अधिसूचनाएं - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
अप्रैल 01, 2008
पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में
आरबीआइ / 2007-08/272 ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 54/09.04.01/2007-08 01 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय, पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में कार्यक्रम वर्ष 2007-08 की तिमाही सूची में यह अधिदेशित किए जाने के बावजूद कि, कार्यक्रम वर्ष के अंतर्गत सभी ऋण मंजूरियों और उनके
आरबीआइ / 2007-08/272 ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 54/09.04.01/2007-08 01 अप्रैल 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय, पीएमआरवाई - कार्यक्रम वर्ष 2007 - 08 के लिए मंजूर किए गए मामलों में मंजूरी और ऋण वितरण पूरा करने की समाप्ति की अंतिम तारीख को और आगे बढ़ाने के संबंध में कार्यक्रम वर्ष 2007-08 की तिमाही सूची में यह अधिदेशित किए जाने के बावजूद कि, कार्यक्रम वर्ष के अंतर्गत सभी ऋण मंजूरियों और उनके
अप्रैल 01, 2008
राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/271 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 53/02.08.01/2007-08 अप्रैल 01, 2008.अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग(ग्रुप-1)राजस्थान सरकार, जयपुर के दिनांक जनवरी 25, 2008 के सरकारी अधिसूचना सं.पी 9 (17)र.ज.-1/07/3 द्वारा प्रतापगढ नामक नये जिले का गठन किया है जिसे वर्तमान चितौरगढ, बाँसवारा और उदयपुर जिलों से अलग करके बनाया गया है एवं इसका मुख्यालय प्रतापगढ है ।इस नये प्रतापगढ
भारिबैं/2007-08/271 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 53/02.08.01/2007-08 अप्रैल 01, 2008.अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, राजस्थान राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग(ग्रुप-1)राजस्थान सरकार, जयपुर के दिनांक जनवरी 25, 2008 के सरकारी अधिसूचना सं.पी 9 (17)र.ज.-1/07/3 द्वारा प्रतापगढ नामक नये जिले का गठन किया है जिसे वर्तमान चितौरगढ, बाँसवारा और उदयपुर जिलों से अलग करके बनाया गया है एवं इसका मुख्यालय प्रतापगढ है ।इस नये प्रतापगढ
मार्च 27, 2008
गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/267 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 52/02.08.01/2007-08 मार्च 27, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार) प्रिय महोदय, गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग गुजरात सरकार के दिनांक सितम्बर 27, 2007 के सरकारी आदेश सं.पी एफ आर /5207/एम आर 56/एल.1 द्वारा तापी नामक नये जिले का गठन किया है जिसमें व्यारा, सोनगढ, उच्छल, निझार और वालोद तालुका शामिल हैं जिन्हें वर्तमान सूरत जिले से लिया गया है, जिसमें विभाजन के उपरान्त चोरयासी,
भारिबैं/2007-08/267 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 52/02.08.01/2007-08 मार्च 27, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार) प्रिय महोदय, गुजरात राज्य में नए जिले का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग गुजरात सरकार के दिनांक सितम्बर 27, 2007 के सरकारी आदेश सं.पी एफ आर /5207/एम आर 56/एल.1 द्वारा तापी नामक नये जिले का गठन किया है जिसमें व्यारा, सोनगढ, उच्छल, निझार और वालोद तालुका शामिल हैं जिन्हें वर्तमान सूरत जिले से लिया गया है, जिसमें विभाजन के उपरान्त चोरयासी,
फ़रवरी 28, 2008
"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)
आरबीआइ/2007-08/250 आरपीसीडी.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी. सं. 51 /07.40.00/2007-08 28 फरवरी 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.एएमएल.बीसी.80/07.40.00/ 2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए कि सामान्य जनता, विशेष रूप से वे जो व
आरबीआइ/2007-08/250 आरपीसीडी.केंका.आरएफ.एएमएल.बीसी. सं. 51 /07.40.00/2007-08 28 फरवरी 2008 सभी राज्य और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदय"अपने ग्राहक को जानिए"(केवाइसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) 18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.एएमएल.बीसी.80/07.40.00/ 2004-05 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं होना चाहिए कि सामान्य जनता, विशेष रूप से वे जो व
फ़रवरी 27, 2008
‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआइ/2007-08/248 आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.50 /03.05.33(इ)/2007-08 27 फरवरी 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष महोदय ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.केका. आरआरबी. सं.बीसी.81/ 03.05.33(इ)/2004-05 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
आरबीआइ/2007-08/248 आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.50 /03.05.33(इ)/2007-08 27 फरवरी 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष महोदय ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाइसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक18 फरवरी 2005 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.केका. आरआरबी. सं.बीसी.81/ 03.05.33(इ)/2004-05 द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया गया था कि ग्राहक स्वीकृति नीति अपनाने तथा उसे लागू करने का यह परिणाम नहीं
फ़रवरी 19, 2008
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ-संशोधित अनुबंध
भारिबैं/2007-08/24 ग्राआऋवि.एसपी. बीसी.सं. 49/09.09.01/2007-08 फरवरी 19, 2008 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ-संशोधित अनुबंध कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 2/09.09.01/07-08 देखें । इस संबंध में हम सूचित करते हैं कि दिनांक 30 अप्रैल 2007 के ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी.84/04.09.01/06-07 द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने संबंधी दिशा-निर्देश संशोधित किए
भारिबैं/2007-08/24 ग्राआऋवि.एसपी. बीसी.सं. 49/09.09.01/2007-08 फरवरी 19, 2008 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएँ-संशोधित अनुबंध कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 2/09.09.01/07-08 देखें । इस संबंध में हम सूचित करते हैं कि दिनांक 30 अप्रैल 2007 के ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी.84/04.09.01/06-07 द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार देने संबंधी दिशा-निर्देश संशोधित किए
फ़रवरी 19, 2008
बैंको द्वारा मुर्गीपालन उद्योग को राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश
आरबीआइ/2007-08/240 ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं.48/05.04.02/2007-08 19 फरवरी 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक,महोदय,बैंको द्वारा मुर्गीपालन उद्योग को राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश जैसा कि आप को ज्ञात है कि देश के कुछ भागों में एवियन इन्फलूंजा (बर्ड फलू) फैलने के मामले सामने आए हैं। मुर्गियों की छँटाई के साथ-साथ पोल्ट्री उत्पाद की मांग और उनके मूल्य में भारी गिरावट के कारण होने वाली आय में हुई क्षति के मद्देनजर बैंक उनके द्वारा वित
आरबीआइ/2007-08/240 ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं.48/05.04.02/2007-08 19 फरवरी 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारीसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक,महोदय,बैंको द्वारा मुर्गीपालन उद्योग को राहत उपायों हेतु दिशानिर्देश जैसा कि आप को ज्ञात है कि देश के कुछ भागों में एवियन इन्फलूंजा (बर्ड फलू) फैलने के मामले सामने आए हैं। मुर्गियों की छँटाई के साथ-साथ पोल्ट्री उत्पाद की मांग और उनके मूल्य में भारी गिरावट के कारण होने वाली आय में हुई क्षति के मद्देनजर बैंक उनके द्वारा वित
फ़रवरी 14, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआइ/2007-08/237 ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी. सं.47/03.05.28(बी)/2007-08 14 फरवरी , 2008सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदय,बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंककृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अक्तूबर 1997 का हमारा परिपत्र बैपविवि.सं.बीसी.137 /12.02.001 / 97-98 देखें।बैंककारी विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2007 के स्थान पर बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2007 दिनांक 23 जनवरी 2007 से लागू हुआ था। बैंककारी विनियमन अध
आरबीआइ/2007-08/237 ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी. सं.47/03.05.28(बी)/2007-08 14 फरवरी , 2008सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदय,बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंककृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अक्तूबर 1997 का हमारा परिपत्र बैपविवि.सं.बीसी.137 /12.02.001 / 97-98 देखें।बैंककारी विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2007 के स्थान पर बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2007 दिनांक 23 जनवरी 2007 से लागू हुआ था। बैंककारी विनियमन अध
