अधिसूचनाएं - विदेशी मुद्रा प्रबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अगस्त 20, 2003
माल और सेवाओं का निर्यात
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 12 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अगस्त 28, 2002 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र क्र. 12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उक्त परिपत्र के साथ परिशिष्ट में सूचीबद्ध देशों को निर्यात किए गए माल / सॉफटेयरों के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली और प्रत्यावर्तन के लिए सितंबर 1, 2002 से एक साल की अवधि बढ़ा दी गई थी ।समीक्षा करने पर, उक्त सं
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 12 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अगस्त 28, 2002 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र क्र. 12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार उक्त परिपत्र के साथ परिशिष्ट में सूचीबद्ध देशों को निर्यात किए गए माल / सॉफटेयरों के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली और प्रत्यावर्तन के लिए सितंबर 1, 2002 से एक साल की अवधि बढ़ा दी गई थी ।समीक्षा करने पर, उक्त सं
अगस्त 18, 2003
आयात साक्ष्य - उदारीकरण
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 9 अगस्त 18, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, आयात साक्ष्य - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रं क्र. 106 की परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.10.1(i) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आयात के लिए प्रेषण भेजने वाले प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सुनिश्चित करें कि आयातक आयात का दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करें यदि भारत में आयात के लिए क
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 9 अगस्त 18, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, आयात साक्ष्य - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रं क्र. 106 की परिशिष्ट के पैराग्राफ अ.10.1(i) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आयात के लिए प्रेषण भेजने वाले प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सुनिश्चित करें कि आयातक आयात का दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करें यदि भारत में आयात के लिए क
अगस्त 16, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 8 अगस्त 16, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान परिशिष्ट में उल्लिशित ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रों की ओर आकृष्ट किया जाता है । उनमें यह उल्लिखित किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी िजा रहे हैं । रिज़र्व बैंक द्वारा जारी संगत सेंशोधन और सरकार द्वारा राजकीय राजपत्र में जारी अधिसुचनाएं परिशिष्ट
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 8 अगस्त 16, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान परिशिष्ट में उल्लिशित ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्रों की ओर आकृष्ट किया जाता है । उनमें यह उल्लिखित किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी िजा रहे हैं । रिज़र्व बैंक द्वारा जारी संगत सेंशोधन और सरकार द्वारा राजकीय राजपत्र में जारी अधिसुचनाएं परिशिष्ट
अगस्त 12, 2003
चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण - स्पष्टीकरण
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 7 अगस्त 12, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जुलाई 17, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.3 के पैराग्राफ 1, 2 और 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके द्वारा विदेश में रोज़गार, उत्प्रवास, शिक्षा, नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण और चिकित्सीय इलाज के लिए प्रेषण सुंविधाओं के उदारीकरण की सूचना दी गई थी। हमारे ध्यान में यह बात आई है कि
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 7 अगस्त 12, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जुलाई 17, 2003 के ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.3 के पैराग्राफ 1, 2 और 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके द्वारा विदेश में रोज़गार, उत्प्रवास, शिक्षा, नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण और चिकित्सीय इलाज के लिए प्रेषण सुंविधाओं के उदारीकरण की सूचना दी गई थी। हमारे ध्यान में यह बात आई है कि
जुलाई 23, 2003
रिसर्जेंट इंडिया बांड - वायदा संविदा - स्पष्टीकरण
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.6 जुलाई 23, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, रिसर्जेंट इंडिया बांड - वायदा संविदा - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000 की अनुसूची II के पैराग्राफ 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें उन जोखिमों की सूची दी गई है जिनके लिए प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीयों /समुद्रपारीय निगमित निकायें को वायदा संविदा का प्रस्ताव दे सकते हैं। 2. चूंकि रिसर्जेंट इंडिया बा
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.6 जुलाई 23, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, रिसर्जेंट इंडिया बांड - वायदा संविदा - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी-2000 की अनुसूची II के पैराग्राफ 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें उन जोखिमों की सूची दी गई है जिनके लिए प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीयों /समुद्रपारीय निगमित निकायें को वायदा संविदा का प्रस्ताव दे सकते हैं। 2. चूंकि रिसर्जेंट इंडिया बा
