प्रेस प्रकाशनियां - विनियमित गैर-बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
निम्नलिखित 15 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI
निम्नलिखित 15 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया हैI
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त किया:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त किया:
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनी) निदेश, 2024 जारी किया है। इन निदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इस मास्टर निदेश में, एआरसी संबंधी मास्टर निदेश और मास्टर निदेश - प्रायोजकों के लिए उचित और उपयुक्त मानदंड - आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 द्वारा एआरसी को जारी मौजूदा विनियामक दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/169
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मास्टर निदेश- भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनी) निदेश, 2024 जारी किया है। इन निदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इस मास्टर निदेश में, एआरसी संबंधी मास्टर निदेश और मास्टर निदेश - प्रायोजकों के लिए उचित और उपयुक्त मानदंड - आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 द्वारा एआरसी को जारी मौजूदा विनियामक दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। (योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/169
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है।
निम्नलिखित पाँच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।
निम्नलिखित पाँच गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है। क्र. सं. कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं. प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख प्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख 1 निमिषा फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बी 1/7, सेक्टर 1, जानकीपुरम एक्सटेंशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश– 226021 B-12.00291 29 मार्च 2001 8 फरवरी 2024 2 आर.एम.बी. फाइनेंस कंपनी लिमिटेड रजनी कॉम्प्लेक्स, तीसरी मंजिल, खगौल रोड, मीठापुर, पटना सदर, बिहार - 800001 B-15.00036 8 नवंबर 2001 14 फरवरी 2024 3 सुयश फिनोवेस्ट प्राइवेट लिमिटेड देवंदिघी, मिर्ज़ापुर, बर्धमान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 713102 B.05-03680 24 नवंबर 2000 28 फरवरी 2024
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया है। क्र. सं. कंपनी का नाम पंजीकृत कार्यालयीन पता पंजीकरण प्रमाणपत्र सं. प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख प्रमाणपत्र निरस्त करने की तारीख 1 निमिषा फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बी 1/7, सेक्टर 1, जानकीपुरम एक्सटेंशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश– 226021 B-12.00291 29 मार्च 2001 8 फरवरी 2024 2 आर.एम.बी. फाइनेंस कंपनी लिमिटेड रजनी कॉम्प्लेक्स, तीसरी मंजिल, खगौल रोड, मीठापुर, पटना सदर, बिहार - 800001 B-15.00036 8 नवंबर 2001 14 फरवरी 2024 3 सुयश फिनोवेस्ट प्राइवेट लिमिटेड देवंदिघी, मिर्ज़ापुर, बर्धमान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल - 713102 B.05-03680 24 नवंबर 2000 28 फरवरी 2024
निम्नलिखित सात गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।
निम्नलिखित सात गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफ़सी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उन्हें जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र का अभ्यर्पण किया है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन कंपनियों का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जेएमएफपीएल या 'कंपनी') को तत्काल प्रभाव से, शेयरों और डिबेंचर के सापेक्ष किसी भी प्रकार के वित्तपोषण, जिसमें शेयरों के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के साथ-साथ डिबेंचर के अभिदान के सापेक्ष ऋण की मंजूरी और संवितरण भी शामिल है, पर रोक लगाने का निदेश जारी किया है। तथापि, कंपनी सामान्य संग्रहण और वसूली प्रक्रियाओं के माध्यम से अपने मौजूदा ऋण खातों का ऋण शोधन जारी रख सकती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जेएमएफपीएल या 'कंपनी') को तत्काल प्रभाव से, शेयरों और डिबेंचर के सापेक्ष किसी भी प्रकार के वित्तपोषण, जिसमें शेयरों के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के साथ-साथ डिबेंचर के अभिदान के सापेक्ष ऋण की मंजूरी और संवितरण भी शामिल है, पर रोक लगाने का निदेश जारी किया है। तथापि, कंपनी सामान्य संग्रहण और वसूली प्रक्रियाओं के माध्यम से अपने मौजूदा ऋण खातों का ऋण शोधन जारी रख सकती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड ("कंपनी") को तत्काल प्रभाव से स्वर्ण ऋण स्वीकृत करने या संवितरित करने या उसके किसी भी स्वर्ण ऋण के समनुदेश/ प्रतिभूतीकरण /बिक्री पर रोक लगाने का निदेश जारी किया है। तथापि, कंपनी सामान्य संग्रहण और वसूली प्रक्रियाओं के माध्यम से अपने मौजूदा स्वर्ण ऋण पोर्टफोलियो का ऋण शोधन जारी रख सकती है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एल(1)(बी) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड ("कंपनी") को तत्काल प्रभाव से स्वर्ण ऋण स्वीकृत करने या संवितरित करने या उसके किसी भी स्वर्ण ऋण के समनुदेश/ प्रतिभूतीकरण /बिक्री पर रोक लगाने का निदेश जारी किया है। तथापि, कंपनी सामान्य संग्रहण और वसूली प्रक्रियाओं के माध्यम से अपने मौजूदा स्वर्ण ऋण पोर्टफोलियो का ऋण शोधन जारी रख सकती है।
10 अगस्त 2023 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने स्पष्टता, संक्षिप्तता और विवरणी प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न पर्यवेक्षित संस्थाओं को जारी किए गए निदेशों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए मास्टर निदेश– भारतीय रिज़र्व बैंक (पर्यवेक्षी विवरणी प्रस्तुत करना) निदेश– 2024 जारी किया है। यह विनियम समीक्षा प्राधिकरण (आरआरए 2.0) और भारतीय रिज़र्व बैंक के आंतरिक कार्य समूह की अनुशंसा के आधार पर विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किए गए उपायों की एक शृंखला का हिस्सा है।
10 अगस्त 2023 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के भाग के रूप में जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार, रिज़र्व बैंक ने स्पष्टता, संक्षिप्तता और विवरणी प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न पर्यवेक्षित संस्थाओं को जारी किए गए निदेशों में सामंजस्य स्थापित करने के लिए मास्टर निदेश– भारतीय रिज़र्व बैंक (पर्यवेक्षी विवरणी प्रस्तुत करना) निदेश– 2024 जारी किया है। यह विनियम समीक्षा प्राधिकरण (आरआरए 2.0) और भारतीय रिज़र्व बैंक के आंतरिक कार्य समूह की अनुशंसा के आधार पर विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किए गए उपायों की एक शृंखला का हिस्सा है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अप्रैल 16, 2025