अधिसूचनाएं - विनियमन वाणिज्यिक बैंकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अगस्त 25, 2016
Risk- based Internal Audit
RBI/2016-17/46 DBS.CO.PPD.05/11.01.005/2016-17 August 25, 2016 All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs) Dear Sir/ Madam, Risk- based Internal Audit Please refer to our circular DBS.CO.PP.BC.10/11.01.005/2002-03 dated December 27, 2002 on Risk-based Internal Audit setting out the scope and coverage of Risk-based Internal Audit (RBIA) system in commercial banks. In this connection some banks have represented to us seeking approval for engaging services of retired
RBI/2016-17/46 DBS.CO.PPD.05/11.01.005/2016-17 August 25, 2016 All Scheduled Commercial Banks (excluding RRBs) Dear Sir/ Madam, Risk- based Internal Audit Please refer to our circular DBS.CO.PP.BC.10/11.01.005/2002-03 dated December 27, 2002 on Risk-based Internal Audit setting out the scope and coverage of Risk-based Internal Audit (RBIA) system in commercial banks. In this connection some banks have represented to us seeking approval for engaging services of retired
अगस्त 25, 2016
बाज़ार व्यवस्था के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने के संबंध में दिशानिर्देश
भा.रि.बै./2016-17/50 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.8/21.01.003/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया बाज़ार व्यवस्था के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने के संबंध में दिशानिर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर स्टेकधारकों के अभिमत के लिए 12 मई, 2016 को जारी चर्चा पत्र का संदर्भ ग्रहण करें। चर्चा-पत्र में बैंकिंग व्यवस्था की ऐसी संकेंद्रण जोखिम के समाधान के लिए ढांचे का प्रस्ताव किया गया था, जो एकल प्रतिप
भा.रि.बै./2016-17/50 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.8/21.01.003/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया बाज़ार व्यवस्था के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए ऋण आपूर्ति बढ़ाने के संबंध में दिशानिर्देश कृपया उपर्युक्त विषय पर स्टेकधारकों के अभिमत के लिए 12 मई, 2016 को जारी चर्चा पत्र का संदर्भ ग्रहण करें। चर्चा-पत्र में बैंकिंग व्यवस्था की ऐसी संकेंद्रण जोखिम के समाधान के लिए ढांचे का प्रस्ताव किया गया था, जो एकल प्रतिप
अगस्त 25, 2016
कारपोरेट बॉण्डों के लिए आंशिक ऋण संवर्धन (पीसीई)
भा.रि.बैं./2016-17/43 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.5/21.04.142/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, कारपोरेट बॉण्डों के लिए आंशिक ऋण संवर्धन (पीसीई) कृपया उपर्युक्त विषय पर 24 सितंबर 2015 का परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.40/21.04.142/2015-16 देखें। 2. उपर्युक्त परिपत्र के पैरा II.6 के अनुसार, किसी विशिष्ट बॉण्ड इश्यू के लिए पीसीई के प्रति सभी बैंकों की समग्र एक्सपोज़र सीमा को बॉण्ड इश्यू के आकार के अधिकतम 20 प्रत
भा.रि.बैं./2016-17/43 बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.5/21.04.142/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, कारपोरेट बॉण्डों के लिए आंशिक ऋण संवर्धन (पीसीई) कृपया उपर्युक्त विषय पर 24 सितंबर 2015 का परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.40/21.04.142/2015-16 देखें। 2. उपर्युक्त परिपत्र के पैरा II.6 के अनुसार, किसी विशिष्ट बॉण्ड इश्यू के लिए पीसीई के प्रति सभी बैंकों की समग्र एक्सपोज़र सीमा को बॉण्ड इश्यू के आकार के अधिकतम 20 प्रत
अगस्त 25, 2016
विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा– कारपोरेट, आस्ति वित्त कंपनियों (एएफसी) और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों– इन्फ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों (एनबीएफसी-आईएफसी) के प्रति एक्सपोज़र के लिए जोखिम भार
