अधिसूचनाएं - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
मई 17, 2018
चलनिधि मानकों पर बासल III संरचना – निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफ़आर) – अंतिम दिशानिर्देश
भारिबैं/2017-18/178 बैंविवि.बीपी.बीसी.106/21.04.098/2017-18 17 मई 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया/ महोदय, चलनिधि मानकों पर बासल III संरचना – निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफ़आर) – अंतिम दिशानिर्देश निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफ़आर) और चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) बासल III सुधार के महत्वपूर्ण संघटक हैं। 9 जून 2014 को जारी परिपत्र सं.बैंपविवि.बीपी.बीसी.120/21.04.098/2017-18 के माध्यम से एलसीआर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं जो ए
भारिबैं/2017-18/178 बैंविवि.बीपी.बीसी.106/21.04.098/2017-18 17 मई 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया/ महोदय, चलनिधि मानकों पर बासल III संरचना – निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफ़आर) – अंतिम दिशानिर्देश निवल स्थिर निधीयन अनुपात (एनएसएफ़आर) और चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) बासल III सुधार के महत्वपूर्ण संघटक हैं। 9 जून 2014 को जारी परिपत्र सं.बैंपविवि.बीपी.बीसी.120/21.04.098/2017-18 के माध्यम से एलसीआर दिशानिर्देश जारी किए गए हैं जो ए
मई 17, 2018
आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत कार्यकलाप
भारिबैं/2017-18/177 बैंविवि.आईबीडी.बीसी.105/23.13.004/2017-18 17 मई 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया/महोदय, आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत कार्यकलाप कृपया 01 अप्रैल 2015 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित परिपत्र बैंविवि.आईबीडी.बीसी.14570/23.13.004/2014-15 देखें जिसके माध्यम से आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों की स्थापना (आईबीयू) के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी किया था। 2. परिपत्र के अनुच्छे
भारिबैं/2017-18/177 बैंविवि.आईबीडी.बीसी.105/23.13.004/2017-18 17 मई 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदया/महोदय, आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत कार्यकलाप कृपया 01 अप्रैल 2015 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी तथा समय समय पर संशोधित परिपत्र बैंविवि.आईबीडी.बीसी.14570/23.13.004/2014-15 देखें जिसके माध्यम से आईएफएससी बैंकिंग इकाइयों की स्थापना (आईबीयू) के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी किया था। 2. परिपत्र के अनुच्छे
अप्रैल 06, 2018
आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) में लेनदेन पर प्रतिबंध
भारिबैं/2017-18/154 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.104/08.13.102/2017-18 6 अप्रैल 2018 सभी वाणिज्यिक बैंक और सहकारी बैंक/ भुगतान बैंक/ लघु वित्त बैंक/ एनबीएफ़सी/ भुगतान प्रणाली प्रदाता महोदया/ महोदय, आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) में लेनदेन पर प्रतिबंध भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 दिसंबर 2013, 01 फरवरी 2017 और 05 दिसंबर 2017 के पब्लिक नोटिस के माध्यम से बिटकोइन समेत सभी आभासी मुद्राओं के उपयोग करने वालों, धारकों तथा ट्रेडरों को कई बार इस प्रकार की आभासी मुद्राओं में लेनदेन करने से स
भारिबैं/2017-18/154 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.104/08.13.102/2017-18 6 अप्रैल 2018 सभी वाणिज्यिक बैंक और सहकारी बैंक/ भुगतान बैंक/ लघु वित्त बैंक/ एनबीएफ़सी/ भुगतान प्रणाली प्रदाता महोदया/ महोदय, आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) में लेनदेन पर प्रतिबंध भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 दिसंबर 2013, 01 फरवरी 2017 और 05 दिसंबर 2017 के पब्लिक नोटिस के माध्यम से बिटकोइन समेत सभी आभासी मुद्राओं के उपयोग करने वालों, धारकों तथा ट्रेडरों को कई बार इस प्रकार की आभासी मुद्राओं में लेनदेन करने से स
अप्रैल 06, 2018
डेरिवेटिव पर व्यापक दिशानिर्देश: संशोधन
