प्रेस प्रकाशनियां - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में शामिल सभी आंतरिक कार्यप्रणालियों का डिजिटलीकरण, दक्ष, पारदर्शी व समयबद्ध रूप से करने के लिए रिज़र्व बैंक निरंतर प्रयासरत है । इसी उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने 28 मई, 2024 को प्रवाह (विनियामक आवेदन, मान्यता, और प्राधिकृति के लिए प्लेटफ़ॉर्म) पोर्टल लॉन्च किया था, ताकि विनियामक प्राधिकरण, लाइसेंस व अनुमोदन के लिए ऑनलाइन आवेदनों को सरल बनाया जा सके एवं पारदर्शी तरीके से सेवाओं का निर्बाध, सुरक्षित तथा शीघ्र प्रतिपादन किया जा सके।
विनियामक अनुमोदन प्रक्रियाओं में शामिल सभी आंतरिक कार्यप्रणालियों का डिजिटलीकरण, दक्ष, पारदर्शी व समयबद्ध रूप से करने के लिए रिज़र्व बैंक निरंतर प्रयासरत है । इसी उद्देश्य से, रिज़र्व बैंक ने 28 मई, 2024 को प्रवाह (विनियामक आवेदन, मान्यता, और प्राधिकृति के लिए प्लेटफ़ॉर्म) पोर्टल लॉन्च किया था, ताकि विनियामक प्राधिकरण, लाइसेंस व अनुमोदन के लिए ऑनलाइन आवेदनों को सरल बनाया जा सके एवं पारदर्शी तरीके से सेवाओं का निर्बाध, सुरक्षित तथा शीघ्र प्रतिपादन किया जा सके।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने आज 5वें डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह (डीपीएडब्ल्यू) का उद्घाटन किया। डीपीएडब्ल्यू, डिजिटल भुगतान के प्रभाव और महत्व को उजागर करने तथा डिजिटल भुगतान उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की एक पहल है। इस सप्ताह के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान प्रणाली परिचालकों, बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर मल्टीमीडिया अभियान, जमीनी स्तर पर शैक्षिक कार्यक्रम और सोशल मीडिया आधारित लोक संपर्क सहित राष्ट्रव्यापी जागरूकता गतिविधियां आयोजित करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने आज 5वें डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह (डीपीएडब्ल्यू) का उद्घाटन किया। डीपीएडब्ल्यू, डिजिटल भुगतान के प्रभाव और महत्व को उजागर करने तथा डिजिटल भुगतान उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की एक पहल है। इस सप्ताह के दौरान, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान प्रणाली परिचालकों, बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर मल्टीमीडिया अभियान, जमीनी स्तर पर शैक्षिक कार्यक्रम और सोशल मीडिया आधारित लोक संपर्क सहित राष्ट्रव्यापी जागरूकता गतिविधियां आयोजित करता है।
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज गैर-बैंक भुगतान प्रणाली परिचालकों और फिनटेक के साथ-साथ उनके संघों/ एसआरओ के साथ वार्तालाप की। यह वार्तालाप भुगतान और फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ रिज़र्व बैंक की सहभागिता की श्रृंखला का एक हिस्सा थी। इस बातचीत में उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ भुगतान, फिनटेक और विनियमन के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए।
गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज गैर-बैंक भुगतान प्रणाली परिचालकों और फिनटेक के साथ-साथ उनके संघों/ एसआरओ के साथ वार्तालाप की। यह वार्तालाप भुगतान और फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ रिज़र्व बैंक की सहभागिता की श्रृंखला का एक हिस्सा थी। इस बातचीत में उप गवर्नर श्री एम. राजेश्वर राव, श्री टी. रबी शंकर और श्री स्वामीनाथन जे. के साथ-साथ भुगतान, फिनटेक और विनियमन के प्रभारी कार्यपालक निदेशक भी शामिल हुए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण व्यवस्था (क्रेडिट लाइन) के परिचालन पर एक अद्यतन परिपत्र (अद्यतन परिपत्र का हाइपरलिंक) जारी किया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से बैंकों में पूर्व-स्वीकृत ऋण व्यवस्था (क्रेडिट लाइन) के परिचालन पर एक अद्यतन परिपत्र (अद्यतन परिपत्र का हाइपरलिंक) जारी किया है।
दिनांक 7 फरवरी 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किए अनुसार , भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सीमा पारीय कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (परिपत्र के मसौदा का हाइपरलिंक) संबंधी निदेशों के मसौदे को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए रखा है। निदेशों के मसौदे के अनुसार जब भी विदेशी व्यापारी या विदेशी अधिग्राहक द्वारा एएफ़ए के लिए अनुरोध किया जाता है, कार्ड जारीकर्ता को अनावर्ती सीमा-पारीय सीएनपी लेनदेन के लिए एएफ़ए की पुष्टि करना आवश्यक होगा।
