अधिसूचनाएं - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
अधिसूचनाएं
परिपत्र सं. आरबीआई/2004-05/365 आरपीसीडी.एलबीएस.बीसी.सं. /02.01.01/2004-05 17 फरवरी 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक, (मेलिंग सूची के अनुसार सभी अग्रणी बैंक) प्रिय महोदय, मणिपुर राज्य के कुछ जिलों में अग्रणी बैंक के दायित्वों में परिवर्तन
परिपत्र सं. आरबीआई/2004-05/365 आरपीसीडी.एलबीएस.बीसी.सं. /02.01.01/2004-05 17 फरवरी 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक, (मेलिंग सूची के अनुसार सभी अग्रणी बैंक) प्रिय महोदय, मणिपुर राज्य के कुछ जिलों में अग्रणी बैंक के दायित्वों में परिवर्तन
आरबीआई/2004-05/364 आरपीसीडी.केंका.एनबी.बीसी.सं.78/03.03.116/2004-05 17 फरवरी 2005 सभी राज्य सहकारी बैंकों/जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के अध्यक्ष प्रिय महोदय, राज्य सहकारी बैंकों (SCBs)/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का बीमा कारोबार में प्रवेश
आरबीआई/2004-05/364 आरपीसीडी.केंका.एनबी.बीसी.सं.78/03.03.116/2004-05 17 फरवरी 2005 सभी राज्य सहकारी बैंकों/जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के अध्यक्ष प्रिय महोदय, राज्य सहकारी बैंकों (SCBs)/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का बीमा कारोबार में प्रवेश
परिपत्र सं. आरबीआई/2004-05/352ए आरपीसीडी.एलबीएस.बीसी.सं. 76/02.01.01/2004-05 28 जनवरी 2005 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी भारतीय निजी क्षेत्र के बैंक) प्रिय महोदय, अग्रणी बैंक योजना के अंतर्गत विभिन्न मंचों में भागीदारी
परिपत्र सं. आरबीआई/2004-05/352ए आरपीसीडी.एलबीएस.बीसी.सं. 76/02.01.01/2004-05 28 जनवरी 2005 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सभी भारतीय निजी क्षेत्र के बैंक) प्रिय महोदय, अग्रणी बैंक योजना के अंतर्गत विभिन्न मंचों में भागीदारी
आरबीआई/2004/322 आरपीसीडी.पीएलएफएस.बीसी.सं.68/05.04.02/2004-05 30 दिसंबर 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक प्रिय महोदय, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों के लिए दिशा-निर्देश
आरबीआई/2004/322 आरपीसीडी.पीएलएफएस.बीसी.सं.68/05.04.02/2004-05 30 दिसंबर 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक प्रिय महोदय, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों के लिए दिशा-निर्देश
आरबीआई/2004-05/316
आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.67/09.04.01/2004-05 27 दिसंबर 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय,
आरबीआई/2004-05/316
आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.67/09.04.01/2004-05 27 दिसंबर 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय,
आरबीआई/2004/274
आरपीसीडी.पीएलनएफएस.बीसी.सं.58/05.05.09/2004-05 08 नवंबर 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस)-मास्टर पॉलिसी का नवीनीकरण- स्पष्टीकरण
आरबीआई/2004/274
आरपीसीडी.पीएलनएफएस.बीसी.सं.58/05.05.09/2004-05 08 नवंबर 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारकों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस)-मास्टर पॉलिसी का नवीनीकरण- स्पष्टीकरण
आरबीआई/2004-05/235आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.42/06.02.31/2004-05 26अक्तूबर 2005अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित)
प्रिय महोदय
आरबीआई/2004-05/235आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.42/06.02.31/2004-05 26अक्तूबर 2005अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित)
प्रिय महोदय
आरबीआई/2004-05/237 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.44/06.11.01/2004-05 26 अक्तूबर 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित) प्रिय महोदय, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण – आवास ऋण- अधिकतम सीमा को बढ़ाना
आरबीआई/2004-05/237 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.44/06.11.01/2004-05 26 अक्तूबर 2005 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित) प्रिय महोदय, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण – आवास ऋण- अधिकतम सीमा को बढ़ाना
