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मई 30, 2008
यूनियन बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008
आरबीआइ/2007-08/340 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 73/05.04.02/2007-08 30 मई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)महोदय,यूनियन बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 कृपया दिनांक 23 मई 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं. प्लान.बीसी. 72/05.04.02/2007-08 और उसके साथ प्रेषित कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 देखें ।2. इस संबंध में, भारत सरकार द्वारा दिनांक 23 मई 2008 के कार्यान्वयन परिपत्र द्वारा जारी स्पष्टीकरण
आरबीआइ/2007-08/340 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 73/05.04.02/2007-08 30 मई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)महोदय,यूनियन बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 कृपया दिनांक 23 मई 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं. प्लान.बीसी. 72/05.04.02/2007-08 और उसके साथ प्रेषित कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 देखें ।2. इस संबंध में, भारत सरकार द्वारा दिनांक 23 मई 2008 के कार्यान्वयन परिपत्र द्वारा जारी स्पष्टीकरण
मई 23, 2008
केद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना - 2008
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्ख्र्ज्ञ्iआरबीआइ/2007-08/330 ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी. 72/05.04.02/2007-08 23 मई 2008अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)प्रिय महोदय,केद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना - 2008जैसा कि आप जानते हैं, वर्ष 2008-09 के अपने बजट अभिभाषण (पैरा - 73) में माननीय वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी धक्रेडिट सोसायटियों के साथ - साथ सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्ख्र्ज्ञ्iआरबीआइ/2007-08/330 ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी. 72/05.04.02/2007-08 23 मई 2008अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)प्रिय महोदय,केद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना - 2008जैसा कि आप जानते हैं, वर्ष 2008-09 के अपने बजट अभिभाषण (पैरा - 73) में माननीय वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी धक्रेडिट सोसायटियों के साथ - साथ सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों
मई 22, 2008
RRBS Allowed to sell Loan Assets in excess of prescribed Priority Sector Exposure
RBI/2007-2008/326RPCD. CO. RRB. No. BC. 71 /03.05.33/2007-08May 22, 2008The ChairmanAll Regional Rural BanksDear SirIncreasing opportunities for flow of credit to priority sectorPlease refer to paragraph 137 of the Annual Policy Statement for the year 2008-09 (copy enclosed). As indicated in the annual Policy Statement, it has been decided to allow RRBs to sell loan assets held by them under priority sector categories in excess of the prescribed priority sector lendin
RBI/2007-2008/326RPCD. CO. RRB. No. BC. 71 /03.05.33/2007-08May 22, 2008The ChairmanAll Regional Rural BanksDear SirIncreasing opportunities for flow of credit to priority sectorPlease refer to paragraph 137 of the Annual Policy Statement for the year 2008-09 (copy enclosed). As indicated in the annual Policy Statement, it has been decided to allow RRBs to sell loan assets held by them under priority sector categories in excess of the prescribed priority sector lendin
मई 14, 2008
गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान
आरबीआइ/2007-08/319 आरपीसीडी.केका.आरएफ.बीसी.70/07.38.01/2007-08 14 मई 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकमहोदय,गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान यह पूछा गया है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें ।2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा । धारा 107 गुमशुदा व्यक्ति के
आरबीआइ/2007-08/319 आरपीसीडी.केका.आरएफ.बीसी.70/07.38.01/2007-08 14 मई 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकमहोदय,गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान यह पूछा गया है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें ।2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा । धारा 107 गुमशुदा व्यक्ति के
मई 13, 2008
StCBs/DCCBs - Customer Charges for use of ATMs for Cash Withdrawal/Balance Enquiry
RBI/2007-2008/318 RPCD.CO.RF.BC.No. 69 / 07.06.00 / 2007-08 May 13, 2008 23 Vaishakha, Saka 1930 To All State and Central Co-operative Banks Dear Sir, Customer charges for use of ATMs for cash withdrawal and balance enquiry Automated Teller Machines (ATMs) have gained prominence as a delivery channel for banking transactions in India. Banks have been deploying ATMs to increase their reach. While ATMs facilitate a variety of banking transactions for customers, their ma
