/महोदयबाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरणश्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान , बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 21 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.60और 7अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2 समीक्षा
–्र॰ख्र्ड्ढ–ख्र्×न्न्/2007-08/337आरबीआई/2007-08/339 ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 29 मई 2008श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक नहोदया/महोदयबाह्य वाणिज्यिक उधार नीति में उदारीकरणश्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान , बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 21 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.60और 7अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2 समीक्षा
मई 28, 2008
भारत में आनेवाले आयातों के लिए व्यापार ऋण-समग्र-लागत सीमा की समीक्षा
आरबीआइ /2007-08/337आरबीआइ /2007-08/337 ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.42 28 मई 2008श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदयभारत में आनेवाले आयातों के लिए व्यापार ऋण-समग्र-लागत सीमा की समीक्षाश्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान , भारत में आनेवाले आयातों के लिए व्यापार ऋण-समग्र-लागत सीमा की समीक्षा से संबंधित 17 अप्रैल 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.87 के पैरा 6 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2 मौजूदा समय में, एक वर्ष तक के
आरबीआइ /2007-08/337आरबीआइ /2007-08/337 ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.42 28 मई 2008श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदयभारत में आनेवाले आयातों के लिए व्यापार ऋण-समग्र-लागत सीमा की समीक्षाश्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान , भारत में आनेवाले आयातों के लिए व्यापार ऋण-समग्र-लागत सीमा की समीक्षा से संबंधित 17 अप्रैल 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.87 के पैरा 6 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2 मौजूदा समय में, एक वर्ष तक के
अप्रैल 28, 2008
पण्य मंडियों(कॉमोडिटी एक्सचेंजों) में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन
आरबीआइ/2007-08/303ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.41अप्रैल 28, 2008सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया / महोदयपण्य मंडियों(कॉमोडिटी एक्सचेंजों) में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधनप्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित क
आरबीआइ/2007-08/303ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.41अप्रैल 28, 2008सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया / महोदयपण्य मंडियों(कॉमोडिटी एक्सचेंजों) में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधनप्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित क
अप्रैल 28, 2008
भारत में क्रियान्वित की जानेवाली परियोजनाओं के लिए विदेशी मुद्रा में बोली लगाना
आरबीआइ/2007-08/300ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.39 अप्रैल 28,2008सेवा मेंसभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया/महोदय,भारत में क्रियान्वित की जानेवाली परियोजनाओं के लिए विदेशी मुद्रा में बोली लगाना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान भारत में क्रियान्वित की जानेवाली परियोजनाओं के लिए विदेशी मुद्रा में बोली लगाने से संबंधित नवंबर 25,2002 के हमारे ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 54 के संलग्नक की मद सं. 5 की ओर आकर्षित किया जाता है। इन अनुदेशों के अनुसार , भारत में निवास
आरबीआइ/2007-08/300ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.39 अप्रैल 28,2008सेवा मेंसभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया/महोदय,भारत में क्रियान्वित की जानेवाली परियोजनाओं के लिए विदेशी मुद्रा में बोली लगाना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान भारत में क्रियान्वित की जानेवाली परियोजनाओं के लिए विदेशी मुद्रा में बोली लगाने से संबंधित नवंबर 25,2002 के हमारे ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 54 के संलग्नक की मद सं. 5 की ओर आकर्षित किया जाता है। इन अनुदेशों के अनुसार , भारत में निवास
अप्रैल 28, 2008
क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन
आरबीआइ/2007-08/302 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.40 अप्रैल 28, 2008सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया/महोदयक्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावल,2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित किया जा
आरबीआइ/2007-08/302 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.40 अप्रैल 28, 2008सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया/महोदयक्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावल,2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित किया जा
अप्रैल 22, 2008
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल
आरबीआइ/2007-08/290 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.38 अप्रैल 22, 2008सेवा मेंसभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया/महोदय, भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान अप्रैल 4, 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.35 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य मार्च 24, 2008 से 60.5718 रुपये दर्शाया गया था।2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I ब
आरबीआइ/2007-08/290 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.38 अप्रैल 22, 2008सेवा मेंसभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया/महोदय, भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान अप्रैल 4, 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.35 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य मार्च 24, 2008 से 60.5718 रुपये दर्शाया गया था।2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I ब
अप्रैल 16, 2008
कच्चे कीमती और मध्यम कीमती रत्नों के आयात हेतु आयात बिलों/ दस्तावेजों की सीधे प्राप्ति - उदारीकरण
आरबीआइ/2007-08/284 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.37 अप्रैल 16, 2008सेवा मेंसभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय,कच्चे कीमती और मध्यम कीमती रत्नों के आयात हेतु आयात बिलों/ दस्तावेजों की सीधे प्राप्ति - उदारीकरणप्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I का ध्यान फरवरी 6, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.66 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों को उन आयातों के लिए प्रेषण अनुमति दी जाती है, जहां आयातक ने विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से सीधे आयात बिल/
आरबीआइ/2007-08/284 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.37 अप्रैल 16, 2008सेवा मेंसभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय,कच्चे कीमती और मध्यम कीमती रत्नों के आयात हेतु आयात बिलों/ दस्तावेजों की सीधे प्राप्ति - उदारीकरणप्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I का ध्यान फरवरी 6, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.66 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों को उन आयातों के लिए प्रेषण अनुमति दी जाती है, जहां आयातक ने विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से सीधे आयात बिल/
फ़रवरी 22, 2008
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008
Reserve Bank of Indiaभारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001.अधिसूचना सं.फेमा 175 /2008-आरबी दिनांक 22 फरवरी, 2008विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए,भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वार
Reserve Bank of Indiaभारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001.अधिसूचना सं.फेमा 175 /2008-आरबी दिनांक 22 फरवरी, 2008विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए,भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वार
जनवरी 28, 2008
म्यांमा फॉरेन टेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 60 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
आरबीआइ/2007-08/230 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26जनवरी 28,2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकमहोदया/महोदयम्यांमा फॉरेन टेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 60 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक ) ने मेसर्स भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स द्वारा म्यांमा में क्रियान्वित किए जानेवाले थाहतय चौंग हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के वित्तपोषण के लिए माल और सेवाओं के निर्यात के वित्तपोषण हेतु म्यांमा फॉरेन टेड बैंक के साथ अक्तूबर 29,2007 को उन्हें
आरबीआइ/2007-08/230 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26जनवरी 28,2008 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकमहोदया/महोदयम्यांमा फॉरेन टेड बैंक को एक्ज़िम बैंक की 60 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक ) ने मेसर्स भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स द्वारा म्यांमा में क्रियान्वित किए जानेवाले थाहतय चौंग हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के वित्तपोषण के लिए माल और सेवाओं के निर्यात के वित्तपोषण हेतु म्यांमा फॉरेन टेड बैंक के साथ अक्तूबर 29,2007 को उन्हें
जनवरी 25, 2008
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2008
भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 174/2008-आरबी दिनांक जनवरी 25, 2008 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2008 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा
भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 174/2008-आरबी दिनांक जनवरी 25, 2008 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2008 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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