भारिबैं / 2004/236ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.43/06.02.31/2004-05 अक्तूबर 26, 2004अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित)महोदय, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - लघु उद्योग क्षेत्र से संबंधित प्रतिभूतिवफ्त आस्तियों में बैंकों द्वारा निवेशवफ्पया 26 अक्तूबर 2004 के वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 82 देखें (पैराग्राफ की प्रतिलिपि संलग्न) । लघु उद्योग क्षेत्र को ऋणो
भारिबैं / 2004/236ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.43/06.02.31/2004-05 अक्तूबर 26, 2004अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित)महोदय, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र उधार - लघु उद्योग क्षेत्र से संबंधित प्रतिभूतिवफ्त आस्तियों में बैंकों द्वारा निवेशवफ्पया 26 अक्तूबर 2004 के वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य की मध्यावधि समीक्षा का पैरा 82 देखें (पैराग्राफ की प्रतिलिपि संलग्न) । लघु उद्योग क्षेत्र को ऋणो
बैंकों द्वारा ऋण वितरित न किए जाने वाले मामलों की बड़ी संख्या को देखते हुए, भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कार्यक्रम वर्ष 2003-04 के लिए स्वीकृत ऋण-मामलों के लिए ऋण वितरण पूरा करने की अंतिम तिथि को वर्तमान अंतिम तिथि (कट ऑफ डेट) को 30.09.2004 से बढ़ाकर 15.11.2004 कर दिया जाए।
बैंकों द्वारा ऋण वितरित न किए जाने वाले मामलों की बड़ी संख्या को देखते हुए, भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि कार्यक्रम वर्ष 2003-04 के लिए स्वीकृत ऋण-मामलों के लिए ऋण वितरण पूरा करने की अंतिम तिथि को वर्तमान अंतिम तिथि (कट ऑफ डेट) को 30.09.2004 से बढ़ाकर 15.11.2004 कर दिया जाए।
आरबीआई/2004-05/191आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.36/09.04.01/2004-0524 सितंबर 2004अध्यक्ष/प्रबंध निदेशकसभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय,
आरबीआई/2004-05/191आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.36/09.04.01/2004-0524 सितंबर 2004अध्यक्ष/प्रबंध निदेशकसभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)प्रिय महोदय,
हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ बैंक खाद्य एवं कृषि आधारित प्रसंस्करण क्षेत्र की इकाइयों को दिए गए अग्रिमों को, जिनका संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश 5 करोड़ रुपये से अधिक है, तथा आवास ऋणों को 10 लाख रुपये से अधिक, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकृत कर रहे हैं। ऐसा वर्गीकरण प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने के संबंध में जारी 20 जुलाई 2004 के हमारे मास्टर परिपत्र में निहित दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है।
हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ बैंक खाद्य एवं कृषि आधारित प्रसंस्करण क्षेत्र की इकाइयों को दिए गए अग्रिमों को, जिनका संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश 5 करोड़ रुपये से अधिक है, तथा आवास ऋणों को 10 लाख रुपये से अधिक, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत वर्गीकृत कर रहे हैं। ऐसा वर्गीकरण प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण देने के संबंध में जारी 20 जुलाई 2004 के हमारे मास्टर परिपत्र में निहित दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है।
आरबीआई/2004-05/145 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.22/09.04.06/2004-05 27 अगस्त 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, पीएमआरवाई का कार्यान्वयन – नियमों में आंशिक संशोधन (हिमाचल प्रदेश)
आरबीआई/2004-05/145 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं.22/09.04.06/2004-05 27 अगस्त 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, पीएमआरवाई का कार्यान्वयन – नियमों में आंशिक संशोधन (हिमाचल प्रदेश)
RBI/2004-05/81 RPCD.PLNFS.BC.No. 12 / 09.04.06 /2004-2005 July 30, 2004 The Chairman/ Managing Director All Indian Scheduled Commercial Banks (Excluding RRBs) Dear Sir, Implementation of PMRY- Modifications in Norms Please refer to our earlier circular RPCD.No.SP.BC.26/09.04.01/2001 –2002 dated September 19, 2001 regarding the decision of the 11th High Powered Committee on the PMRY that banks having less than 5 branches shall not be allocated targets under PMRY if tot