दिनांक 7 फरवरी 2025 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषित किए अनुसार , भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर सीमा पारीय कार्ड नॉट प्रेजेंट (सीएनपी) लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण का अतिरिक्त कारक (परिपत्र के मसौदा का हाइपरलिंक) संबंधी निदेशों के मसौदे को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए रखा है। निदेशों के मसौदे के अनुसार जब भी विदेशी व्यापारी या विदेशी अधिग्राहक द्वारा एएफ़ए के लिए अनुरोध किया जाता है, कार्ड जारीकर्ता को अनावर्ती सीमा-पारीय सीएनपी लेनदेन के लिए एएफ़ए की पुष्टि करना आवश्यक होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2024 के लिए सूचकांक 465.33 रहा, जबकि मार्च 2024 के लिए यह 445.5 था, जिसकी घोषणा 26 जुलाई 2024 को की गई थी। आरबीआई-डीपीआई सूचकांक में वृद्धि, इस अवधि में देश भर में भुगतान अवसंरचना और भुगतान निष्पादन में संवृद्धि के कारण हुई।
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। सितंबर 2024 के लिए सूचकांक 465.33 रहा, जबकि मार्च 2024 के लिए यह 445.5 था, जिसकी घोषणा 26 जुलाई 2024 को की गई थी। आरबीआई-डीपीआई सूचकांक में वृद्धि, इस अवधि में देश भर में भुगतान अवसंरचना और भुगतान निष्पादन में संवृद्धि के कारण हुई।
रिज़र्व बैंक ने आज भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, दिसंबर 2024 प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में पिछले पाँच कैलेंडर वर्षों से लेकर वर्ष 2024 तक भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके किए गए भुगतान लेनदेन के रुझानों के विश्लेषण के अलावा, भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल किया गया है और यह रिपोर्ट यूपीआई का गहन विश्लेषण प्रदान करती है। इसके बाद, इस रिपोर्ट को अर्धवार्षिक आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
रिज़र्व बैंक ने आज भुगतान प्रणाली रिपोर्ट, दिसंबर 2024 प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में पिछले पाँच कैलेंडर वर्षों से लेकर वर्ष 2024 तक भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके किए गए भुगतान लेनदेन के रुझानों के विश्लेषण के अलावा, भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल किया गया है और यह रिपोर्ट यूपीआई का गहन विश्लेषण प्रदान करती है। इसके बाद, इस रिपोर्ट को अर्धवार्षिक आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 8 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित भुगतान प्रणाली परिचारक (पीएसओ) के प्राधिकरण प्रमाणपत्र (सीओए) को निरस्त कर दिया है: क्रम सं. संस्था का नाम पंजीकृत कार्यालय पता सीओए सं. और तिथि प्राधिकृत भुगतान प्रणाली निरसन की तारीख निरसन का कारण 1. यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी (यूएईईसी) यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी, पी.ओ. नं. 13304, नासर बिन अब्दुल लतीफ़ बिल्डिंग नाइफ़ स्ट्रीट डेरा, दुबई, यू ए ई सं. 16/2009 दिनांकित 30 सितंबर 2009 धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश (एमटीएसएस मास्टर निदेश) के अंतर्गत ' समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण परिचारक (ग्राहक से ग्राहक)। 10 अक्तूबर 2024 विनियामक अपेक्षाओं का अननुपालन सीओए के निरसन के बाद, यूएईईसी, धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश के अंतर्गत 'समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण का कारोबार नहीं कर सकते।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने संदाय और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 8 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित भुगतान प्रणाली परिचारक (पीएसओ) के प्राधिकरण प्रमाणपत्र (सीओए) को निरस्त कर दिया है: क्रम सं. संस्था का नाम पंजीकृत कार्यालय पता सीओए सं. और तिथि प्राधिकृत भुगतान प्रणाली निरसन की तारीख निरसन का कारण 1. यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी (यूएईईसी) यूएई एक्सचेंज सेंटर एलएलसी, पी.