अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अग॰ 27, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा .99/2003-आरबी दिनांक: 27 अगस्त ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की उप-धारा (1) के खंड(क) , धारा 7 की उप-धारा (3) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी और दिनांक 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा 36/2001-आरबी
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा .99/2003-आरबी दिनांक: 27 अगस्त ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की उप-धारा (1) के खंड(क) , धारा 7 की उप-धारा (3) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी और दिनांक 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा 36/2001-आरबी
अग॰ 27, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतानका तरीका) (संशोधन)विनियमावली,2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई-400001 अधिसूचना सं. फेमा.98/आरबी 2003 दिनांक : 27 अगस्त ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतानका तरीका) (संशोधन)विनियमावली,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.14/2000-आरबी के आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2000, समय-
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई-400001 अधिसूचना सं. फेमा.98/आरबी 2003 दिनांक : 27 अगस्त ,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतानका तरीका) (संशोधन)विनियमावली,2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.14/2000-आरबी के आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2000, समय-
अग॰ 20, 2003
अनिवासी भारतीयों/समुद्रपारीय निगतिम निकायों को अधिकार आधार पर शेयर जारी करना
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 10 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, अनिवासी भारतीयों/समुद्रपारीय निगतिम निकायों को अधिकार आधार पर शेयर जारी करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/आरबी-2000 के विनियम 6 के उपविनियम (2) बिकया जाता है जिसके अनुसार भारतीय कंपनियों को भारत से बाहर रहने वाले निवासी व्यक्ति को अधिकार आधार पर ईक्विटी अथवा अधिमानीय शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर उनमें विहित शर्तों पर ज
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 10 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, अनिवासी भारतीयों/समुद्रपारीय निगतिम निकायों को अधिकार आधार पर शेयर जारी करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/आरबी-2000 के विनियम 6 के उपविनियम (2) बिकया जाता है जिसके अनुसार भारतीय कंपनियों को भारत से बाहर रहने वाले निवासी व्यक्ति को अधिकार आधार पर ईक्विटी अथवा अधिमानीय शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर उनमें विहित शर्तों पर ज
अग॰ 20, 2003
दस मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए भारत - सुरीनाम का मार्च 17, 2003 कर ऋण करार
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 11 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, दस मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए भारत - सुरीनाम का मार्च 17, 2003 कर ऋण करार भारत सरकार ने सुरीनाम सरकार को, दोनों सरकार के बीच मार्च 17, 2003 को किए गए समझाते के अंतर्गत 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (केवल दस मिलियन अमरीकी डॉलर) का ऋधण स्वीकृत किसर है । सह ऋण सुरीनाम सरकार को भारत में विनिर्मित भारत से पूंजीगत माल के आयात के लिए उपलब्घ ााटगा । जिसमें मूल अतिरिक्त पु
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 11 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, दस मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए भारत - सुरीनाम का मार्च 17, 2003 कर ऋण करार भारत सरकार ने सुरीनाम सरकार को, दोनों सरकार के बीच मार्च 17, 2003 को किए गए समझाते के अंतर्गत 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (केवल दस मिलियन अमरीकी डॉलर) का ऋधण स्वीकृत किसर है । सह ऋण सुरीनाम सरकार को भारत में विनिर्मित भारत से पूंजीगत माल के आयात के लिए उपलब्घ ााटगा । जिसमें मूल अतिरिक्त पु
अग॰ 20, 2003
माल और सेवाओं का निर्यात
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 12 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अगस्त 28, 2002 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र क्र. 12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उक्त परिपत्र के साथ परिशिष्ट में सूचीबद्ध देशों को निर्यात किए गए माल / सॉफटेयरों के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली और प्रत्यावर्तन के लिए सितंबर 1, 2002 से एक साल की अवधि बढ़ा दी गई थी ।समीक्षा करने पर, उक्त सं
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 12 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अगस्त 28, 2002 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र क्र. 12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उक्त परिपत्र के साथ परिशिष्ट में सूचीबद्ध देशों को निर्यात किए गए माल / सॉफटेयरों के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली और प्रत्यावर्तन के लिए सितंबर 1, 2002 से एक साल की अवधि बढ़ा दी गई थी ।समीक्षा करने पर, उक्त सं
अग॰ 18, 2003
आयात साक्ष्य - उदारीकरण