RBI/2004-05/81 RPCD.PLNFS.BC.No. 12 / 09.04.06 /2004-2005 July 30, 2004 The Chairman/ Managing Director All Indian Scheduled Commercial Banks (Excluding RRBs) Dear Sir, Implementation of PMRY- Modifications in Norms Please refer to our earlier circular RPCD.No.SP.BC.26/09.04.01/2001 –2002 dated September 19, 2001 regarding the decision of the 11th High Powered Committee on the PMRY that banks having less than 5 branches shall not be allocated targets under PMRY if tot
आरबीआई/2004-05/55 आरपीसीडी. प्लान. बीसी. सं. 8/04.09.01/2004-05 20 जुलाई 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकार (सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) प्रिय महोदय, बैंकों द्वारा बंधक समर्थित प्रतिभूतियों में निवेश-आवास ऋण के अंतर्गत प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण हमें विभिन्न बैंकों से बंधक समर्थित प्रतिभूतियों में बैंकों द्वारा निवेश को शामिल करने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं, जहां प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत आवास के लिए बैंकों द्वारा प्रत्यक्ष ऋण के रूप में प्रतिभूतिकृत ऋण आवास के लिए प्रत्यक्ष अग्रिमों को दर्शाते हैं।
आरबीआई/2004-05/55 आरपीसीडी. प्लान. बीसी. सं. 8/04.09.01/2004-05 20 जुलाई 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकार (सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) प्रिय महोदय, बैंकों द्वारा बंधक समर्थित प्रतिभूतियों में निवेश-आवास ऋण के अंतर्गत प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण हमें विभिन्न बैंकों से बंधक समर्थित प्रतिभूतियों में बैंकों द्वारा निवेश को शामिल करने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं, जहां प्राथमिकता क्षेत्र ऋण के तहत आवास के लिए बैंकों द्वारा प्रत्यक्ष ऋण के रूप में प्रतिभूतिकृत ऋण आवास के लिए प्रत्यक्ष अग्रिमों को दर्शाते हैं।
आरबीआई/2004-05/52 आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं.6/09.16.01/2004-05 17 जुलाई 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक, सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर) - सूची के अनुसार - स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) - सब्सिडी के हिस्से पर ब्याज के बैक-एंड सब्सिडी भुगतान का प्रशासन/समायोजन।
आरबीआई/2004-05/52 आरपीसीडी.एसपी.बीसी.सं.6/09.16.01/2004-05 17 जुलाई 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक, सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर) - सूची के अनुसार - स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) - सब्सिडी के हिस्से पर ब्याज के बैक-एंड सब्सिडी भुगतान का प्रशासन/समायोजन।
आरबीआई/2004-05/39 आरपीसीडी.सीओ.आरएफ़.बीसी.सं.04/07.02.03/2003-04 13 जुलाई 2004 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी राज्य सहकारी बैंक प्रिय महोदय, ग्रामीण गोदामों के निर्माण/ नवीनीकरण/ विस्तार के लिए पूंजी निवेश सब्सिडी योजना कृपया उपरोक्त विषय पर नाबार्ड द्वारा आपको जारी दिनांक 12 अप्रैल 2002 के परिपत्र सं. 92/ICD-20/2002-03 का संदर्भ लें। 2. इस संबंध में, हम यह सूचित करते हैं कि इस योजना के अंतर्गत प्रमोटरों को देय सब्सिडी को वित्तपोषण बैंकों की लेखा बहियो में "सब्सिडी रिज़र्व फंड एकाउंट" (उधारकर्ता-वार) में तब तक रखा जाएगा जब तक कि ऋण का हिस्सा (सब्सिडी के बाद निवल शेष) पूरी तरह से चुकाया नहीं जाता।
आरबीआई/2004-05/39 आरपीसीडी.सीओ.आरएफ़.बीसी.सं.04/07.02.03/2003-04 13 जुलाई 2004 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक सभी राज्य सहकारी बैंक प्रिय महोदय, ग्रामीण गोदामों के निर्माण/ नवीनीकरण/ विस्तार के लिए पूंजी निवेश सब्सिडी योजना कृपया उपरोक्त विषय पर नाबार्ड द्वारा आपको जारी दिनांक 12 अप्रैल 2002 के परिपत्र सं. 92/ICD-20/2002-03 का संदर्भ लें। 2. इस संबंध में, हम यह सूचित करते हैं कि इस योजना के अंतर्गत प्रमोटरों को देय सब्सिडी को वित्तपोषण बैंकों की लेखा बहियो में "सब्सिडी रिज़र्व फंड एकाउंट" (उधारकर्ता-वार) में तब तक रखा जाएगा जब तक कि ऋण का हिस्सा (सब्सिडी के बाद निवल शेष) पूरी तरह से चुकाया नहीं जाता।
