अधिसूचनाएं - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
जून 03, 2011
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) तथा संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) का वित्तपोषण
आरबीआई/2010-11/556 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.50/13.05.000(बी)/2010-11 2 जून 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) तथा संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) का वित्तपोषण मौद्रिक नीति 2011-12 में घोषित किए गए अनुसार (पैरा 100 - सलंग्न) शहरी सहकारी बैंकों के आउटरीच को बढाने तथा वित्तीय समावेशन को बढावा देने हेतु एक अतिरिक्त चैनल खोलने की दृष्टि से स्वयं सहायता समूह /संयुक्त देय
आरबीआई/2010-11/556 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.50/13.05.000(बी)/2010-11 2 जून 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया / महोदय प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) तथा संयुक्त देयता समूह (जेएलजी) का वित्तपोषण मौद्रिक नीति 2011-12 में घोषित किए गए अनुसार (पैरा 100 - सलंग्न) शहरी सहकारी बैंकों के आउटरीच को बढाने तथा वित्तीय समावेशन को बढावा देने हेतु एक अतिरिक्त चैनल खोलने की दृष्टि से स्वयं सहायता समूह /संयुक्त देय
जून 02, 2011
फोरेंसिक जांच के परिणाम – धोखाधड़ियों की रोकथाम हेतु दिशानिर्देश
आरबीआई/2010-11/ 555डीबीएस.सीओ.एफआरएमसी.बीबीसी.सं.10/23.04.001/2010-11 31 मई 2011 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनूसूचित वाणिज्य बैंक (क्षे.ग्रा.बैंको को छोड़कर) एवं चुनिन्दा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं प्रिय महोदय, फोरेंसिक जांच के परिणाम – धोखाधड़ियों की रोकथाम हेतु दिशानिर्देश हाल ही में, हमने पहचाने गए कतिपय बैंकों में अधिक मूल्य की धोखाधड़ियों के घटित होने या धोखाधड़ियों की संख्या में तीव्र वृद्धि होने के कारण उनकी फोरेंसिक जांचें की थी
आरबीआई/2010-11/ 555डीबीएस.सीओ.एफआरएमसी.बीबीसी.सं.10/23.04.001/2010-11 31 मई 2011 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनूसूचित वाणिज्य बैंक (क्षे.ग्रा.बैंको को छोड़कर) एवं चुनिन्दा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं प्रिय महोदय, फोरेंसिक जांच के परिणाम – धोखाधड़ियों की रोकथाम हेतु दिशानिर्देश हाल ही में, हमने पहचाने गए कतिपय बैंकों में अधिक मूल्य की धोखाधड़ियों के घटित होने या धोखाधड़ियों की संख्या में तीव्र वृद्धि होने के कारण उनकी फोरेंसिक जांचें की थी
जून 02, 2011
निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों में आंतरिक सतर्कता
आरबीआइ/2010-11/554 डीबीएस.सीओ.एफआरएमसी.बीसी.सं. 9/23.04.001/2010-11 26 मई 2011 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी निजी क्षेत्र के बैंक/विदेशी बैंक प्रिय महोदय, निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों में आंतरिक सतर्कता जैसा कि आप जानते हैं, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सरकारी क्षेत्र के सभी बैंकों में मुख्य सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति पर दिशानिर्देश जारी किये हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों में समस्त आंतरिक सतर्कता कार्य पूर्वनिर्धारि
आरबीआइ/2010-11/554 डीबीएस.सीओ.एफआरएमसी.बीसी.सं. 9/23.04.001/2010-11 26 मई 2011 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी निजी क्षेत्र के बैंक/विदेशी बैंक प्रिय महोदय, निजी क्षेत्र के बैंकों/विदेशी बैंकों में आंतरिक सतर्कता जैसा कि आप जानते हैं, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सरकारी क्षेत्र के सभी बैंकों में मुख्य सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति पर दिशानिर्देश जारी किये हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों में समस्त आंतरिक सतर्कता कार्य पूर्वनिर्धारि
जून 01, 2011
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करना- क्रेडिट सुइसे S.per (Credit Suisse A.G.)
