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अग॰ 25, 2005
भारत में विदेशी निवेश - उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - प्रािया
आरबीआइ/2005-06/143ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.08 अगस्त 25, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश - उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - प्रक्रिया प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 अ(क) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति को उपहार के रू
आरबीआइ/2005-06/143ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.08 अगस्त 25, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, भारत में विदेशी निवेश - उपहार के रूप में प्रतिभूति का अंतरण - प्रक्रिया प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 अ(क) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति को उपहार के रू
अग॰ 22, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( पाँचवां संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.138/2005-आरबी    दिनांक: 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( पाँचवां संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.138/2005-आरबी    दिनांक: 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( पाँचवां संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी
अग॰ 17, 2005
भवन-निर्माण विकास क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
आरबीआइ/2005-06/127 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.07 अगस्त 17, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भवन-निर्माण विकास क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी की अनुसूची घ् की ओर आकर्षित किया जाता है।2. टाउनशिप आवास, निर्मित ढांचे और भवन निर्माण विकास परियोजनाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से भारत सरका
आरबीआइ/2005-06/127 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.07 अगस्त 17, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भवन-निर्माण विकास क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी की अनुसूची घ् की ओर आकर्षित किया जाता है।2. टाउनशिप आवास, निर्मित ढांचे और भवन निर्माण विकास परियोजनाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से भारत सरका
अग॰ 11, 2005
प्रिंट मीडिया क्षेत्र में विदेशी निवेश
आरबीआइ/2005-06/118ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.06 अगस्त 11, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,प्रिंट मीडिया क्षेत्र में विदेशी निवेश प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 5(2), 5(3)(व), (वव) और 5(5) की ओर आकर्षित किया जाता है जो प्रिंट मीडिया क्षेत्र में कार्यरत किसी भारतीय कंपनी के शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों, अ
आरबीआइ/2005-06/118ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.06 अगस्त 11, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,प्रिंट मीडिया क्षेत्र में विदेशी निवेश प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के विनियम 5(2), 5(3)(व), (वव) और 5(5) की ओर आकर्षित किया जाता है जो प्रिंट मीडिया क्षेत्र में कार्यरत किसी भारतीय कंपनी के शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों, अ
अग॰ 11, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) केद्रीय कार्यालय मुंबई अधिसूचना सं.फे मा.139/2005-आरबी 11 अगस्त, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) केद्रीय कार्यालय मुंबई अधिसूचना सं.फे मा.139/2005-आरबी 11 अगस्त, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2
अग॰ 01, 2005
बाह्य वाणिज्यिक उधार
आरबीआइ/2005-06/87 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.5 अगस्त 1, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में जारी अप्रैल 25, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.60 और जनवरी 31, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 40 की ओर आकर्षित किया जाता है। प्रचलित व्यष्टि आर्थिक परिस्थितियों, बाह्य वाणिज्यिक उधार की व्यवस्था में रिज़र्व बैंक द्वारा अब तक
आरबीआइ/2005-06/87 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.5 अगस्त 1, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में जारी अप्रैल 25, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.60 और जनवरी 31, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 40 की ओर आकर्षित किया जाता है। प्रचलित व्यष्टि आर्थिक परिस्थितियों, बाह्य वाणिज्यिक उधार की व्यवस्था में रिज़र्व बैंक द्वारा अब तक
जुल॰ 29, 2005
पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
 आरबीआइ/2005-06/83 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.04 जुलाई 29, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।2. स्वत: अन
 आरबीआइ/2005-06/83 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.04 जुलाई 29, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।2. स्वत: अन
जुल॰ 23, 2005
जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग
 आरबीआइ/2005-06/75 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.03 जुलाई 23, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के पैराग्राफ 6 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक, मामला-दर-माम् ाला आधार पर कतिपय शर्तों के अधीन भारत के निवासियों को किसी पण्य के आयात/ निर्
 आरबीआइ/2005-06/75 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.03 जुलाई 23, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के पैराग्राफ 6 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक, मामला-दर-माम् ाला आधार पर कतिपय शर्तों के अधीन भारत के निवासियों को किसी पण्य के आयात/ निर्
जुल॰ 22, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.137/2005-आरबी दिनांक : 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रत
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.137/2005-आरबी दिनांक : 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रत
जुल॰ 19, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभ्ााग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 136/2005-आरबी दिनांक :19 जुलाई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभ्ााग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 136/2005-आरबी दिनांक :19 जुलाई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज
जुल॰ 18, 2005
ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइन्स - टीआइडीसीओआरपी (फिलिपाइन निर्यात-आयात ऋण एजेंसी - फिलएक्ज़िम के नाम से भी जाना जाता है) को एक्ज़िम बैंक की 2 मिलियन अम्
  आरबीआइ/2005-06/66 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.02 जुलाई 18, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइन्स - टीआइडीसीओआरपी (फिलिपाइन निर्यात-आयात ऋण एजेंसी - फिलएक्ज़िम के नाम से भी जाना जाता है) को एक्ज़िम बैंक की 2 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 7, 2003 को ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइ
  आरबीआइ/2005-06/66 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.02 जुलाई 18, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइन्स - टीआइडीसीओआरपी (फिलिपाइन निर्यात-आयात ऋण एजेंसी - फिलएक्ज़िम के नाम से भी जाना जाता है) को एक्ज़िम बैंक की 2 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 7, 2003 को ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइ
जुल॰ 12, 2005
