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जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र – अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ गैर- भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (राष्ट्रिकों) द्वारा भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा अंतरण
आरबीआइ /2010-11/15 मास्टर परिपत्र सं.15/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ गैर- भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (राष्ट्रिकों) द्वारा भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा अंतरण अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ गैर- भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों(राष्ट्रिकों) द्वारा भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा अंतरण 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 21/2000-आरबी क
आरबीआइ /2010-11/15 मास्टर परिपत्र सं.15/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ गैर- भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों (राष्ट्रिकों) द्वारा भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा अंतरण अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ गैर- भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों(राष्ट्रिकों) द्वारा भारत में अचल संपत्ति का अधिग्रहण तथा अंतरण 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 21/2000-आरबी क
जुलाई 01, 2010
भारत में विदेशी निवेश संबंधी मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2010-11/13 मास्टर परिपत्र सं. 13/2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महोदया /महोदय भारत में विदेशी निवेश संबंधी मास्टर परिपत्र भारत में विदेशी निवेश समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई  2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप-धारा (3) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। विनियामक ढांचे और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में समेकित किया गया है। इ
आरबीआइ/2010-11/13 मास्टर परिपत्र सं. 13/2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंक महोदया /महोदय भारत में विदेशी निवेश संबंधी मास्टर परिपत्र भारत में विदेशी निवेश समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई  2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप-धारा (3) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। विनियामक ढांचे और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में समेकित किया गया है। इ
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र – अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन
आरबीआइ/2010-11/ 10 मास्टर परिपत्र सं.10/ 2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - ।  बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन यह मास्टर परिपत्र अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन विषय पर मौजू्दा अनुदेशों को समेकित करता है। इस मास्टर परिपत्र में निहित परिपत्रों /
आरबीआइ/2010-11/ 10 मास्टर परिपत्र सं.10/ 2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - ।  बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्ट्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन यह मास्टर परिपत्र अनिवासी विनिमय गृहों के रुपया/ विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन विषय पर मौजू्दा अनुदेशों को समेकित करता है। इस मास्टर परिपत्र में निहित परिपत्रों /
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र – धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस)
आरबीआइ /2010-11/ 9 मास्टर परिपत्र सं.09 /2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस) के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) धन अंतरण सेवा योजना विदेश से भारत में लाभार्थियों को व्यक्तिगत विप्रेषणों के अंतरण का एक शीघ्र और आसान तरीका है । भारत में केवल आवक व्यक्तिगत विप्रेषण जैसे परिवार के भरण-पोषण के लिए विप्रेषण तथा भारत का दौरा करनेवाले विदेशी पर्यटकों के पक्ष में विप्रेषण की
आरबीआइ /2010-11/ 9 मास्टर परिपत्र सं.09 /2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस) के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) धन अंतरण सेवा योजना विदेश से भारत में लाभार्थियों को व्यक्तिगत विप्रेषणों के अंतरण का एक शीघ्र और आसान तरीका है । भारत में केवल आवक व्यक्तिगत विप्रेषण जैसे परिवार के भरण-पोषण के लिए विप्रेषण तथा भारत का दौरा करनेवाले विदेशी पर्यटकों के पक्ष में विप्रेषण की
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र – फेमा, 1999  के तहत उल्लंघनों  का  कंपांउंडिंग
आरबीआइ/2010-11/7 मास्टर परिपत्र सं.07/2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I  बैंक तथा प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – फेमा, 1999  के तहत उल्लंघनों  का  कंपांउंडिंग विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत उल्लंघनों का कंपांउडिंग भारत के नागरिकों को उपलब्ध एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके जरिये आवेदक फेमा, 1999 की धारा 13 (1) के तहत फेमा, 1999 के किसी प्रावधान के स्वीकृत उल्लंघन का कंपांउडिंग के
आरबीआइ/2010-11/7 मास्टर परिपत्र सं.07/2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I  बैंक तथा प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – फेमा, 1999  के तहत उल्लंघनों  का  कंपांउंडिंग विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत उल्लंघनों का कंपांउडिंग भारत के नागरिकों को उपलब्ध एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, जिसके जरिये आवेदक फेमा, 1999 की धारा 13 (1) के तहत फेमा, 1999 के किसी प्रावधान के स्वीकृत उल्लंघन का कंपांउडिंग के
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का निर्यात
आरबीआइ/2010-11/ 6 मास्टर परिपत्र सं.06/ 2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का निर्यात समय-समय पर यथा संशोधित , 3 मई  2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381 (E) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता) नियमावली, 2000 के साथ पठित और विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड (क) और उप-धारा (3) के अनुसार भारत से माल और सेवाओं के निर्यात  की अनुमति ह
आरबीआइ/2010-11/ 6 मास्टर परिपत्र सं.06/ 2010-11 01 जुलाई  2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का निर्यात समय-समय पर यथा संशोधित , 3 मई  2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381 (E) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता) नियमावली, 2000 के साथ पठित और विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड (क) और उप-धारा (3) के अनुसार भारत से माल और सेवाओं के निर्यात  की अनुमति ह