आरबीआई/2016-17/44 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.6/21.06.001/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा– कारपोरेट, आस्ति वित्त कंपनियों (एएफसी) और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों– इन्फ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों (एनबीएफसी-आईएफसी) के प्रति एक्सपोज़र के लिए जोखिम भार कृपया उपर्युक्त संस्थाओं के प्रति एक्सपोज़र के संबंध में बासल III पूंजी विनियमावली पर 1 जुलाई, 2015 के
आरबीआई/2016-17/44 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.6/21.06.001/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा– कारपोरेट, आस्ति वित्त कंपनियों (एएफसी) और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों– इन्फ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों (एनबीएफसी-आईएफसी) के प्रति एक्सपोज़र के लिए जोखिम भार कृपया उपर्युक्त संस्थाओं के प्रति एक्सपोज़र के संबंध में बासल III पूंजी विनियमावली पर 1 जुलाई, 2015 के
अगस्त 25, 2016
बैंकों के तुलन पत्र में शामिल न होने वाले एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण मानदंड - डेरिवेटिव संविदा की पुनर्रचना
आरबीआई/2016-17/45 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.7/21.04.157/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों औरक्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, बैंकों के तुलन पत्र में शामिल न होने वाले एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण मानदंड - डेरिवेटिव संविदा की पुनर्रचना कृपया उपर्युक्त विषय पर 13 अक्तूबर, 2008 का परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.57/21.04.157/2008-09 देखें। उक्त परिपत्र के पैरा 2.2 में अपेक्षित है कि ऐसे मामलों में जहां डेरिवेटिव
आरबीआई/2016-17/45 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.7/21.04.157/2016-17 25 अगस्त, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (स्थानीय क्षेत्र के बैंकों औरक्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, बैंकों के तुलन पत्र में शामिल न होने वाले एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण मानदंड - डेरिवेटिव संविदा की पुनर्रचना कृपया उपर्युक्त विषय पर 13 अक्तूबर, 2008 का परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.57/21.04.157/2008-09 देखें। उक्त परिपत्र के पैरा 2.2 में अपेक्षित है कि ऐसे मामलों में जहां डेरिवेटिव
अगस्त 11, 2016
बैंकों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (एआईएफआई) में क्षमता वर्धन
भा.रि.बैं/2015-16/36 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.4/21.03.009/2016-17 11 अगस्त, 2016 सभी वाणिज्यिक बैंक और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी) महोदया/ महोदय, बैंकों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (एआईएफआई) में क्षमता वर्धन रिज़र्व बैंक ने पूर्व कार्यपालक निदेशक श्री जी. गोपालकृष्ण की अध्यक्षता में ‘क्षमता वर्धन पर समिति’ (जुलाई 2014) का गठन किया था, जिसका उद्देश्य बैंकों और गैर-बैंकों में क्षमता वर्धन के संबंध में वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार
भा.रि.बैं/2015-16/36 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.4/21.03.009/2016-17 11 अगस्त, 2016 सभी वाणिज्यिक बैंक और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी) महोदया/ महोदय, बैंकों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं (एआईएफआई) में क्षमता वर्धन रिज़र्व बैंक ने पूर्व कार्यपालक निदेशक श्री जी. गोपालकृष्ण की अध्यक्षता में ‘क्षमता वर्धन पर समिति’ (जुलाई 2014) का गठन किया था, जिसका उद्देश्य बैंकों और गैर-बैंकों में क्षमता वर्धन के संबंध में वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार
अगस्त 04, 2016
भारतीय लेखा मानकों (इंड एएस) का कार्यान्वयन
