मास्टर निदेशों - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेशों
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनवरी 2016 से सभी विनियामकीय मामलों पर मास्टर निदेश जारी करना शुरू किया है। मास्टर निदेशों में रिज़र्व बैंक बैंकिंग मुद्दों और विदेशी विनिमय लेनदेनों सहित विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत नियमों और विनियमों पर अनुदेश समेकित करता है।
मास्टर निदेश जारी करने की प्रक्रिया में प्रत्येक विषय के लिए एक मास्टर निदेश जारी करना शामिल है जिसमें उस विषय पर सभी अनुदेशों को कवर किया जाता है। वर्ष के दौरान नियमों, विनियमनों या नीति में किसी प्रकार के परिवर्तन की सूचना परिपत्रों/प्रेस प्रकाशनियों के माध्यम से दी जाती है। मास्टर निदेशों को उचित रूप से और नियमों/विनियमों में किसी प्रकार का बदलाव होने या नीति में किसी प्रकार का बदलाव होने के साथ ही अद्यतन किया जाएगा। सभी प्रकार के परिवर्तनों को भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध मास्टर निदेशों में दर्शाया जाएगा और इसके साथ परिवर्तन होने वाली तारीख भी दर्शाई जाएगी।
मास्टर निदेशों के जारी होने के बाद बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के माध्यम से नियमों और विनियमों के स्पष्टीकरणों को समझने में आसान भाषा में जारी किया जाएगा जहां आवश्यक होगा। विभिन्न विषयों पर जारी मौजूदा मास्टर परिपत्र उस विषय पर मास्टर निदेश के जारी होने के साथ ही वापस लिए माने जाएंगे।
मास्टर निदेशों
आरबीआई/2024-25/117 एफएमआरडी.डीआईआरडी.01/14.01.023/2024-25 08 मई, 2024 सभी पात्र बाजार प्रतिभागी महोदया/महोदय, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (केन्द्रीय अनापत्ति नहीं दिए गए ओटीसी डेरिवेटिव के लिए मार्जिनिंग) निदेश, 2024 कृपया 06 फरवरी 2020 को जारी किए गए द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2019-20 के एक भाग के तौर पर घोषित विकासात्मक और विनियामक नीतियों के बारे में दिए गए वक्तव्य के पैराग्राफ 10 का संदर्भ लें, जो केन्द्रीय अनापत्ति नहीं दिए गए डेरिवेटिव (एनसीसीडी) हेतु विचरण मार्जिन (वीएम) और प्रारंभिक मार्जिन (आईएम) के विनिमय हेतु निदेशों को जारी करने के बारे है।
आरबीआई/2024-25/117 एफएमआरडी.डीआईआरडी.01/14.01.023/2024-25 08 मई, 2024 सभी पात्र बाजार प्रतिभागी महोदया/महोदय, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (केन्द्रीय अनापत्ति नहीं दिए गए ओटीसी डेरिवेटिव के लिए मार्जिनिंग) निदेश, 2024 कृपया 06 फरवरी 2020 को जारी किए गए द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2019-20 के एक भाग के तौर पर घोषित विकासात्मक और विनियामक नीतियों के बारे में दिए गए वक्तव्य के पैराग्राफ 10 का संदर्भ लें, जो केन्द्रीय अनापत्ति नहीं दिए गए डेरिवेटिव (एनसीसीडी) हेतु विचरण मार्जिन (वीएम) और प्रारंभिक मार्जिन (आईएम) के विनिमय हेतु निदेशों को जारी करने के बारे है।
भा.रि.बैंक/विवि/2024-25/116 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.16/26.03.001/2024-25 24 अप्रैल 2024 सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ महोदय / महोदया मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024 बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। भवदीय (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
भा.रि.बैंक/विवि/2024-25/116 विवि.एफ़आईएन.आरईसी.16/26.03.001/2024-25 24 अप्रैल 2024 सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ महोदय / महोदया मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024 बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। भवदीय (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
जाली नोटों पर मास्टर निदेश,2024- पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना आरबीआई/2024-25/ डीसीएम(एफएनवीडी) सं. G4 /16.01.05/2024-25 01 अप्रैल, 2024 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी बैंक महोदय / महोदया, जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2024 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना
जाली नोटों पर मास्टर निदेश,2024- पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना आरबीआई/2024-25/ डीसीएम(एफएनवीडी) सं. G4 /16.01.05/2024-25 01 अप्रैल, 2024 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी बैंक महोदय / महोदया, जाली नोटों पर मास्टर निदेश, 2024 – पहचान, रिपोर्ट और निगरानी करना
DCM (CC) No.G-1/ 03.44.01/ 2024-25 April 01, 2024 The Chairman/Managing Director/Chief Executive Officers All banks Madam / Dear Sir, Master Direction – Scheme of Penalties for bank branches and Currency Chests for deficiency in rendering customer service to the members of public In terms of the Preamble to and Section 45 of the RBI Act, 1934 and Section 35 A of the Banking Regulation Act, 1949; Reserve Bank of India issues guidelines / instructions for realising the objectives of Clean Note Policy and enhancing the operational efficiency as part of currency management. In order to ensure that all bank branches provide proper customer service, the Bank has formulated a Scheme of Penalties for bank branches including Currency Chests, for deficiency in rendering customer service to the members of public.
