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नव॰ 17, 2006
सेवा आयातकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना
आरबीआइ/2006-07/181 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.13 नवंबर 17, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, सेवा आयातकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उसमें बताए गए निर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैं
आरबीआइ/2006-07/181 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.13 नवंबर 17, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, सेवा आयातकों की ओर से बैंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उसमें बताए गए निर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैं
नव॰ 16, 2006
विदेशी प्रतिभूतियों में म्यूच्युअल फंडों द्वारा निवेश - उदारीकरण
आरबीआइ/2006-07/179 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.11 नवंबर 16, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी प्रतिभूतियों में म्यूच्युअल फंडों द्वारा निवेश - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 के विनियम 6आ और विनियम 26 और जुलाई 26, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.3 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. विदेशों में निवेश के अवसरों को बढ़ाने की दृष्टि से
आरबीआइ/2006-07/179 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.11 नवंबर 16, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी प्रतिभूतियों में म्यूच्युअल फंडों द्वारा निवेश - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 के विनियम 6आ और विनियम 26 और जुलाई 26, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.3 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. विदेशों में निवेश के अवसरों को बढ़ाने की दृष्टि से
नव॰ 16, 2006
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी राष्ट्रिकों को सुविधाएं - उदारीकरण
आरबीआइ/2006-07/180 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.12 नवंबर 16, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी राष्ट्रिकों को सुविधाएं - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2000 के विनियम सं. 4 और जनवरी 13, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिप
आरबीआइ/2006-07/180 ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.12 नवंबर 16, 2006 सेवा में सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी राष्ट्रिकों को सुविधाएं - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का विप्रेषण) विनियमावली, 2000 के विनियम सं. 4 और जनवरी 13, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिप
अग॰ 21, 2006
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2006
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय - मुंबई अधिसूचना सं.फेमा.150/2006-आरबी दिनांक: 21 अगस्त, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय - मुंबई अधिसूचना सं.फेमा.150/2006-आरबी दिनांक: 21 अगस्त, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली
जून 09, 2006
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2006
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.149/2006-आरबी दिनांक : 09 जून , 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग और 3 मई 2000 की अपनी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.149/2006-आरबी दिनांक : 09 जून , 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग और 3 मई 2000 की अपनी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्
मई 12, 2006
बाह्य वाणिज्यिक उधार - मान्यताप्राप्त उधारदाताओं के रूप में विदेशी कंपनी निकायों के संबंध में स्पष्टीकरण
आरबीआइ/2005-06/385 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.34 मई 12, 2006सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया/महोदय,बाह्य वाणिज्यिक उधार - मान्यताप्राप्त उधारदाताओं के रूप में विदेशी कंपनी निकायों के संबंध में स्पष्टीकरणप्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 16, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार वर्तमान विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली के तहत उपलब्ध विभिन्न मार्गों/ योजनाओं के अंतर्गत एक पात्र
आरबीआइ/2005-06/385 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.34 मई 12, 2006सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया/महोदय,बाह्य वाणिज्यिक उधार - मान्यताप्राप्त उधारदाताओं के रूप में विदेशी कंपनी निकायों के संबंध में स्पष्टीकरणप्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 16, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार वर्तमान विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली के तहत उपलब्ध विभिन्न मार्गों/ योजनाओं के अंतर्गत एक पात्र
अप्रैल 21, 2006
माल और सेवाओं का निर्यात - वसूली अवधि बढ़ाना
आरबीआइ/2005-06/371 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.31 अप्रैल 21, 2006सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया/महोदय माल और सेवाओं का निर्यात - वसूली अवधि बढ़ाना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान जनवरी 28, 2002 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उसमें निर्धारित शर्तों के अधीन 100,000 अमरीकी डॉलर तक के बीजक मूल्यवाले निर्यात प्राप्तियों की वसूली के लिए निर्यात की तारीख से निर्धारित अवधि से और आगे अव
आरबीआइ/2005-06/371 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.31 अप्रैल 21, 2006सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया/महोदय माल और सेवाओं का निर्यात - वसूली अवधि बढ़ाना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान जनवरी 28, 2002 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उसमें निर्धारित शर्तों के अधीन 100,000 अमरीकी डॉलर तक के बीजक मूल्यवाले निर्यात प्राप्तियों की वसूली के लिए निर्यात की तारीख से निर्धारित अवधि से और आगे अव
अप्रैल 21, 2006
विदेश में खोले गए शाखा कार्यालयों के लिए प्रारंभिक और आवर्ती व्यय का प्रेषण
आरबीआइ/2005-06/372 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.32 अप्रैल 21, 2006सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया/महोदयविदेश में खोले गए शाखा कार्यालयों के लिए प्रारंभिक और आवर्ती व्यय का प्रेषणप्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान जून 29, 2002 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.54 के साथ संलग्न दिसंबर 5, 2001 की अधिसूचना सं.फेमा 47/2001-आरबी के उप-विनियम 4अ की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को विदेश स्थित शाखा अथवा
आरबीआइ/2005-06/372 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.32 अप्रैल 21, 2006सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया/महोदयविदेश में खोले गए शाखा कार्यालयों के लिए प्रारंभिक और आवर्ती व्यय का प्रेषणप्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान जून 29, 2002 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.54 के साथ संलग्न दिसंबर 5, 2001 की अधिसूचना सं.फेमा 47/2001-आरबी के उप-विनियम 4अ की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को विदेश स्थित शाखा अथवा
मार्च 16, 2006
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदाएं)(संशोधन) विनियमावली, 2006
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 148/ आरबी-2007 दिनांक :16 मार्च 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदाएं)(संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 के उप-खंड (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा भारत में व्युत्पन्न संविदाएं) विनियमावली, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अध
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 148/ आरबी-2007 दिनांक :16 मार्च 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदाएं)(संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 के उप-खंड (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा भारत में व्युत्पन्न संविदाएं) विनियमावली, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अध
मार्च 16, 2006
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2006
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 147/आरबी-2006 दिनांक : 16 मार्च, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फ
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 147/आरबी-2006 दिनांक : 16 मार्च, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2006 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फ

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