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मास्टर परिपत्र

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जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2007-08/51भारिबैं/2008-09/61 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 8 /14.08.001/2008-0901 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाओंमहोदयमास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं कृपया 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2007-08/51भारिबैं/2008-09/61 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 8 /14.08.001/2008-0901 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाओंमहोदयमास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं कृपया 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्
जुलाई 01, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में
मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
जुलाई 01, 2008
इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंध
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/78 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंधकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 9 /13.03.00/2006-07 देखें, जिसमें ऋणों और अग्रिमों के संबंध में सांविधिक और अन्य प्रतिबंधों से संबंधित विषयो
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/78 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंधकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 9 /13.03.00/2006-07 देखें, जिसमें ऋणों और अग्रिमों के संबंध में सांविधिक और अन्य प्रतिबंधों से संबंधित विषयो
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/80 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 19 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/ 13.03.00/2006-07 देखें जिसमें ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्डों से संबंधित विषयों पर उस तारीख तक
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/80 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 19 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/ 13.03.00/2006-07 देखें जिसमें ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्डों से संबंधित विषयों पर उस तारीख तक
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां
–ड़ख्र्ड्डज़्ख्र्ह्य्झ़्ख्र् - Iआरबीआइ/2008-09/79 संदर्भ : बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.18 /13.03.00/2008-091 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/ 2007-2008 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदे
–ड़ख्र्ड्डज़्ख्र्ह्य्झ़्ख्र् - Iआरबीआइ/2008-09/79 संदर्भ : बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.18 /13.03.00/2008-091 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/ 2007-2008 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदे
जुलाई 01, 2008
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2008-09/37 संदर्भ मौनीवि. सं.302/07.01.279/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)   महोदय,   निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र   निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2008 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की व
भारिबैं/2008-09/37 संदर्भ मौनीवि. सं.302/07.01.279/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)   महोदय,   निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र   निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2008 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की व
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन
आरबीआइ/68/2008-2009आरबीआइ/68/2008-2009 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी वाणिज्य बैंक(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयनकृपया आप 27 अप्रैल 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 तथा 26 मार्च 2008 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 66/21.06.001/20
आरबीआइ/68/2008-2009आरबीआइ/68/2008-2009 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी वाणिज्य बैंक(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयनकृपया आप 27 अप्रैल 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 तथा 26 मार्च 2008 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 66/21.06.001/20
जुलाई 01, 2008
’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र्
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त
ख्र्ह्य्ख़़्ख्र्न्न् –ख्र्डङ्कड़ख्र्=ङ्कद्म्ख्र्आरबीआइ/2008-09/33 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 4 /08.12.01 /2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंकमहोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. सं. 13/08.12.01/2006-07 देखें। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2008 तक जारी अनुदेशों को शामिल
ख्र्ह्य्ख़़्ख्र्न्न् –ख्र्डङ्कड़ख्र्=ङ्कद्म्ख्र्आरबीआइ/2008-09/33 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 4 /08.12.01 /2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंकमहोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. सं. 13/08.12.01/2006-07 देखें। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2008 तक जारी अनुदेशों को शामिल
