अधिसूचनाएं - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
कृपया ‘अपने ग्राहक को जानिए’ पर दिनांक 25 फरवरी 2016 (04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित) के हमारे मास्टर निदेश की धारा 51 देखें। निर्धिस्ट धारा के अनुसार यह सूचित किया गया है की "विनियमित संस्थाएं (आरई) यह सुनिश्चित करें कि विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51क के अनुसार उनके पास आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका वाले ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं का कोई खाता न हो , जिनके नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा समय-समय पर अनुमोदित तथा परिचालित ऐसे व्यक्तियों तथा संस्थाओं की सूची में शामिल हो।
कृपया ‘अपने ग्राहक को जानिए’ पर दिनांक 25 फरवरी 2016 (04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित) के हमारे मास्टर निदेश की धारा 51 देखें। निर्धिस्ट धारा के अनुसार यह सूचित किया गया है की "विनियमित संस्थाएं (आरई) यह सुनिश्चित करें कि विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 51क के अनुसार उनके पास आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका वाले ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं का कोई खाता न हो , जिनके नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा समय-समय पर अनुमोदित तथा परिचालित ऐसे व्यक्तियों तथा संस्थाओं की सूची में शामिल हो।
आरबीआई/2023-24/110 विवि.एएमएल.आरईसी.68/14.06.001/2023-24 06 जनवरी 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन : यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 07 प्रविष्टियों में संशोधन कृपया अपने ग्राहक को जानिए, पर पारित 25 फरवरी 2016 के हमारे मास्टर निदेश (केवाईसी पर एमडी), दिनांक 04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित, की धारा 51 का संधर्भ लें, जिसके अनुसार "विनियमित संस्थाएं (आरई) द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) (यूएपीए) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए और उसमें संशोधन के संदर्भ में, उनके पास ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं के नाम पर कोई खाता नहीं है, जो उन व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची में शामिल हैं, जिनके आतंकवादी संबंध होने का संदेह है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा अनुमोदित और समय-समय पर प्रसारित किया जाता है।”
आरबीआई/2023-24/110 विवि.एएमएल.आरईसी.68/14.06.001/2023-24 06 जनवरी 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय, यूएपीए, 1967 की धारा 51ए का कार्यान्वयन : यूएनएससी की 1267/1989 आईएसआईएल (दाएश) और अल-कायदा प्रतिबंध सूची: 07 प्रविष्टियों में संशोधन कृपया अपने ग्राहक को जानिए, पर पारित 25 फरवरी 2016 के हमारे मास्टर निदेश (केवाईसी पर एमडी), दिनांक 04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित, की धारा 51 का संधर्भ लें, जिसके अनुसार "विनियमित संस्थाएं (आरई) द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) (यूएपीए) अधिनियम, 1967 की धारा 51ए और उसमें संशोधन के संदर्भ में, उनके पास ऐसे व्यक्तियों/संस्थाओं के नाम पर कोई खाता नहीं है, जो उन व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची में शामिल हैं, जिनके आतंकवादी संबंध होने का संदेह है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा अनुमोदित और समय-समय पर प्रसारित किया जाता है।”
आरबीआई/2023-24/109 विवि.एएमएल.आरईसी.67 /14.06.001/2023-24 06 जनवरी 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय, सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए का कार्यान्वयन: नामित सूची (संशोधन) कृपया अपने ग्राहक को जानिए पर दिनांक 04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित, 25 फरवरी 2016 के हमारे मास्टर निदेश की धारा 52 देखें, जिसके अनुसार "विनियमित संस्थाएं (आरई) सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए के कार्यान्वयन की प्रक्रिया" का सावधानीपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करेंगी, जैसा कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा 30 जनवरी 2023 के आदेश के तहत डब्ल्यूएमडी अधिनियम, 2005 की धारा 12ए धारा के संदर्भ में निर्धारित किया गया है (केवाईसी पर एमडी के अनुबंध III का संदर्भ लें)।"