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार
आरबीआइ/2010-11/- मास्टर परिपत्र सं. 08/ 2010-11 01 जुलाई, 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात् 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उप धार
आरबीआइ/2010-11/- मास्टर परिपत्र सं. 08/ 2010-11 01 जुलाई, 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात् 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उप धार
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र - मुद्रा परिवर्तन कार्यकलाप को नियंत्रित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन
आरबीआई/2010-11/12 मास्टर परिपत्र सं.12/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय मास्टर परिपत्र - मुद्रा परिवर्तन कार्यकलाप को नियंत्रित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन इस मास्टर परिपत्र में " मुद्रा परिवर्तन कार्यकलाप को नियंत्रित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन "  विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक ही स्थान में समेकित किया गया है। इसमें निहित परिपत्र / अधिसूचनाएं  परिशिष्ट में दिये गये हैं। 2. इस मास्टर परिपत्र को एक वर्ष के
आरबीआई/2010-11/12 मास्टर परिपत्र सं.12/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय मास्टर परिपत्र - मुद्रा परिवर्तन कार्यकलाप को नियंत्रित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन इस मास्टर परिपत्र में " मुद्रा परिवर्तन कार्यकलाप को नियंत्रित करने वाले अनुदेशों का ज्ञापन "  विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक ही स्थान में समेकित किया गया है। इसमें निहित परिपत्र / अधिसूचनाएं  परिशिष्ट में दिये गये हैं। 2. इस मास्टर परिपत्र को एक वर्ष के
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
आर‌बीआइ /2010-11/14 मास्टर परिपत्र क्र. 14/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार, विदेशी पण्य और भाड़ा हेजिंग, अनिवासी बैंकों के रूपये खाते, अंतर ‌बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन आदि 03 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के प्रावधानों और बाद में उसमें किए गए संशोधनों द्व
आर‌बीआइ /2010-11/14 मास्टर परिपत्र क्र. 14/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकमहोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार, विदेशी पण्य और भाड़ा हेजिंग, अनिवासी बैंकों के रूपये खाते, अंतर ‌बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन आदि 03 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के प्रावधानों और बाद में उसमें किए गए संशोधनों द्व
जुलाई 01, 2010
 माल और सेवाओं  के आयात के संबंध में  मास्टर परिपत्र
आरबीआई/2010-11/4 मास्टर परिपत्र सं. 04/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया /महोदय  माल और सेवाओं  के आयात के संबंध में  मास्टर परिपत्र भारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381(E) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता) नियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र में '
आरबीआई/2010-11/4 मास्टर परिपत्र सं. 04/2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया /महोदय  माल और सेवाओं  के आयात के संबंध में  मास्टर परिपत्र भारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 381(E) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता) नियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र में '
जुलाई 01, 2010
मास्टर परिपत्र – विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में संपर्क/ शाखा/ परियोजना कार्यालयों की स्थापना करना
आरबीआइ /2010-11/ 11 मास्टर परिपत्र सं.11/ 2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I  बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में संपर्क/ शाखा/ परियोजना कार्यालयों की स्थापना करना भारत में शाखा/ संपर्क/ परियोजना कार्यालयों की स्थापना समय-समय पर यथा संशोधित , 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 22/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999  की धारा 6(6) के अनुसार विनियमित की जाती है। 2. यह मास्टर परिपत्र "व
आरबीआइ /2010-11/ 11 मास्टर परिपत्र सं.11/ 2010-11 01 जुलाई 2010 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I  बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र – विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में संपर्क/ शाखा/ परियोजना कार्यालयों की स्थापना करना भारत में शाखा/ संपर्क/ परियोजना कार्यालयों की स्थापना समय-समय पर यथा संशोधित , 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 22/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999  की धारा 6(6) के अनुसार विनियमित की जाती है। 2. यह मास्टर परिपत्र "व
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार
आरबीआइ/2009-10/27 मास्टर परिपत्र सं. 07/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात् 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999
आरबीआइ/2009-10/27 मास्टर परिपत्र सं. 07/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी, अर्थात् 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और देना) विनियमावली 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - अनिवासी सामान्य रुपया (एनआरओ) खाता
आरबीआइ/2009-10/23 मास्टर परिपत्र सं.03/2009-10 01 जुलाई , 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - अनिवासी सामान्य रुपया (एनआरओ) खाता प्राधिकृत व्यापारियों/ प्राधिकृत बैंकों द्वारा भारत से बाहर निवासी व्यक्तियों से जमाराशियों की स्वीकृति समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप धारा (1) और (2)के प्रावधानों द्वारा नियंत्
आरबीआइ/2009-10/23 मास्टर परिपत्र सं.03/2009-10 01 जुलाई , 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - अनिवासी सामान्य रुपया (एनआरओ) खाता प्राधिकृत व्यापारियों/ प्राधिकृत बैंकों द्वारा भारत से बाहर निवासी व्यक्तियों से जमाराशियों की स्वीकृति समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप धारा (1) और (2)के प्रावधानों द्वारा नियंत्
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं (WOS)में प्रत्यक्ष निवेश