आरबीआई/2004-05/185 आरपीसीडी.एलबीएस. आरओसी.सं.78/02.01.01/2003-04 30 अप्रैल 2004 क्षेत्रीय निदेशक/ प्रभारी अधिकारी भारतीय रिज़र्व बैंक (सभी आरबीआई कार्यालय) प्रिय महोदय, अग्रणी बैंक योजना– अग्रणी जिला अधिकारियों को जिलों का आबंटन
आरबीआई/2004-05/185 आरपीसीडी.एलबीएस. आरओसी.सं.78/02.01.01/2003-04 30 अप्रैल 2004 क्षेत्रीय निदेशक/ प्रभारी अधिकारी भारतीय रिज़र्व बैंक (सभी आरबीआई कार्यालय) प्रिय महोदय, अग्रणी बैंक योजना– अग्रणी जिला अधिकारियों को जिलों का आबंटन
आरबीआई/2004/103 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.71/09.04.01/2003-04 18 मार्च 2004 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, प्रधानमंत्री रोजगार योजना - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण पूरा करने की अंतिम तिथि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण को पूरा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30.09.2004 करने का निर्णय लिया गया है। 2. कृपया इस संबंध में अपनी सभी शाखाओं/ नियंत्रण कार्यालयों को आवश्यक निर्देश जारी करें तथा प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। 3. कृपया इसकी प्राप्ति सूचना अवश्य भेजें।
आरबीआई/2004/103 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.71/09.04.01/2003-04 18 मार्च 2004 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक) (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, प्रधानमंत्री रोजगार योजना - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण पूरा करने की अंतिम तिथि प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए स्वीकृतियों की समाप्ति तथा संवितरण को पूरा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30.09.2004 करने का निर्णय लिया गया है। 2. कृपया इस संबंध में अपनी सभी शाखाओं/ नियंत्रण कार्यालयों को आवश्यक निर्देश जारी करें तथा प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। 3. कृपया इसकी प्राप्ति सूचना अवश्य भेजें।
आरबीआई/2004/109 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.सं.1568/09.04.01/2003-04 11 मार्च 2004 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार-प्रधानमंत्री रोजगार योजना – मास्टर परिपत्र कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे परिपत्र RPCD.PLNFS.BC.No.25/09.04.01/2002-03 दिनांक 14 अक्टूबर 2002 का संदर्भ ग्रहण करें। हम सूचित करते हैं कि उपरोक्त मास्टर परिपत्र अब RBI द्वारा 29 फरवरी 2004 तक जारी सभी पिछले निर्देशों को समेकित करके हमारे परिपत्र RPCD.No.PLNFS.BC.69/09.04.01/2003-04 दिनांक 5 मार्च 2004 के अनुसार अद्यतन किया गया है, जिसकी सॉफ्ट कॉपी RBI की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
आरबीआई/2004/109 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.सं.1568/09.04.01/2003-04 11 मार्च 2004 सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार-प्रधानमंत्री रोजगार योजना – मास्टर परिपत्र कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे परिपत्र RPCD.PLNFS.BC.No.25/09.04.01/2002-03 दिनांक 14 अक्टूबर 2002 का संदर्भ ग्रहण करें। हम सूचित करते हैं कि उपरोक्त मास्टर परिपत्र अब RBI द्वारा 29 फरवरी 2004 तक जारी सभी पिछले निर्देशों को समेकित करके हमारे परिपत्र RPCD.No.PLNFS.BC.69/09.04.01/2003-04 दिनांक 5 मार्च 2004 के अनुसार अद्यतन किया गया है, जिसकी सॉफ्ट कॉपी RBI की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
आरबीआई/2004/75 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.67/09.04.01/2003-04 25 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, आवंटित लक्ष्य की प्राप्ति पीएमआरवाई योजना के अंतर्गत - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 कृपया हमारे परिपत्र आरपीसीडी.बीसी.82/09.04.01/2002-03 दिनांक 31 मार्च 2003 के अनुबंध 'बी' का संदर्भ लें। निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, संबंधित वर्ष के लक्ष्य के 50% आवेदन स्वीकृत किए जाने चाहिए थे और बैंकों द्वारा दूसरी तिमाही के अंत तक यानी 30 सितंबर 2003 तक लक्ष्य का 15% ही ऋण वितरित किया जाना चाहिए था। उपलब्ध नवीनतम डेटा से संकेत मिल रहा है कि वास्तविक प्रदर्शन के मामले में अंतर के कारण बैंकों को निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहना आवश्यक है। वर्ष के अंत में आवेदनों की भारी संख्या को टालने के लिए भी यह आवश्यक है।
