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मार्च 06, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.113/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी) में आंशिक संशोधन करते हुए
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.113/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी) में आंशिक संशोधन करते हुए
मार्च 06, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.112/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.112/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय र
फ़रवरी 24, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/74 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 76 24 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान चालू खाता लेनदेन के संबंध में मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक I की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. अधिक उदारीकरण की ओर एक और कदम के रूप में यह निर्णय लिय गया है कि निवासियों द्वारा भेजे गए विप्रेषणों पर से निम्नलिखि
आर.बी.आइ/2004/74 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 76 24 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान चालू खाता लेनदेन के संबंध में मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक I की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. अधिक उदारीकरण की ओर एक और कदम के रूप में यह निर्णय लिय गया है कि निवासियों द्वारा भेजे गए विप्रेषणों पर से निम्नलिखि
फ़रवरी 23, 2004
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - विलयन और अभिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी)
आर.बी.आइ/2004/72 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 75 23 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - विलयन और अभिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. भारतीय कॉर्पोरेट्स के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को सुविधाजनक बनाकर उन्हें विश्वव्यापी स्त
आर.बी.आइ/2004/72 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 75 23 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - विलयन और अभिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. भारतीय कॉर्पोरेट्स के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को सुविधाजनक बनाकर उन्हें विश्वव्यापी स्त
फ़रवरी 20, 2004
फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना
आर.बी.आइ/2004/67 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/
आर.बी.आइ/2004/67 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/
फ़रवरी 20, 2004
उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/66 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 73 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं
आर.बी.आइ/2004/66 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 73 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं
फ़रवरी 20, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य
आर.बी.आइ/2004/65 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 72 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार
आर.बी.आइ/2004/65 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 72 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार
फ़रवरी 20, 2004
राज्य ऋणों के रुपये में पुनभुगतान पर रूस को माल निर्यात - एजेंसी कमीशन का भुगतान
आर.बी.आइ/2004/64 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 71 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय राज्य ऋणों के रुपये में पुनभुगतान पर रूस को माल निर्यात - एजेंसी कमीशन का भुगतान प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 मई 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके साथ अन्य बातों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381(ई) की एक प्रति प्रे
आर.बी.आइ/2004/64 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 71 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय राज्य ऋणों के रुपये में पुनभुगतान पर रूस को माल निर्यात - एजेंसी कमीशन का भुगतान प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 मई 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके साथ अन्य बातों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381(ई) की एक प्रति प्रे
फ़रवरी 20, 2004
एक्ज़ीम बैंक की एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
आर.बी.आइ/2004/63 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 70 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्ज़ीम बैंक की एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़ीम बैंक) ने एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका के साथ जुलाई 4, 2003 को एक करार किया है जिसमें एबीएसए बैंक लि. को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की कुल राशि की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। ऋण की व्यवस्था 30 दिसम
आर.बी.आइ/2004/63 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 70 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्ज़ीम बैंक की एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़ीम बैंक) ने एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका के साथ जुलाई 4, 2003 को एक करार किया है जिसमें एबीएसए बैंक लि. को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की कुल राशि की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। ऋण की व्यवस्था 30 दिसम
फ़रवरी 12, 2004
फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/55 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 69 12 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.4/2000 आरबी-द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपया में ऋण लेना और देना) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को अनिवासी भारतीयों को रुपये में ऋण (i) भारत में धारित शेयरों अथवा अचल संपत्ति की ज़मानत पर निजी अथवा कारोबार क
आर.बी.आइ/2004/55 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 69 12 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.4/2000 आरबी-द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपया में ऋण लेना और देना) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को अनिवासी भारतीयों को रुपये में ऋण (i) भारत में धारित शेयरों अथवा अचल संपत्ति की ज़मानत पर निजी अथवा कारोबार क

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 16, 2025

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