मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों/विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं
आरबीआइ/2008-09/17 मास्टर परिपत्र सं.04 /2008-09 जुलाई 1, 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्ति महोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों/विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 13/2000-आरबी और फेमा अधिसूचना सं.21/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम
आरबीआइ/2008-09/17 मास्टर परिपत्र सं.04 /2008-09 जुलाई 1, 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्ति महोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों/विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं अनिवासी भारतीयों/ भारतीय मूल के व्यक्तियों/ विदेशी राष्ट्रिकों के लिए प्रेषण सुविधाएं समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की फे मा अधिसूचना सं. 13/2000-आरबी और फेमा अधिसूचना सं.21/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - भारत से विविध प्रेषण - निवासियों के लिए सुविधाएं
आरबीआइ/2008-09/18 मास्टर परिपत्र सं.05 /2008-09 जुलाई 1,2008सेवा में, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्तिमहोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - भारत से विविध प्रेषण - निवासियों के लिए सुविधाएंनिवासियों के लिए भारत से विविध प्रेषण सुविधाओं की अनुमति, समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जी.एस.आर.381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है।2. इस मास्टर परिपत्र में "भारत से विविध प
आरबीआइ/2008-09/18 मास्टर परिपत्र सं.05 /2008-09 जुलाई 1,2008सेवा में, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी व्यक्तिमहोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - भारत से विविध प्रेषण - निवासियों के लिए सुविधाएंनिवासियों के लिए भारत से विविध प्रेषण सुविधाओं की अनुमति, समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जी.एस.आर.381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है।2. इस मास्टर परिपत्र में "भारत से विविध प
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2007-08/51भारिबैं/2008-09/61 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 8 /14.08.001/2008-0901 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाओंमहोदयमास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं कृपया 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2007-08/51भारिबैं/2008-09/61 संदर्भ सं. बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 8 /14.08.001/2008-0901 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) और सभी वित्तीय संस्थाओंमहोदयमास्टर परिपत्र - विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 1976 - भारत में एसोसिएशनों/संगठनों द्वारा विदेशी अंशदानों की प्राप्ति को विनियमित करने में बैंकों की बाध्यताएं कृपया 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राथमिक व्यापारियों के लिए परिचालनगत दिशानिर्देश
भारिबैं/2008-09/70भारिबैं/2008-09/70 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीडीआरएस.सं.01 /03.64.00 /2008-09 1 जुलाई 2008 सरकारी प्रतिभूति बाज़ार के सभी प्राथमिक व्यापारीमहोदयमास्टर परिपत्र - प्राथमिक व्यापारियों के लिए परिचालनगत दिशानिर्देशजैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर सरकारी प्रतिभूति बाज़ार में अपने परिचालनों के संबंध में प्राथमिक व्यापारियों को कई दिशानिर्देश/अनुदेश/परिपत्र जारी किए हैं । उक्त विषय पर दिनांक 30 जून 2008 तक के सभी दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निदे
भारिबैं/2008-09/70भारिबैं/2008-09/70 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीडीआरएस.सं.01 /03.64.00 /2008-09 1 जुलाई 2008 सरकारी प्रतिभूति बाज़ार के सभी प्राथमिक व्यापारीमहोदयमास्टर परिपत्र - प्राथमिक व्यापारियों के लिए परिचालनगत दिशानिर्देशजैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर सरकारी प्रतिभूति बाज़ार में अपने परिचालनों के संबंध में प्राथमिक व्यापारियों को कई दिशानिर्देश/अनुदेश/परिपत्र जारी किए हैं । उक्त विषय पर दिनांक 30 जून 2008 तक के सभी दिशानिर्देशों/अनुदेशों/निदे
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंध
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/78 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंधकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 9 /13.03.00/2006-07 देखें, जिसमें ऋणों और अग्रिमों के संबंध में सांविधिक और अन्य प्रतिबंधों से संबंधित विषयो
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/78 बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 17 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण और अग्रिम - सांविधिक और अन्य प्रतिबंधकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 9 /13.03.00/2006-07 देखें, जिसमें ऋणों और अग्रिमों के संबंध में सांविधिक और अन्य प्रतिबंधों से संबंधित विषयो
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/80 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 19 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/ 13.03.00/2006-07 देखें जिसमें ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्डों से संबंधित विषयों पर उस तारीख तक
ड्ड्र : "ज़्द्दiर्िंिंिंख्र्ख्र्ंख्र्ड़ख्र् " ढ़श्व्ह्य्ज़्ख्र्×न्न् ऊातआरबीआइ/2008-09/80 बैंपविवि. सं. डीआइआर.बीसी. 19 /13.03.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्ड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 11/ 13.03.00/2006-07 देखें जिसमें ऋण आदि जोखिम (एक्सपोज़र) संबंधी मानदण्डों से संबंधित विषयों पर उस तारीख तक
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां
–ड़ख्र्ड्डज़्ख्र्ह्य्झ़्ख्र् - Iआरबीआइ/2008-09/79 संदर्भ : बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.18 /13.03.00/2008-091 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/ 2007-2008 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदे
