अधिसूचनाएं - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
फ़र॰ 10, 2011
स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता वाली गैर सरकारी प्रतिभूतियों - अपरिवर्तनीय डिबेंचरो (एनसीडी) में निवेश
भारिबैं/2010-11/401 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं. 26/14.03.05/2010-11 10 फरवरी 2011 सभी स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारी महोदय स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता वाली गैर सरकारी प्रतिभूतियों - अपरिवर्तनीय डिबेंचरो (एनसीडी) में निवेश कृपया 1 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र भारिबैं/2010-11/81 (आंऋप्रवि.पीडीआरडी.सं.01/ 03.64.00/2010-11 का पैरा 5.8.2 देखें जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ प्राथमिक व्यापारियों को सूचित किया गया था कि उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक
भारिबैं/2010-11/401 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं. 26/14.03.05/2010-11 10 फरवरी 2011 सभी स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारी महोदय स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता वाली गैर सरकारी प्रतिभूतियों - अपरिवर्तनीय डिबेंचरो (एनसीडी) में निवेश कृपया 1 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र भारिबैं/2010-11/81 (आंऋप्रवि.पीडीआरडी.सं.01/ 03.64.00/2010-11 का पैरा 5.8.2 देखें जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ प्राथमिक व्यापारियों को सूचित किया गया था कि उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक
फ़र॰ 09, 2011
सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार
आरबीआइ/2010-11/400 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 80/21.04.018/2010-11 09 फरवरी 2011 20 माघ 1932 (शक) सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन विकल्प पुन: खोलने तथा उपदान संदाय अधिनियम, 1972 में संशोधन के बाद उपदान सीमाओं में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक एवं भारतीय ब
आरबीआइ/2010-11/400 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 80/21.04.018/2010-11 09 फरवरी 2011 20 माघ 1932 (शक) सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन विकल्प पुन: खोलने तथा उपदान संदाय अधिनियम, 1972 में संशोधन के बाद उपदान सीमाओं में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक एवं भारतीय ब
फ़र॰ 08, 2011
10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना
भारिबैं / 2010-11/399 ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं. 52/06.11.01/2010-11 08 फरवरी 2011 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय 10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना कृपया 09 अगस्त 2011 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं16/ 06.11.01/2010-11 और 20 अक्तूबर 2010 का हमारा पत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस. सं16/06.11.01/ 2010-11 देखें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उपर्युक्
भारिबैं / 2010-11/399 ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं. 52/06.11.01/2010-11 08 फरवरी 2011 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय 10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना कृपया 09 अगस्त 2011 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं16/ 06.11.01/2010-11 और 20 अक्तूबर 2010 का हमारा पत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस. सं16/06.11.01/ 2010-11 देखें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उपर्युक्
फ़र॰ 04, 2011
Recognition of Permanent Diminution in the Value of Investments in Banks' Subsidiaries / Joint Ventures
RBI/2010-11/398 DBOD.FID.FIC.No.11/01.02.00/2010-11 February 01, 2011 The CEOs of select All-India Term Lending and Refinancing Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB and SIDBI) Dear Sir, Recognition of Permanent Diminution in the Value of Investments in Banks' Subsidiaries / Joint Ventures In terms of para 14 of Annexure to circular DBS.FID.No.C.9/01.02.00/2000-01 dated November 9, 2000 on ‘Guidelines for Classification and Valuation of investments ', FIs are required
RBI/2010-11/398 DBOD.FID.FIC.No.11/01.02.00/2010-11 February 01, 2011 The CEOs of select All-India Term Lending and Refinancing Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB and SIDBI) Dear Sir, Recognition of Permanent Diminution in the Value of Investments in Banks' Subsidiaries / Joint Ventures In terms of para 14 of Annexure to circular DBS.FID.No.C.9/01.02.00/2000-01 dated November 9, 2000 on ‘Guidelines for Classification and Valuation of investments ', FIs are required
फ़र॰ 02, 2011
स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋणों का वर्गीकरण
भारिबैं / 2011-12/397ग्राआऋवि.केंका.आयो.बीसी.51/04.09.01/2010-11 2 फरवरी 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋणों का वर्गीकरण कृपया प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने के संबंध में 01 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र का पैराग्राफ 1.3.14 देखें। 2. यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर व्यक्तियों को या अन्य संस्थाओं को ऋण देने के प्र
भारिबैं / 2011-12/397ग्राआऋवि.केंका.आयो.बीसी.51/04.09.01/2010-11 2 फरवरी 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋणों का वर्गीकरण कृपया प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने के संबंध में 01 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र का पैराग्राफ 1.3.14 देखें। 2. यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर व्यक्तियों को या अन्य संस्थाओं को ऋण देने के प्र