भारिबैं/2016-17/34 बैंविवि.एफआईडी.सं.1/01.02.000/2016-17 04 अगस्त 2016 अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी) महोदया / महोदय, भारतीय लेखा मानकों (इंड एएस) का कार्यान्वयन कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), भारत सरकार ने दिनांक 16 फरवरी 2015 को कंपनी (भारतीय लेखा मानक) नियमावली, 2015 अधिसूचित किया है। इस संबंध में कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा दिनांक 18 जनवरी 2016 को जारी प्रेस विज्ञप्ति भी देखें, जिसमें बैंकों, गैर वित्तीय बैंकिंग कं
भारिबैं/2016-17/34 बैंविवि.एफआईडी.सं.1/01.02.000/2016-17 04 अगस्त 2016 अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी) महोदया / महोदय, भारतीय लेखा मानकों (इंड एएस) का कार्यान्वयन कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए), भारत सरकार ने दिनांक 16 फरवरी 2015 को कंपनी (भारतीय लेखा मानक) नियमावली, 2015 अधिसूचित किया है। इस संबंध में कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा दिनांक 18 जनवरी 2016 को जारी प्रेस विज्ञप्ति भी देखें, जिसमें बैंकों, गैर वित्तीय बैंकिंग कं
अगस्त 04, 2016
चेकों का नकारा जाना – क्रियाविधि में संशोधन
आरबीआई/2016-17/33 बैंविवि.सं.एलईजी.बीसी.3/09.07.005/2016-17 04 अगस्त 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) महोदय/ महोदया, चेकों का नकारा जाना – क्रियाविधि में संशोधन कृपया 26 जून 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.बीसी.एलईजी.सं.113/09.12.001/2002-03 और 12 मई 2014 का परिपत्र आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.100/03.05.33/2013-14 का पैरा 11.4 (i) देखें जिनमें बैंकों को सूचित किया गया है कि वे चेक की सुविधा वाले खातों के परिचालन के लिए यह शर्त रखें कि ख
आरबीआई/2016-17/33 बैंविवि.सं.एलईजी.बीसी.3/09.07.005/2016-17 04 अगस्त 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) महोदय/ महोदया, चेकों का नकारा जाना – क्रियाविधि में संशोधन कृपया 26 जून 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.बीसी.एलईजी.सं.113/09.12.001/2002-03 और 12 मई 2014 का परिपत्र आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.100/03.05.33/2013-14 का पैरा 11.4 (i) देखें जिनमें बैंकों को सूचित किया गया है कि वे चेक की सुविधा वाले खातों के परिचालन के लिए यह शर्त रखें कि ख
जुलाई 28, 2016
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खातों की अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा
रिपोर्टिंग प्रारूप को अनुबंध के अनुसार संशोधित किया गया है। तदनुसार, आप अगली समीक्षा की प्रभावी तिथि से यथासंलग्न संशोधित प्रारूप में समीक्षा तैयार करने की व्यवस्था करें।
रिपोर्टिंग प्रारूप को अनुबंध के अनुसार संशोधित किया गया है। तदनुसार, आप अगली समीक्षा की प्रभावी तिथि से यथासंलग्न संशोधित प्रारूप में समीक्षा तैयार करने की व्यवस्था करें।
जुलाई 21, 2016
चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा– चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक
भारिबैं./2016-17/25 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.2/21.04.098/2016-17 21 जुलाई 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा– चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक कृपया 'चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक' पर हमारे परिपत्र दिनांक 09 जून 2014 का बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.120/21.04.098/2013
भारिबैं./2016-17/25 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.2/21.04.098/2016-17 21 जुलाई 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया, चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा– चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक कृपया 'चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक' पर हमारे परिपत्र दिनांक 09 जून 2014 का बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.120/21.04.098/2013
जुलाई 08, 2016
केवाईसी पर मास्टर निदेश में संशोधन- केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवयसीआर) को परिचालनीय बनाना तथा विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआई) के लिए केवाईसी मानदंड
