अधिसूचनाएं - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
मार्च 01, 2011
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में बैंक के नाम में परिवर्तन - "दि धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड" से "धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड"
आरबीआइ/2010-11/412 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 82/12.07.037/2010-11 01 मार्च 2011 10 फाल्गुन 1932 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में बैंक के नाम में परिवर्तन - "दि धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड" से "धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड" हम सूचित करते हैं कि 1 जनवरी 2011 के भारत के राजपत्र (भाग III -खंड 4) में प्रकाशित 3 नवंबर 2010 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. पीएसबीडी. 7516/16.01.061/2010-11 के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनिय
आरबीआइ/2010-11/412 संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 82/12.07.037/2010-11 01 मार्च 2011 10 फाल्गुन 1932 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में बैंक के नाम में परिवर्तन - "दि धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड" से "धनलक्ष्मी बैंक लिमिटेड" हम सूचित करते हैं कि 1 जनवरी 2011 के भारत के राजपत्र (भाग III -खंड 4) में प्रकाशित 3 नवंबर 2010 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. पीएसबीडी. 7516/16.01.061/2010-11 के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनिय
फ़रवरी 21, 2011
आधार दर पर दिशानिर्देश
आरबीआइ/2010-11/411 बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 81/13.03.00/2010-11 21 फरवरी 2011 2 फाल्गुन 1932 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया आधार दर पर दिशानिर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर 09 अप्रैल 2010 का हमारा परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 88/13.07.001/ 2009-10 तथा भारतीय बैंक संघ को संबोधित 24 जून 2010 का हमारा पत्र बैंपविवि. डीआइआर. सं. 21957/ 13.07.001/2009-10 देखें । 2. भारत सरकार,
आरबीआइ/2010-11/411 बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 81/13.03.00/2010-11 21 फरवरी 2011 2 फाल्गुन 1932 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया आधार दर पर दिशानिर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर 09 अप्रैल 2010 का हमारा परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआइआर. बीसी. 88/13.07.001/ 2009-10 तथा भारतीय बैंक संघ को संबोधित 24 जून 2010 का हमारा पत्र बैंपविवि. डीआइआर. सं. 21957/ 13.07.001/2009-10 देखें । 2. भारत सरकार,
फ़रवरी 18, 2011
अपने ग्राहक को जनिए मानदंड / धन शोधन निवारण मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व
आरबीआई/2010-11/410 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)सं.37/12.05.001/2010-11 18 फरवरी, 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंक महोदय अपने ग्राहक को जनिए मानदंड / धन शोधन निवारण मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व 15 दिसंबर, 2004 के शबैवि पीसीबी परिपत्र सं 30/09.161.00/2004-05 के माध्यम से ज़ारी केवाईसी विनिर्देशों के अनुसार बैंकों को खाता खोलते समय कुछ ग्राहक पहचान प्रणाली अपनाने,
आरबीआई/2010-11/410 शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)सं.37/12.05.001/2010-11 18 फरवरी, 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंक महोदय अपने ग्राहक को जनिए मानदंड / धन शोधन निवारण मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व 15 दिसंबर, 2004 के शबैवि पीसीबी परिपत्र सं 30/09.161.00/2004-05 के माध्यम से ज़ारी केवाईसी विनिर्देशों के अनुसार बैंकों को खाता खोलते समय कुछ ग्राहक पहचान प्रणाली अपनाने,
फ़रवरी 18, 2011
ज़ीरो कूपन बॉड में निवेश के लिए विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआई /2010-11/409शबैंवि.(पीसीबी) बीपीडी.परि.सं.36/12.05.001/2010-11 18 फरवरी, 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया ज़ीरो कूपन बॉड में निवेश के लिए विवेकपूर्ण मानदंड कृपया प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा गैर एसएलआर प्रतिभूति में निवेश पर 30 जनवरी, 2009 को ज़ारी परिपत्र शबैंवि. (पीसीबी) बीपीडी परि.सं.46/16.20.000/2008-09 का अनुच्छेद सं 2(iii) (सी) देखें । 2. यह पाया गया है कि कई बैंक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी(एनबीएफसी) समेत कार्
आरबीआई /2010-11/409शबैंवि.(पीसीबी) बीपीडी.परि.सं.36/12.05.001/2010-11 18 फरवरी, 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय /महोदया ज़ीरो कूपन बॉड में निवेश के लिए विवेकपूर्ण मानदंड कृपया प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा गैर एसएलआर प्रतिभूति में निवेश पर 30 जनवरी, 2009 को ज़ारी परिपत्र शबैंवि. (पीसीबी) बीपीडी परि.सं.46/16.20.000/2008-09 का अनुच्छेद सं 2(iii) (सी) देखें । 2. यह पाया गया है कि कई बैंक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी(एनबीएफसी) समेत कार्
फ़रवरी 11, 2011
तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची
आरबीआई / 2010-11/403 बैंपविवि. एएमएल सं. 12705 /14.06.001/2010-11 11 फरवरी 2011 अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/ स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय, तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची कृपया 31 जनवरी 2011 का हमारा परिपत्र पत्र बैंपविवि. एएमएल. सं.11884/14.06.001/2010-11
आरबीआई / 2010-11/403 बैंपविवि. एएमएल सं. 12705 /14.06.001/2010-11 11 फरवरी 2011 अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/ स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय, तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों /संस्थाओं की सूची कृपया 31 जनवरी 2011 का हमारा परिपत्र पत्र बैंपविवि. एएमएल. सं.11884/14.06.001/2010-11