RBI/2007-2008/318 RPCD.CO.RF.BC.No. 69 / 07.06.00 / 2007-08 May 13, 2008 23 Vaishakha, Saka 1930 To All State and Central Co-operative Banks Dear Sir, Customer charges for use of ATMs for cash withdrawal and balance enquiry Automated Teller Machines (ATMs) have gained prominence as a delivery channel for banking transactions in India. Banks have been deploying ATMs to increase their reach. While ATMs facilitate a variety of banking transactions for customers, their ma
मई 06, 2008
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रूप में जनरल प्रयोजन क्रेडिट कार्ड और "नो - फ्रिल्स" खात ेमें ओवर-ड्राप्ट
आरबीआइ / 2007-08 / 313 आरपीसीडी.केका.प्लान.बीसी.सं. 66/04.09.01/2007-08 6 मई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदय,प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रूप में जनरल प्रयोजन क्रेडिट कार्ड और "नो - फ्रिल्स" खाते में ओवर-ड्राप्ट कृपया दिनांक 27 दिसंबर 2005 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.केका.सं.आरआरबी.बीसी.59/ 03.05.33(एफ)/2005-06 देखें जिसमें सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों
आरबीआइ / 2007-08 / 313 आरपीसीडी.केका.प्लान.बीसी.सं. 66/04.09.01/2007-08 6 मई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदय,प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत कृषि को अप्रत्यक्ष वित्त के रूप में जनरल प्रयोजन क्रेडिट कार्ड और "नो - फ्रिल्स" खाते में ओवर-ड्राप्ट कृपया दिनांक 27 दिसंबर 2005 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.केका.सं.आरआरबी.बीसी.59/ 03.05.33(एफ)/2005-06 देखें जिसमें सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों
मई 06, 2008
कमज़ोर वर्ग हेतु उधार लक्ष्य - पालन सुनिश्चित करना
आरबीआइ / 2007-08 / 314 आरपीसीडी.केका.प्लान.बीसी.सं. 65 / 04.09.01/2007-08 6 मई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय, कमज़ोर वर्ग हेतु उधार लक्ष्य - पालन सुनिश्चित करनाकृपया दिनांक 2 जुलाई 2007 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं. प्लान.बीसी. 5/04.09.01/2007-08 द्वारा प्रेषित प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार का मास्टर परिपत्र देखें जिसके अनुसार देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों से अपेक्षित
आरबीआइ / 2007-08 / 314 आरपीसीडी.केका.प्लान.बीसी.सं. 65 / 04.09.01/2007-08 6 मई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय, कमज़ोर वर्ग हेतु उधार लक्ष्य - पालन सुनिश्चित करनाकृपया दिनांक 2 जुलाई 2007 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं. प्लान.बीसी. 5/04.09.01/2007-08 द्वारा प्रेषित प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार का मास्टर परिपत्र देखें जिसके अनुसार देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों से अपेक्षित
मई 06, 2008
झारखण्ड राज्य में नए जिलां का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/315 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 67 /02.08.01/2007-08 मई 06, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, झारखण्ड राज्य में नए जिलां का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, झारखण्ड सरकार के दिनांक सितम्बर 12, 2007 के राजपत्र अधिसूचना सं.ए एस /पीआरए.इ.पीयुआर-05.07/2004 केए.4961 व 4960/झारखन्ड के द्वारा रामगढ और खूँटी नामक दो नये जिलों का गठन किया है ।नवनिर्मित जिले रामगढ़ में वही क्षेत्र सम्मिलित है ,जो
भारिबैं/2007-08/315 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 67 /02.08.01/2007-08 मई 06, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, झारखण्ड राज्य में नए जिलां का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, झारखण्ड सरकार के दिनांक सितम्बर 12, 2007 के राजपत्र अधिसूचना सं.ए एस /पीआरए.इ.पीयुआर-05.07/2004 केए.4961 व 4960/झारखन्ड के द्वारा रामगढ और खूँटी नामक दो नये जिलों का गठन किया है ।नवनिर्मित जिले रामगढ़ में वही क्षेत्र सम्मिलित है ,जो
अप्रैल 30, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)
आरबीआइ / 2007-08 /306 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.64/03.05.28(बी)/2007-08 30 अप्रैल , 2008सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 22 अप्रैल, 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. 61/03.05.28(बी)/2007-08(आरबीआइ/2007 - 08 /292) देखें। 29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नी
आरबीआइ / 2007-08 /306 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.64/03.05.28(बी)/2007-08 30 अप्रैल , 2008सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 22 अप्रैल, 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. 61/03.05.28(बी)/2007-08(आरबीआइ/2007 - 08 /292) देखें। 29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नी
अप्रैल 29, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/305 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 63/07.02.01/2007-08 29 अप्रैल 2008सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/288 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 59/07.02.01/2007-08 देखें ।29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में दिए गए अनुसार चलनिधि की परिवर्तनशील स्थिति की समीक्षा करने प