भारिबैंक/2016-17/11 बैंविवि.एएमएल.बीसी.सं.1/14.01.001/2016-17 8 जुलाई 2016 सभी विनियमित संस्थाएं (आरई) महोदय/महोदया, केवाईसी पर मास्टर निदेश में संशोधन- केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवयसीआर) को परिचालनीय बनाना तथा विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआई) के लिए केवाईसी मानदंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा ये निदेश देता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 20
भारिबैंक/2016-17/11 बैंविवि.एएमएल.बीसी.सं.1/14.01.001/2016-17 8 जुलाई 2016 सभी विनियमित संस्थाएं (आरई) महोदय/महोदया, केवाईसी पर मास्टर निदेश में संशोधन- केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री (सीकेवयसीआर) को परिचालनीय बनाना तथा विदेशी संविभाग निवेशकों (एफपीआई) के लिए केवाईसी मानदंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 ए के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा ये निदेश देता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 20
जून 30, 2016
तिमाही रिपोर्टिंग प्रणाली – भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाएं / अनुषंगी कंपनियां / संयुक्त उपक्रम / सहयोगी संस्थाएं
आरबीआई/2015-16/435 बैंपर्यवि.केंका.पीपीडी.15123/11.01.021/2015-16 30 जून, 2016 मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदया/महोदय, तिमाही रिपोर्टिंग प्रणाली – भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाएं / अनुषंगी कंपनियां / संयुक्त उपक्रम / सहयोगी संस्थाएं कृपया आप तिमाही रिपोर्टिंग प्रणाली – भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं / अनुषंगी कंपनियों / संयुक्त उपक्रमों / सहयोगी संस्थाओं पर दिनांक 24 मार्च, 2008 का हमारा परिपत्र डीबीएस.सीओ.पीपी.बीसी 11/11.01.005/2007-08 देखें जिसके अनुस
आरबीआई/2015-16/435 बैंपर्यवि.केंका.पीपीडी.15123/11.01.021/2015-16 30 जून, 2016 मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदया/महोदय, तिमाही रिपोर्टिंग प्रणाली – भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाएं / अनुषंगी कंपनियां / संयुक्त उपक्रम / सहयोगी संस्थाएं कृपया आप तिमाही रिपोर्टिंग प्रणाली – भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं / अनुषंगी कंपनियों / संयुक्त उपक्रमों / सहयोगी संस्थाओं पर दिनांक 24 मार्च, 2008 का हमारा परिपत्र डीबीएस.सीओ.पीपी.बीसी 11/11.01.005/2007-08 देखें जिसके अनुस
जून 23, 2016
ऋण सूचना कंपनियों को उधारकर्ताओं के वाणिज्यिक पत्रों और अरक्षित विदेशी मुद्रा एक्सपोजर में निवेश के संबंध में सूचना प्रस्तुत करना
भा.रि.बै./2015-16/432 बैंविवि.सीआईडी.बीसी.107/20.16.056/2015-16 23 जून, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएं सभी ऋण सूचना कंपनियां महोदय/महोदया ऋण सूचना कंपनियों को उधारकर्ताओं के वाणिज्यिक पत्रों और अरक्षित विदेशी मुद्रा एक्सपोजर में निवेश के संबंध में सूचना प्रस्तुत करना कृपया 27 जून, 2014 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं.सीआईडी.बीसी.127/20.16.056/2013-14 देखें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ऋण सूचन
भा.रि.बै./2015-16/432 बैंविवि.सीआईडी.बीसी.107/20.16.056/2015-16 23 जून, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएं सभी ऋण सूचना कंपनियां महोदय/महोदया ऋण सूचना कंपनियों को उधारकर्ताओं के वाणिज्यिक पत्रों और अरक्षित विदेशी मुद्रा एक्सपोजर में निवेश के संबंध में सूचना प्रस्तुत करना कृपया 27 जून, 2014 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं.सीआईडी.बीसी.127/20.16.056/2013-14 देखें, जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ऋण सूचन
जून 23, 2016
Reporting Requirements under Basel III Capital Regulations- Review
RBI/2015-16/428 DBR.BP.BC.No.105/21.06.001/2015-16 June 23, 2016 All Commercial Banks (Excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Reporting Requirements under Basel III Capital Regulations- Review Please refer to the Annexures 3 and 4 of the Master Circular DBR.No.BP.BC.1/21.06.201/2015-16 dated July 1, 2015 on Basel III Capital Regulations in terms of which banks are permitted to raise perpetual non-cumulative preference shares (PNCPS) and perpetu