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार
भारिबैं / 2008-09 / 69भारिबैं / 2008-09 / 69 ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 9 / 04.09.01/2008-2009 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ,मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में समय-समय पर कई दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किए हैं — बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन
भारिबैं / 2008-09 / 69भारिबैं / 2008-09 / 69 ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 9 / 04.09.01/2008-2009 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ,मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में समय-समय पर कई दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किए हैं — बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन
जुलाई 01, 2008
माइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र
़्र•ख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआई/2008-09/45 ग्राआऋवि.सं. एमएफएफआई.बीसी.सं. 08/12.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदयमाइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.एमएफएफआइ.बीसी.सं.08/ 12.01.001/2007-08 देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त विषय पर 30 जून 2008 तक जारी अनुदेश समेकित किए गए हैं। परिपत्रों की स
़्र•ख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआई/2008-09/45 ग्राआऋवि.सं. एमएफएफआई.बीसी.सं. 08/12.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदयमाइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.एमएफएफआइ.बीसी.सं.08/ 12.01.001/2007-08 देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त विषय पर 30 जून 2008 तक जारी अनुदेश समेकित किए गए हैं। परिपत्रों की स
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - परा-बैंकिंग (बैंकिंग से इतर) कार्यकलाप
आरबीआइ/2008-09/40आरबीआइ/2008-09/40 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. सं. 7/24.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय मास्टर परिपत्र - परा-बैंकिंग (बैंकिंग से इतर) कार्यकलापकृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र सं बैंपविवि. एफएसडी.बीसी. सं. 18/ 24.01.001/2007-08 देखें जिसमें परा बैंकिंग कार्यकलापों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किए गए अनुदेश / दिशानिर्देश समेकित किए गए हैं। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2
आरबीआइ/2008-09/40आरबीआइ/2008-09/40 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. सं. 7/24.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय मास्टर परिपत्र - परा-बैंकिंग (बैंकिंग से इतर) कार्यकलापकृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र सं बैंपविवि. एफएसडी.बीसी. सं. 18/ 24.01.001/2007-08 देखें जिसमें परा बैंकिंग कार्यकलापों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किए गए अनुदेश / दिशानिर्देश समेकित किए गए हैं। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2
जुलाई 01, 2008
बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/39आरबीआइ/2008-09/39 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 6 /24.01.011/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र कृपया आप बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 17 /24.01.011/2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंको को जारी किए गए अनुदेशों / दिशानिर्देशों को समेकित क
आरबीआइ/2008-09/39आरबीआइ/2008-09/39 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 6 /24.01.011/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र कृपया आप बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 17 /24.01.011/2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंको को जारी किए गए अनुदेशों / दिशानिर्देशों को समेकित क
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्ङ्क्रग़ख्र्त्र्ख्र् भारिबैं / 2007-08 /41 ग्राआऋवि.सं.एसएमइ ऍण्ड एनएफएस.बीसी. 02 / 06.02.31/2008-2009 01 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)महोदय ,मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार जैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों को माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार से संबंधित मामलों
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्ङ्क्रग़ख्र्त्र्ख्र् भारिबैं / 2007-08 /41 ग्राआऋवि.सं.एसएमइ ऍण्ड एनएफएस.बीसी. 02 / 06.02.31/2008-2009 01 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)महोदय ,मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार जैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों को माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार से संबंधित मामलों
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआइध संआरबीआइ सं. 2008-09/84 बैंपविवि. सं. बीपी.बीसी. 20 /21.04.048/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,मास्टर परिपत्र - अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 12 /21.04.048/2007-2008 देखें, जिसमें अग्रिमों के संबंध में आय-निर्धारण, आस्ति-वर्गीकरण और प्रावधान करने से संबंधित विवेकप
आरबीआइध संआरबीआइ सं. 2008-09/84 बैंपविवि. सं. बीपी.बीसी. 20 /21.04.048/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,मास्टर परिपत्र - अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 12 /21.04.048/2007-2008 देखें, जिसमें अग्रिमों के संबंध में आय-निर्धारण, आस्ति-वर्गीकरण और प्रावधान करने से संबंधित विवेकप
