प्रेस प्रकाशनियां - वित्तीय समावेशन और विकास - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
16 अगस्त 2004 आरटीजीएस सेवाएं अब बैंक ग्राहकों के लिए : रिज़र्व बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज घोषणा की है कि उसका रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम सहभागी अर्थात् बैंक के सिरे पर ग्राहक लेनदेनों को डालने के लिए स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग के लिए तैयार (एनेबल) कर दिया गया है। ग्राहक लेनदेनों की स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग, जमा सूचना मिलने पर बैंकों को इस बात की अनुमति देगी कि वे बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ग्राहक के खाते में सीधे ही जमा लिख दें। इससे स्टॉक एक्सचेंज
16 अगस्त 2004 आरटीजीएस सेवाएं अब बैंक ग्राहकों के लिए : रिज़र्व बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज घोषणा की है कि उसका रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) सिस्टम सहभागी अर्थात् बैंक के सिरे पर ग्राहक लेनदेनों को डालने के लिए स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग के लिए तैयार (एनेबल) कर दिया गया है। ग्राहक लेनदेनों की स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग, जमा सूचना मिलने पर बैंकों को इस बात की अनुमति देगी कि वे बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के ग्राहक के खाते में सीधे ही जमा लिख दें। इससे स्टॉक एक्सचेंज
रिज़र्व बैंक ने विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण की शुरुआत की31 मार्च 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के साथ मिल कर एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश के कई केंद्रों में बैंकों की शाखाओं के बीच सुरक्षित, संरक्षित और तेज़ गति से निधियों का अंतरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सहायक होगी। यह योजना पहली अप्रैल 2003 से शुरू की जाएगी, जिसमें मुंबई में अंतर बैंक निधियों के अंतरण का समायोजन किया जाएगा। इस योजना की खास-खास बातें इस प्रकार हैं :इ
रिज़र्व बैंक ने विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण की शुरुआत की31 मार्च 2003भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों के साथ मिल कर एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण योजना की शुरुआत की है। यह योजना देश के कई केंद्रों में बैंकों की शाखाओं के बीच सुरक्षित, संरक्षित और तेज़ गति से निधियों का अंतरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सहायक होगी। यह योजना पहली अप्रैल 2003 से शुरू की जाएगी, जिसमें मुंबई में अंतर बैंक निधियों के अंतरण का समायोजन किया जाएगा। इस योजना की खास-खास बातें इस प्रकार हैं :इ
रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने मुंबई में सीवीपीएस का उद्घाटन किया4 जनवरी 2003डॉ. विमल जालान, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के मुंबई कार्यालय में करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम (सीवीपीएस) का उद्घाटन किया। करेंसी और वेरिफिकेशन सिस्टम रिज़र्व बैंक के कार्यालयों में गंदे करेंसी नोटों की तीव्र और सुरक्षित प्रोसेसिंग के लिए लगाये गये हैं। गंदे करेंसी नोटों को चलन से बाहर करना और उनके स्थान पर नये नोट चलन में डालना, ये कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्
रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने मुंबई में सीवीपीएस का उद्घाटन किया4 जनवरी 2003डॉ. विमल जालान, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक के मुंबई कार्यालय में करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम (सीवीपीएस) का उद्घाटन किया। करेंसी और वेरिफिकेशन सिस्टम रिज़र्व बैंक के कार्यालयों में गंदे करेंसी नोटों की तीव्र और सुरक्षित प्रोसेसिंग के लिए लगाये गये हैं। गंदे करेंसी नोटों को चलन से बाहर करना और उनके स्थान पर नये नोट चलन में डालना, ये कार्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्
रिज़र्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों की खुदरा बिक्री और इलैक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए रास्ता खोला15 दिसंबर 2001निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम (एनडीएस) 15 जनवरी 2002 से शुरू हो जायेगी। इस प्रणाली को लागू करने की शुरुआत में एनएसडी के सदस्यों को यह अनुमति दी जायेगी कि वे चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत पुनर्खरीद/प्रत्यावर्तनीय पुनर्खरीद के लिए अपनी बोलियां इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, इस तारीख से एनडीएस सदस्यों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वार
रिज़र्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों की खुदरा बिक्री और इलैक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए रास्ता खोला15 दिसंबर 2001निगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम (एनडीएस) 15 जनवरी 2002 से शुरू हो जायेगी। इस प्रणाली को लागू करने की शुरुआत में एनएसडी के सदस्यों को यह अनुमति दी जायेगी कि वे चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत पुनर्खरीद/प्रत्यावर्तनीय पुनर्खरीद के लिए अपनी बोलियां इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, इस तारीख से एनडीएस सदस्यों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वार
The first meeting of the National Payments Council constituted by the Reserve Bank of India under the Chairmanship of Deputy Governor, Shri S.P. Talwar to guide the design and development of a modern and efficient Payments and Settlement system for the country was held on July 22, 1999, in Mumbai. The members who attended the meeting included:1.Dr. A.Vasudevan, Executive Director, Reserve Bank of India 2.Shri A.T.Panir Selvam, Chairman, Indian Banks Association3.Shri
The first meeting of the National Payments Council constituted by the Reserve Bank of India under the Chairmanship of Deputy Governor, Shri S.P. Talwar to guide the design and development of a modern and efficient Payments and Settlement system for the country was held on July 22, 1999, in Mumbai. The members who attended the meeting included:1.Dr. A.Vasudevan, Executive Director, Reserve Bank of India 2.Shri A.T.Panir Selvam, Chairman, Indian Banks Association3.Shri
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मार्च 11, 2025