RBI/2015-16/428 DBR.BP.BC.No.105/21.06.001/2015-16 June 23, 2016 All Commercial Banks (Excluding Local Area Banks and Regional Rural Banks) Dear Sir, Reporting Requirements under Basel III Capital Regulations- Review Please refer to the Annexures 3 and 4 of the Master Circular DBR.No.BP.BC.1/21.06.201/2015-16 dated July 1, 2015 on Basel III Capital Regulations in terms of which banks are permitted to raise perpetual non-cumulative preference shares (PNCPS) and perpetu
जून 23, 2016
Implementation of Indian Accounting Standards (Ind AS)
RBI/2015-16/429 DBR.BP.BC.No.106/21.07.001/2015-16 June 23, 2016 All Scheduled Commercial Banks (excluding Regional Rural Banks) Madam / Dear Sir, Implementation of Indian Accounting Standards (Ind AS) Please refer to circular DBR.BP.BC.No.76/21.07.001/2015-16 dated February 11, 2016 on the captioned subject in terms of which banks have been directed to be in preparedness to submit Proforma Ind AS Financial Statements to the Reserve Bank from the half-year ended Septe
RBI/2015-16/429 DBR.BP.BC.No.106/21.07.001/2015-16 June 23, 2016 All Scheduled Commercial Banks (excluding Regional Rural Banks) Madam / Dear Sir, Implementation of Indian Accounting Standards (Ind AS) Please refer to circular DBR.BP.BC.No.76/21.07.001/2015-16 dated February 11, 2016 on the captioned subject in terms of which banks have been directed to be in preparedness to submit Proforma Ind AS Financial Statements to the Reserve Bank from the half-year ended Septe
जून 16, 2016
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों के संबंध में ऋण सूचना रिपोर्टिंग
आरबीआई/2015-16/424 बैंविवि.सीआईडी.बीसी.सं.104/20.16.56/2015-16 16 जून, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक राज्य/ केंद्रीय सहकारी बैंक सभी ऋण सूचना कंपनियां महोदय/महोदया स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों के संबंध में ऋण सूचना रिपोर्टिंग कृपया 14 जनवरी, 2016 के हमारे परिपत्र बैंविवि.सीआईडी.बीसी.सं.73/20.16.56/2015-16 के पैरा 6 में निहित अनुदेश देखें, जिनमें बैंकों को सूचित
आरबीआई/2015-16/424 बैंविवि.सीआईडी.बीसी.सं.104/20.16.56/2015-16 16 जून, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक राज्य/ केंद्रीय सहकारी बैंक सभी ऋण सूचना कंपनियां महोदय/महोदया स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों के संबंध में ऋण सूचना रिपोर्टिंग कृपया 14 जनवरी, 2016 के हमारे परिपत्र बैंविवि.सीआईडी.बीसी.सं.73/20.16.56/2015-16 के पैरा 6 में निहित अनुदेश देखें, जिनमें बैंकों को सूचित
जून 13, 2016
दबावग्रस्त आस्तियों की संवहनीय संरचना के लिए योजना
भा.रि.बैं/2015-16/422 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.103/21.04.132/2015-16 13 जून, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर),अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त संस्थाएं(एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी)गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियांप्रतिभूतीकरण कंपनियां/ पुनर्निर्माण कंपनियां दबावग्रस्त आस्तियों की संवहनीय संरचना के लिए योजना दबावग्रस्त आस्तियों से निपटने के लिए ऋणदाताओं को अधिक समर्थ बनाने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर विनियमि
भा.रि.बैं/2015-16/422 बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.103/21.04.132/2015-16 13 जून, 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर),अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त संस्थाएं(एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी)गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियांप्रतिभूतीकरण कंपनियां/ पुनर्निर्माण कंपनियां दबावग्रस्त आस्तियों की संवहनीय संरचना के लिए योजना दबावग्रस्त आस्तियों से निपटने के लिए ऋणदाताओं को अधिक समर्थ बनाने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर विनियमि