आरबीआई/2004/75 आरपीसीडी.पीएलएनएफ़एस.बीसी.सं.67/09.04.01/2003-04 25 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़ कर) प्रिय महोदय, आवंटित लक्ष्य की प्राप्ति पीएमआरवाई योजना के अंतर्गत - कार्यक्रम वर्ष 2003-04 कृपया हमारे परिपत्र आरपीसीडी.बीसी.82/09.04.01/2002-03 दिनांक 31 मार्च 2003 के अनुबंध 'बी' का संदर्भ लें। निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, संबंधित वर्ष के लक्ष्य के 50% आवेदन स्वीकृत किए जाने चाहिए थे और बैंकों द्वारा दूसरी तिमाही के अंत तक यानी 30 सितंबर 2003 तक लक्ष्य का 15% ही ऋण वितरित किया जाना चाहिए था। उपलब्ध नवीनतम डेटा से संकेत मिल रहा है कि वास्तविक प्रदर्शन के मामले में अंतर के कारण बैंकों को निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहना आवश्यक है। वर्ष के अंत में आवेदनों की भारी संख्या को टालने के लिए भी यह आवश्यक है।
आरबीआई/2004/69 आरपीसीडी.केंका.आरएफ़.बीसी.सं.65/07.02.03/2003-04 23 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी राज्य एवं केंद्रीय सहकारी बैंक प्रिय महोदय, गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश कृपया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिशेष गैर-एसएलआर निधियों के निवेश के तरीकों के बारे में 13 दिसंबर 1996 को जारी हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरआरबी.बीसी.76/03.05.34/1996-97 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार आरआरबी को समय-समय पर निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन अपनी गैर-एसएलआर अधिशेष निधियों को कुछ निश्चित तरीकों से निवेश करने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति पर जारी वक्तव्य के पैराग्राफ 133 के अनुसार, बैंकों को अपने गैर-एसएलआर निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होने वाले जोखिम को नियंत्रित करने के लिए और अधिक विवेक का अनुपालन करने की सलाह दी गई थी।
आरबीआई/2004/69 आरपीसीडी.केंका.आरएफ़.बीसी.सं.65/07.02.03/2003-04 23 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी राज्य एवं केंद्रीय सहकारी बैंक प्रिय महोदय, गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश कृपया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिशेष गैर-एसएलआर निधियों के निवेश के तरीकों के बारे में 13 दिसंबर 1996 को जारी हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरआरबी.बीसी.76/03.05.34/1996-97 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार आरआरबी को समय-समय पर निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन अपनी गैर-एसएलआर अधिशेष निधियों को कुछ निश्चित तरीकों से निवेश करने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति पर जारी वक्तव्य के पैराग्राफ 133 के अनुसार, बैंकों को अपने गैर-एसएलआर निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होने वाले जोखिम को नियंत्रित करने के लिए और अधिक विवेक का अनुपालन करने की सलाह दी गई थी।
आरबीआई/2004/60 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 64/09.04.01/2003-2004 16 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, वर्ष 2003-2004 के लिए पीएमआरवाई के अंतर्गत उपलब्धि के लक्ष्य - लक्ष्य में कमी - हिमाचल प्रदेश कृपया उपर्युक्त विषय पर हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.बीसी.3/09.04.01/2003-2004 दिनांक 7 जुलाई 2003 का संदर्भ लें। 2. हम सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए लक्ष्यों को 4000 से घटाकर 3200 के मूल लक्ष्य तक कम करने का निर्णय लिया है।
आरबीआई/2004/60 आरपीसीडी.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 64/09.04.01/2003-2004 16 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) प्रिय महोदय, वर्ष 2003-2004 के लिए पीएमआरवाई के अंतर्गत उपलब्धि के लक्ष्य - लक्ष्य में कमी - हिमाचल प्रदेश कृपया उपर्युक्त विषय पर हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.बीसी.3/09.04.01/2003-2004 दिनांक 7 जुलाई 2003 का संदर्भ लें। 2. हम सूचित करते हैं कि भारत सरकार ने कार्यक्रम वर्ष 2003-2004 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए लक्ष्यों को 4000 से घटाकर 3200 के मूल लक्ष्य तक कम करने का निर्णय लिया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022