–ड़ख्र्ड्डज़्ख्र्ह्य्झ़्ख्र् - Iआरबीआइ/2008-09/79 संदर्भ : बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी.18 /13.03.00/2008-091 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयमास्टर परिपत्र - गारंटियां और सह-स्वीकृतियां कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 10/13.03.00/ 2007-2008 देखें, जिसमें बैंकों द्वारा गारंटियां और सह-स्वीकृतियां जारी करने से संबंधित मामलों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किये गये अनुदे
जुल॰ 01, 2008
स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों के लिए पूंजी पर्याप्तता मानदंड और जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देश संबंधी मास्टर परिपत्र
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2008-09/भारिबैं/2008-09/71 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीडीआरएस.सं.02 /03.64.00 /2008-09 1 जुलाई 2008 सरकारी प्रतिभूति बाज़ार के सभी प्राथमिक व्यापारी महोदयस्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों के लिए पूंजी पर्याप्तता मानदंड और जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देश संबंधी मास्टर परिपत्रजैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों के लिए पूंजी पर्याप्तता मानदंड और जोखिम प्रबंधन संबंधी कई दिशानिर्देश जारी किये हैं । प्राथमिक व्यापारियो
़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्/2008-09/भारिबैं/2008-09/71 संदर्भ : आंऋप्रवि.पीडीआरएस.सं.02 /03.64.00 /2008-09 1 जुलाई 2008 सरकारी प्रतिभूति बाज़ार के सभी प्राथमिक व्यापारी महोदयस्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों के लिए पूंजी पर्याप्तता मानदंड और जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देश संबंधी मास्टर परिपत्रजैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों के लिए पूंजी पर्याप्तता मानदंड और जोखिम प्रबंधन संबंधी कई दिशानिर्देश जारी किये हैं । प्राथमिक व्यापारियो
जुल॰ 01, 2008
मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस्
आरबीआइ /2008-09/ 73 ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 10 /09.03.01/2007-0801 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस) भारतीय रिज़र्व बैंक ने पहले नई मेला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (एस.आर.एम.एस) आरंभ करने
आरबीआइ /2008-09/ 73 ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 10 /09.03.01/2007-0801 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,मार्च 2009 तक सभी शेष स्वच्छकारों और उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय की नई "मैला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना" (एसआरएमएस) भारतीय रिज़र्व बैंक ने पहले नई मेला ढोने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (एस.आर.एम.एस) आरंभ करने
जुल॰ 01, 2008
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2008-09/37 संदर्भ मौनीवि. सं.302/07.01.279/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2008 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की व
भारिबैं/2008-09/37 संदर्भ मौनीवि. सं.302/07.01.279/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी अनुसूचित बैंकों के अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक (ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा संबंधी मास्टर परिपत्र निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा के संबंध में 30 जून 2008 तक जारी किये गये सभी अनुदेशों/दिशा-निर्देशों को समेकित और अद्यतन करके एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जिसकी एक प्रति संलग्न है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की व
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन
आरबीआइ/68/2008-2009आरबीआइ/68/2008-2009 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी वाणिज्य बैंक(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयनकृपया आप 27 अप्रैल 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 तथा 26 मार्च 2008 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 66/21.06.001/20
आरबीआइ/68/2008-2009आरबीआइ/68/2008-2009 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी वाणिज्य बैंक(स्थानीय क्षेत्र बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - पूंजी पर्याप्तता और बाज़ार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश -नये पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयनकृपया आप 27 अप्रैल 2007 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/20.06.001/2006-07 तथा 26 मार्च 2008 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 66/21.06.001/20
जुल॰ 01, 2008
’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र्
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार
आरबीआइ/2008-09/20 मास्टर परिपत्र सं. 07/2008-09 01 जुलाई 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उप धारा 3 के खंड (घ) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। 2. यह मास्टर परिपत्र "बाह्य वाणिज्यिक
आरबीआइ/2008-09/20 मास्टर परिपत्र सं. 07/2008-09 01 जुलाई 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उप धारा 3 के खंड (घ) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। 2. यह मास्टर परिपत्र "बाह्य वाणिज्यिक
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश
वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश पर मास्टर परिपत्र आरबीआई/2008-09/23 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं.20/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक, प्राथमिक व्यापारी और सभी आखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय मास्टर परिपत्र - वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, वाणिज्यिक पत्र (सीपी), वचन पत्र के रूप में जारी की जानेवाली एक गैर-जमानती मुद्रा बाज़ार लिखत है जिसे भारत में 1990 में
वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश पर मास्टर परिपत्र आरबीआई/2008-09/23 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं.20/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक, प्राथमिक व्यापारी और सभी आखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय मास्टर परिपत्र - वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, वाणिज्यिक पत्र (सीपी), वचन पत्र के रूप में जारी की जानेवाली एक गैर-जमानती मुद्रा बाज़ार लिखत है जिसे भारत में 1990 में