आरबीआई/2009-10/21 मास्टर परिपत्र सं. 01/2009-10 01 जुलाई,2009 सेवा में, विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं (WOS)में प्रत्यक्ष निवेश समय-समय पर यथा संशोधित नवंबर 19, 2004 की अधिसूचना सं. जीएसआर 757(E) अ और जुलाई 7, 2004 की फेमा अधिसूचना सं.जीएसआर 120/आरबी-2004 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप धारा (3) के खंड (
आरबीआई/2009-10/21 मास्टर परिपत्र सं. 01/2009-10 01 जुलाई,2009 सेवा में, विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं (WOS)में प्रत्यक्ष निवेश समय-समय पर यथा संशोधित नवंबर 19, 2004 की अधिसूचना सं. जीएसआर 757(E) अ और जुलाई 7, 2004 की फेमा अधिसूचना सं.जीएसआर 120/आरबी-2004 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप धारा (3) के खंड (
जुलाई 01, 2009
भारत में विदेशी निवेश संबंधी मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2009-10/22 मास्टर परिपत्र सं. 02/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक श्रेणी I महोदया /महोदय भारत में विदेशी निवेश संबंधी मास्टर परिपत्र भारत में निवेश समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप-धारा (3) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। विनियामक ढांचे और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में समेकित किया गया है। इसके अलावा, इस मास्
आरबीआइ/2009-10/22 मास्टर परिपत्र सं. 02/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक श्रेणी I महोदया /महोदय भारत में विदेशी निवेश संबंधी मास्टर परिपत्र भारत में निवेश समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप-धारा (3) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। विनियामक ढांचे और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में समेकित किया गया है। इसके अलावा, इस मास्
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का भारत में आयात
आरबीआई/2009-10/28 मास्टर परिपत्र सं. 08/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का भारत में आयात भारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जीएसआर 381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र में ‘माल और सेवाओं का आयात’ विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान में समेकित किया गय
आरबीआई/2009-10/28 मास्टर परिपत्र सं. 08/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का भारत में आयात भारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जीएसआर 381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र में ‘माल और सेवाओं का आयात’ विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान में समेकित किया गय
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
आरबीआई/2009-10/26 मास्टर परिपत्र सं.06/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन अनिवासी बैंक, अंतर बैंक लेनदेन, विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार आदि मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 और बाद उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं। 2. इस मास्टर परिपत्र में "जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन"
आरबीआई/2009-10/26 मास्टर परिपत्र सं.06/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I महोदया /महोदय, मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन अनिवासी बैंक, अंतर बैंक लेनदेन, विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार आदि मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 और बाद उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं। 2. इस मास्टर परिपत्र में "जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन"
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - भारत से विविध प्रेषण-निवासियों के लिए सुविधाएं
आरबीआइ/2009-10/25 मास्टर परिपत्र सं.05 /2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्ति महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - भारत से विविध प्रेषण-निवासियों के लिए सुविधाएं निवासियों के लिए भारत से विविध प्रेषण सुविधाओं की अनुमति, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जी.एस.आर.381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र में "भारत से विविध प्र
आरबीआइ/2009-10/25 मास्टर परिपत्र सं.05 /2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्ति महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - भारत से विविध प्रेषण-निवासियों के लिए सुविधाएं निवासियों के लिए भारत से विविध प्रेषण सुविधाओं की अनुमति, समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जी.एस.आर.381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. इस मास्टर परिपत्र में "भारत से विविध प्र
जुलाई 01, 2009
मास्टर परिपत्र - अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों/विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं
आरबीआइ/2009-10/24 मास्टर परिपत्र सं.04/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों/विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 13/2000-आरबी और फेमा अधिसूचना सं.21/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम
आरबीआइ/2009-10/24 मास्टर परिपत्र सं.04/2009-10 01 जुलाई, 2009 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों/विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 13/2000-आरबी और फेमा अधिसूचना सं.21/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - अनिवासी सामान्य रुपया (एनआरओ) खाता
आरबीआइ/2008-09/16 मास्टर परिपत्र सं. 03 /2008-09 जुलाई 1, 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का करोबार करने के लिएध प्राधिकृत सभी व्यक्तिमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - अनिवासी सामान्य रुपया (एनआरओ) खाता प्राधिकृत व्यापारियों/ प्राधिकृत बैंकों द्वारा भारत से बाहर निवासी व्यक्तियों से जमाराशियों की स्वीकृति समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप धारा (1) और (2)के प्रावधानों द्वारा नियंत्र
आरबीआइ/2008-09/16 मास्टर परिपत्र सं. 03 /2008-09 जुलाई 1, 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का करोबार करने के लिएध प्राधिकृत सभी व्यक्तिमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - अनिवासी सामान्य रुपया (एनआरओ) खाता प्राधिकृत व्यापारियों/ प्राधिकृत बैंकों द्वारा भारत से बाहर निवासी व्यक्तियों से जमाराशियों की स्वीकृति समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 5/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 6 की उप धारा (1) और (2)के प्रावधानों द्वारा नियंत्र

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 03, 2024

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