DCM (CC) No.G-1/ 03.44.01/ 2024-25 April 01, 2024 The Chairman/Managing Director/Chief Executive Officers All banks Madam / Dear Sir, Master Direction – Scheme of Penalties for bank branches and Currency Chests for deficiency in rendering customer service to the members of public In terms of the Preamble to and Section 45 of the RBI Act, 1934 and Section 35 A of the Banking Regulation Act, 1949; Reserve Bank of India issues guidelines / instructions for realising the objectives of Clean Note Policy and enhancing the operational efficiency as part of currency management. In order to ensure that all bank branches provide proper customer service, the Bank has formulated a Scheme of Penalties for bank branches including Currency Chests, for deficiency in rendering customer service to the members of public.
RBI/DoS. DSG / 2023-24 /111 CO.DPSS.POLC.No. S1114 / 02-27-020 / 2023-2024 February 29, 2024 The Chairman / Managing Director / Chief Executive
All Scheduled Commercial Banks including RRBs /
Urban Cooperative Banks / State Cooperative Banks / District Central Cooperative Banks / NPCI Bharat BillPay Limited / Non-bank Payment System Participants
RBI/DoS. DSG / 2023-24 /111 CO.DPSS.POLC.No. S1114 / 02-27-020 / 2023-2024 February 29, 2024 The Chairman / Managing Director / Chief Executive
All Scheduled Commercial Banks including RRBs /
Urban Cooperative Banks / State Cooperative Banks / District Central Cooperative Banks / NPCI Bharat BillPay Limited / Non-bank Payment System Participants
आरबीआई/प.वि.डी.एस.जी / 2023-24 /110 प.वि. डीएसजी. सं.10 /33.01.001/2023-24 27 फरवरी, 2024 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक चुनिंदा भारतीय वित्तीय संस्थानों (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों को छोड़कर) और सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां
आरबीआई/प.वि.डी.एस.जी / 2023-24 /110 प.वि. डीएसजी. सं.10 /33.01.001/2023-24 27 फरवरी, 2024 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर सभी वाणिज्यिक बैंक सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक चुनिंदा भारतीय वित्तीय संस्थानों (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्त कंपनियों को छोड़कर) और सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां
आरबीआई/एफएमआरडी/2023-24/109 एफएमआरडी.डीआईआरडी.09/14.02.001/2023-24 03 जनवरी 2024 प्रति, सभी पात्र बाज़ार प्रतिभागी महोदय/महोदया, मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (एक वर्ष तक मूल या प्रारंभिक परिपक्वता वाले वाणिज्यिक पत्र और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) निदेश, 2024 कृपया मुद्रा बाजार निदेशों की व्यापक समीक्षा के संबंध में 06 जून 2019 को 2019-20 के दूसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित, विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य का पैराग्राफ 6 देखें। तदनुसार, कॉल, नोटिस और टर्म मनी, जमा प्रमाणपत्र और एक वर्ष तक की मूल या प्रारंभिक परिपक्वता वाले वाणिज्यिक पत्र और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर पर प्रारूप निदेशों को 04 दिसंबर 2020 को बाजार के फीडबैक के लिए जारी किया गया था। मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (कॉल, नोटिस और टर्म मनी मार्केट) निदेश, 2021 और मास्टर निदेश - भारतीय रिजर्व बैंक (जमा प्रमाणपत्र) निदेश, 2021 क्रमशः 01 अप्रैल 2021 और 04 जून 2021 को जारी किए गए थे।
आरबीआई/एफएमआरडी/2023-24/109 एफएमआरडी.डीआईआरडी.09/14.02.001/2023-24 03 जनवरी 2024 प्रति, सभी पात्र बाज़ार प्रतिभागी महोदय/महोदया, मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (एक वर्ष तक मूल या प्रारंभिक परिपक्वता वाले वाणिज्यिक पत्र और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) निदेश, 2024 कृपया मुद्रा बाजार निदेशों की व्यापक समीक्षा के संबंध में 06 जून 2019 को 2019-20 के दूसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित, विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य का पैराग्राफ 6 देखें। तदनुसार, कॉल, नोटिस और टर्म मनी, जमा प्रमाणपत्र और एक वर्ष तक की मूल या प्रारंभिक परिपक्वता वाले वाणिज्यिक पत्र और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर पर प्रारूप निदेशों को 04 दिसंबर 2020 को बाजार के फीडबैक के लिए जारी किया गया था। मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (कॉल, नोटिस और टर्म मनी मार्केट) निदेश, 2021 और मास्टर निदेश - भारतीय रिजर्व बैंक (जमा प्रमाणपत्र) निदेश, 2021 क्रमशः 01 अप्रैल 2021 और 04 जून 2021 को जारी किए गए थे।
