अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अक्तू॰ 04, 2004
पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना
आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16 अक्तूबर 04, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिस
आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16 अक्तूबर 04, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिस
अक्तू॰ 01, 2004
श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करना
आरबीआइ/2004-05/201ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.13 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.पेमा.100/2003-आरबी के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/2000-आरबी के विनियम सं.5(1) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक
आरबीआइ/2004-05/201ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.13 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.पेमा.100/2003-आरबी के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/2000-आरबी के विनियम सं.5(1) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक
अक्तू॰ 01, 2004
बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तन
आरबीआइ/2004-05/203ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तनप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान नवंबर 14, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भुगतान/ चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी ज्ञान शुल्क / रॉयल्टी और बाह्य वाणिज्यिक उधार पर ईक्विटी/ अधिमानी शेयरों के निर
आरबीआइ/2004-05/203ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तनप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान नवंबर 14, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भुगतान/ चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी ज्ञान शुल्क / रॉयल्टी और बाह्य वाणिज्यिक उधार पर ईक्विटी/ अधिमानी शेयरों के निर
अक्तू॰ 01, 2004
निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)
आरबीआइ/2004-05/202ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक मबेदया/मबेदय निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसक
आरबीआइ/2004-05/202ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक मबेदया/मबेदय निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसक
सित॰ 25, 2004
सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात
आरबीआइ/2004-05/193ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 सितंबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर.381(E) द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची घ्घ् की मद 4 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार सार्वजनिक क
आरबीआइ/2004-05/193ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 सितंबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर.381(E) द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची घ्घ् की मद 4 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार सार्वजनिक क
सित॰ 13, 2004
लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात
आरबीआई /2004-05/175 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.10 13 सितबंर 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया / महोदय लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान अगस्त 20, 2003 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक में सूचीबध्द देशों को निर्यातित माल / सॉफ्टवेयर के पूर्ण मूल्य की 360 दिनों के भीतर वसूली और प्रत्यावर्तन सुविधा को समी
आरबीआई /2004-05/175 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.10 13 सितबंर 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया / महोदय लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान अगस्त 20, 2003 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक में सूचीबध्द देशों को निर्यातित माल / सॉफ्टवेयर के पूर्ण मूल्य की 360 दिनों के भीतर वसूली और प्रत्यावर्तन सुविधा को समी
सित॰ 13, 2004
भारत में विदेशी निवेश
आरबीआई/2004-05/176 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 सितबंर 13, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय भारत में विदेशी निवेश प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 के फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित भारत में विदेशी विवेश से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम ) विनियम 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. उसी अधिसूचना के विनि
आरबीआई/2004-05/176 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 सितबंर 13, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय भारत में विदेशी निवेश प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 के फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित भारत में विदेशी विवेश से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम ) विनियम 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. उसी अधिसूचना के विनि
सित॰ 09, 2004
भारत सरकार का कार्यालयीन गज़ट
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) (केंद्रीय कार्यालय)मुंबई अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी दिनांक : 09 सितंबर,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (छ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग के नाम को "विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग" से "विदेशी मुद्रा विभाग" में परिवर्तित करने के लिए रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि 31जनवरी, 2004 से रिज़र्व
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) (केंद्रीय कार्यालय)मुंबई अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी दिनांक : 09 सितंबर,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (छ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग के नाम को "विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग" से "विदेशी मुद्रा विभाग" में परिवर्तित करने के लिए रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि 31जनवरी, 2004 से रिज़र्व
सित॰ 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/154 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.9 1 सितंबर 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्रों की संलग्न सूची की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. इन परिपत्रों में यह उल्लेख था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे थे। अब भारतीय रिज्रव बैं
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/154 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.9 1 सितंबर 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्रों की संलग्न सूची की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. इन परिपत्रों में यह उल्लेख था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे थे। अब भारतीय रिज्रव बैं
सित॰ 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.115/2004-आरबी दिनांक: 25 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 4/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विद
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.115/2004-आरबी दिनांक: 25 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 4/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विद
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