भारिबैं/2017-18/151 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.103/21.04.157/2017-18 6 अप्रैल 2018 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी और एलएबी को छोडकर) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री एवं पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाएं एवं प्राथमिक व्यापारी महोदया/ महोदय, डेरिवेटिव पर व्यापक दिशानिर्देश: संशोधन कृपया 2 नवंबर 2011 को जारी परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.44/21.04.157/2011-12 का अनुच्छेद सं. 8.3 देखें, जिसके अनुसार विदेशी मुद्र
भारिबैं/2017-18/151 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.103/21.04.157/2017-18 6 अप्रैल 2018 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी और एलएबी को छोडकर) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री एवं पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाएं एवं प्राथमिक व्यापारी महोदया/ महोदय, डेरिवेटिव पर व्यापक दिशानिर्देश: संशोधन कृपया 2 नवंबर 2011 को जारी परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.44/21.04.157/2011-12 का अनुच्छेद सं. 8.3 देखें, जिसके अनुसार विदेशी मुद्र
अप्रैल 02, 2018
बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड – एमटीएम हानि का विभाजन (स्प्रेडिंग) और निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) का सृजन
भारिबैं/2017-18/147 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.102/21.04.048/2017-18 2 अप्रैल 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), लघु वित्त बैंक महोदया/ महोदय, बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड – एमटीएम हानि का विभाजन (स्प्रेडिंग) और निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) का सृजन कृपया उक्त विषय पर दिनांक 01 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र डीबीआर.सं.बीपी.बीसी.6/21.04.141/2015-16 देखें। बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे ब
भारिबैं/2017-18/147 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.102/21.04.048/2017-18 2 अप्रैल 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), लघु वित्त बैंक महोदया/ महोदय, बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड – एमटीएम हानि का विभाजन (स्प्रेडिंग) और निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) का सृजन कृपया उक्त विषय पर दिनांक 01 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र डीबीआर.सं.बीपी.बीसी.6/21.04.141/2015-16 देखें। बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे ब
मार्च 23, 2018
डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) से संबंधित यूएनएससीआर 2397 (2017) का कार्यान्वयन
भारिबैं/2017-18/143 बैंविवि.एएमएल.सं 8528/14.06.056/2017-18 23 मार्च, 2018 सभी विनियमित संस्थाएं महोदय/महोदया डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) से संबंधित यूएनएससीआर 2397 (2017) का कार्यान्वयन कृपया डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 2397 (2017) के कार्यान्वयन पर भारत के राजपत्र में 5 मार्च 2018 को प्रकाशित, विदेश मंत्रालय द्वारा जारी 'आदेश' की एक प्रति संलग्नक के रूप में प्राप्त करें। 2. विनियमित संस्थाएं (
भारिबैं/2017-18/143 बैंविवि.एएमएल.सं 8528/14.06.056/2017-18 23 मार्च, 2018 सभी विनियमित संस्थाएं महोदय/महोदया डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) से संबंधित यूएनएससीआर 2397 (2017) का कार्यान्वयन कृपया डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 2397 (2017) के कार्यान्वयन पर भारत के राजपत्र में 5 मार्च 2018 को प्रकाशित, विदेश मंत्रालय द्वारा जारी 'आदेश' की एक प्रति संलग्नक के रूप में प्राप्त करें। 2. विनियमित संस्थाएं (
फ़र॰ 12, 2018
दबावग्रस्त आस्तियों का समाधान – संशोधित ढांचा
भारिबैं/2017-18/131 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.101/21.04.048/2017-18 12 फरवरी 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी) महोदया/ महोदय, दबावग्रस्त आस्तियों का समाधान – संशोधित ढांचा 1. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में शामिल दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के उद्देश्य से विभिन्न अनुदेश जारी किए हैं, जिनमें विभिन्न समयों पर कुछ विशिष्ट योजनाओं की शुरुआत भी शामिल है। दिवाल