जुलाई 21, 2003
विदेशी तकनीक सहयोग - रॉयल्टी भुगतान - उदारीकरण
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.5 जुलाई 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, विदेशी तकनीक सहयोग - रॉयल्टी भुगतान - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी तकनीक सहयोग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान से संबंधित सरकार की नीति की ओर आकृष्ट किया जाता है। वर्तमान में केवल पूर्ण स्वाधिकृत सहायक कंपनियों को ही अपनी अपतटीय (ऑफशोर) मूल विदेशी कंपनी को बिना किसी अवधि के प्रतिबंध के स्वचालित मार्ग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान करने की अनुमति है।
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.5 जुलाई 21, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, विदेशी तकनीक सहयोग - रॉयल्टी भुगतान - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी तकनीक सहयोग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान से संबंधित सरकार की नीति की ओर आकृष्ट किया जाता है। वर्तमान में केवल पूर्ण स्वाधिकृत सहायक कंपनियों को ही अपनी अपतटीय (ऑफशोर) मूल विदेशी कंपनी को बिना किसी अवधि के प्रतिबंध के स्वचालित मार्ग के अंतर्गत रॉयल्टी भुगतान करने की अनुमति है।
जुलाई 19, 2003
व्यापारिक लेनदेनों का सौदा करना - स्पष्टीकरण - अल्पावधि ऋण
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.4 जुलाई 19, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, व्यापारिक लेनदेनों का सौदा करना - स्पष्टीकरण - अल्पावधि ऋण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान आपूर्तिकर्ता ऋण द्वारा भारत में आयात करने के लिए प्रक्रिया को सरल करने से संबंधित सितंबर 27, 2002 के ए पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.25 प्रावधानों की ओर आकृष्ट किया जाता है। स्पष्ट किया जाता है कि आपूर्तिकर्ता ऋण अथवा क्रेता ऋण द्वारा अल्पावधि ऋण, जैसा कि उक्त परिपऋ में
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.4 जुलाई 19, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, व्यापारिक लेनदेनों का सौदा करना - स्पष्टीकरण - अल्पावधि ऋण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान आपूर्तिकर्ता ऋण द्वारा भारत में आयात करने के लिए प्रक्रिया को सरल करने से संबंधित सितंबर 27, 2002 के ए पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.25 प्रावधानों की ओर आकृष्ट किया जाता है। स्पष्ट किया जाता है कि आपूर्तिकर्ता ऋण अथवा क्रेता ऋण द्वारा अल्पावधि ऋण, जैसा कि उक्त परिपऋ में
जुलाई 17, 2003
चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.3 जुलाई 17, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के नियम 5 की अनुसूची III के अंतर्गत विदेशी मुद्रा देने की मौजूदा सीमाओं की ओर आकृष्ट किया जाता है । इसमें और अधिक उदारीकरण के उपाय स्वरूप वर्तमान सीमाओं को निम्नलिखित प्रकार से बढ़ाने का निर्णय किया गया है :- क्रम सं. अ
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.3 जुलाई 17, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली 2000, समय समय पर यथा संशोधित, के नियम 5 की अनुसूची III के अंतर्गत विदेशी मुद्रा देने की मौजूदा सीमाओं की ओर आकृष्ट किया जाता है । इसमें और अधिक उदारीकरण के उपाय स्वरूप वर्तमान सीमाओं को निम्नलिखित प्रकार से बढ़ाने का निर्णय किया गया है :- क्रम सं. अ
जुलाई 14, 2003
समुद्रपारीय बैंकिंग संस्थाओं / वित्तीय संस्थाओं को एक्ज़िम बैंक की वित्तीय सहायता
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.2 जुलाई 14, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, समुद्रपारीय बैंकिंग संस्थाओं / वित्तीय संस्थाओं को एक्ज़िम बैंक की वित्तीय सहायता विदेशी संस्थाओं को एक्ज़िम बैंक द्वारा दी गई सहायता के बारे में जारी निम्नलिखित एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्रों की ओर प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान आकृष्ट किया जाता है- क्रम सं. ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. तारीख विषय 1 30 11.10.2002 एक्ज़िम बैंक द्वारा बैंका कॅमर्शियाला रोमा
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.2 जुलाई 14, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, समुद्रपारीय बैंकिंग संस्थाओं / वित्तीय संस्थाओं को एक्ज़िम बैंक की वित्तीय सहायता विदेशी संस्थाओं को एक्ज़िम बैंक द्वारा दी गई सहायता के बारे में जारी निम्नलिखित एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्रों की ओर प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान आकृष्ट किया जाता है- क्रम सं. ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. तारीख विषय 1 30 11.10.2002 एक्ज़िम बैंक द्वारा बैंका कॅमर्शियाला रोमा
जुलाई 08, 2003
विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 97/2003-आरबी दिनांक: 08 जुलाई , 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी और 13 मई 2002 की अधिसूचना सं.फेमा 62/2002-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिस
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 97/2003-आरबी दिनांक: 08 जुलाई , 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी और 13 मई 2002 की अधिसूचना सं.फेमा 62/2002-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिस
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