आर.बी.आई/2010-11/552 संदर्भ:बैंपविवि सं.आरईटी.बीसी 97/12.06.128/2010-11 1 जून, 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक प्रिय महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करना- क्रेडिट सुइसे ए.जी (Credit Suisse A.G.) हम सूचित करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में क्रेडिट सुइसे एजी का नाम दिनांक 02 अप्रैल 2011 के भारत के राजपत्र (भाग III खंड 4) में प्रकाशित 8 मार्च 2011 की अधिसूचना बैंपविवि आईबीडी सं.13983/23
आर.बी.आई/2010-11/552 संदर्भ:बैंपविवि सं.आरईटी.बीसी 97/12.06.128/2010-11 1 जून, 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक प्रिय महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करना- क्रेडिट सुइसे ए.जी (Credit Suisse A.G.) हम सूचित करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में क्रेडिट सुइसे एजी का नाम दिनांक 02 अप्रैल 2011 के भारत के राजपत्र (भाग III खंड 4) में प्रकाशित 8 मार्च 2011 की अधिसूचना बैंपविवि आईबीडी सं.13983/23
जून 01, 2011
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करना-एसबीईआरबैंक(Sberbank)
आर.बी.आई/2010-11/553 संदर्भ:बैंपविवि सं.आरईटी.बीसी 98/12.06.129/2010-11 1 जून 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक प्रय महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करना- एसबीईआरबैंक (Sberbank) हम सूचित करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में "एसबीईआरबैंक" का नाम दिनांक 02 अप्रैल 2011 के भारत के राजपत्र (भाग III खंड 4) में प्रकाशित 8 मार्च 2011 की अधिसूचना बैंपविवि आईबीडी सं.13982/23.03.022/2010-11 के द्वारा शाम
आर.बी.आई/2010-11/553 संदर्भ:बैंपविवि सं.आरईटी.बीसी 98/12.06.129/2010-11 1 जून 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक प्रय महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल करना- एसबीईआरबैंक (Sberbank) हम सूचित करते हैं कि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में "एसबीईआरबैंक" का नाम दिनांक 02 अप्रैल 2011 के भारत के राजपत्र (भाग III खंड 4) में प्रकाशित 8 मार्च 2011 की अधिसूचना बैंपविवि आईबीडी सं.13982/23.03.022/2010-11 के द्वारा शाम
मई 30, 2011
इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर ( ईबीटी) योजना और वित्तीय समावेश योजना (एफआईपी) के अंतर्गत 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की रूपरेखा के अंतर्गत गाँव आबंटित करने के मुद्दों का समाधान
भारिबैं / 2010-11 / 550 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.सं.74/02.19.010/2010-11 30 मई 2011 अध्यक्ष / अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राज्य स्तरीय बैंकर समिति के सभी संयोजक बैंक (संलग्न सूची के अनुसार ) महोदय / महोदया इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर ( ईबीटी) योजना और वित्तीय समावेश योजना (एफआईपी) के अंतर्गत 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की रूपरेखा के अंतर्गत गाँव आबंटित करने के मुद्दों का समाधान यह बात हमारी जानकारी में लाई गई है कि कुछ राज्यों
भारिबैं / 2010-11 / 550 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.सं.74/02.19.010/2010-11 30 मई 2011 अध्यक्ष / अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राज्य स्तरीय बैंकर समिति के सभी संयोजक बैंक (संलग्न सूची के अनुसार ) महोदय / महोदया इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर ( ईबीटी) योजना और वित्तीय समावेश योजना (एफआईपी) के अंतर्गत 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की रूपरेखा के अंतर्गत गाँव आबंटित करने के मुद्दों का समाधान यह बात हमारी जानकारी में लाई गई है कि कुछ राज्यों
मई 30, 2011
रिपो/रिवर्स रिपो लेन-देनों के लेखांकन हेतु दिशानिर्देश
भारिबैं/2010-11/551 संदर्भ : आंऋप्रवि.सं. 29/11.08.043/2010-11 30 मई 2011 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी संस्थान(वाणिज्य बैंक, सहकारी बैंक, प्राथमिक व्यापारी,वित्तीय संस्थान, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ) महोदय रिपो/रिवर्स रिपो लेन-देनों के लेखांकन हेतु दिशानिर्देश कृपया 23 मार्च 2010 का हमारा परिपत्र भारिबैं/2009-10/356 (आंऋप्रवि.सं.4135/ 11.08.043/2009-10 देखें जिसमें रिपो/रिवर्स रिपो लेन-देनों के लेखांकन के लिए दिशानिर्देश दिए गए