ओ. नं. 13304, नासर बिन अब्दुल लतीफ़ बिल्डिंग नाइफ़ स्ट्रीट डेरा, दुबई, यू ए ई सं. 16/2009 दिनांकित 30 सितंबर 2009 धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश (एमटीएसएस मास्टर निदेश) के अंतर्गत ' समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण परिचारक (ग्राहक से ग्राहक)। 10 अक्तूबर 2024 विनियामक अपेक्षाओं का अननुपालन सीओए के निरसन के बाद, यूएईईसी, धन अंतरण सेवा योजना संबंधी मास्टर निदेश के अंतर्गत 'समुद्रपारीय प्रिंसिपल' के रूप में सीमापारीय इन-बाउंड धन अंतरण का कारोबार नहीं कर सकते।
पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, विशेषतया भुगतान के लिए अतिरिक्त अधिप्रमाणन कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता को। अधिप्रमाणन के लिए कोई विशेष कारक अनिवार्य नहीं था, लेकिन डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने मुख्य रूप से एसएमएस-आधारित ओटीपी को एएफ़ए के रूप में अपनाया है। जबकि ओटीपी संतोषजनक ढंग से कार्य कर रहा है, प्रौद्योगिकीय प्रगति ने वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई हैं।
पिछले कतिपय वर्षों में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, विशेषतया भुगतान के लिए अतिरिक्त अधिप्रमाणन कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता को। अधिप्रमाणन के लिए कोई विशेष कारक अनिवार्य नहीं था, लेकिन डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने मुख्य रूप से एसएमएस-आधारित ओटीपी को एएफ़ए के रूप में अपनाया है। जबकि ओटीपी संतोषजनक ढंग से कार्य कर रहा है, प्रौद्योगिकीय प्रगति ने वैकल्पिक अधिप्रमाणन व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई हैं।
आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सुदृढ़ता को बढ़ाने के भाग के रूप में, 08 फरवरी 2024 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषणा की गई थी कि एईपीएस टचपॉइंट ऑपरेटरों की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा। हाल के दिनों में, पहचान की चोरी या ग्राहक क्रेडेंशियल्स के साथ छेड़छाड़ के कारण
आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सुदृढ़ता को बढ़ाने के भाग के रूप में, 08 फरवरी 2024 के विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषणा की गई थी कि एईपीएस टचपॉइंट ऑपरेटरों की ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा। हाल के दिनों में, पहचान की चोरी या ग्राहक क्रेडेंशियल्स के साथ छेड़छाड़ के कारण
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित दो भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) पर दिनांक 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर यथाअद्यतन) के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए मौद्रिक दंड लगाया है। क्र. सं. पीएसओ का नाम सकारण (स्पीकिंग) आदेश की तारीख दंड की राशि (₹ लाख) 1 मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड 16 जुलाई 2024 41.50 2 ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 16 जुलाई 2024 33.40 दो पीएसओ अर्थात ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और वीज़ा वर्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड को भी क्रमशः दिनांक 27 अगस्त 2021 के पूर्वदत्त भुगतान लिखतों (पीपीआई) (समय-समय पर यथाअद्यतन) और दिनांक 6 दिसंबर 2016 के कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन – कार्ड नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाणीकरण समाधानों के लिए ₹2000/- तक के भुगतान हेतु प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक में छूट संबंधी मास्टर निदेशों में निहित कतिपय प्रावधानों के उल्लंघन के लिए कंपाउडिंग आदेश जारी किए गए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित दो भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) पर दिनांक 25 फरवरी 2016 के मास्टर निदेश - अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 (समय-समय पर यथाअद्यतन) के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए मौद्रिक दंड लगाया है। क्र. सं. पीएसओ का नाम सकारण (स्पीकिंग) आदेश की तारीख दंड की राशि (₹ लाख) 1 मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड 16 जुलाई 2024 41.50 2 ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 16 जुलाई 2024 33.40 दो पीएसओ अर्थात ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और वीज़ा वर्ल्डवाइड पीटीई लिमिटेड को भी क्रमशः दिनांक 27 अगस्त 2021 के पूर्वदत्त भुगतान लिखतों (पीपीआई) (समय-समय पर यथाअद्यतन) और दिनांक 6 दिसंबर 2016 के कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन – कार्ड नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रमाणीकरण समाधानों के लिए ₹2000/- तक के भुगतान हेतु प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक में छूट संबंधी मास्टर निदेशों में निहित कतिपय प्रावधानों के उल्लंघन के लिए कंपाउडिंग आदेश जारी किए गए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 27 अक्तूबर 2023 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से विनियामक सैंडबॉक्स के अंतर्गत पांचवें कोहोर्ट (विषय तटस्थ) की शुरुआत की घोषणा की थी। 2. रिज़र्व बैंक को 22 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से पाँच को ‘जांच चरण’ के लिए चुना गया है। नीचे दिए गए विवरण के अनुसार, संस्थाएँ अगस्त 2024 से अपने समाधानों का जांच शुरू करेंगी: क्र. सं. सैंडबॉक्स संस्था विवरण 1 कनेक्टिंगडॉट कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड इस समाधान का उद्देश्य ऋण पोर्टफोलियो को उच्च, मध्यम और निम्न जोखिम श्रेणियों में विभाजित करके ऋण व्यतिक्रम (चूक) का पूर्वानुमान लगाने में उच्च सटीकता प्रदान करना है। यह समाधान उधारकर्ता के चूक के कारण बताता है और जोखिम शमन में सुधार के लिए बैंकों/ उधारदाताओं को उधारकर्ता विशिष्ट मार्गों की सिफारिश करता है। 2 एपिफी टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड यह समाधान वीडियो केवाईसी और पहचान सत्यापन के माध्यम से एनआरई/एनआरओ खातों को डिजिटल रूप से खोलने की अनुमति देता है, जिससे एनआरआई के लिए खाता खोलने का सहज अनुभव संभव हो जाता है। इस समाधान से लागत, टर्नअराउंड समय को कम करके और भौतिक दस्तावेज़ीकरण और सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके दक्षता लाने की आशा है। 3 फिननैग टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड यह समाधान ब्लॉकचेन आधारित डीप टियर वेंडर फाइनेंसिंग समाधान है जो एमएसएमई के लिए वित्तपोषण को सक्षम बनाता है, जो बड़े उद्यमों की खरीद आपूर्ति शृंखला का हिस्सा हैं जिन्हें आमतौर पर एंकर के रूप में जाना जाता है। यह समाधान एंकर से प्राप्तियों को ब्लॉकचेन आधारित टोकन में परिवर्तित करने में सक्षम बनाता है जिसे एमएसएमई द्वारा बैंकों/ एनबीएफसी से ऋण प्राप्त करने के लिए भुनाया जा सकता है। समाधान का उद्देश्य निचले स्तर/ छोटे एमएसएमई के लिए आसान और किफायती ऋण सुलभ बनाना है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 27 अक्तूबर 2023 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से विनियामक सैंडबॉक्स के अंतर्गत पांचवें कोहोर्ट (विषय तटस्थ) की शुरुआत की घोषणा की थी। 2. रिज़र्व बैंक को 22 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से पाँच को ‘जांच चरण’ के लिए चुना गया है। नीचे दिए गए विवरण के अनुसार, संस्थाएँ अगस्त 2024 से अपने समाधानों का जांच शुरू करेंगी: क्र. सं. सैंडबॉक्स संस्था विवरण 1 कनेक्टिंगडॉट कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड इस समाधान का उद्देश्य ऋण पोर्टफोलियो को उच्च, मध्यम और निम्न जोखिम श्रेणियों में विभाजित करके ऋण व्यतिक्रम (चूक) का पूर्वानुमान लगाने में उच्च सटीकता प्रदान करना है। यह समाधान उधारकर्ता के चूक के कारण बताता है और जोखिम शमन में सुधार के लिए बैंकों/ उधारदाताओं को उधारकर्ता विशिष्ट मार्गों की सिफारिश करता है। 2 एपिफी टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड यह समाधान वीडियो केवाईसी और पहचान सत्यापन के माध्यम से एनआरई/एनआरओ खातों को डिजिटल रूप से खोलने की अनुमति देता है, जिससे एनआरआई के लिए खाता खोलने का सहज अनुभव संभव हो जाता है। इस समाधान से लागत, टर्नअराउंड समय को कम करके और भौतिक दस्तावेज़ीकरण और सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करके दक्षता लाने की आशा है। 