जनवरी 15, 2008
तामीलनाडु राज्य में नए जिलें का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/223 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 46 /02.08.01/2007-08 जनवरी 15, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, तामीलनाडु राज्य में नए जिलें का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग (आर ए1(1) तामीलनाडु सरकार के दिनांक नवम्बर 19, 2007 के सरकारी आदेश सं.जी.ओ.(एम.एस) सं.684 द्वारा अरियालूर नामक नये जिलें का गठन किया है जिसे वर्तमान जिला पेरामबलूर को विभाजित करके बनाया गया है । इन जिलें में शामिल तालुकों के नाम निम्न तालिका में दर्शाये गये ह
भारिबैं/2007-08/223 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 46 /02.08.01/2007-08 जनवरी 15, 2008 अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, तामीलनाडु राज्य में नए जिलें का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग (आर ए1(1) तामीलनाडु सरकार के दिनांक नवम्बर 19, 2007 के सरकारी आदेश सं.जी.ओ.(एम.एस) सं.684 द्वारा अरियालूर नामक नये जिलें का गठन किया है जिसे वर्तमान जिला पेरामबलूर को विभाजित करके बनाया गया है । इन जिलें में शामिल तालुकों के नाम निम्न तालिका में दर्शाये गये ह
जनवरी 08, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 17 (2) - आरक्षित निधि में से विनियोजन
आरबीआइ / 2007 -08 / 222 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 45 / 03.05.98 / 2007-08 8 जनवरी 2008अध्यक्षसभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकप्रिय महोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 17 (2) - आरक्षित निधि में से विनियोजन बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 51 के साथ पठित धारा 17 (2) के अनुसार जब कोई बैंक आरक्षित निधि में से कोई राशि या राशियों का विनियोजन करता है तो वह ऐसा विनियोजन करने की तारीख से 21 दिनों के अंदर विनियोजन करने से संबंधित परिस्थितियों का स्पष्टीकरण देते
आरबीआइ / 2007 -08 / 222 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 45 / 03.05.98 / 2007-08 8 जनवरी 2008अध्यक्षसभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकप्रिय महोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 17 (2) - आरक्षित निधि में से विनियोजन बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 51 के साथ पठित धारा 17 (2) के अनुसार जब कोई बैंक आरक्षित निधि में से कोई राशि या राशियों का विनियोजन करता है तो वह ऐसा विनियोजन करने की तारीख से 21 दिनों के अंदर विनियोजन करने से संबंधित परिस्थितियों का स्पष्टीकरण देते
दिसंबर 28, 2007
वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर पूंजी पर्याप्तता मानदंड लागू करना
आरबीआई/2007-2008/218 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. 44 / 05.03.095/2007-08 28 दिसंबर 2007अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकप्रिय महोदय वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर पूंजी पर्याप्तता मानदंड लागू करनाकृपया वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 149 (उद्धरण की प्रति संलग्न) देखें — इस समय, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जोखिम भारित परिसंपत्ति की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) की परिधि से बाहर हैं —
आरबीआई/2007-2008/218 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी. 44 / 05.03.095/2007-08 28 दिसंबर 2007अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकप्रिय महोदय वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर पूंजी पर्याप्तता मानदंड लागू करनाकृपया वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 149 (उद्धरण की प्रति संलग्न) देखें — इस समय, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जोखिम भारित परिसंपत्ति की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) की परिधि से बाहर हैं —
दिसंबर 14, 2007
कर्नाटक राज्य में नए जिलां का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व
भारिबैं/2007-08/212 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 43 /02.08.01/2007-08 दिसम्बर 14, 2007 अध्यक्ष,सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार ) प्रिय महोदय, कर्नाटक राज्य में नए जिलां का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग (एल ए क्यू/एस एस एल आर) कर्नाटक सरकार के दिनांक अगस्त 03, 2007 के राजपत्र अधिसूचना सं.आर डी 27 भूदापु 2006(ज्.3) के द्वारा दिनांक 10 सितम्बर 2007 से रामनगर और चिक्कबल्लापुरा इन दो नये जिलों का गठन किया है जिनका विवरण निम्न तालिका में उन जिलां के सामने दर्शाय