जून 13, 2016
Prudential Norms on Income Recognition, Asset Classification and Provisioning pertaining to Advances - Spread Over of Shortfall on Sale of NPAs to SCs/RCs
RBI/2015-16/423 DBR.No.BP.BC.102/21.04.048/2015-16 June 13, 2016 All Scheduled Commercial Banks (Excluding Regional Rural Banks) Prudential Norms on Income Recognition, Asset Classification and Provisioning pertaining to Advances – Spread Over of Shortfall on Sale of NPAs to SCs/RCs In terms of paragraph 3.4 of circular DBOD.BP.BC.No.98/21.04.132/2013-14 dated February 26, 2014, as an incentive for early sale of non-performing assets (NPAs) to Securitisation Companies
RBI/2015-16/423 DBR.No.BP.BC.102/21.04.048/2015-16 June 13, 2016 All Scheduled Commercial Banks (Excluding Regional Rural Banks) Prudential Norms on Income Recognition, Asset Classification and Provisioning pertaining to Advances – Spread Over of Shortfall on Sale of NPAs to SCs/RCs In terms of paragraph 3.4 of circular DBOD.BP.BC.No.98/21.04.132/2013-14 dated February 26, 2014, as an incentive for early sale of non-performing assets (NPAs) to Securitisation Companies
जून 02, 2016
बैंकों में साइबर सिक्यूरिटी की रूपरेखा
आरबीआई/2015-16/418 डीबीएस.सीओ.सीएसआईटीई.बीसी 11/33.01.001/2015-16 ज्येष्ठ १२, १९३८ (शक) 02 जून, 2016 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी समस्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोडकर) महोदया / महोदय बैंकों में साइबर सिक्यूरिटी की रूपरेखा प्रस्तावना बैंकों और उनके संघटकों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग तेजी से बढ़ा है और यह अब बैंकों की परिचालनीय कार्यनीति का एक महत्वपूर्ण अंग है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल, 2011 के परिप
आरबीआई/2015-16/418 डीबीएस.सीओ.सीएसआईटीई.बीसी 11/33.01.001/2015-16 ज्येष्ठ १२, १९३८ (शक) 02 जून, 2016 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी समस्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोडकर) महोदया / महोदय बैंकों में साइबर सिक्यूरिटी की रूपरेखा प्रस्तावना बैंकों और उनके संघटकों द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग तेजी से बढ़ा है और यह अब बैंकों की परिचालनीय कार्यनीति का एक महत्वपूर्ण अंग है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 अप्रैल, 2011 के परिप
मई 19, 2016
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36 (क) की उप-धारा (2) के अर्थ के अंतर्गत बैंकिंग कंपनी के रूप में “यूबीएस एजी” की समाप्ति
आरबीआई/2015-16/404 बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.100/12.07.124ए/2015-16 19 मई 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36 (क) की उप-धारा (2) के अर्थ के अंतर्गत बैंकिंग कंपनी के रूप में “यूबीएस एजी” की समाप्ति हम सूचित करते हैं कि 12 जनवरी, 2016 की अधिसूचना बैंविवि.आईबीडी.सं.7715/23.13.062/ 2015-16 जो 27 फरवरी – 04 मार्च, 2016 के भारत के राजपत्र (भाग III-खंड 4) में प्रकाशित की गई है, के माध्यम से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के अर्थ के अं
आरबीआई/2015-16/404 बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.100/12.07.124ए/2015-16 19 मई 2016 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36 (क) की उप-धारा (2) के अर्थ के अंतर्गत बैंकिंग कंपनी के रूप में “यूबीएस एजी” की समाप्ति हम सूचित करते हैं कि 12 जनवरी, 2016 की अधिसूचना बैंविवि.आईबीडी.सं.7715/23.13.062/ 2015-16 जो 27 फरवरी – 04 मार्च, 2016 के भारत के राजपत्र (भाग III-खंड 4) में प्रकाशित की गई है, के माध्यम से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के अर्थ के अं
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