RBI/2022-2023/108 CEPD.PRD. No. S1228 /13.01.019 /2023-24 December 29, 2023 (1) Chairman/Managing Director/CEO of All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs) (2) Chairman/Managing Director/CEO of All NBFCs (3) Chairman/Managing Director/CEO of Non-Bank System Participants (4) Chairman/Managing Director/CEO of All Credit Information Companies
RBI/2022-2023/108 CEPD.PRD. No. S1228 /13.01.019 /2023-24 December 29, 2023 (1) Chairman/Managing Director/CEO of All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs) (2) Chairman/Managing Director/CEO of All NBFCs (3) Chairman/Managing Director/CEO of Non-Bank System Participants (4) Chairman/Managing Director/CEO of All Credit Information Companies
आरबीआई/2023-24/107
डीओएस.सीओ.सीएसआईटीईजी/एसईसी.7/31.01.015/2023-24
7 नवम्बर, 2023
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर);
लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक;
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ;
ऋण सूचना कंपनियाँ; और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी)
महोदया/महोदय,
सूचना प्रौद्योगिकी अभिशासन, जोखिम, नियंत्रण और आश्वासन प्रथाओं पर मास्टर निदेश
आरबीआई/2023-24/107
डीओएस.सीओ.सीएसआईटीईजी/एसईसी.7/31.01.015/2023-24
7 नवम्बर, 2023
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर);
लघु वित्त बैंक; भुगतान बैंक;
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ;
ऋण सूचना कंपनियाँ; और
अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएबीएफआईडी, एनएचबी और सिडबी)
महोदया/महोदय,
सूचना प्रौद्योगिकी अभिशासन, जोखिम, नियंत्रण और आश्वासन प्रथाओं पर मास्टर निदेश
आरबीआई/गैबैविवि/2023-24/106 विवि.एफआईएन.आरईसी.सं. 45/03.10.119/2023-24 अक्तूबर 19, 2023 (10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया) (21 मार्च 2024 को अद्यतन किया गया) (10 नवंबर 2023 को अद्यतन किया गया) मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का कारोबार इस तरह से होने से रोकने के लिए जो निवेशकों और जमाकर्ताओं के हित में न हो या ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में न हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 जेए, 45के, 45एल और 45एम और और फ़ैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 (अधिनियम 2012 का 12) की धारा 31ए और धारा 6 के साथ पठित धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, के निरसन के पश्चात मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (निदेश), इसके बाद निर्दिष्ट किया गया है , जारी करता है। (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
आरबीआई/गैबैविवि/2023-24/106 विवि.एफआईएन.आरईसी.सं. 45/03.10.119/2023-24 अक्तूबर 19, 2023 (10 अक्तूबर 2024 को अद्यतन किया गया) (21 मार्च 2024 को अद्यतन किया गया) (10 नवंबर 2023 को अद्यतन किया गया) मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिज़र्व बैंक को समर्थ बनाने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का कारोबार इस तरह से होने से रोकने के लिए जो निवेशकों और जमाकर्ताओं के हित में न हो या ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के हित में न हो, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 जेए, 45के, 45एल और 45एम और और फ़ैक्टरिंग विनियमन अधिनियम 2011 (अधिनियम 2012 का 12) की धारा 31ए और धारा 6 के साथ पठित धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, के निरसन के पश्चात मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-स्केल आधारित विनियमन) निदेश, 2023 (निदेश), इसके बाद निर्दिष्ट किया गया है , जारी करता है। (जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