जुल॰ 01, 2008
जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश
आरबीआई/2008-09/24 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं. 21/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर), और सभी आखिल भारतीय मीयादी ऋणदाता और पुनर्वित संस्थाएं महोदय/ महोदया जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, मुद्रा बाजार लिखतों के विस्तार को और अधिक बढ़ाने और निवेशकों को अपनी अल्पावधि अतिरिक्त निधियों के अभिनियोजन में ज्यादा अवसर
आरबीआई/2008-09/24 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं. 21/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर), और सभी आखिल भारतीय मीयादी ऋणदाता और पुनर्वित संस्थाएं महोदय/ महोदया जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, मुद्रा बाजार लिखतों के विस्तार को और अधिक बढ़ाने और निवेशकों को अपनी अल्पावधि अतिरिक्त निधियों के अभिनियोजन में ज्यादा अवसर
जुल॰ 01, 2008
धोखाधड़ियां - वर्गीकरण और सूचना देना
भा.रि.बैं./2008-09/30 संदर्भद.डीबीएस. कें.का.एफआरएमसी. बीसी सं. 16/23.04.001/2008-0901 जुलाई 2008मुख्य कार्यपालक सभी प्राथमिक (शहरी )सहकारी बैंक महोदयधोखाधड़ियां - वर्गीकरण और सूचना देनाकृपया आप दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा पत्र डीबीएस. एफआरएमसी बीसी सं.2/23.04.001/2007-2008 देखें जिसके साथ धोखाधड़ियां-वर्गीकरण और सूचना देने से संबंधित मास्टर परिपत्र भेजा गया था। कृपया यह नोट किया जाए कि इस मास्टर परिपत्र में 2 जुलाई 2007 को जारी पिछले मास्टर परिपत्र के पश्चात वर्ष के
भा.रि.बैं./2008-09/30 संदर्भद.डीबीएस. कें.का.एफआरएमसी. बीसी सं. 16/23.04.001/2008-0901 जुलाई 2008मुख्य कार्यपालक सभी प्राथमिक (शहरी )सहकारी बैंक महोदयधोखाधड़ियां - वर्गीकरण और सूचना देनाकृपया आप दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा पत्र डीबीएस. एफआरएमसी बीसी सं.2/23.04.001/2007-2008 देखें जिसके साथ धोखाधड़ियां-वर्गीकरण और सूचना देने से संबंधित मास्टर परिपत्र भेजा गया था। कृपया यह नोट किया जाए कि इस मास्टर परिपत्र में 2 जुलाई 2007 को जारी पिछले मास्टर परिपत्र के पश्चात वर्ष के
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों पर दण्डात्मक ब्याज लगाना
ह्णड्ढख्र्ड्ढ*ढ़ख्र्(ख्र्ड्ढख्र्ड्ढ) ख्र्ह्य्आरबीआई/2008-09/90 डीसीएम(सीसी) सं.जी- 2 /03.35.01/2008-09 01 जुलाई, 2008 1. अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुद्रा तिजोरी वाले सभी बैंक 2. कोषागार निदेशक(राज्य सरकार - संलग्न सूची के अनुसार) महोदय/महोदया मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों पर दण्डात्मक ब्याज लगाना मुद्रा तिजोरी लेनदे
ह्णड्ढख्र्ड्ढ*ढ़ख्र्(ख्र्ड्ढख्र्ड्ढ) ख्र्ह्य्आरबीआई/2008-09/90 डीसीएम(सीसी) सं.जी- 2 /03.35.01/2008-09 01 जुलाई, 2008 1. अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुद्रा तिजोरी वाले सभी बैंक 2. कोषागार निदेशक(राज्य सरकार - संलग्न सूची के अनुसार) महोदय/महोदया मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों पर दण्डात्मक ब्याज लगाना मुद्रा तिजोरी लेनदे
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त
ख्र्ह्य्ख़़्ख्र्न्न् –ख्र्डङ्कड़ख्र्=ङ्कद्म्ख्र्आरबीआइ/2008-09/33 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 4 /08.12.01 /2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंकमहोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. सं. 13/08.12.01/2006-07 देखें। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2008 तक जारी अनुदेशों को शामिल
ख्र्ह्य्ख़़्ख्र्न्न् –ख्र्डङ्कड़ख्र्=ङ्कद्म्ख्र्आरबीआइ/2008-09/33 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 4 /08.12.01 /2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक सभी वाणिज्य बैंकमहोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक वित्त कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2007-08/52 बैंपविवि. बीपी. सं. 13/08.12.01/2006-07 देखें। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2008 तक जारी अनुदेशों को शामिल
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र-प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को ऋण-विशेष कार्यक्रम - स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोज़गार योजना
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iभारिबैं/2008-09/38 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 3/09.01.01/2007-08 जुलाई 01, 2008सभी वाणिज्य बैंक महोदय,मास्टर परिपत्र-प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को ऋण-विशेष कार्यक्रम - स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोज़गार योजनाकृपया आप स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना पर दिनांक जुलाई 2, 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र भारिबैं /2007-08/65, ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.10/09.01.01/2007-08 देखें।बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के उद
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iभारिबैं/2008-09/38 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 3/09.01.01/2007-08 जुलाई 01, 2008सभी वाणिज्य बैंक महोदय,मास्टर परिपत्र-प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को ऋण-विशेष कार्यक्रम - स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोज़गार योजनाकृपया आप स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना पर दिनांक जुलाई 2, 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र भारिबैं /2007-08/65, ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी.10/09.01.01/2007-08 देखें।बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के उद
जुल॰ 01, 2008
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं
भारिबैं / 2008-09/42 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 6/09.10.01/2008-09 1 जुलाई 2008सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएंभारतीय रिज़र्व बैंक ने अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं प्रदान करने के बारे में समय-समय पर अनुदेश / दिशानिर्देश जारी किए हैं । इस उद्देश्य से कि बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो जाएं, मौजूदा मार्गदर्शी सिद्धांतों / अनुदेशों / दिशानिर्देशों को शामिल करते हुए एक मास्टर परिपत
भारिबैं / 2008-09/42 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 6/09.10.01/2008-09 1 जुलाई 2008सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार - अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएंभारतीय रिज़र्व बैंक ने अल्प संख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं प्रदान करने के बारे में समय-समय पर अनुदेश / दिशानिर्देश जारी किए हैं । इस उद्देश्य से कि बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो जाएं, मौजूदा मार्गदर्शी सिद्धांतों / अनुदेशों / दिशानिर्देशों को शामिल करते हुए एक मास्टर परिपत
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँ
–ड़ख्र्ड्डठ्ठढ़िंिंख्र्ङ्कश्रख्र्iख्र्भारिबैं / 2008-09 /43 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 5/09.09.01/2008-09 1 जुलाई 2008सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँभारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएं देने के संबंध में समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी वर्तमान द
–ड़ख्र्ड्डठ्ठढ़िंिंख्र्ङ्कश्रख्र्iख्र्भारिबैं / 2008-09 /43 ग्राआऋवि.सं.एसपी.बीसी. 5/09.09.01/2008-09 1 जुलाई 2008सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदय,मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - अनुसूचित जाति (अजा) और अनुसूचित जनजाति (अजजा) को ऋण सुविधाएँभारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाएं देने के संबंध में समय-समय पर अनुदेश/निदेश जारी किये हैं । बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक जगह उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी वर्तमान द
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार-विशेष कार्यक्रम स्वर्ण जयन्ती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाय)
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्ङ्क्रग़ख्र्त्र्ख्र्आर.बी.आइ/2008-09/44 आरपीसीडी.सं.एसपी.बीसी. 4 /09.16.01 /2008-0901 जुलाई 2008 अध्यक्ष /प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय,मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार-विशेष कार्यक्रम स्वर्ण जयन्ती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाय)भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना परिचालन के संबंध में अनुदेश/ दिशानिर्देश जारी किए हैं। बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही स
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्ङ्क्रग़ख्र्त्र्ख्र्आर.बी.आइ/2008-09/44 आरपीसीडी.सं.एसपी.बीसी. 4 /09.16.01 /2008-0901 जुलाई 2008 अध्यक्ष /प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय,मास्टर परिपत्र प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार-विशेष कार्यक्रम स्वर्ण जयन्ती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाय)भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना परिचालन के संबंध में अनुदेश/ दिशानिर्देश जारी किए हैं। बैंकों को वर्तमान अनुदेश एक ही स
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए संसाधन जुटाने संबंधी मानदंड
आरबीआइ/2008-09/62 बैंपविवि. सं. एफआइडी.एफआइसी. 1/01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए संसाधन जुटाने संबंधी मानदंड कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी.एफआइसी.1/01.02.00/ 2007-08 देखें । संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2008 तक उक्त विषय पर
आरबीआइ/2008-09/62 बैंपविवि. सं. एफआइडी.एफआइसी. 1/01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए संसाधन जुटाने संबंधी मानदंड कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी.एफआइसी.1/01.02.00/ 2007-08 देखें । संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2008 तक उक्त विषय पर
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए प्रकटीकरण मानदंड
आरबीआइ संआरबीआइ सं. 2008-09/63 बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 2/01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी )महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए प्रकटीकरण मानदंडकृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी.एफआइसी. 2/01.02.00/2007-08 देखें जिसमें प्रकाशित वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण के मानदंडों से संबंधित वि
आरबीआइ संआरबीआइ सं. 2008-09/63 बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 2/01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाओं के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी तथा सिडबी )महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए प्रकटीकरण मानदंडकृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी.एफआइसी. 2/01.02.00/2007-08 देखें जिसमें प्रकाशित वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण के मानदंडों से संबंधित वि
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआइ/2008-2009/64 संदर्भ : बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3 /01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाएँ (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी एवं सिडबी) महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंडकृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र सं. बैंपविवि. सं. एफआइडी.
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआइ/2008-2009/64 संदर्भ : बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 3 /01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाएँ (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी एवं सिडबी) महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं द्वारा निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंडकृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र सं. बैंपविवि. सं. एफआइडी.