भारिबैं/2007-08/212 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं. 43 /02.08.01/2007-08 दिसम्बर 14, 2007 अध्यक्ष,सभी अग्रणी बैंक, (सूचीनुसार ) प्रिय महोदय, कर्नाटक राज्य में नए जिलां का गठन - अग्रणी बैंक उत्तरदायित्व राजस्व विभाग (एल ए क्यू/एस एस एल आर) कर्नाटक सरकार के दिनांक अगस्त 03, 2007 के राजपत्र अधिसूचना सं.आर डी 27 भूदापु 2006(ज्.3) के द्वारा दिनांक 10 सितम्बर 2007 से रामनगर और चिक्कबल्लापुरा इन दो नये जिलों का गठन किया है जिनका विवरण निम्न तालिका में उन जिलां के सामने दर्शाय
दिसंबर 12, 2007
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजक बैंकों /वाणिज्य बैंकों द्वारा निधियां प्रदान करना
आरबीआइ/2007-08/209 ग्राआऋवि.केंका.प्लान.बी.सी.42/04.09.01.2007-08 12 दिसंबर 2007 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) प्रिय महोदय प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजक बैंकों /वाणिज्य बैंकों द्वारा निधियां प्रदान करना कृपया प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. प्लान.बीसी. 5 /04.09.01/2007-08 देखें। कृषि क्षेत्र क
आरबीआइ/2007-08/209 ग्राआऋवि.केंका.प्लान.बी.सी.42/04.09.01.2007-08 12 दिसंबर 2007 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) प्रिय महोदय प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजक बैंकों /वाणिज्य बैंकों द्वारा निधियां प्रदान करना कृपया प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. प्लान.बीसी. 5 /04.09.01/2007-08 देखें। कृषि क्षेत्र क
दिसंबर 10, 2007
अग्रणी बैंक योजना - जम्मू और काश्मीर में अनंतनाग,बडग्ााँम, पुलवामा तथा श्रीनगर जिलों के संबंध में अग्रणी बैंक का उत्तरदायित्व स्थायी रूप से सौपना
भारिबैं/2007-08/207 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं 41 /02.08.01/2007-08 दिसम्बर 10, 2007अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, अग्रणी बैंक योजना - जम्मू और काश्मीर में अनंतनाग,बडग्ााँम, पुलवामा तथा श्रीनगर जिलों के संबंध में अग्रणी बैंक का उत्तरदायित्व स्थायी रूप से सौपनाकृपया दिनांक मार्च 29, 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एलबीएस.बीसी.59/02.08.01/2006-07 देखें जिसके अंतर्गत जम्मू और काश्मीर बैंक लिमिटेड को अनंतनाग,बडग्ााँम, पुलवामा तथा श्रीनगर जिलों के सं
भारिबैं/2007-08/207 ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस.बीसी.सं 41 /02.08.01/2007-08 दिसम्बर 10, 2007अध्यक्ष, सभी अग्रणी बैंक (सूचीनुसार)प्रिय महोदय, अग्रणी बैंक योजना - जम्मू और काश्मीर में अनंतनाग,बडग्ााँम, पुलवामा तथा श्रीनगर जिलों के संबंध में अग्रणी बैंक का उत्तरदायित्व स्थायी रूप से सौपनाकृपया दिनांक मार्च 29, 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं.एलबीएस.बीसी.59/02.08.01/2006-07 देखें जिसके अंतर्गत जम्मू और काश्मीर बैंक लिमिटेड को अनंतनाग,बडग्ााँम, पुलवामा तथा श्रीनगर जिलों के सं
दिसंबर 04, 2007
वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंकों पर पूंजी पर्याप्तता मानदंड लागू करना
आरबीआई / 2007 - 2008 / 203 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी. 40 / 07.38.03/2007-084 दिसंबर 2007 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंकप्रिय महोदय वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंकों पर पूंजी पर्याप्तता मानदंड लागू करनाकृपया वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 149 (उद्धरण की प्रति संलग्न) देखें । इस समय, राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक जोखिम भारित परिसंपत्ति की तुलना में पूंज
आरबीआई / 2007 - 2008 / 203 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी. 40 / 07.38.03/2007-084 दिसंबर 2007 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंकप्रिय महोदय वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा - राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंकों पर पूंजी पर्याप्तता मानदंड लागू करनाकृपया वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 149 (उद्धरण की प्रति संलग्न) देखें । इस समय, राज्य और मध्यवर्ती सहकारी बैंक जोखिम भारित परिसंपत्ति की तुलना में पूंज
नवंबर 29, 2007
निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं
आरबीआइ/2007-08/196 ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी.सं..39/03.05.33/2007-08 29 नवंबर 2007 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक(आरआरबी) महोदय निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं :i. 6 से 12 महीने तक की विस्तारित सीमा वाली निश्चित अवरुद्धता अवधि; ii. निश
आरबीआइ/2007-08/196 ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी.सं..39/03.05.33/2007-08 29 नवंबर 2007 अध्यक्ष सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक(आरआरबी) महोदय निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं :i. 6 से 12 महीने तक की विस्तारित सीमा वाली निश्चित अवरुद्धता अवधि; ii. निश
नवंबर 22, 2007
ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र
आरबीआइ /2007-08/ 191 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 38/03.05.33/2007-08 22 नवंबर 2007 अध्यक्षसभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदयऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपल डिसेबिलिटीज़ (न्यास) ने हमें सूचित किया है कि ऐसा एक प्रश्न उठा है कि बैंक त
आरबीआइ /2007-08/ 191 ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 38/03.05.33/2007-08 22 नवंबर 2007 अध्यक्षसभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकमहोदयऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीयन्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपल डिसेबिलिटीज़ (न्यास) ने हमें सूचित किया है कि ऐसा एक प्रश्न उठा है कि बैंक त
नवंबर 20, 2007
ऑटिसम, सेरेब्रली पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र
आरबीआइ / 2007 - 08 / 190 ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी. 37 / 07.40.06 / 2007-08 20 नवंबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंक (राज्य सहकारी बैंक / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक ) महोदयऑटिसम, सेरेब्रली पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टि
आरबीआइ / 2007 - 08 / 190 ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी. 37 / 07.40.06 / 2007-08 20 नवंबर 2007 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंक (राज्य सहकारी बैंक / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक ) महोदयऑटिसम, सेरेब्रली पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टिपलडिसेबिलिटीज़ वाले अपंग व्यक्तियों को अधिकार देनेवाले राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी कानूनी अभिभावक प्रमाणपत्र नैशनल ट्रस्ट फॉर दि वेलफेयर ऑफ पर्सन्स विद ऑटिसम, सेरेब्रल पाल्सि, मेंटल रिटार्डेशन तथा मल्टि
नवंबर 14, 2007
निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं
आरबीआइ/2007-08/185 ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं.. 36/07.38.01/2007-08 14 नवंबर 2007 सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (राज्य सहकारी बैंकों /जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों ) मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदयनिश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं :i. 6 स
आरबीआइ/2007-08/185 ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं.. 36/07.38.01/2007-08 14 नवंबर 2007 सभी राज्य / मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (राज्य सहकारी बैंकों /जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों ) मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदयनिश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं :i. 6 स
अक्तूबर 31, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)
आरबीआइ / 2007-08 / 175 ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी.बीसी.35 / 03.05.28(बी) / 2007-08 31 अक्तूबर 2007 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 1 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरबीआइ.बीसी. 17/03.05.28(बी)/2007-08(आरबीआइ/2007-08/109) देखें। वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10
आरबीआइ / 2007-08 / 175 ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी.बीसी.35 / 03.05.28(बी) / 2007-08 31 अक्तूबर 2007 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 1 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरबीआइ.बीसी. 17/03.05.28(बी)/2007-08(आरबीआइ/2007-08/109) देखें। वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: अप्रैल 25, 2025