भारिबैं/2010-11/551 संदर्भ : आंऋप्रवि.सं. 29/11.08.043/2010-11 30 मई 2011 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित सभी संस्थान(वाणिज्य बैंक, सहकारी बैंक, प्राथमिक व्यापारी,वित्तीय संस्थान, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ) महोदय रिपो/रिवर्स रिपो लेन-देनों के लेखांकन हेतु दिशानिर्देश कृपया 23 मार्च 2010 का हमारा परिपत्र भारिबैं/2009-10/356 (आंऋप्रवि.सं.4135/ 11.08.043/2009-10 देखें जिसमें रिपो/रिवर्स रिपो लेन-देनों के लेखांकन के लिए दिशानिर्देश दिए गए
मई 27, 2011
एटीएम लेन देनों की विफलता का समाधान
RBI/2010-11/547 भुनिप्रवि(केंका) पीडी सं. 2632 / 02.10.002 / 2010-2011 27 मई 2011 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय एटीएमलेनदेनों की विफलता का समाधान उपर्युक्त विषय पर कृपया हमारे दिनांक 23 अक्टूबर 2008, 11 फरवरी 2009 और 17 जुलाई 2009 के पत्र क्रमशः भुनिप्रवि सं. 711/02.10.02/2008-2009, 1424/ 02.10.02 / 2008-20
RBI/2010-11/547 भुनिप्रवि(केंका) पीडी सं. 2632 / 02.10.002 / 2010-2011 27 मई 2011 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/शहरी सहकारी बैंकों/राज्य सहकारी बैंकों/जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय एटीएमलेनदेनों की विफलता का समाधान उपर्युक्त विषय पर कृपया हमारे दिनांक 23 अक्टूबर 2008, 11 फरवरी 2009 और 17 जुलाई 2009 के पत्र क्रमशः भुनिप्रवि सं. 711/02.10.02/2008-2009, 1424/ 02.10.02 / 2008-20
मई 26, 2011
वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री की स्थापना
आरबीआई/2010-11/546 ग्राआऋवि.केका.आरसीबी.बीसी.सं.73/07.38.03/2010-11 26 मई 2011 अध्यक्ष सभी राज्य सहकारी और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदय वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री की स्थापना वर्ष 2011-12 के बज़ट भाषण में माननीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसरण में वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय रजिस्ट्री की स्थापना की सूचना दी है । केंद्रीय रजिस्ट्री की स्थापना का उद्द
आरबीआई/2010-11/546 ग्राआऋवि.केका.आरसीबी.बीसी.सं.73/07.38.03/2010-11 26 मई 2011 अध्यक्ष सभी राज्य सहकारी और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदय वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री की स्थापना वर्ष 2011-12 के बज़ट भाषण में माननीय वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसरण में वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय रजिस्ट्री की स्थापना की सूचना दी है । केंद्रीय रजिस्ट्री की स्थापना का उद्द
मई 25, 2011
उपदान सीमा में बढ़ोतरी - विवेकपूर्ण विनियामकीय पद्धति
आरबीआई /2010-11/544 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.49/09.14.000/2010-11 24 मई 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया उपदान सीमा में बढ़ोतरी - विवेकपूर्ण विनियामकीय पद्धति कृपया 09 फरवरी 1993 के हमारे परिपत्र शबैंवि.सं.आइ एण्ड एल-38 /5.1-92/93 के साथ सलंग्न ज्ञापन का पैरा 10 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया गया था कि भविष्य निधि, पेंशन, उपदान आदि के लिए अनुमानित देयताओं की बीमांकिक आधार पर गणना करना आवश्यक है तथा शहरी स
आरबीआई /2010-11/544 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.49/09.14.000/2010-11 24 मई 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया उपदान सीमा में बढ़ोतरी - विवेकपूर्ण विनियामकीय पद्धति कृपया 09 फरवरी 1993 के हमारे परिपत्र शबैंवि.सं.आइ एण्ड एल-38 /5.1-92/93 के साथ सलंग्न ज्ञापन का पैरा 10 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया गया था कि भविष्य निधि, पेंशन, उपदान आदि के लिए अनुमानित देयताओं की बीमांकिक आधार पर गणना करना आवश्यक है तथा शहरी स
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