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सितंबर 15, 2025
आरबीआई ने भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया । आरबीआई ने 16 अप्रैल 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर्स के विनियमन संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदे में भुगतान एग्रीगेटर्स

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का विनियमन) निदेश, 2025 जारी किया । आरबीआई ने 16 अप्रैल 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए भुगतान एग्रीगेटर्स के विनियमन संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदे में भुगतान एग्रीगेटर्स

सितंबर 01, 2025
नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण - 31 अगस्त 2025 की स्थिति

नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण

- 31 अगस्त 2025 की स्थिति

 

     नागरिक चार्टर और विनियामक अनुमोदन के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की व्यापक समीक्षा की गई और

नागरिक चार्टर के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का प्रसंस्करण

- 31 अगस्त 2025 की स्थिति

 

     नागरिक चार्टर और विनियामक अनुमोदन के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं की व्यापक समीक्षा की गई और

जुलाई 28, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक – मार्च 2025 का डिजिटल भुगतान सूचकांक

भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर 1 जनवरी 2021 से एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2025 के लिए सूचकांक 493.22 रहा, जबकि सितंबर 2024 के लिए यह 465.33 था, जिसकी घोषणा 29 जनवरी 2025 को की गई थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर 1 जनवरी 2021 से एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2025 के लिए सूचकांक 493.22 रहा, जबकि सितंबर 2024 के लिए यह 465.33 था, जिसकी घोषणा 29 जनवरी 2025 को की गई थी।

जुलाई 01, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक के नागरिक चार्टर की समीक्षा

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं और देश के नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं को दो अलग-अलग शीर्षकों, अर्थात विनियामक अनुमोदन के लिए समय- सीमा और नागरिक चार्टर के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं और देश के नागरिकों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं को दो अलग-अलग शीर्षकों, अर्थात विनियामक अनुमोदन के लिए समय- सीमा और नागरिक चार्टर के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है।

जून 27, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) टचपॉइंट संचालकों की समुचित जांच के संबंध में निदेश जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक [आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) – एईपीएस टचपॉइंट संचालकों की समुचित जांच] निदेश, 2025 जारी किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 जुलाई 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए बैंक की वेबसाइट पर एईपीएस की समुचित जांच संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदा में एईपीएस टचपॉइंट संचालकों (एटीओ) के बारे में जानकारी दी गई और इसका उद्देश्य अधिग्रहण करने वाले बैंकों द्वारा एटीओ को शामिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना था।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक [आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) – एईपीएस टचपॉइंट संचालकों की समुचित जांच] निदेश, 2025 जारी किया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने 31 जुलाई 2024 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए बैंक की वेबसाइट पर एईपीएस की समुचित जांच संबंधी निदेशों का मसौदा जारी किया था। निदेशों के मसौदा में एईपीएस टचपॉइंट संचालकों (एटीओ) के बारे में जानकारी दी गई और इसका उद्देश्य अधिग्रहण करने वाले बैंकों द्वारा एटीओ को शामिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना था।

अप्रैल 11, 2025
प्रवाह के माध्यम से विनियामक प्राधिकरण/लाइसेंस/अनुमोदन का प्रसंस्करण

विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में शामिल सभी आंतरिक कार्यप्रणालियों का डिजिटलीकरण, दक्ष, पारदर्शी व समयबद्ध रूप से करने के लिए रिज़र्व बैंक निरंतर प्रयासरत है । इसी उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने 28 मई, 2024 को प्रवाह (विनियामक आवेदन, मान्यता, और प्राधिकृति के लिए प्लेटफ़ॉर्म) पोर्टल लॉन्च किया था, ताकि विनियामक प्राधिकरण, लाइसेंस व अनुमोदन के लिए ऑनलाइन आवेदनों को सरल बनाया जा सके एवं पारदर्शी तरीके से सेवाओं का निर्बाध, सुरक्षित तथा शीघ्र प्रतिपादन किया जा सके।

विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में शामिल सभी आंतरिक कार्यप्रणालियों का डिजिटलीकरण, दक्ष, पारदर्शी व समयबद्ध रूप से करने के लिए रिज़र्व बैंक निरंतर प्रयासरत है । इसी उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने 28 मई, 2024 को प्रवाह (विनियामक आवेदन, मान्यता, और प्राधिकृति के लिए प्लेटफ़ॉर्म) पोर्टल लॉन्च किया था, ताकि विनियामक प्राधिकरण, लाइसेंस व अनुमोदन के लिए ऑनलाइन आवेदनों को सरल बनाया जा सके एवं पारदर्शी तरीके से सेवाओं का निर्बाध, सुरक्षित तथा शीघ्र प्रतिपादन किया जा सके।

मार्च 10, 2025
डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने आज 5वें डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह (डीपीएडब्ल्यू) का उद्घाटन किया। डीपीएडब्ल्यू, डिजिटल भुगतान के प्रभाव और महत्व को उजागर करने तथा डिजिटल भुगतान उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की एक पहल है। इस सप्ताह के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान प्रणाली परिचालकों, बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर मल्टीमीडिया अभियान, जमीनी स्तर पर शैक्षिक कार्यक्रम और सोशल मीडिया आधारित लोक संपर्क सहित राष्ट्रव्यापी जागरूकता गतिविधियां आयोजित करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने आज 5वें डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह (डीपीएडब्ल्यू) का उद्घाटन किया। डीपीएडब्ल्यू, डिजिटल भुगतान के प्रभाव और महत्व को उजागर करने तथा डिजिटल भुगतान उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की एक पहल है। इस सप्ताह के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान प्रणाली परिचालकों, बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर मल्टीमीडिया अभियान, जमीनी स्तर पर शैक्षिक कार्यक्रम और सोशल मीडिया आधारित लोक संपर्क सहित राष्ट्रव्यापी जागरूकता गतिविधियां आयोजित करता है।

मार्च 05, 2025
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 5 मार्च 2025 को मुंबई में चुनिंदा गैर-बैंक भुगतान प्रणाली परिचालकों और फिनटेक के साथ बैठक की

गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज गैर-बैंक भुगतान प्रणाली परिचालकों और फिनटेक के साथ-साथ उनके संघों/ एसआरओ के साथ वार्तालाप की। यह वार्तालाप भुगतान और फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ रिज़र्व बैंक की सहभागिता की श्रृंखला का एक हिस्सा थी। इस बातचीत में उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ भुगतान, फिनटेक और विनियमन के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए।

गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज गैर-बैंक भुगतान प्रणाली परिचालकों और फिनटेक के साथ-साथ उनके संघों/ एसआरओ के साथ वार्तालाप की। यह वार्तालाप भुगतान और फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ रिज़र्व बैंक की सहभागिता की श्रृंखला का एक हिस्सा थी। इस बातचीत में उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ भुगतान, फिनटेक और विनियमन के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए।

फ़रवरी 12, 2025
यूपीआई पर ऋण व्यवस्था – लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के कार्यक्षेत्र का दायरा बढ़ाना

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण व्यवस्था (क्रेडिट लाइन) के परिचालन पर एक अद्यतन परिपत्र (अद्यतन परिपत्र का हाइपरलिंक) जारी किया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण व्यवस्था (क्रेडिट लाइन) के परिचालन पर एक अद्यतन परिपत्र (अद्यतन परिपत्र का हाइपरलिंक) जारी किया है।

फ़रवरी 07, 2025
सीमा पारीय कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक – निदेशों का मसौदा

दिनांक 7 फरवरी 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किए अनुसार , भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सीमा पारीय कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (परिपत्र के मसौदा का हाइपरलिंक) संबंधी निदेशों के मसौदे को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए रखा है। निदेशों के मसौदे के अनुसार जब भी विदेशी व्यापारी या विदेशी अधिग्राहक द्वारा एएफ़ए के लिए अनुरोध किया जाता है, कार्ड जारीकर्ता को अनावर्ती सीमा-पारीय सीएनपी लेनदेन के लिए एएफ़ए की पुष्टि करना आवश्यक होगा।

दिनांक 7 फरवरी 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किए अनुसार , भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सीमा पारीय कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (परिपत्र के मसौदा का हाइपरलिंक) संबंधी निदेशों के मसौदे को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए रखा है। निदेशों के मसौदे के अनुसार जब भी विदेशी व्यापारी या विदेशी अधिग्राहक द्वारा एएफ़ए के लिए अनुरोध किया जाता है, कार्ड जारीकर्ता को अनावर्ती सीमा-पारीय सीएनपी लेनदेन के लिए एएफ़ए की पुष्टि करना आवश्यक होगा।

