प्रेस प्रकाशनियां - मुद्रा प्रबंधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
केवल स्टेपल न किये गये नोट ही स्वीकारने की रिज़र्व बैंक की जनता से अपील5 जून 2003प्रिंट मिडिया के कुछ हिस्सों ने 5 जून 2003 के अपने संस्करणो में इस आशय के समाचार प्रकाशित किये हैं जो केवल स्टेपल न की गयी स्थिति में ही नकद रूप में प्राप्तियों और भुगतान स्वीकार करने के बारे में 7 नवम्बर 2001 के भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेश के पालन न किये जाने में कुछेक कठिनाइयों और समस्याओं तथा दिखावटी कारणों के बारे में हैं। चूंकि यह समाचार तथ्यों पर आधारित नहीं है और बेकार के इस भ्रम
केवल स्टेपल न किये गये नोट ही स्वीकारने की रिज़र्व बैंक की जनता से अपील5 जून 2003प्रिंट मिडिया के कुछ हिस्सों ने 5 जून 2003 के अपने संस्करणो में इस आशय के समाचार प्रकाशित किये हैं जो केवल स्टेपल न की गयी स्थिति में ही नकद रूप में प्राप्तियों और भुगतान स्वीकार करने के बारे में 7 नवम्बर 2001 के भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेश के पालन न किये जाने में कुछेक कठिनाइयों और समस्याओं तथा दिखावटी कारणों के बारे में हैं। चूंकि यह समाचार तथ्यों पर आधारित नहीं है और बेकार के इस भ्रम
नोटों के बदले सिक्कों का वितरण -आम जनता के लिए रिज़र्व बैंक की सुविधा25 नवम्बर 2002सिक्के प्राप्त करने में आम जनता को होने वाली कठिनाइयों को कम करने की दृष्टि से भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 नवम्बर 2002 को लाइंस क्लब ऑप मरोल सर्विस सेन्टर, ए.के. रोड, मरोल, अंधेरी (पूर्व) के परिसर में नोटों के बदले एक रुपये, दो रुपये तथा पांच रुपये प्रत्येक की सौ सिक्कों वाली पोटलियों में 800 रुपये तक के सिक्के उपलब्ध कराने की विशेष व्यवस्थाएं की हैं। सिक्के प्राप्त करने की इच्छुक आम जनता
नोटों के बदले सिक्कों का वितरण -आम जनता के लिए रिज़र्व बैंक की सुविधा25 नवम्बर 2002सिक्के प्राप्त करने में आम जनता को होने वाली कठिनाइयों को कम करने की दृष्टि से भारतीय रिज़र्व बैंक ने 26 नवम्बर 2002 को लाइंस क्लब ऑप मरोल सर्विस सेन्टर, ए.के. रोड, मरोल, अंधेरी (पूर्व) के परिसर में नोटों के बदले एक रुपये, दो रुपये तथा पांच रुपये प्रत्येक की सौ सिक्कों वाली पोटलियों में 800 रुपये तक के सिक्के उपलब्ध कराने की विशेष व्यवस्थाएं की हैं। सिक्के प्राप्त करने की इच्छुक आम जनता
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022