फ़रवरी 10, 2011
स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता वाली गैर सरकारी प्रतिभूतियों - अपरिवर्तनीय डिबेंचरो (एनसीडी) में निवेश
भारिबैं/2010-11/401 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं. 26/14.03.05/2010-11 10 फरवरी 2011 सभी स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारी महोदय स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता वाली गैर सरकारी प्रतिभूतियों - अपरिवर्तनीय डिबेंचरो (एनसीडी) में निवेश कृपया 1 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र भारिबैं/2010-11/81 (आंऋप्रवि.पीडीआरडी.सं.01/ 03.64.00/2010-11 का पैरा 5.8.2 देखें जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ प्राथमिक व्यापारियों को सूचित किया गया था कि उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक
भारिबैं/2010-11/401 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं. 26/14.03.05/2010-11 10 फरवरी 2011 सभी स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारी महोदय स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों द्वारा एक वर्ष तक की परिपक्वता वाली गैर सरकारी प्रतिभूतियों - अपरिवर्तनीय डिबेंचरो (एनसीडी) में निवेश कृपया 1 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र भारिबैं/2010-11/81 (आंऋप्रवि.पीडीआरडी.सं.01/ 03.64.00/2010-11 का पैरा 5.8.2 देखें जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ प्राथमिक व्यापारियों को सूचित किया गया था कि उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक
फ़रवरी 09, 2011
सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार
आरबीआइ/2010-11/400 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 80/21.04.018/2010-11 09 फरवरी 2011 20 माघ 1932 (शक) सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन विकल्प पुन: खोलने तथा उपदान संदाय अधिनियम, 1972 में संशोधन के बाद उपदान सीमाओं में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक एवं भारतीय ब
आरबीआइ/2010-11/400 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 80/21.04.018/2010-11 09 फरवरी 2011 20 माघ 1932 (शक) सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन विकल्प पुन: खोलने तथा उपदान संदाय अधिनियम, 1972 में संशोधन के बाद उपदान सीमाओं में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक एवं भारतीय ब
फ़रवरी 08, 2011
10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना
भारिबैं / 2010-11/399 ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं. 52/06.11.01/2010-11 08 फरवरी 2011 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय 10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना कृपया 09 अगस्त 2011 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं16/ 06.11.01/2010-11 और 20 अक्तूबर 2010 का हमारा पत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस. सं16/06.11.01/ 2010-11 देखें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उपर्युक्
भारिबैं / 2010-11/399 ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं. 52/06.11.01/2010-11 08 फरवरी 2011 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय 10 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज में 1 प्रतिशत छूट की योजना कृपया 09 अगस्त 2011 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस.बीसी.सं16/ 06.11.01/2010-11 और 20 अक्तूबर 2010 का हमारा पत्र ग्राआऋवि.एसएमई एवं एनएफएस. सं16/06.11.01/ 2010-11 देखें, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उपर्युक्
फ़रवरी 04, 2011
Recognition of Permanent Diminution in the Value of Investments in Banks' Subsidiaries / Joint Ventures
RBI/2010-11/398 DBOD.FID.FIC.No.11/01.02.00/2010-11 February 01, 2011 The CEOs of select All-India Term Lending and Refinancing Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB and SIDBI) Dear Sir, Recognition of Permanent Diminution in the Value of Investments in Banks' Subsidiaries / Joint Ventures In terms of para 14 of Annexure to circular DBS.FID.No.C.9/01.02.00/2000-01 dated November 9, 2000 on ‘Guidelines for Classification and Valuation of investments ', FIs are required
RBI/2010-11/398 DBOD.FID.FIC.No.11/01.02.00/2010-11 February 01, 2011 The CEOs of select All-India Term Lending and Refinancing Institutions (Exim Bank, NABARD, NHB and SIDBI) Dear Sir, Recognition of Permanent Diminution in the Value of Investments in Banks' Subsidiaries / Joint Ventures In terms of para 14 of Annexure to circular DBS.FID.No.C.9/01.02.00/2000-01 dated November 9, 2000 on ‘Guidelines for Classification and Valuation of investments ', FIs are required
फ़रवरी 02, 2011
स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋणों का वर्गीकरण
भारिबैं / 2011-12/397ग्राआऋवि.केंका.आयो.बीसी.51/04.09.01/2010-11 2 फरवरी 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋणों का वर्गीकरण कृपया प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने के संबंध में 01 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र का पैराग्राफ 1.3.14 देखें। 2. यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर व्यक्तियों को या अन्य संस्थाओं को ऋण देने के प्र
भारिबैं / 2011-12/397ग्राआऋवि.केंका.आयो.बीसी.51/04.09.01/2010-11 2 फरवरी 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋणों का वर्गीकरण कृपया प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने के संबंध में 01 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र का पैराग्राफ 1.3.14 देखें। 2. यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर व्यक्तियों को या अन्य संस्थाओं को ऋण देने के प्र
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