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अप्रैल 25, 2005
स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
 आरबीआइ/2004-05/434 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.40 अप्रैल 25, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली योग्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों की बाह्य वाणिज्यिक उधार तक पहुंच के संबंध में 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की ओर आकर्षित कि
 आरबीआइ/2004-05/434 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.40 अप्रैल 25, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली योग्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों की बाह्य वाणिज्यिक उधार तक पहुंच के संबंध में 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की ओर आकर्षित कि
अप्रैल 01, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी   01 अप्रैल, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी   01 अप्रैल, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्र
मार्च 31, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग समुद्रपारीय निवेश प्रभाग अधिसूचना सं.फेमा.132/2005-आरबी दिनांक: 31 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा उसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं.19/आरबी-2000) में आंशिक संशोधन
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग समुद्रपारीय निवेश प्रभाग अधिसूचना सं.फेमा.132/2005-आरबी दिनांक: 31 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा उसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं.19/आरबी-2000) में आंशिक संशोधन
मार्च 31, 2005
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजना
 आरबीआइ/2004-05/402 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38 मार्च 31, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रू
 आरबीआइ/2004-05/402 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38 मार्च 31, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रू
मार्च 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.131/2005-आरबी  दिनांक :17 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.131/2005-आरबी  दिनांक :17 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय
मार्च 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.130/2005-आरबी दिनांक 17 मार्च,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैं
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.130/2005-आरबी दिनांक 17 मार्च,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैं
मार्च 15, 2005
पॉवर ऑफ एटर्नी धारक निवासी द्वारा अनिवासी विदेशी खाता/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) द्वारा इन खातों का परिचालन
 आरबीआइ/2004-05/394 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.37 मार्च 15, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, पॉवर ऑफ एटर्नी धारक निवासी द्वारा अनिवासी विदेशी खाता/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) द्वारा इन खातों का परिचालन विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। उसी अधिसूचना की
 आरबीआइ/2004-05/394 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.37 मार्च 15, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, पॉवर ऑफ एटर्नी धारक निवासी द्वारा अनिवासी विदेशी खाता/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) द्वारा इन खातों का परिचालन विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। उसी अधिसूचना की
मार्च 07, 2005
सेनेगल सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
 आरबीआइ/2004-05/391 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.36 मार्च 7, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,सेनेगल सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयताभारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने दिसंबर 10, 2004 को सेनेगल सरकार के साथ उनको कुल 15 मिलियन अमरीकी डॉलर (पंद्रह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण, ग्रामीण लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए सेनेग
 आरबीआइ/2004-05/391 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.36 मार्च 7, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,सेनेगल सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयताभारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने दिसंबर 10, 2004 को सेनेगल सरकार के साथ उनको कुल 15 मिलियन अमरीकी डॉलर (पंद्रह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण, ग्रामीण लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए सेनेग
फ़र॰ 22, 2005
लिसोथो सरकार को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता
 आरबीआइ/2004-05/373 ए .पी.(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.35 फरवरी 22, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,लिसोथो सरकार को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अक्तूबर 12, 2004 को लिसोथो सरकार के साथ कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण पूंजीगत माल, संयंत्र और मशीनरी, औद्योगिक निर्माण, टिकाऊ उपभोक
 आरबीआइ/2004-05/373 ए .पी.(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.35 फरवरी 22, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,लिसोथो सरकार को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अक्तूबर 12, 2004 को लिसोथो सरकार के साथ कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण पूंजीगत माल, संयंत्र और मशीनरी, औद्योगिक निर्माण, टिकाऊ उपभोक
फ़र॰ 18, 2005
ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना
आरबीआइ/2004-05/366 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 34 फरवरी 18, 2005 प्रति विदेशी मुद्रा कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी अनुसूर्ातिं वाणिय़िक बैंकों का ध्यान हमारे मार्ादिं 6, 1998 के ए.डी (ाा.पी. सिरीा) परिपत्र सं. 7 तथा ाजलाई 9, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 2 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिके द्वारा नामित ए
आरबीआइ/2004-05/366 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 34 फरवरी 18, 2005 प्रति विदेशी मुद्रा कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी अनुसूर्ातिं वाणिय़िक बैंकों का ध्यान हमारे मार्ादिं 6, 1998 के ए.डी (ाा.पी. सिरीा) परिपत्र सं. 7 तथा ाजलाई 9, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 2 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिके द्वारा नामित ए

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