आरबीआई/2023-24/109 विवि.एएमएल.आरईसी.67 /14.06.001/2023-24 06 जनवरी 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय, सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए का कार्यान्वयन: नामित सूची (संशोधन) कृपया अपने ग्राहक को जानिए पर दिनांक 04 जनवरी 2024 को यथासंशोधित, 25 फरवरी 2016 के हमारे मास्टर निदेश की धारा 52 देखें, जिसके अनुसार "विनियमित संस्थाएं (आरई) सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा 12ए के कार्यान्वयन की प्रक्रिया" का सावधानीपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करेंगी, जैसा कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा 30 जनवरी 2023 के आदेश के तहत डब्ल्यूएमडी अधिनियम, 2005 की धारा 12ए धारा के संदर्भ में निर्धारित किया गया है (केवाईसी पर एमडी के अनुबंध III का संदर्भ लें)।"
भारिबै/2023-24/102 विवि.एएमएल.आरईसी. 66 /14.01.001/2023-24 04 जनवरी, 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/सीईओ महोदय/महोदया केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन कृपया समय-समय पर संशोधित केवाईसी पर 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश (एमडी) का संदर्भ लें, जिसके अनुसार विनियमित संस्थाओं (आरई) को अपने ग्राहकों के लिए निदेशों में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राहक संबंधी समुचित सावधानी (सीडीडी) करनी होगी।
भारिबै/2023-24/102 विवि.एएमएल.आरईसी. 66 /14.01.001/2023-24 04 जनवरी, 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/सीईओ महोदय/महोदया केवाईसी पर मास्टर निदेश (एमडी) में संशोधन कृपया समय-समय पर संशोधित केवाईसी पर 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश (एमडी) का संदर्भ लें, जिसके अनुसार विनियमित संस्थाओं (आरई) को अपने ग्राहकों के लिए निदेशों में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ग्राहक संबंधी समुचित सावधानी (सीडीडी) करनी होगी।
RBI/2023-2024/106 विवि. एएमएल. आरईसी. 65 /14.06.001/2023-24 02 जनवरी 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/सीईओ महोदया/ महोदय गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) के तहत 2 व्यक्तियों को 'आतंकवादी' के रूप में नामित करना और अधिनियम की अनुसूची IV में उन्हें सूचीबद्ध करने के संबंध में अपने ग्राहक को जानिए पर 25 फ़रवरी 2016 को पारित (
RBI/2023-2024/106 विवि. एएमएल. आरईसी. 65 /14.06.001/2023-24 02 जनवरी 2024 सभी विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/सीईओ महोदया/ महोदय गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 35 (1) (ए) के तहत 2 व्यक्तियों को 'आतंकवादी' के रूप में नामित करना और अधिनियम की अनुसूची IV में उन्हें सूचीबद्ध करने के संबंध में अपने ग्राहक को जानिए पर 25 फ़रवरी 2016 को पारित (
आरबीआई/2023-24/105 विवि. एसओजी(एलईजी).आरईसी.64/09.08.024/2023-24 जनवरी 1, 2024 महोदया / महोदय बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमाराशियाँ -संशोधित अनुदेश वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, बैंकों में रखे गए किसी भी जमा खाते में क्रेडिट शेष, जिनका दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से परिचालन नहीं किया गया है, या कोई ऐसी राशि जो दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से अदावाकृत बची हुई है, जैसा कि "जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता" (डीईए) निधि योजना, 2014 के पैराग्राफ 3 (iii) में उल्लिखित है, उसे बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित डीईए निधि में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक है।
