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नवंबर 13, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 चालू खामा लेनदेन - उदारीकरण
एपी(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 33 नवंबर 13, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय , विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 चालू खामा लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक जुलाई 17, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र क्रं.3 की ओर ओञष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार वे विविध प्रयोजनों, नामत: (i) विदेश में रोजगार (ii) उत्प्रवास (iii) नज़दीकी रिश्तेदारी के भरणपोषण, और (iv) विदेश में शिक्षा, के लिए प्रत्येकी 100,000 अमरीकी डॉलर तक प
एपी(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 33 नवंबर 13, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय , विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 चालू खामा लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक जुलाई 17, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र क्रं.3 की ओर ओञष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार वे विविध प्रयोजनों, नामत: (i) विदेश में रोजगार (ii) उत्प्रवास (iii) नज़दीकी रिश्तेदारी के भरणपोषण, और (iv) विदेश में शिक्षा, के लिए प्रत्येकी 100,000 अमरीकी डॉलर तक प
अक्‍तूबर 29, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा 107/2005-आरबी 29 अक्तूबर,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (3) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा 107/2005-आरबी 29 अक्तूबर,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (3) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा
अक्‍तूबर 28, 2003
माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात
एपी(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 32 अक्तुबर 28, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000 -आरबी के विनियम 18 अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आस्थिगत भुगतान कीर शर्त पर माल और सेवाओं के निर्यात अथवा टर्नकी परियोजना के निष्पादन अथवा सिविल निर्माण स
एपी(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 32 अक्तुबर 28, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000 -आरबी के विनियम 18 अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आस्थिगत भुगतान कीर शर्त पर माल और सेवाओं के निर्यात अथवा टर्नकी परियोजना के निष्पादन अथवा सिविल निर्माण स
अक्‍तूबर 27, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (चौथा संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.106/2003-आरबी दिनांक : 27 अक्तूबर ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (चौथा संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में , आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.106/2003-आरबी दिनांक : 27 अक्तूबर ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (चौथा संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में , आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र
अक्‍तूबर 24, 2003
नामित एजेंसी द्वारा जारी प्राधिकार पत्र के तहत चांदी / प्लैटिनम को आयात
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र 31 अक्तूबर 24, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, नामित एजेंसी द्वारा जारी प्राधिकार पत्र के तहत चांदी / प्लैटिनम को आयात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक अक्तूबर 1, 2003 के ए पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र. 25 के पैरा 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें यह सूचित किया गया था कि वे केवल उन्हीं नामित एजेंसियों की ओर से नामित एजेंसी योजना के अंतर्गत स्वर्ण आयात करने के लिए साख पत्र खोलने की
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र 31 अक्तूबर 24, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, नामित एजेंसी द्वारा जारी प्राधिकार पत्र के तहत चांदी / प्लैटिनम को आयात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक अक्तूबर 1, 2003 के ए पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र. 25 के पैरा 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें यह सूचित किया गया था कि वे केवल उन्हीं नामित एजेंसियों की ओर से नामित एजेंसी योजना के अंतर्गत स्वर्ण आयात करने के लिए साख पत्र खोलने की
अक्‍तूबर 21, 2003
माल और सेवाओं का निर्यात
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र क्र.30 अक्तूबर 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितंबर 24, 2001 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.6 जुलाई 4, 2002 के क्र.2 और अक्तूबर 23, 2002 के क्र.33 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार कुछ उत्पादों के विनिर्माता निर्यातकों /व्यापारी निर्यातकों / व्यापारियों को जिनकी एक वर्ष में निर्यात संविदाएं रुपये 100 करोड़ या उससे अधिक मूल्य की हों, उ
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र क्र.30 अक्तूबर 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितंबर 24, 2001 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.6 जुलाई 4, 2002 के क्र.2 और अक्तूबर 23, 2002 के क्र.33 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार कुछ उत्पादों के विनिर्माता निर्यातकों /व्यापारी निर्यातकों / व्यापारियों को जिनकी एक वर्ष में निर्यात संविदाएं रुपये 100 करोड़ या उससे अधिक मूल्य की हों, उ
अक्‍तूबर 21, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 104/आरबी-2003 दिनांक : 21 अक्तूबर 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 के उप-खंड (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.पेमा 25/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए,भारतीय रिज़र्व बैंक,एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबं
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 104/आरबी-2003 दिनांक : 21 अक्तूबर 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 के उप-खंड (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.पेमा 25/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए,भारतीय रिज़र्व बैंक,एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबं
अक्‍तूबर 21, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.105/आरबी-2003 दिनांक :21 अक्तूबर 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उप-खंड (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.पेमा 25/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक,एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबं
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.105/आरबी-2003 दिनांक :21 अक्तूबर 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उप-खंड (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.पेमा 25/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक,एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबं
अक्‍तूबर 18, 2003
विशेष आर्थिकक्षेत्र की इकाइयोंद्वारा बाह्यवाणिज्यिक उधार(ईसीबी)
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.29 18 अक्तूबर 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति और प्रक्रिया (1999-2000) तथा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 15 सितंबर 2002 की प्रेस-विज्ञप्ति एफ-स. 4(2)/2002-ईसीबी की ओर आकर्षित किया जाता है ज
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.29 18 अक्तूबर 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार(ईसीबी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति और प्रक्रिया (1999-2000) तथा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 15 सितंबर 2002 की प्रेस-विज्ञप्ति एफ-स. 4(2)/2002-ईसीबी की ओर आकर्षित किया जाता है ज
अक्‍तूबर 17, 2003
वायदा संविदा- भारतीय कंपनियों में अनिवासियों के निवेश
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.28 17 अक्तूबर 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया वायदा संविदा- भारतीय कंपनियों में अनिवासियों के निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 नवंबर 2002 के ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 50 के साथ पठित 3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा सं.25/आरबी-2000 के विनियम 5 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. यह निर्णय लिया गया है कि भारत से बाहर रहने
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.28 17 अक्तूबर 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया वायदा संविदा- भारतीय कंपनियों में अनिवासियों के निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 नवंबर 2002 के ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 50 के साथ पठित 3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा सं.25/आरबी-2000 के विनियम 5 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. यह निर्णय लिया गया है कि भारत से बाहर रहने

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