RBI/DoR/2023-24/105
DoR.FIN.REC.40/01.02.000/2023-24
September 21, 2023
Master Direction - Reserve Bank of India (Prudential Regulations on Basel III Capital Framework, Exposure Norms, Significant Investments, Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio Norms and Resource Raising Norms for All India Financial Institutions) Directions, 2023
In exercise of the powers conferred by Section 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934, the Reserve Bank of India (hereinafter called the Reserve Bank) being satisfied that it is necessary and expedient in the public interest and in the interest of financial sector policy so to do, hereby, issues the Directions hereinafter specified.
RBI/DoR/2023-24/105
DoR.FIN.REC.40/01.02.000/2023-24
September 21, 2023
Master Direction - Reserve Bank of India (Prudential Regulations on Basel III Capital Framework, Exposure Norms, Significant Investments, Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio Norms and Resource Raising Norms for All India Financial Institutions) Directions, 2023
In exercise of the powers conferred by Section 45L of the Reserve Bank of India Act, 1934, the Reserve Bank of India (hereinafter called the Reserve Bank) being satisfied that it is necessary and expedient in the public interest and in the interest of financial sector policy so to do, hereby, issues the Directions hereinafter specified.
आरबीआई/विवि/2023-24/104 विवि.एमआरजी.36/21.04.141/2023-24 12 सितंबर, 2023 (01 अप्रैल, 2025 को अद्यतन) सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय / महोदया मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023 वाणिज्यिक बैंकों द्वारा निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण और मूल्यांकन संबंधी मौजूदा विनियामक अनुदेश, जैसाकि भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन) निदेश, 2021 में समाहित है, बृहतः अक्तूबर 2000 में लागू किए गए तत्कालीन प्रचलित वैश्विक मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर बनाए गए ढांचे पर आधारित है।
आरबीआई/विवि/2023-24/104 विवि.एमआरजी.36/21.04.141/2023-24 12 सितंबर, 2023 (01 अप्रैल, 2025 को अद्यतन) सभी वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय / महोदया मास्टर निदेश – वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन (निदेश), 2023 वाणिज्यिक बैंकों द्वारा निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण और मूल्यांकन संबंधी मौजूदा विनियामक अनुदेश, जैसाकि भारतीय रिज़र्व बैंक (वाणिज्यिक बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो का वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन) निदेश, 2021 में समाहित है, बृहतः अक्तूबर 2000 में लागू किए गए तत्कालीन प्रचलित वैश्विक मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर बनाए गए ढांचे पर आधारित है।
आरबीआई/विवि./2023-24/103
विवि.ओआरजी.आरईसी.22/21.06.050/2023-24
26 जून 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंकने, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतदद्वारा इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी किया है। इन निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट वाणिज्यिक बैंक ('प्रयोज्यता' के तहत कवर) को परिचालन जोखिम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी रखने की आवश्यकता है।
भाग ए
1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ
इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी अपेक्षाएँ) निदेश, 2023 कहा जाएगा।
2. प्रभावी तिथि
2.1 इन निदेशों के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि अलग से सूचित की जाएगी।