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए एक्सपोज़र संबंधी मानदंड
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआइ/2008-2009/65 बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 4 /01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाएँ (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी एवं सिडबी )महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए एक्सपोज़र संबंधी मानदंडकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 4/01.02.00/ 2007-08 देखें जिसमें एक्सपोज़र मानदंड संबंधी विषयों पर वित
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआइ/2008-2009/65 बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 4 /01.02.00/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त प्रदान करनेवाली संस्थाएँ (एक्ज़िम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी एवं सिडबी )महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय संस्थाओं के लिए एक्सपोज़र संबंधी मानदंडकृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. एफआइडी. एफआइसी. 4/01.02.00/ 2007-08 देखें जिसमें एक्सपोज़र मानदंड संबंधी विषयों पर वित
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार
भारिबैं / 2008-09 / 69भारिबैं / 2008-09 / 69 ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 9 / 04.09.01/2008-2009 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ,मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में समय-समय पर कई दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किए हैं — बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन
भारिबैं / 2008-09 / 69भारिबैं / 2008-09 / 69 ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 9 / 04.09.01/2008-2009 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय ,मास्टर परिपत्र - प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार के बारे में समय-समय पर कई दिशा-निर्देश/अनुदेश/निदेश जारी किए हैं — बैंकों को सभी अद्यतन अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजन
जुल॰ 01, 2008
माइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र
़्र•ख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआई/2008-09/45 ग्राआऋवि.सं. एमएफएफआई.बीसी.सं. 08/12.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदयमाइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.एमएफएफआइ.बीसी.सं.08/ 12.01.001/2007-08 देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त विषय पर 30 जून 2008 तक जारी अनुदेश समेकित किए गए हैं। परिपत्रों की स
़्र•ख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दiआरबीआई/2008-09/45 ग्राआऋवि.सं. एमएफएफआई.बीसी.सं. 08/12.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकमहोदयमाइक्रो ऋण पर मास्टर परिपत्र कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.एमएफएफआइ.बीसी.सं.08/ 12.01.001/2007-08 देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त विषय पर 30 जून 2008 तक जारी अनुदेश समेकित किए गए हैं। परिपत्रों की स
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - परा-बैंकिंग (बैंकिंग से इतर) कार्यकलाप
आरबीआइ/2008-09/40आरबीआइ/2008-09/40 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. सं. 7/24.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय मास्टर परिपत्र - परा-बैंकिंग (बैंकिंग से इतर) कार्यकलापकृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र सं बैंपविवि. एफएसडी.बीसी. सं. 18/ 24.01.001/2007-08 देखें जिसमें परा बैंकिंग कार्यकलापों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किए गए अनुदेश / दिशानिर्देश समेकित किए गए हैं। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2
आरबीआइ/2008-09/40आरबीआइ/2008-09/40 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. सं. 7/24.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय मास्टर परिपत्र - परा-बैंकिंग (बैंकिंग से इतर) कार्यकलापकृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र सं बैंपविवि. एफएसडी.बीसी. सं. 18/ 24.01.001/2007-08 देखें जिसमें परा बैंकिंग कार्यकलापों पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी किए गए अनुदेश / दिशानिर्देश समेकित किए गए हैं। इस मास्टर परिपत्र को 30 जून 2
जुल॰ 01, 2008
बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/39आरबीआइ/2008-09/39 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 6 /24.01.011/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र कृपया आप बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 17 /24.01.011/2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंको को जारी किए गए अनुदेशों / दिशानिर्देशों को समेकित क
आरबीआइ/2008-09/39आरबीआइ/2008-09/39 बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 6 /24.01.011/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक / गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर मास्टर परिपत्र कृपया आप बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन पर 2 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एफएसडी. बीसी. 17 /24.01.011/2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंको को जारी किए गए अनुदेशों / दिशानिर्देशों को समेकित क
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र परिचालन क्षेत्र,शाखा प्राधिकरण नीति, विस्तार पटलों का खोला जाना /स्तरोन्नयन, एटीएम तथा कार्यालयों का स्थानांतरण / विभाजन / बंद किया जाना
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्दृ्रग़ख्र्त्र्ख्र् आरबीआई/2008-09/59 शबैंवि.एलएस (पीसीबी).एमसी.सं.14/07.01.00/2008-09 01 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदयामास्टर परिपत्र परिचालन क्षेत्र,शाखा प्राधिकरण नीति, विस्तार पटलों का खोला जाना /स्तरोन्नयन, एटीएम तथा कार्यालयों का स्थानांतरण / विभाजन / बंद किया जानाकृपया उपर्युक्त विषय पर 01 सितंबर 2004 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि.बीएल (पीसीबी) एमसी.सं.9/07.01.00/2004-05 (भारतीय रिज़र्व बैंक क
