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अक्‍तूबर 26, 2004
सुरीनाम सरकार को एक्ज़िम बैंक की 16 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता
 आरबीआइ/2004-05/242ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.21 अक्तूबर 26, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, ‌सुरीनाम सरकार को एक्ज़िम बैंक की 16 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 14, 2004 को सुरीनाम सरकार के साथ उनको कुल 16 मिलियन अमरीकी डॉलर (सोलह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार सितंबर 28, 2004 से लागू बे गया है। कुल
 आरबीआइ/2004-05/242ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.21 अक्तूबर 26, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, ‌सुरीनाम सरकार को एक्ज़िम बैंक की 16 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 14, 2004 को सुरीनाम सरकार के साथ उनको कुल 16 मिलियन अमरीकी डॉलर (सोलह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार सितंबर 28, 2004 से लागू बे गया है। कुल
अक्‍तूबर 25, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन
 आरबीआइ/2004-05/234ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 अक्तूबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमबेदया/मबेदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान परवरी 24, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.76 की मद 2(ख्ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवाल
 आरबीआइ/2004-05/234ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 अक्तूबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमबेदया/मबेदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान परवरी 24, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.76 की मद 2(ख्ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवाल
अक्‍तूबर 20, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन
आरबीआइ/2004-05/230 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 19 अक्तूबर 20, 2004 प्रति विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 13, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिमें यह सूर्ातिं किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन / संशोधनों को अलग से ाारी किया ाा रहा है । रिज़र्व बैंक द्वारा ाारी और सरकारी गाट
आरबीआइ/2004-05/230 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 19 अक्तूबर 20, 2004 प्रति विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 13, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिमें यह सूर्ातिं किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन / संशोधनों को अलग से ाारी किया ाा रहा है । रिज़र्व बैंक द्वारा ाारी और सरकारी गाट
अक्‍तूबर 16, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/222 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.18 16 अक्तूबर,2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन हम सूचित करते हैं कि 31 मार्च,2004 से विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग का नाम बदलकर विदेशी मुद्रा विभाग कर दिया गया है । भारत सरकार द्वारा 9 सितंबर 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी को उपर्युक्त  परिवर्तन को अधिसूचित करने के लि
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/222 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.18 16 अक्तूबर,2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन हम सूचित करते हैं कि 31 मार्च,2004 से विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग का नाम बदलकर विदेशी मुद्रा विभाग कर दिया गया है । भारत सरकार द्वारा 9 सितंबर 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी को उपर्युक्त  परिवर्तन को अधिसूचित करने के लि
अक्‍तूबर 16, 2004
विदेशी एयरलाइंस/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ के पक्ष में बेंक गारंटी जारी करना
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी  मुद्रा  विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004-05/221 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17 16 अक्तूबर 2004 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया विदेशी एयरलाइंस/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ के पक्ष में बेंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000  के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी  मुद्रा  विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004-05/221 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17 16 अक्तूबर 2004 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया विदेशी एयरलाइंस/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ के पक्ष में बेंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000  के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया
अक्‍तूबर 16, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी)(संशोधन)विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.पेÀमा. 124/2004-आरबी 16 अक्तूबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ञ) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, संक्षिप्त नाम और प्रारंभ 1.(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) (संशोधन) विनियमावल
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.पेÀमा. 124/2004-आरबी 16 अक्तूबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ञ) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, संक्षिप्त नाम और प्रारंभ 1.(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) (संशोधन) विनियमावल
अक्‍तूबर 04, 2004
पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना
  आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16 अक्तूबर 04, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिस
  आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16 अक्तूबर 04, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिस
अक्‍तूबर 01, 2004
बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तन
  आरबीआइ/2004-05/203ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तनप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान नवंबर 14, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भुगतान/ चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी ज्ञान शुल्क / रॉयल्टी और बाह्य वाणिज्यिक उधार पर ईक्विटी/ अधिमानी शेयरों के निर
  आरबीआइ/2004-05/203ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तनप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान नवंबर 14, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भुगतान/ चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी ज्ञान शुल्क / रॉयल्टी और बाह्य वाणिज्यिक उधार पर ईक्विटी/ अधिमानी शेयरों के निर
अक्‍तूबर 01, 2004
निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)
 आरबीआइ/2004-05/202ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक मबेदया/मबेदय निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसक
 आरबीआइ/2004-05/202ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक मबेदया/मबेदय निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसक
अक्‍तूबर 01, 2004
श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करना
  आरबीआइ/2004-05/201ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.13 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.पेमा.100/2003-आरबी के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/2000-आरबी के विनियम सं.5(1) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक
  आरबीआइ/2004-05/201ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.13 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.पेमा.100/2003-आरबी के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/2000-आरबी के विनियम सं.5(1) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक

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