2.2 न्यूनतम परिचालन जोखिम पूंजी (ओआरसी) अपेक्षाओं को मापने के सभी मौजूदा दृष्टिकोण अर्थात बुनियादी संकेतक दृष्टिकोण (बीआईए), मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए) / वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) और उन्नत माप दृष्टिकोण (एएमए), इन निदेशों के प्रभावी होने परही नए मानकीकृत दृष्टिकोण (इसके बाद 'बासल III मानकीकृत दृष्टिकोण' कहा जाएगा) द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।
2.3 तब तक, न्यूनतम परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी अपेक्षाओं का परिकलन समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023 दिनांक 12 मई 2023 के माध्यम से जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन' के पैरा 9 में निहित अनुदेशों के अनुसार किया जायेगा।
3. प्रयोज्यता
3.1 इन निदेशों के प्रावधान सभी वाणिज्यिक बैंकों (स्थानीय क्षेत्र बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) पर लागू होंगे।
3.2 आवेदन का दायरा समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023-24 दिनांक 12 मई 2023 द्वारा जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन ' के पैराग्राफ 3 के अनुसार होगा।
3.3 इन निदेशों के भाग ए में निहित प्रावधान अनिवार्य हैं। बैंकों को भाग बी में सूचीबद्ध दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भाग सी और भाग डी में क्रमशः अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) और उदाहरण शामिल हैं (बैंकों के सामान्य मार्गदर्शन के लिए)।
आरबीआई/विवि./2023-24/103
विवि.ओआरजी.आरईसी.22/21.06.050/2023-24
26 जून 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक - परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजीगत अपेक्षाओं पर मास्टर निदेश
बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए द्वारा के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंकने, इस बात से आश्वस्त होने पर कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और लाभकारक है, एतदद्वारा इसके बाद विनिर्दिष्ट निदेश जारी किया है। इन निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट वाणिज्यिक बैंक ('प्रयोज्यता' के तहत कवर) को परिचालन जोखिम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के लिए पर्याप्त नियामक पूंजी रखने की आवश्यकता है।
भाग ए
1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ
इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (परिचालन जोखिम के लिए न्यूनतम पूंजी अपेक्षाएँ) निदेश, 2023 कहा जाएगा।
2. प्रभावी तिथि
2.1 इन निदेशों के कार्यान्वयन की प्रभावी तिथि अलग से सूचित की जाएगी।
2.2 न्यूनतम परिचालन जोखिम पूंजी (ओआरसी) अपेक्षाओं को मापने के सभी मौजूदा दृष्टिकोण अर्थात बुनियादी संकेतक दृष्टिकोण (बीआईए), मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए) / वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) और उन्नत माप दृष्टिकोण (एएमए), इन निदेशों के प्रभावी होने परही नए मानकीकृत दृष्टिकोण (इसके बाद 'बासल III मानकीकृत दृष्टिकोण' कहा जाएगा) द्वारा प्रतिस्थापित किए जाएंगे।
2.3 तब तक, न्यूनतम परिचालन जोखिम विनियामक पूंजी अपेक्षाओं का परिकलन समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023 दिनांक 12 मई 2023 के माध्यम से जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन' के पैरा 9 में निहित अनुदेशों के अनुसार किया जायेगा।
3. प्रयोज्यता
3.1 इन निदेशों के प्रावधान सभी वाणिज्यिक बैंकों (स्थानीय क्षेत्र बैंकों, भुगतान बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और लघु वित्त बैंकों को छोड़कर) पर लागू होंगे।
3.2 आवेदन का दायरा समय-समय पर संशोधित परिपत्र विवि.सीएपी.आरईसी.15/21.06.201/2023-24 दिनांक 12 मई 2023 द्वारा जारी 'मास्टर परिपत्र – बासल III पूंजी विनियमन ' के पैराग्राफ 3 के अनुसार होगा।
3.3 इन निदेशों के भाग ए में निहित प्रावधान अनिवार्य हैं। बैंकों को भाग बी में सूचीबद्ध दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भाग सी और भाग डी में क्रमशः अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) और उदाहरण शामिल हैं (बैंकों के सामान्य मार्गदर्शन के लिए)।
HTML Example
A paragraph is a self-contained unit of a discourse in writing dealing with a particular point or idea. Paragraphs are usually an expected part of formal writing, used to organize longer prose.
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 17, 2025