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्दृ्रग़ख्र्त्र्ख्र् आरबीआई/2008-09/59 शबैंवि.एलएस (पीसीबी).एमसी.सं.14/07.01.00/2008-09 01 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदयामास्टर परिपत्र परिचालन क्षेत्र,शाखा प्राधिकरण नीति, विस्तार पटलों का खोला जाना /स्तरोन्नयन, एटीएम तथा कार्यालयों का स्थानांतरण / विभाजन / बंद किया जानाकृपया उपर्युक्त विषय पर 01 सितंबर 2004 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि.बीएल (पीसीबी) एमसी.सं.9/07.01.00/2004-05 (भारतीय रिज़र्व बैंक क
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्ङ्क्रग़ख्र्त्र्ख्र् भारिबैं / 2007-08 /41 ग्राआऋवि.सं.एसएमइ ऍण्ड एनएफएस.बीसी. 02 / 06.02.31/2008-2009 01 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)महोदय ,मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार जैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों को माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार से संबंधित मामलों
ढ़ख्र्ख्र्“्र ग़ख्र्ङ्क्रग़ख्र्त्र्ख्र् भारिबैं / 2007-08 /41 ग्राआऋवि.सं.एसएमइ ऍण्ड एनएफएस.बीसी. 02 / 06.02.31/2008-2009 01 जुलाई 2008अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित)महोदय ,मास्टर परिपत्र माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमइ ) क्षेत्र को उधार जैसा कि आपको ज्ञात है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर बैंकों को माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र को उधार से संबंधित मामलों
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआइध संआरबीआइ सं. 2008-09/84 बैंपविवि. सं. बीपी.बीसी. 20 /21.04.048/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,मास्टर परिपत्र - अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 12 /21.04.048/2007-2008 देखें, जिसमें अग्रिमों के संबंध में आय-निर्धारण, आस्ति-वर्गीकरण और प्रावधान करने से संबंधित विवेकप
आरबीआइध संआरबीआइ सं. 2008-09/84 बैंपविवि. सं. बीपी.बीसी. 20 /21.04.048/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदय,मास्टर परिपत्र - अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण तथा प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड कृपया आप 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 12 /21.04.048/2007-2008 देखें, जिसमें अग्रिमों के संबंध में आय-निर्धारण, आस्ति-वर्गीकरण और प्रावधान करने से संबंधित विवेकप
जुल॰ 01, 2008
निर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
ङड्ढआरबीआइ /2008-09/66 बैंपविवि.सं.डीआइआर.(ईएक्सपी).बीसी. 09 /04.02.02/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930(शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयनिर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं. डीआइआर.(ईएक्सपी) सं. 01/04.02.02/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही
ङड्ढआरबीआइ /2008-09/66 बैंपविवि.सं.डीआइआर.(ईएक्सपी).बीसी. 09 /04.02.02/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930(शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयनिर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं. डीआइआर.(ईएक्सपी) सं. 01/04.02.02/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही
जुल॰ 01, 2008
आवास वित्त पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-2009/67 बैंपविवि.सं. डीआइआर.(एचएसजी) बीसी. 10/08.12.01/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयआवास वित्त पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (एचएसजी) सं. 02/08.12.01/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो सकें। उक्त मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेश
आरबीआइ/2008-2009/67 बैंपविवि.सं. डीआइआर.(एचएसजी) बीसी. 10/08.12.01/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर) महोदयआवास वित्त पर मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. डीआइआर (एचएसजी) सं. 02/08.12.01/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो सकें। उक्त मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेश
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का भारत में आयात
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्ख्र्ज्ञ्iआरबीआई/2008-09/21 मास्टर परिपत्र सं. 08/2008-09 1 जुलाई, 2008सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक श्रेणी-Iमहोदया/महोदयमास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का भारत में आयातभारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जीएसआर 381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. यह मास्टर परिपत्र निम्नवत् पांच भागों में सुव्यवस्
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्ख्र्ज्ञ्iआरबीआई/2008-09/21 मास्टर परिपत्र सं. 08/2008-09 1 जुलाई, 2008सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक श्रेणी-Iमहोदया/महोदयमास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का भारत में आयातभारत में माल और सेवाओं के आयात की अनुमति समय-समय पर यथासंशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. जीएसआर 381(E) के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 5 के अनुसार दी जा रही है। 2. यह मास्टर परिपत्र निम्नवत् पांच भागों में सुव्यवस्
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं (WOS)में प्रत्यक्ष निवेश
आरबीआइ/2008-09/14आरबीआइ/2008-09/14 मास्टर परिपत्र सं. 1 /2008-09 जुलाई 1, 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारीमहोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं (WOS)में प्रत्यक्ष निवेश समय-समय पर यथा संशोधित नवंबर 19, 2004 की अधिसूचना सं. जीएसआर 757(E) अ और जुलाई 7, 2004 की फेमा अधिसूचना सं.जीएसआर 120/आरबी-2004 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप धा
