अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
फ़र॰ 09, 2005
भारत सरकार और पूर्व यूएसएसआर के बीच हुए व्यापार समझौते
आरबीआइ/2004-05/361 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.33 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और पूर्व यूएसएसआर के बीच हुए व्यापार समझौते के अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान दिसंबर 23, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.30 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं नवंबर 27, 2004 से लागू विशेष मुद्रा समूह (करेंसी बास्केट) का रुपया मूल्य 60.5127 रुपये दर्शाया था।2
आरबीआइ/2004-05/361 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.33 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और पूर्व यूएसएसआर के बीच हुए व्यापार समझौते के अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान दिसंबर 23, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.30 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं नवंबर 27, 2004 से लागू विशेष मुद्रा समूह (करेंसी बास्केट) का रुपया मूल्य 60.5127 रुपये दर्शाया था।2
फ़र॰ 09, 2005
समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - उदारीकरण
आरबीआइ/2004-05/360 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.32 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - उदारीकरण जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/2004-आरबी कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना यह परिपत्र दो मुों िसे संबंधित है। पहला मुा िअधिसूचना जारी करने से संबंधित है जिसमें समुद्रपारीय निवेश से संबंधित सभी संशोधन दिए गए हैं। दूसरा कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना में उदारीकरण से संबंधित है। विस्तफ
आरबीआइ/2004-05/360 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.32 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - उदारीकरण जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/2004-आरबी कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना यह परिपत्र दो मुों िसे संबंधित है। पहला मुा िअधिसूचना जारी करने से संबंधित है जिसमें समुद्रपारीय निवेश से संबंधित सभी संशोधन दिए गए हैं। दूसरा कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना में उदारीकरण से संबंधित है। विस्तफ
फ़र॰ 01, 2005
फेमा 1999 के अंतर्गत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंग
आरबीआइ/2004-05/355 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.31 फरवरी 1, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, फेमा 1999 के अंतर्गत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंगप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान भारत सरकार के दिनांक 3 मई 2000 के जी.एस.आर.सं.383()िं द्वारा प्रकाशित और 2 नवंबर 2002 के जी.एस.आर.सं.443()िं (प्रति संलग्न) द्वारा यथा संशोधित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसीडिंग्स) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। इन नियमों के अ
आरबीआइ/2004-05/355 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.31 फरवरी 1, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, फेमा 1999 के अंतर्गत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंगप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान भारत सरकार के दिनांक 3 मई 2000 के जी.एस.आर.सं.383()िं द्वारा प्रकाशित और 2 नवंबर 2002 के जी.एस.आर.सं.443()िं (प्रति संलग्न) द्वारा यथा संशोधित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसीडिंग्स) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। इन नियमों के अ
जन॰ 05, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 127 /आरबी-2004 दिनांक : 5 जनवरी 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उपधारा 3 के खंड (घ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा मई 3, 200 की इसकी अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय-समय पर यथा संशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 127 /आरबी-2004 दिनांक : 5 जनवरी 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उपधारा 3 के खंड (घ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा मई 3, 200 की इसकी अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय-समय पर यथा संशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्
दिस॰ 23, 2004
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान शिष्टाचार
आरबीआइ/2004-05/310 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.30 दिसंबर 23, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान शिष्टाचारप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 10, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.4 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जून 24, 2004 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6989 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
आरबीआइ/2004-05/310 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.30 दिसंबर 23, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान शिष्टाचारप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 10, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.4 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जून 24, 2004 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6989 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
दिस॰ 02, 2004
वियतनाम सरकार को 27 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता
आरबीआइ/2004-05/289ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.29 दिसंबर 02, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय, वियतनाम सरकार को 27 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 12, 2004 को वियतनाम समाजवादी गणतंत्र सरकार के साथ कुल 27 मिलियन अमरीकी डॉलर (सत्ताईस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार नवंबर 1, 2004 को लागू हो गया है। यह
आरबीआइ/2004-05/289ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.29 दिसंबर 02, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय, वियतनाम सरकार को 27 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 12, 2004 को वियतनाम समाजवादी गणतंत्र सरकार के साथ कुल 27 मिलियन अमरीकी डॉलर (सत्ताईस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार नवंबर 1, 2004 को लागू हो गया है। यह
नव॰ 27, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.125/2004-आरबी दिनांक :27 नवंबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की धारा 6 और उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.125/2004-आरबी दिनांक :27 नवंबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की धारा 6 और उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र
नव॰ 19, 2004
इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट
आरबीआइ/2004-05/280ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.28 नवंबर 19, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन यूनियन के माध्यम से लेनदेन हेतु प्रक्रिया के ज्ञापन की मद 7(ख) और (ङ) के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.14/2000-आरबी के विनियम 3 और 5 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान की शर्त पर क्
आरबीआइ/2004-05/280ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.28 नवंबर 19, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन यूनियन के माध्यम से लेनदेन हेतु प्रक्रिया के ज्ञापन की मद 7(ख) और (ङ) के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.14/2000-आरबी के विनियम 3 और 5 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान की शर्त पर क्
नव॰ 11, 2004
(i)यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा (ii)म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक, म्यांमार को 56.358 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता
आरबीआइ/2004-05/275ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.27 नवंबर 11, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, (i)यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा (ii)म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक, म्यांमार को 56.358 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका (यूनिबैंको) तथा म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक
आरबीआइ/2004-05/275ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.27 नवंबर 11, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, (i)यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा (ii)म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक, म्यांमार को 56.358 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका (यूनिबैंको) तथा म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक
नव॰ 01, 2004
भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना
आरबीआइ/2004-05/263ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.24 नवंबर 1, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अप्रैल 17, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीजॅ) परिपत्र सं.87 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें प्राधिवफ्त व्यापारियों को एक्ज़िम नीति के अंतर्गत अनुमत सभी वस्तुओं के आयात के लिए प्रति आयात लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी
आरबीआइ/2004-05/263ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.24 नवंबर 1, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अप्रैल 17, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीजॅ) परिपत्र सं.87 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें प्राधिवफ्त व्यापारियों को एक्ज़िम नीति के अंतर्गत अनुमत सभी वस्तुओं के आयात के लिए प्रति आयात लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी
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