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 9 अगस्त 18, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, आयात साक्ष्य - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रं क्र. 106 की परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.10.1(i) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आयात के लिए प्रेषण भेजने वाले प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सुनिश्चित करें कि आयातक आयात का दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करें यदि भारत में आयात के लिए क
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 9 अगस्त 18, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, आयात साक्ष्य - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रं क्र. 106 की परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.10.1(i) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आयात के लिए प्रेषण भेजने वाले प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सुनिश्चित करें कि आयातक आयात का दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करें यदि भारत में आयात के लिए क
अग॰ 16, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 8 अगस्त 16, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान परिशिष्ट में उल्लिशित ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रों की ओर आकृष्ट किया जाता है । उनमें यह उल्लिखित किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी िजा रहे हैं । रिज़र्व बैंक द्वारा जारी संगत सेंशोधन और सरकार द्वारा राजकीय राजपत्र में जारी अधिसुचनाएं परिशिष्ट
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 8 अगस्त 16, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान परिशिष्ट में उल्लिशित ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रों की ओर आकृष्ट किया जाता है । उनमें यह उल्लिखित किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी िजा रहे हैं । रिज़र्व बैंक द्वारा जारी संगत सेंशोधन और सरकार द्वारा राजकीय राजपत्र में जारी अधिसुचनाएं परिशिष्ट
अग॰ 12, 2003
चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण - स्पष्टीकरण
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 7 अगस्त 12, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जुलाई 17, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.3 के पैराग्राफ 1, 2 और 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके द्वारा विदेश में रोज़गार, उत्प्रवास, शिक्षा, नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण और चिकित्सीय इलाज के लिए प्रेषण सुंविधाओं के उदारीकरण की सूचना दी गई थी। हमारे ध्यान में यह बात आई है कि
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 7 अगस्त 12, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जुलाई 17, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.3 के पैराग्राफ 1, 2 और 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके द्वारा विदेश में रोज़गार, उत्प्रवास, शिक्षा, नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण और चिकित्सीय इलाज के लिए प्रेषण सुंविधाओं के उदारीकरण की सूचना दी गई थी। हमारे ध्यान में यह बात आई है कि
जुल॰ 23, 2003
रिसर्जेंट इंडिया बांड - वायदा संविदा - स्पष्टीकरण
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.6 जुलाई 23, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, रिसर्जेंट इंडिया बांड - वायदा संविदा - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000 की अनुसूची II के पैराग्राफ 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें उन जोखिमों की सूची दी गई है जिनके लिए प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीयों /समुद्रपारीय निगमित निकायें को वायदा संविदा का प्रस्ताव दे सकते हैं। 2. चूंकि रिसर्जेंट इंडिया बा
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.6 जुलाई 23, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, रिसर्जेंट इंडिया बांड - वायदा संविदा - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000 की अनुसूची II के पैराग्राफ 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें उन जोखिमों की सूची दी गई है जिनके लिए प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीयों /समुद्रपारीय निगमित निकायें को वायदा संविदा का प्रस्ताव दे सकते हैं। 2. चूंकि रिसर्जेंट इंडिया बा
जुल॰ 21, 2003
विदेशी तकनीक सहयोग - रॉयल्टी भुगतान - उदारीकरण
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.5 जुलाई 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, विदेशी तकनीक सहयोग - रॉयल्टी भुगतान - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी तकनीक सहयोग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान से संबंधित सरकार की नीति की ओर आकृष्ट किया जाता है। वर्तमान में केवल पूर्ण स्वाधिकृत सहायक कंपनियों को ही अपनी अपतटीय (ऑफशोर) मूल विदेशी कंपनी को बिना किसी अवधि के प्रतिबंध के स्वचालित मार्ग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान करने की अनुमति है।
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.5 जुलाई 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, विदेशी तकनीक सहयोग - रॉयल्टी भुगतान - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी तकनीक सहयोग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान से संबंधित सरकार की नीति की ओर आकृष्ट किया जाता है। वर्तमान में केवल पूर्ण स्वाधिकृत सहायक कंपनियों को ही अपनी अपतटीय (ऑफशोर) मूल विदेशी कंपनी को बिना किसी अवधि के प्रतिबंध के स्वचालित मार्ग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान करने की अनुमति है।
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