आरबीआइ/2008-09/14आरबीआइ/2008-09/14 मास्टर परिपत्र सं. 1 /2008-09 जुलाई 1, 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारीमहोदया /महोदय मास्टर परिपत्र - निवासियों द्वारा विदेश स्थित संयुक्त उद्यम (JV)/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं (WOS)में प्रत्यक्ष निवेश समय-समय पर यथा संशोधित नवंबर 19, 2004 की अधिसूचना सं. जीएसआर 757(E) अ और जुलाई 7, 2004 की फेमा अधिसूचना सं.जीएसआर 120/आरबी-2004 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप धा
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र-रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरें
आरबीआई/2008-2009/56 शबैंवि.सं.बीपीडी.एमसी.सं. 11/13.01.000/2008-09 01 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदयामास्टर परिपत्र-रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरेंकृपया उपर्युक्त विषय पर 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि. बीपीडी. (पीसीबी).एमसी.सं.1/13.01.00/2007-08 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2008 तक के सभी अनुदेशों/दिशानिर्देशों को समेकित तथा अद्यतन किया गय
आरबीआई/2008-2009/56 शबैंवि.सं.बीपीडी.एमसी.सं. 11/13.01.000/2008-09 01 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदयामास्टर परिपत्र-रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरेंकृपया उपर्युक्त विषय पर 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि. बीपीडी. (पीसीबी).एमसी.सं.1/13.01.00/2007-08 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2008 तक के सभी अनुदेशों/दिशानिर्देशों को समेकित तथा अद्यतन किया गय
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र- जमा खाता रखना - शहरी सहकारी बैंक
–्र॰ख्र्ड्ढ–ख्र्×न्न् /2006-07/114आरबीआई /2008-09/58 यूबीडी.बीपीडी (पीसीबी) एमसी.सं. 13/13.01.000/2008-09 1 जुलाई 2008कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयामास्टर परिपत्र- जमा खाता रखना - शहरी सहकारी बैंककृपया उपर्युक्त विषय पर 4 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैवि.बीपीडी (पीसीबी) एमसी.सं. 12/13.01.000/2007-08 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेब साइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें । संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2008 तक इस विभाग द्वारा इस विषय
–्र॰ख्र्ड्ढ–ख्र्×न्न् /2006-07/114आरबीआई /2008-09/58 यूबीडी.बीपीडी (पीसीबी) एमसी.सं. 13/13.01.000/2008-09 1 जुलाई 2008कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकमहोदय/महोदयामास्टर परिपत्र- जमा खाता रखना - शहरी सहकारी बैंककृपया उपर्युक्त विषय पर 4 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैवि.बीपीडी (पीसीबी) एमसी.सं. 12/13.01.000/2007-08 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेब साइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें । संलग्न मास्टर परिपत्र में 30 जून 2008 तक इस विभाग द्वारा इस विषय
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का निर्यात
आरबीआइ/2008-09/22 मास्टर परिपत्र सं.09/2008-09 01 जुलाई 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का निर्यातभारत से माल और सेवाओं का निर्यात मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381 (E) और समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 की फेमा अधिसूचना 23/आरबी-2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड (क) और उप-धारा (3) के अनुसार करने की अनुमति है ।2. यह मास्टर
आरबीआइ/2008-09/22 मास्टर परिपत्र सं.09/2008-09 01 जुलाई 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - माल और सेवाओं का निर्यातभारत से माल और सेवाओं का निर्यात मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381 (E) और समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 की फेमा अधिसूचना 23/आरबी-2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड (क) और उप-धारा (3) के अनुसार करने की अनुमति है ।2. यह मास्टर
जुल॰ 01, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में
मास्टर परिपत्र
मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
जुल॰ 01, 2008
इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iआरबीआइ /2008-09/19 मास्टर परिपत्र क्र.06 /2008-09 01 जुलाई,2008सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I महोदया/महोदय,मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेनअनिवासी बैंक, अंतर बैंक लेनदेन, विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार आदि मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 और बाद उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं। 2. इस मा
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iआरबीआइ /2008-09/19 मास्टर परिपत्र क्र.06 /2008-09 01 जुलाई,2008सेवा में सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I महोदया/महोदय,मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेनअनिवासी बैंक, अंतर बैंक लेनदेन, विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार आदि मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 और बाद उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं। 2. इस मा
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखापरीक्षा प्रणालियां
आरबीआई/2008-09/54आरबीआई/2008-09/54 शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).एमसी.सं.9 /12.05.001/2008-0901 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदयामास्टर परिपत्र - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखापरीक्षा प्रणालियां कृपया उपर्युक्त विषय पर 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि . बीपीडी . (पीसीबी) .एमसी.सं.7/09.06.000/2007-08 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेब साइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में 30
