अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
फ़रवरी 11, 2004
काल और सेवाओं का निर्यात - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/54 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 68 11 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय काल और सेवाओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितम्बर 9, 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 12 के परिशिष्ट के पैराग्राफ सी 20 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें बेचान के लिए/ पोत लदान देस्तावेजों को सावधानी सूची में शामिल निर्यातकों से जीआर/ एसडीएफ/ पीपी/ सॉफटेक्स फार्मों पर घोषित अथवा उनके द्वारा भरी गई
आर.बी.आइ/2004/54 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 68 11 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय काल और सेवाओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितम्बर 9, 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 12 के परिशिष्ट के पैराग्राफ सी 20 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें बेचान के लिए/ पोत लदान देस्तावेजों को सावधानी सूची में शामिल निर्यातकों से जीआर/ एसडीएफ/ पीपी/ सॉफटेक्स फार्मों पर घोषित अथवा उनके द्वारा भरी गई
फ़रवरी 06, 2004
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के अंतर्गत शेष गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से संबंधित स्पष्टीकरण
आर.बी.आई./2004/46 एपी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.67 फरवरी 6, 2004 सेवा में, विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के अंतर्गत शेष गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से संबंधित स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 3, 2003 के एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.38 के साथ भेजे गए भारत में विदेशी निवेश को कवर करनेवाले से समाविष्ट विनियामक प्रावधानों का सारांश और जून 18, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा.9/2003 आर.बी. की ओर आकृष
आर.बी.आई./2004/46 एपी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.67 फरवरी 6, 2004 सेवा में, विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के अंतर्गत शेष गतिविधियों के लिए स्वचालित मार्ग से संबंधित स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 3, 2003 के एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.38 के साथ भेजे गए भारत में विदेशी निवेश को कवर करनेवाले से समाविष्ट विनियामक प्रावधानों का सारांश और जून 18, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा.9/2003 आर.बी. की ओर आकृष
फ़रवरी 06, 2004
फेमा 1999 - भारत में आयात -आयात बिलों/दस्तावेजों की सीधी प्राप्ति - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/45 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 66 6 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारत में आयात -आयात बिलों/दस्तावेजों की सीधी प्राप्ति - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 106 के परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से आयातकों को सीधे ही प्राप्त हो गए कतिपय आयात बिलों/ दस्तावेजों के संबंध
आर.बी.आइ/2004/45 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 66 6 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारत में आयात -आयात बिलों/दस्तावेजों की सीधी प्राप्ति - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 106 के परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से आयातकों को सीधे ही प्राप्त हो गए कतिपय आयात बिलों/ दस्तावेजों के संबंध
फ़रवरी 05, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999-विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली में संशोधन
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 आरबीआई/2004/43 ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.65 5 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली में संशोधन प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान निम्नलिखित से संबंधित ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्रों की ओर आकर्षित किया जाता है:- i. जोखिम प्रबंध और भा
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 आरबीआई/2004/43 ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.65 5 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदय/ महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999- विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली में संशोधन प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान निम्नलिखित से संबंधित ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्रों की ओर आकर्षित किया जाता है:- i. जोखिम प्रबंध और भा
फ़रवरी 04, 2004
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना
भारिबैंक/2004/39 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64 4 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना जैसा कि आप जानते हैं, हम देश की समष्टि आर्थिक विकास का बहुत ही सूक्ष्म रूप से अनुप्रवर्तन करते रहे हैं और इस बदलते परिदृष्य के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त नीति की शुरूवात करते रहे हैं। निवासियों को उपलब्ध विदेशी मुद्रा की सुविधाओं को और अधिक सरल और उदारीकृत बनाने के अगले चरण के