आरबीआइ / 2007-08/305 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 63/07.02.01/2007-08 29 अप्रैल 2008सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अप्रैल 2008 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2007-2008/288 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 59/07.02.01/2007-08 देखें ।29 अप्रैल 2008 को वर्ष 2008-09 के लिए जारी किए गए गवर्नर महोदय के वार्षिक नीति वक्तव्य में दिए गए अनुसार चलनिधि की परिवर्तनशील स्थिति की समीक्षा करने प
अप्रैल 22, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)
आरबीआइ/2007-08/292 ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं. 61 / 03.05.28(बी) / 2007-08 22 अप्रैल 2008सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं.बीसी. 35/03.05.28(बी) /2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के
आरबीआइ/2007-08/292 ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं. 61 / 03.05.28(बी) / 2007-08 22 अप्रैल 2008सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं.बीसी. 35/03.05.28(बी) /2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के
अप्रैल 21, 2008
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/288 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 59 / 07.02.01 / 2007-08 21 अप्रैल 2008सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ / 2007-2008 / 174 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 34 / 07.02.01 / 2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर
आरबीआइ / 2007-08/288 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं. 59 / 07.02.01 / 2007-08 21 अप्रैल 2008सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदयभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ / 2007-2008 / 174 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 34 / 07.02.01 / 2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर
अप्रैल 15, 2008
मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस)
आरबीआइ /2007-08/283 आरपीसीडी.एसपी.सं. 57/09.03.01/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर ) महोदय, मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस) जैसा कि आपको ज्ञात है, स्वच्छकारों की मुक्ति और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय योजना (एनएसएलआरएस) वर्ष 1993 से सभी
आरबीआइ /2007-08/283 आरपीसीडी.एसपी.सं. 57/09.03.01/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर ) महोदय, मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस) जैसा कि आपको ज्ञात है, स्वच्छकारों की मुक्ति और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय योजना (एनएसएलआरएस) वर्ष 1993 से सभी
अप्रैल 15, 2008
स्वयं सहायता समूहों का कुल वित्तीय समावेशन और ऋण आवश्यकता
आरबीआइ / 2007-08 / 282 आरपीसीडी.एमएफएफआइ.बीसी.सं. 56 / 12.01.001/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,स्वयं सहायता समूहों का कुल वित्तीय समावेशन और ऋण आवश्यकता कृपया माइक्रो ऋण पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र आरपीसीडी.एमएफएफआइ. बीसी.सं. 08 / 12.01.001/2007-08 देखें जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि अन्य बातों के साथ-साथ ऐसे ऋण में न केवल गरीबों के विभिन्न कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए
आरबीआइ / 2007-08 / 282 आरपीसीडी.एमएफएफआइ.बीसी.सं. 56 / 12.01.001/2007-08 15 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,स्वयं सहायता समूहों का कुल वित्तीय समावेशन और ऋण आवश्यकता कृपया माइक्रो ऋण पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र आरपीसीडी.एमएफएफआइ. बीसी.सं. 08 / 12.01.001/2007-08 देखें जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि अन्य बातों के साथ-साथ ऐसे ऋण में न केवल गरीबों के विभिन्न कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के लिए
अप्रैल 10, 2008
विभेदक ब्याज दर (डीआरआइ) योजना - आय सीमा में संशोधन
आरबीआइ / 2007 - 08 / 279 आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 55 / 09.07.01/2007-08 10 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकभारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक ( क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर )महोदय, विभेदक ब्याज दर (डीआरआइ) योजना - आय सीमा में संशोधनकृपया दिनांक 13 जून 2007 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 101 / 09.07.01 /2006-07 देखें जिसमें उपर्युक्त योजना की संशोधित ऋण सीमाओं के बारे में सूचित किया गया है जिसे वर्तमान में सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा कार्यान्वित किया ज