100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उससे कम मूल्य के माल का आयात - आयात के साक्ष्य के लिए अनुवर्ती कार्रवाई के संबंध में स्पष्टीकरण
आरबीआइ/2005-06/49 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.1 जुलाई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उससे कम मूल्य के माल का आयात - आयात के साक्ष्य के लिए अनुवर्ती कार्रवाई के संबंध में स्पष्टीकरण प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.106 के संलग्नक के पैरा अ.10.1 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिवफ्त व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे 100,00
आरबीआइ/2005-06/49 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.1 जुलाई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उससे कम मूल्य के माल का आयात - आयात के साक्ष्य के लिए अनुवर्ती कार्रवाई के संबंध में स्पष्टीकरण प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.106 के संलग्नक के पैरा अ.10.1 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिवफ्त व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे 100,00
जून 23, 2005
वायदा संविदाओं को बुक और र िकरना
आरबीआइ/2004-05/500 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.47 जून 23, 2005विदेशी मुद्रा में कारोबार करनेवाले प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदयवायदा संविदाओं को बुक और र िकरना प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 21, 2002 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निवासियों द्वारा अपने विदेशी मुद्रा ऋण जोखिम के संबंध में बुक की हुई सभी वायदा संविदाओं को जो वर्ष के भीतर देय हैं स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की अनुमति दी जाती है, बशर्
आरबीआइ/2004-05/500 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.47 जून 23, 2005विदेशी मुद्रा में कारोबार करनेवाले प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदयवायदा संविदाओं को बुक और र िकरना प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 21, 2002 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निवासियों द्वारा अपने विदेशी मुद्रा ऋण जोखिम के संबंध में बुक की हुई सभी वायदा संविदाओं को जो वर्ष के भीतर देय हैं स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की अनुमति दी जाती है, बशर्
जून 14, 2005
भारत से बाहर दौरे पर निवासी भारतीयों द्वारा इंटरनैशनल डेबिट काड़/ स्टोर वैल्यू काड़/चार्ज काड़/स्मार्ट काड़ का उपयोग
  आरबीआइ/2004-05/492 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.46 जून 14, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत से बाहर दौरे पर निवासी भारतीयों द्वारा इंटरनैशनल डेबिट काड़/ स्टोर वैल्यू काड़/चार्ज काड़/स्मार्ट काड़ का उपयोग भारतीय रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अपनी अधिसूचना सं. पेर्र्&ींुीीvामा 15/2000-आरबी द्वारा डेबिट काड़, एटीएम काड़ अथवा कोई अन्य लिखत को जिसका उपयोग वित्तीय देयताओं के सफ्जन के लिए किया जा सकता है, "करे
  आरबीआइ/2004-05/492 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.46 जून 14, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत से बाहर दौरे पर निवासी भारतीयों द्वारा इंटरनैशनल डेबिट काड़/ स्टोर वैल्यू काड़/चार्ज काड़/स्मार्ट काड़ का उपयोग भारतीय रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अपनी अधिसूचना सं. पेर्र्&ींुीीvामा 15/2000-आरबी द्वारा डेबिट काड़, एटीएम काड़ अथवा कोई अन्य लिखत को जिसका उपयोग वित्तीय देयताओं के सफ्जन के लिए किया जा सकता है, "करे
जून 08, 2005
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल
 आरबीआइ/2004-05/487 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.45 जून 08, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 09, 2005 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.33 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जनवरी 20, 2005 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6940 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
 आरबीआइ/2004-05/487 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.45 जून 08, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 09, 2005 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.33 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जनवरी 20, 2005 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6940 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
मई 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग (केद्रीय कार्यालय) मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.135/2005-आरबी    17 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भार
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग (केद्रीय कार्यालय) मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.135/2005-आरबी    17 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भार
मई 12, 2005
समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण
 आरबीआइ/2005/463 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42 मई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने
 आरबीआइ/2005/463 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42 मई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने
मई 07, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (संशोधन) विनियमावली, 2005

भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभााग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.134/2005-आरबी  दिनांक : 07 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (स्ांशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उपधारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भाारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के किसी निवासी

भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभााग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.134/2005-आरबी  दिनांक : 07 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (स्ांशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उपधारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भाारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के किसी निवासी

अप्रैल 30, 2005
ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2004-05/447 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 अप्रैल 30, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 3, 2005 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की 180 दिन तक
आरबीआइ/2004-05/447 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 अप्रैल 30, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 3, 2005 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की 180 दिन तक
अप्रैल 25, 2005
विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना
 आरबीआइ/2004-05/433 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.39 अप्रैल 25, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को, भारत में, कोई शाखा अथवा संपर्क कार्यालय अथवा चाहे किसी भी नाम से
 आरबीआइ/2004-05/433 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.39 अप्रैल 25, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को, भारत में, कोई शाखा अथवा संपर्क कार्यालय अथवा चाहे किसी भी नाम से

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 16, 2025

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