3 फिननैग टेक्नोलॉजिस प्राइवेट लिमिटेड यह समाधान ब्लॉकचेन आधारित डीप टियर वेंडर फाइनेंसिंग समाधान है जो एमएसएमई के लिए वित्तपोषण को सक्षम बनाता है, जो बड़े उद्यमों की खरीद आपूर्ति शृंखला का हिस्सा हैं जिन्हें आमतौर पर एंकर के रूप में जाना जाता है। यह समाधान एंकर से प्राप्तियों को ब्लॉकचेन आधारित टोकन में परिवर्तित करने में सक्षम बनाता है जिसे एमएसएमई द्वारा बैंकों/ एनबीएफसी से ऋण प्राप्त करने के लिए भुनाया जा सकता है। समाधान का उद्देश्य निचले स्तर/ छोटे एमएसएमई के लिए आसान और किफायती ऋण सुलभ बनाना है।
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2024 के लिए सूचकांक 445.50 रहा, जबकि सितंबर 2023 के लिए यह 418.77 था। इस अवधि में देश भर में भुगतान निष्पादन और भुगतान अवसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण आरबीआई-डीपीआई सूचकांक सभी मापदंडों पर बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है: अवधि आरबीआई-डीपीआई सूचकांक मार्च 2018 (आधार) 100 मार्च 2019 153.47 सितंबर 2019 173.49 मार्च 2020 207.84 सितंबर 2020 217.74 मार्च 2021 270.59 सितंबर 2021 304.06 मार्च 2022 349.30 सितंबर 2022 377.46 मार्च 2023 395.57 सितंबर 2023 418.77 मार्च 2024 445.50
भारतीय रिज़र्व बैंक देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा का पता लगाने के लिए मार्च 2018 को आधार मानकर एक समग्र भारतीय रिज़र्व बैंक - डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) 1 जनवरी 2021 से प्रकाशित कर रहा है। मार्च 2024 के लिए सूचकांक 445.50 रहा, जबकि सितंबर 2023 के लिए यह 418.77 था। इस अवधि में देश भर में भुगतान निष्पादन और भुगतान अवसंरचना में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण आरबीआई-डीपीआई सूचकांक सभी मापदंडों पर बढ़ा है। अपने आरंभ से सूचकांक शृंखला निम्नानुसार है: अवधि आरबीआई-डीपीआई सूचकांक मार्च 2018 (आधार) 100 मार्च 2019 153.47 सितंबर 2019 173.49 मार्च 2020 207.84 सितंबर 2020 217.74 मार्च 2021 270.59 सितंबर 2021 304.06 मार्च 2022 349.30 सितंबर 2022 377.46 मार्च 2023 395.57 सितंबर 2023 418.77 मार्च 2024 445.50
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक, भारत की तेज़ भुगतान प्रणाली (एफपीएस) - एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई) को सीमापारीय व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) भुगतान के लिए विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधित एफपीएस से संबद्धता के लिए द्विपक्षीय सहयोग कर रहा है। जबकि भारत और उसके सहभागी देश, तेज़ भुगतान प्रणालियों की ऐसी द्विपक्षीय संबद्धता के माध्यम से लाभ लेना जारी रख सकते हैं, एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण, भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने के हमारे प्रयासों को और गति प्रदान करेगा।
विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के ‘वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और न्यूनीकरण' विषय पर चौथे समूह में छह संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसकी सूचना दिनांक 5 जनवरी 2023 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से दी गई थी। 2. 'परीक्षण चरण' पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित तीन उत्पाद, आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:
विनियामक सैंडबॉक्स (आरएस) के ‘वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम और न्यूनीकरण' विषय पर चौथे समूह में छह संस्थाओं को अपने उत्पादों का परीक्षण शुरू करना था, जिसकी सूचना दिनांक 5 जनवरी 2023 की प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से दी गई थी। 2. 'परीक्षण चरण' पूरा करने वाली संस्थाओं के उत्पादों का मूल्यांकन पारस्परिक रूप से सहमत परीक्षण परिदृश्यों और अपेक्षित परिणामों के आधार पर किया गया। तदनुसार, नीचे उल्लिखित तीन उत्पाद, आरएस के अंतर्गत परीक्षण के दौरान परिभाषित सीमा शर्तों के भीतर व्यवहार्य पाए गए हैं:
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 28, 2025