आरबीआइ / 2007 - 08 / 279 आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 55 / 09.07.01/2007-08 10 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकभारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक ( क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर )महोदय, विभेदक ब्याज दर (डीआरआइ) योजना - आय सीमा में संशोधनकृपया दिनांक 13 जून 2007 का हमारा परिपत्र आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं. 101 / 09.07.01 /2006-07 देखें जिसमें उपर्युक्त योजना की संशोधित ऋण सीमाओं के बारे में सूचित किया गया है जिसे वर्तमान में सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा कार्यान्वित किया ज
अप्रैल 01, 2008
पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में
आरबीआइ / 2007-08/272 ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 54/09.04.01/2007-08 01 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय, पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में कार्यक्रम वर्ष 2007-08 की तिमाही सूची में यह अधिदेशित किए जाने के बावजूद कि, कार्यक्रम वर्ष के अंतर्गत सभी ऋण मंजूरियों और उनके
आरबीआइ / 2007-08/272 ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 54/09.04.01/2007-08 01 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय, पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में कार्यक्रम वर्ष 2007-08 की तिमाही सूची में यह अधिदेशित किए जाने के बावजूद कि, कार्यक्रम वर्ष के अंतर्गत सभी ऋण मंजूरियों और उनके
अप्रैल 01, 2008
राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/271 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 53/02.08.01/2007-08 अप्रैल 01, 2008.अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग(ग्रुप-1)राजस्थान सरकार, जयपुर के दिनांक जनवरी 25, 2008 के सरकारी अधिसूचना सं.पी 9 (17)र.ज.-1/07/3 द्वारा प्रतापगढ नामक नये जिले का गठन किया है जिसे वर्तमान चितौरगढ, बाँसवारा और उदयपुर जिलों से अलग करके बनाया गया है एवं इसका मुख्यालय प्रतापगढ है ।इस नये प्रतापगढ
भारिबैं/2007-08/271 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 53/02.08.01/2007-08 अप्रैल 01, 2008.अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग(ग्रुप-1)राजस्थान सरकार, जयपुर के दिनांक जनवरी 25, 2008 के सरकारी अधिसूचना सं.पी 9 (17)र.ज.-1/07/3 द्वारा प्रतापगढ नामक नये जिले का गठन किया है जिसे वर्तमान चितौरगढ, बाँसवारा और उदयपुर जिलों से अलग करके बनाया गया है एवं इसका मुख्यालय प्रतापगढ है ।इस नये प्रतापगढ
मार्च 27, 2008
गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/267 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 52/02.08.01/2007-08 मार्च 27, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार) प्रिय महोदय, गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग गुजरात सरकार के दिनांक सितम्बर 27, 2007 के सरकारी आदेश सं.पी एफ आर /5207/एम आर 56/एल.1 द्वारा तापी नामक नये जिले का गठन किया है जिसमें व्यारा, सोनगढ, उच्छल, निझार और वालोद तालुका शामिल हैं जिन्हें वर्तमान सूरत जिले से लिया गया है, जिसमें विभाजन के उपरान्त चोरयासी,
भारिबैं/2007-08/267 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 52/02.08.01/2007-08 मार्च 27, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार) प्रिय महोदय, गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग गुजरात सरकार के दिनांक सितम्बर 27, 2007 के सरकारी आदेश सं.पी एफ आर /5207/एम आर 56/एल.1 द्वारा तापी नामक नये जिले का गठन किया है जिसमें व्यारा, सोनगढ, उच्छल, निझार और वालोद तालुका शामिल हैं जिन्हें वर्तमान सूरत जिले से लिया गया है, जिसमें विभाजन के उपरान्त चोरयासी,
फ़रवरी 28, 2008
"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)
आरबीआइ/2007-08/250 आरपीसीडी.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी. सं. 51 /07.40.00/2007-08 28 फरवरी 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.एएमएल.बीसी.80/07.40.00/ 2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए कि सामान्य जनता, विशेष रूप से वे जो व
आरबीआइ/2007-08/250 आरपीसीडी.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी. सं. 51 /07.40.00/2007-08 28 फरवरी 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.एएमएल.बीसी.80/07.40.00/ 2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए कि सामान्य जनता, विशेष रूप से वे जो व
फ़रवरी 27, 2008
‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआइ/2007-08/248 आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.50 /03.05.33(इ)/2007-08 27 फरवरी 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष महोदय ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.केका. आरआरबी. सं.बीसी.81/ 03.05.33(इ)/2004-05 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
आरबीआइ/2007-08/248 आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.50 /03.05.33(इ)/2007-08 27 फरवरी 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष महोदय ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.केका. आरआरबी. सं.बीसी.81/ 03.05.33(इ)/2004-05 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं

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