आरबीआई/2008-09/54आरबीआई/2008-09/54 शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी).एमसी.सं.9 /12.05.001/2008-0901 जुलाई 2008 मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/महोदयामास्टर परिपत्र - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में निरीक्षण और लेखापरीक्षा प्रणालियां कृपया उपर्युक्त विषय पर 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र शबैंवि . बीपीडी . (पीसीबी) .एमसी.सं.7/09.06.000/2007-08 (भारतीय रिज़र्व बैंक की वेब साइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध) देखें। संलग्न मास्टर परिपत्र में 30
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देश
भारिबैं /2008-2009 /35 भारिबैं /2008-2009 /35 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 1 /05.04.02/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी डसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय,मास्टर परिपत्र - प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देशकृपया दिनांक 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएफएस. बीसी.1/ 05.04.02/2007-08 देखें जिसमें प्राकृतिक आपदाओं
भारिबैं /2008-2009 /35 भारिबैं /2008-2009 /35 ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 1 /05.04.02/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी डसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय,मास्टर परिपत्र - प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा किए जाने वाले राहत उपायों के लिए दिशानिर्देशकृपया दिनांक 02 जुलाई 2007 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.सं. पीएलएफएस. बीसी.1/ 05.04.02/2007-08 देखें जिसमें प्राकृतिक आपदाओं
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iभारिबैं.2008-09/4 गैबैंपवि.(नीप्र)कंपरि.सं. 118/03.02.001 /2008-0901 जुलाई 2008अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ(भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 आइ (एफ) में यथा परिभाषित)अध्यक्ष, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थानप्रिय महोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संबंध
ऱ््रेख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् दृ्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ॰ख्र्ज्ञ्iभारिबैं.2008-09/4 गैबैंपवि.(नीप्र)कंपरि.सं. 118/03.02.001 /2008-0901 जुलाई 2008अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ(भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 आइ (एफ) में यथा परिभाषित)अध्यक्ष, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थानप्रिय महोदयमास्टर परिपत्र - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी लेखा परीक्षक की रिपोर्ट (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के संबंध
जुल॰ 01, 2008
मास्टर परिपत्र – जाली नोटों की पहचान और जब्ती
आरबीआई/2008-2009/87डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक,सभी वाणिज्यिक/सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/निजी बैंक / विदेशी बैंक / सभी राज्यों के कोषागार निदेशक महोदया/महोदय, मास्टर परिपत्र – जाली नोटों की पहचान और जब्ती कृपया 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2007-08 देखें, जिसमें जाली नोटों की पहचान और उन्हें जब्त करने के संबंध में 30 जून, 2007 तक जारी निर्देशों को समेकित किया गया है। मास्टर प
आरबीआई/2008-2009/87डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक,सभी वाणिज्यिक/सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/निजी बैंक / विदेशी बैंक / सभी राज्यों के कोषागार निदेशक महोदया/महोदय, मास्टर परिपत्र – जाली नोटों की पहचान और जब्ती कृपया 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2007-08 देखें, जिसमें जाली नोटों की पहचान और उन्हें जब्त करने के संबंध में 30 जून, 2007 तक जारी निर्देशों को समेकित किया गया है। मास्टर प
जुल॰ 01, 2008
Master Circular - Priority Sector Lending
RBI/2008-09/52 BPD(PCB)MC. No.7/09.09.001/2008-09 July 1, 2008 The Chief Executive Officers of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir/Madam, Master Circular on Priority Sector Lending – UCBs Please refer to our Master Circular BPD(PCB)MC. No.11./09.09.001/2007-08 dated July 4, 2007 on the captioned subject (available on RBI website www.rbi.org.in ). The enclosed Master Circular consolidates and updates all the instructions/ guidelines on the subject issued up
RBI/2008-09/52 BPD(PCB)MC. No.7/09.09.001/2008-09 July 1, 2008 The Chief Executive Officers of All Primary (Urban) Co-operative Banks Dear Sir/Madam, Master Circular on Priority Sector Lending – UCBs Please refer to our Master Circular BPD(PCB)MC. No.11./09.09.001/2007-08 dated July 4, 2007 on the captioned subject (available on RBI website www.rbi.org.in ). The enclosed Master Circular consolidates and updates all the instructions/ guidelines on the subject issued up
जुल॰ 01, 2008
Master Circular - “Miscellaneous Non-Banking Companies (Reserve Bank) Directions, 1977”
RBI/2008-09/8 DNBS (PD) CC No.122/03. 02.001/2008-09 July 1, 2008 To The Chairman/CEOs of all Miscellaneous Non-Banking Companies Dear Sir, Master Circular – “Miscellaneous Non-Banking Companies (Reserve Bank) Directions, 1977” The directions on@@NBSP@@ acceptance@@NBSP@@ of public deposits by Miscellaneous Non-Banking Companies were issued@@NBSP@@ by Reserve Bank of India on June 20, 1977, vide Notification No.DNBC.39/DG(H)-77. The said Notification duly updated as o
RBI/2008-09/8 DNBS (PD) CC No.122/03. 02.001/2008-09 July 1, 2008 To The Chairman/CEOs of all Miscellaneous Non-Banking Companies Dear Sir, Master Circular – “Miscellaneous Non-Banking Companies (Reserve Bank) Directions, 1977” The directions on@@NBSP@@ acceptance@@NBSP@@ of public deposits by Miscellaneous Non-Banking Companies were issued@@NBSP@@ by Reserve Bank of India on June 20, 1977, vide Notification No.DNBC.39/DG(H)-77. The said Notification duly updated as o
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 28, 2025