फ़र॰ 02, 2011
अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदण्ड/काला धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व
आरबीआइ/2010-11/396 ग्राआऋवि.केका.आरसीबी.एएमएल.बीसी.सं.50/03.507.40.00/2010-11 2 फरवरी 2011 मुख्य कार्यपालक सभी राज्य सहकारी और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदय अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदण्ड/काला धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व कृपया अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदण्ड - धनशोधन निवारण मानक/आतंकवद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धन शोधन निवारण अधिनिय
आरबीआइ/2010-11/396 ग्राआऋवि.केका.आरसीबी.एएमएल.बीसी.सं.50/03.507.40.00/2010-11 2 फरवरी 2011 मुख्य कार्यपालक सभी राज्य सहकारी और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदय अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदण्ड/काला धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व कृपया अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) मानदण्ड - धनशोधन निवारण मानक/आतंकवद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धन शोधन निवारण अधिनिय
जन॰ 31, 2011
बैंकों की सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों में निवेश के मूल्य में स्थायी ह्रास का मूल्य निर्धारण
आरबीआइ/2010-11/395 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 79/21.04.141/2010-11 31 जनवरी 2011 11 माघ 1932 (शक) अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंकों की सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों में निवेश के मूल्य में स्थायी ह्रास का मूल्य निर्धारण बैंकों द्वारा निवेशों के वर्गीकरण और मूल्यन संबंधी दिशानिर्देशों पर 16 अक्तूबर 2000 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 32/21.04.048/2000-2001 के अनुबंध क
आरबीआइ/2010-11/395 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 79/21.04.141/2010-11 31 जनवरी 2011 11 माघ 1932 (शक) अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय बैंकों की सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों में निवेश के मूल्य में स्थायी ह्रास का मूल्य निर्धारण बैंकों द्वारा निवेशों के वर्गीकरण और मूल्यन संबंधी दिशानिर्देशों पर 16 अक्तूबर 2000 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 32/21.04.048/2000-2001 के अनुबंध क
जन॰ 28, 2011
वार्षिक वित्तीय निरीक्षण – प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण – बैंकों द्वारा गलत वर्गीकरण
भारिबैं / 2010-11/ 393 ग्राआऋवि.केंका. 49/04.09.01/2010-11 28 जनवरी 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, वार्षिक वित्तीय निरीक्षण – प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण – बैंकों द्वारा गलत वर्गीकरण बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए वार्षिक वित्तीय निरीक्षण से अन्य बातों के साथ बैंकों द् वारा प्राथमिकता क्षेत्र और/या उसके उप क्षेत्रों के अंतर्गत ऋणों के गलत वर्गीकरण क
भारिबैं / 2010-11/ 393 ग्राआऋवि.केंका. 49/04.09.01/2010-11 28 जनवरी 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, वार्षिक वित्तीय निरीक्षण – प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण – बैंकों द्वारा गलत वर्गीकरण बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए वार्षिक वित्तीय निरीक्षण से अन्य बातों के साथ बैंकों द् वारा प्राथमिकता क्षेत्र और/या उसके उप क्षेत्रों के अंतर्गत ऋणों के गलत वर्गीकरण क
जन॰ 27, 2011
"अल्प खाता" खोलना
आरबीआइ/2010-11/389बैंपविवि. एएमएल. सं. बीसी. 77/14.01.001/2010-11 27 जनवरी 2011 7 माघ 1932 (शक) अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय "अल्प खाता" खोलना कृपया भारत सरकार की अधिसूचना सं. 14/2010/एफ. सं. 6/2/2007-ई.एस. दिनांक 16 दिसंबर 2010 की संलग्न प्रतिलिपि देखें जिसके द्वारा धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरूप और मूल्य के अभिलेखों का
आरबीआइ/2010-11/389बैंपविवि. एएमएल. सं. बीसी. 77/14.01.001/2010-11 27 जनवरी 2011 7 माघ 1932 (शक) अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय "अल्प खाता" खोलना कृपया भारत सरकार की अधिसूचना सं. 14/2010/एफ. सं. 6/2/2007-ई.एस. दिनांक 16 दिसंबर 2010 की संलग्न प्रतिलिपि देखें जिसके द्वारा धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरूप और मूल्य के अभिलेखों का
जन॰ 27, 2011
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण नीति में छूट
आरबीआइ/2010-2011/390 बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 78 /22.01.001/2010-11 27 जनवरी 2011 7 माघ 1932 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण नीति में छूट 01 दिसंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 65/22.01.001/2009-10 के अनुसार घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को टीयर - 3 से टीयर - 6 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 49,999 जनसंख्या तक)
आरबीआइ/2010-2011/390 बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 78 /22.01.001/2010-11 27 जनवरी 2011 7 माघ 1932 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण नीति में छूट 01 दिसंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 65/22.01.001/2009-10 के अनुसार घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को टीयर - 3 से टीयर - 6 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 49,999 जनसंख्या तक)
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022