जनवरी 29, 2025
सितंबर 2024 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का डिजिटल भुगतान सूचकांक

भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2024 के लिए सूचकांक 465.33 रहा, जबकि मार्च 2024 के लिए यह 445.5 था, जिसकी घोषणा 26 जुलाई 2024 को की गई थी। आरबीआई-डीपीआई सूचकांक में वृद्धि, इस अवधि में देश भर में भुगतान अवसंरचना और भुगतान निष्पादन में संवृद्धि के कारण हुई।

भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2024 के लिए सूचकांक 465.33 रहा, जबकि मार्च 2024 के लिए यह 445.5 था, जिसकी घोषणा 26 जुलाई 2024 को की गई थी। आरबीआई-डीपीआई सूचकांक में वृद्धि, इस अवधि में देश भर में भुगतान अवसंरचना और भुगतान निष्पादन में संवृद्धि के कारण हुई।

जनवरी 27, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, दिसंबर 2024 प्रकाशित की

रिज़र्व बैंक ने आज भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, दिसंबर 2024 प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में पिछले पाँच कैलेंडर वर्षों से लेकर वर्ष 2024 तक भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके किए गए भुगतान लेनदेन के रुझानों के विश्लेषण के अलावा, भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल किया गया है और यह रिपोर्ट यूपीआई का गहन विश्लेषण प्रदान करती है। इसके बाद, इस रिपोर्ट को अर्धवार्षिक आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।

रिज़र्व बैंक ने आज भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, दिसंबर 2024 प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में पिछले पाँच कैलेंडर वर्षों से लेकर वर्ष 2024 तक भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके किए गए भुगतान लेनदेन के रुझानों के विश्लेषण के अलावा, भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल किया गया है और यह रिपोर्ट यूपीआई का गहन विश्लेषण प्रदान करती है। इसके बाद, इस रिपोर्ट को अर्धवार्षिक आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।

अक्‍तूबर 25, 2024
यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी के प्राधिकरण प्रमाणपत्र का निरसन

भारतीय रिज़र्व बैंक ने संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 8 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित भुगतान प्रणाली परिचारक (पीएसओ) के प्राधिकरण प्रमाणपत्र (सीओए) को निरस्त कर दिया है: क्रम सं. संस्था का नाम पंजीकृत कार्यालय पता सीओए सं. और तिथि प्राधिकृत भुगतान प्रणाली निरसन की तारीख निरसन का कारण 1. यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी (यूएईईसी) यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी, पी.ओ. नं. 13304, नासर बिन अब्दुल लतीफ़ बिल्डिंग नाइफ़ स्ट्रीट डेरा, दुबई, यू ए ई सं. 16/2009 दिनांकित 30 सितंबर 2009 धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश (एमटीएसएस मास्टर निदेश) के अंतर्गत ' समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण परिचारक (ग्राहक से ग्राहक)। 10 अक्तूबर 2024 विनियामक अपेक्षाओं का अननुपालन सीओए के निरसन के बाद, यूएईईसी, धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश के अंतर्गत 'समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण का कारोबार नहीं कर सकते। 

भारतीय रिज़र्व बैंक ने संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 8 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित भुगतान प्रणाली परिचारक (पीएसओ) के प्राधिकरण प्रमाणपत्र (सीओए) को निरस्त कर दिया है: क्रम सं. संस्था का नाम पंजीकृत कार्यालय पता सीओए सं. और तिथि प्राधिकृत भुगतान प्रणाली निरसन की तारीख निरसन का कारण 1. यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी (यूएईईसी) यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी, पी.ओ. नं. 13304, नासर बिन अब्दुल लतीफ़ बिल्डिंग नाइफ़ स्ट्रीट डेरा, दुबई, यू ए ई सं. 16/2009 दिनांकित 30 सितंबर 2009 धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश (एमटीएसएस मास्टर निदेश) के अंतर्गत ' समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण परिचारक (ग्राहक से ग्राहक)। 10 अक्तूबर 2024 विनियामक अपेक्षाओं का अननुपालन सीओए के निरसन के बाद, यूएईईसी, धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश के अंतर्गत 'समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण का कारोबार नहीं कर सकते। 

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