भारिबैंक/2004/39 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64 4 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना जैसा कि आप जानते हैं, हम देश की समष्टि आर्थिक विकास का बहुत ही सूक्ष्म रूप से अनुप्रवर्तन करते रहे हैं और इस बदलते परिदृष्य के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त नीति की शुरूवात करते रहे हैं। निवासियों को उपलब्ध विदेशी मुद्रा की सुविधाओं को और अधिक सरल और उदारीकृत बनाने के अगले चरण के
फ़रवरी 03, 2004
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश
आर.बी.आइ/2004/37 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 63 3 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2002-आरबी, समय समय पर यथा संशोधित, की अनुसूची 5 के पैराग्राफ 1 और 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार वित्तीय संस्थागत निवेशकों एवं अनिवासी भारतीयों को प्रत्यावर्तन के आधार पर सरकारी प्रतिभूतियां खर
आर.बी.आइ/2004/37 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 63 3 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2002-आरबी, समय समय पर यथा संशोधित, की अनुसूची 5 के पैराग्राफ 1 और 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार वित्तीय संस्थागत निवेशकों एवं अनिवासी भारतीयों को प्रत्यावर्तन के आधार पर सरकारी प्रतिभूतियां खर
जनवरी 31, 2004
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी)
आर.बी.आइ/2003-04/34 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 60 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) 1. प्रस्तावना नवंबर 14ए 2003 को घोषित बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित अस्थायी उपायों के स्थान पर अधिक पारदर्शी और सरल नीतियां एवं प्रक्रिया को लागू करने के विचार से बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिदेशों की समीक्षा की गई है। यह समीक्षा वर्तमान समष्टि आर्थिक परिस्थिति, बाह्य क्षेत्र के प्रबंध में आने वाली चुनौति
आर.बी.आइ/2003-04/34 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 60 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) 1. प्रस्तावना नवंबर 14ए 2003 को घोषित बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित अस्थायी उपायों के स्थान पर अधिक पारदर्शी और सरल नीतियां एवं प्रक्रिया को लागू करने के विचार से बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी दिशानिदेशों की समीक्षा की गई है। यह समीक्षा वर्तमान समष्टि आर्थिक परिस्थिति, बाह्य क्षेत्र के प्रबंध में आने वाली चुनौति
जनवरी 31, 2004
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों के लिए उदारीकृत प्रेषण सुविधाएं
आर.बी.आइ/2004/36 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 62 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों के लिए उदारीकृत प्रेषण सुविधाएं फेमा विनियमावली में संशोधन स्पष्टीकरण संबंधी दिशानिदेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 13, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं. 67 के पैराग्राफ 4 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति/ विदेशी नागरिकों (
आर.बी.आइ/2004/36 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 62 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों के लिए उदारीकृत प्रेषण सुविधाएं फेमा विनियमावली में संशोधन स्पष्टीकरण संबंधी दिशानिदेश प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 13, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं. 67 के पैराग्राफ 4 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति/ विदेशी नागरिकों (
जनवरी 31, 2004
काल और सॉफटवेयर का निर्यात की घोषणा से छूट
आर.बी.आइ/2004/35 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 61 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय काल और सॉफटवेयर का निर्यात की घोषणा से छूट प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा 23/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्रत्येक निर्यातक को माल अथवा भौतिक रूप में सॉफटवेयर अथवा किसी और रूप में निर्यात के लिए जीआर/एसडीएफ/पीपी/सॉफटवेयर फार्म में यह पुष्टि करते हुए घोषणा करनी होती है कि माल अथ
आर.बी.आइ/2004/35 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 61 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय काल और सॉफटवेयर का निर्यात की घोषणा से छूट प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा 23/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्रत्येक निर्यातक को माल अथवा भौतिक रूप में सॉफटवेयर अथवा किसी और रूप में निर्यात के लिए जीआर/एसडीएफ/पीपी/सॉफटवेयर फार्म में यह पुष्टि करते हुए घोषणा करनी होती है कि माल अथ
जनवरी 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (पांचवा संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंकविदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.109/2003-आरबी दिनांक : 22 दिसंबर, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (पांचवा संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी)
भारतीय रिज़र्व बैंकविदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.109/2003-आरबी दिनांक : 22 दिसंबर, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (पांचवा संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी)
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