RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

FEMA Notifications Banner

RBINotificationSearchFilter

सर्च रिफाइन करें

खोज परिणाम

अधिसूचनाएं

  • Row View
  • Grid View
फ़र॰ 20, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य
आर.बी.आइ/2004/65 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 72 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार
आर.बी.आइ/2004/65 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 72 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार
फ़र॰ 20, 2004
उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/66 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 73 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं
आर.बी.आइ/2004/66 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 73 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं
फ़र॰ 20, 2004
फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना
आर.बी.आइ/2004/67 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/
आर.बी.आइ/2004/67 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/
फ़र॰ 12, 2004
फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/55 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 69 12 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.4/2000 आरबी-द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपया में ऋण लेना और देना) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को अनिवासी भारतीयों को रुपये में ऋण (i) भारत में धारित शेयरों अथवा अचल संपत्ति की ज़मानत पर निजी अथवा कारोबार क
आर.बी.आइ/2004/55 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 69 12 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.4/2000 आरबी-द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपया में ऋण लेना और देना) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को अनिवासी भारतीयों को रुपये में ऋण (i) भारत में धारित शेयरों अथवा अचल संपत्ति की ज़मानत पर निजी अथवा कारोबार क
फ़र॰ 11, 2004
काल और सेवाओं का निर्यात - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/54 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 68 11 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय काल और सेवाओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितम्बर 9, 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 12 के परिशिष्ट के पैराग्राफ सी 20 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें बेचान के लिए/ पोत लदान देस्तावेजों को सावधानी सूची में शामिल निर्यातकों से जीआर/ एसडीएफ/ पीपी/ सॉफटेक्स फार्मों पर घोषित अथवा उनके द्वारा भरी गई
आर.बी.आइ/2004/54 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 68 11 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय काल और सेवाओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितम्बर 9, 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 12 के परिशिष्ट के पैराग्राफ सी 20 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें बेचान के लिए/ पोत लदान देस्तावेजों को सावधानी सूची में शामिल निर्यातकों से जीआर/ एसडीएफ/ पीपी/ सॉफटेक्स फार्मों पर घोषित अथवा उनके द्वारा भरी गई
फ़र॰ 06, 2004
फेमा 1999 - भारत में आयात -आयात बिलों/दस्तावेजों की सीधी प्राप्ति - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/45 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 66 6 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारत में आयात -आयात बिलों/दस्तावेजों की सीधी प्राप्ति - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 106 के परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से आयातकों को सीधे ही प्राप्त हो गए कतिपय आयात बिलों/ दस्तावेजों के संबंध
आर.बी.आइ/2004/45 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 66 6 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारत में आयात -आयात बिलों/दस्तावेजों की सीधी प्राप्ति - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 106 के परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से आयातकों को सीधे ही प्राप्त हो गए कतिपय आयात बिलों/ दस्तावेजों के संबंध
फ़र॰ 06, 2004
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के अंतर्गत शेष गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से संबंधित स्पष्टीकरण
आर.बी.आई./2004/46 एपी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.67 फरवरी 6, 2004 सेवा में, विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के अंतर्गत शेष गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से संबंधित स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 3, 2003 के एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.38 के साथ भेजे गए भारत में विदेशी निवेश को कवर करनेवाले से समाविष्ट विनियामक प्रावधानों का सारांश और जून 18, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा.9/2003 आर.बी. की ओर आकृष
आर.बी.आई./2004/46 एपी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.67 फरवरी 6, 2004 सेवा में, विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के अंतर्गत शेष गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से संबंधित स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 3, 2003 के एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.38 के साथ भेजे गए भारत में विदेशी निवेश को कवर करनेवाले से समाविष्ट विनियामक प्रावधानों का सारांश और जून 18, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा.9/2003 आर.बी. की ओर आकृष
फ़र॰ 05, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999-विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली में संशोधन
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 आरबीआई/2004/43 ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.65 5 फरवरी  2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली में संशोधन प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान निम्नलिखित से संबंधित ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्रों की ओर आकर्षित किया जाता है:- i.          जोखिम प्रबंध और भा
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 आरबीआई/2004/43 ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.65 5 फरवरी  2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली में संशोधन प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान निम्नलिखित से संबंधित ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्रों की ओर आकर्षित किया जाता है:- i.          जोखिम प्रबंध और भा
फ़र॰ 04, 2004
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना
भारिबैंक/2004/39 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64 4 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना जैसा कि आप जानते हैं, हम देश की समष्टि आर्थिक विकास का बहुत ही सूक्ष्म रूप से अनुप्रवर्तन करते रहे हैं और इस बदलते परिदृष्य के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त नीति की शुरूवात करते रहे हैं। निवासियों को उपलब्ध विदेशी मुद्रा की सुविधाओं को और अधिक सरल और उदारीकृत बनाने के अगले चरण के
भारिबैंक/2004/39 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64 4 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना जैसा कि आप जानते हैं, हम देश की समष्टि आर्थिक विकास का बहुत ही सूक्ष्म रूप से अनुप्रवर्तन करते रहे हैं और इस बदलते परिदृष्य के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त नीति की शुरूवात करते रहे हैं। निवासियों को उपलब्ध विदेशी मुद्रा की सुविधाओं को और अधिक सरल और उदारीकृत बनाने के अगले चरण के
फ़र॰ 03, 2004
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश
आर.बी.आइ/2004/37 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 63 3 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2002-आरबी, समय समय पर यथा संशोधित, की अनुसूची 5 के पैराग्राफ 1 और 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार वित्तीय संस्थागत निवेशकों एवं अनिवासी भारतीयों को प्रत्यावर्तन के आधार पर सरकारी प्रतिभूतियां खर
आर.बी.आइ/2004/37 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 63 3 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2002-आरबी, समय समय पर यथा संशोधित, की अनुसूची 5 के पैराग्राफ 1 और 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार वित्तीय संस्थागत निवेशकों एवं अनिवासी भारतीयों को प्रत्यावर्तन के आधार पर सरकारी प्रतिभूतियां खर

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RBIPageLastUpdatedOn

पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 16, 2025

श्रेणी पहलू

केटेगरी

Custom Date Facet