भारिबैं/2017-18/131 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.101/21.04.048/2017-18 12 फरवरी 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी) महोदया/ महोदय, दबावग्रस्त आस्तियों का समाधान – संशोधित ढांचा 1. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में शामिल दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के उद्देश्य से विभिन्न अनुदेश जारी किए हैं, जिनमें विभिन्न समयों पर कुछ विशिष्ट योजनाओं की शुरुआत भी शामिल है। दिवाल
फ़र॰ 07, 2018
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत एमएसएमई उधारकर्ताओं के लिए राहत
भा.रि.बैं./2017-18/129 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.100/21.04.048/2017-18 07 फरवरी, 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा विनियमित सभी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदया/महोदय, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत एमएसएमई उधारकर्ताओं के लिए राहत वर्तमान में, भारत में बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) के द्वारा सामान्य तौर पर क्रमशः 90 दिन और 120 दिन के चूक के मानदंड के आधार पर ऋण खाते को अनर्जक आस्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है
भा.रि.बैं./2017-18/129 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.100/21.04.048/2017-18 07 फरवरी, 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा विनियमित सभी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदया/महोदय, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पंजीकृत एमएसएमई उधारकर्ताओं के लिए राहत वर्तमान में, भारत में बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) के द्वारा सामान्य तौर पर क्रमशः 90 दिन और 120 दिन के चूक के मानदंड के आधार पर ऋण खाते को अनर्जक आस्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है
जन॰ 04, 2018
एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना
भा.रि.बैं./2017-18/117 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 04 जनवरी, 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), महोदया/ महोदय, एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2014 में अंतर-विभागीय कार्य-दल का गठन किया था, जिसका उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक के विभिन्न विभागों में प्राप्त बैंकिंग/ विनियमन संबंधी विवरणियों में शामिल तुलन-पत्र/ लाभ और हानि/ तुलन-पत्रेतर की प्रमुख मदों की “सुसंगत” परिभाष
भा.रि.बैं./2017-18/117 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.99/08.13.100/2017-18 04 जनवरी, 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), महोदया/ महोदय, एक्सबीआरएल विवरणी – बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2014 में अंतर-विभागीय कार्य-दल का गठन किया था, जिसका उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक के विभिन्न विभागों में प्राप्त बैंकिंग/ विनियमन संबंधी विवरणियों में शामिल तुलन-पत्र/ लाभ और हानि/ तुलन-पत्रेतर की प्रमुख मदों की “सुसंगत” परिभाष
दिस॰ 19, 2017
इंफोरमेशन यूटिलिटीज़ को वित्तीय सूचनाएं प्रस्तुत करना
भारिबै/2017-18/110 बैंविवि.सं.एलईजी.बीसी.98/09.08.019/2017-18 19 दिसंबर 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक, सभी सहकारी बैंक, सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय/महोदया, इंफोरमेशन यूटिलिटीज़ को वित्तीय सूचनाएं प्रस्तुत करना दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), 2016 की धारा 215 के अनुसार, वित्तीय ऋणदाता वित्तीय सूचना और ऐसी आस्तियों, जिनके संबंध में किसी प्र
भारिबै/2017-18/110 बैंविवि.सं.एलईजी.बीसी.98/09.08.019/2017-18 19 दिसंबर 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक, सभी सहकारी बैंक, सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय/महोदया, इंफोरमेशन यूटिलिटीज़ को वित्तीय सूचनाएं प्रस्तुत करना दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), 2016 की धारा 215 के अनुसार, वित्तीय ऋणदाता वित्तीय सूचना और ऐसी आस्तियों, जिनके संबंध में किसी प्र
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