आरबीआई/2023-24/105 विवि. एसओजी(एलईजी).आरईसी.64/09.08.024/2023-24 जनवरी 1, 2024 महोदया / महोदय बैंकों में निष्क्रिय खाते/अदावी जमाराशियाँ -संशोधित अनुदेश वर्तमान अनुदेशों के अनुसार, बैंकों में रखे गए किसी भी जमा खाते में क्रेडिट शेष, जिनका दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से परिचालन नहीं किया गया है, या कोई ऐसी राशि जो दस वर्ष अथवा उससे अधिक समय से अदावाकृत बची हुई है, जैसा कि "जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता" (डीईए) निधि योजना, 2014 के पैराग्राफ 3 (iii) में उल्लिखित है, उसे बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित डीईए निधि में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक है।
आरबीआई/2023-24/103 विवि.एलआरजी.आरईसी.62/03.10.001/2023-24 29 दिसंबर 2023 महोदया / महोदय, चलनिधि मानकों पर बेसल III ढांचा – निवल स्थिर निधि अनुपात (एनएसएफआर) - राष्ट्रीय विकास बैंकों की समीक्षा कृपया चलनिधि मानकों पर बेसल III ढांचा – निवल स्थिर निधि अनुपात (एनएसएफआर) - अंतिम दिशानिर्देशों पर जारी दिनांक 17 मई 2018 का परिपत्र डीबीआर.बीपी.बीसी.सं.106/21.04.098/2017-18 देखें। 2. वर्तमान एनएसएफआर ढांचे के अंतर्गत नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी को राष्ट्रीय विकास बैंक (एनडीबी) माना जाता है। समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि अन्य अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एआईएफआई) अर्थात एक्जिम बैंक और नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) को भी एनएसएफआर गणना के लिए एनडीबी माना जाएगा।
आरबीआई/2023-24/103 विवि.एलआरजी.आरईसी.62/03.10.001/2023-24 29 दिसंबर 2023 महोदया / महोदय, चलनिधि मानकों पर बेसल III ढांचा – निवल स्थिर निधि अनुपात (एनएसएफआर) - राष्ट्रीय विकास बैंकों की समीक्षा कृपया चलनिधि मानकों पर बेसल III ढांचा – निवल स्थिर निधि अनुपात (एनएसएफआर) - अंतिम दिशानिर्देशों पर जारी दिनांक 17 मई 2018 का परिपत्र डीबीआर.बीपी.बीसी.सं.106/21.04.098/2017-18 देखें। 2. वर्तमान एनएसएफआर ढांचे के अंतर्गत नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी को राष्ट्रीय विकास बैंक (एनडीबी) माना जाता है। समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि अन्य अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एआईएफआई) अर्थात एक्जिम बैंक और नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) को भी एनएसएफआर गणना के लिए एनडीबी माना जाएगा।
भारिबै/2023-24/102 विवि.एमसीएस.आरईसी.61/01.01.001/2023-24 29 दिसंबर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)
भारिबै/2023-24/102 विवि.एमसीएस.आरईसी.61/01.01.001/2023-24 29 दिसंबर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)
(28 दिसंबर 2023 तक संशोधित1) परिचय कुछ बैंक, अपने आकार, अंतर-क्षेत्राधिकार गतिविधियों, जटिलता, प्रतिस्थापन क्षमता की कमी और परस्पर जुड़ाव के कारण, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन बैंकों की अव्यवस्थित विफलता से बैंकिंग प्रणाली को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं और परिणामस्वरूप, समग्र आर्थिक गतिविधि में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न होने की संभावना है। इसलिए, वास्तविक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (एसआईबी) का निरंतर कामकाज महत्वपूर्ण है।
(28 दिसंबर 2023 तक संशोधित1) परिचय कुछ बैंक, अपने आकार, अंतर-क्षेत्राधिकार गतिविधियों, जटिलता, प्रतिस्थापन क्षमता की कमी और परस्पर जुड़ाव के कारण, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इन बैंकों की अव्यवस्थित विफलता से बैंकिंग प्रणाली को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं और परिणामस्वरूप, समग्र आर्थिक गतिविधि में महत्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न होने की संभावना है। इसलिए, वास्तविक अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता के लिए प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण बैंकों (एसआईबी) का निरंतर कामकाज महत्वपूर्ण है।
आरबीआई/2023-24/99 विवि.एसटीआर.आरईसी.60/21.04.048/2023-24 28 दिसंबर 2023सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्तीय कंपनियों सहित)
आरबीआई/2023-24/99 विवि.एसटीआर.आरईसी.60/21.04.048/2023-24 28 दिसंबर 2023सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (आवास वित्तीय कंपनियों सहित)
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022