जुलाई 01, 2008
निर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
ङड्ढआरबीआइ /2008-09/66 बैंपविवि.सं.डीआइआर.(ईएक्सपी).बीसी. 09 /04.02.02/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930(शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयनिर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं. डीआइआर.(ईएक्सपी) सं. 01/04.02.02/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही
ङड्ढआरबीआइ /2008-09/66 बैंपविवि.सं.डीआइआर.(ईएक्सपी).बीसी. 09 /04.02.02/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930(शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयनिर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं. डीआइआर.(ईएक्सपी) सं. 01/04.02.02/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही
जुलाई 01, 2008
आवास वित्त पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-2009/67 बैंपविवि.सं. डीआइआर.(एचएसजी) बीसी. 10/08.12.01/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयआवास वित्त पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (एचएसजी) सं. 02/08.12.01/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो सकें। उक्त मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेश
आरबीआइ/2008-2009/67 बैंपविवि.सं. डीआइआर.(एचएसजी) बीसी. 10/08.12.01/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयआवास वित्त पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (एचएसजी) सं. 02/08.12.01/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो सकें। उक्त मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेश
जुलाई 01, 2008
Master Circular - Prudential Norms on Capital Adequacy-Basel I Framework
RBI/2008-2009/31 DBOD.No.BP.BC. 2 /21.01.002/2008-09 July 1, 2008 All Commercial Banks (excluding RRBs) Dear Sir, Master Circular - Prudential Norms on Capital Adequacy-Basel I Framework Please refer to the Master Circular No. DBOD.BP.BC.4/21.01.002/2007-2008 dated July 2, 2007 consolidating instructions / guidelines issued to banks till June 30, 2007 on matters relating to prudential norms on capital adequacy. The Master Circular has been suitably updated by incorpor
RBI/2008-2009/31 DBOD.No.BP.BC. 2 /21.01.002/2008-09 July 1, 2008 All Commercial Banks (excluding RRBs) Dear Sir, Master Circular - Prudential Norms on Capital Adequacy-Basel I Framework Please refer to the Master Circular No. DBOD.BP.BC.4/21.01.002/2007-2008 dated July 2, 2007 consolidating instructions / guidelines issued to banks till June 30, 2007 on matters relating to prudential norms on capital adequacy. The Master Circular has been suitably updated by incorpor
जुलाई 01, 2008
Master Circular - Frauds - Classification and Reporting
RBI/2008-09/29 DBS. CO.FrMC. BC. No. 15 /23.04.001/2008-09 July 01, 2008 The Chief Executives of all commercial banks (Excluding RRBs), and Financial Institutions Dear Sir, Frauds – Classification and Reporting Please refer to our letter DBS. FrMC. BC. No.1 /23.04.001/2007-08 dated July 02, 2007 forwarding the Master Circular on 'Frauds – Classification and Reporting'. It may be noted that the Master Circular consolidates and updates all the instructions issued during
RBI/2008-09/29 DBS. CO.FrMC. BC. No. 15 /23.04.001/2008-09 July 01, 2008 The Chief Executives of all commercial banks (Excluding RRBs), and Financial Institutions Dear Sir, Frauds – Classification and Reporting Please refer to our letter DBS. FrMC. BC. No.1 /23.04.001/2007-08 dated July 02, 2007 forwarding the Master Circular on 'Frauds – Classification and Reporting'. It may be noted that the Master Circular consolidates and updates all the instructions issued during
जुलाई 01, 2008
Master Circular - Prudential Norms for Classification, Valuation and Operation of Investment Portfolio by Banks
RBI/2008-09/ 34 DBOD No. BP. BC. 5 / 21.04.141 / 2008-09 July 1, 2008 All Commercial Banks (excluding Regional Rural Banks) Dear Sir, Master Circular – Prudential norms for classification, valuation and operation of investment portfolio by banks Please refer to the Master Circular No. DBOD. BP. BC.15 / 21.04.141/ 2007-08 dated July 2, 2007, containing consolidated instructions/guidelines issued to banks till June 30, 2007, on matters relating to prudential norms for c
RBI/2008-09/ 34 DBOD No. BP. BC. 5 / 21.04.141 / 2008-09 July 1, 2008 All Commercial Banks (excluding Regional Rural Banks) Dear Sir, Master Circular – Prudential norms for classification, valuation and operation of investment portfolio by banks Please refer to the Master Circular No. DBOD. BP. BC.15 / 21.04.141/ 2007-08 dated July 2, 2007, containing consolidated instructions/guidelines issued to banks till June 30, 2007, on matters relating to prudential norms for c

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 05, 2024

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