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अगस्त 11, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) केद्रीय कार्यालय मुंबई अधिसूचना सं.फे मा.139/2005-आरबी 11 अगस्त, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) केद्रीय कार्यालय मुंबई अधिसूचना सं.फे मा.139/2005-आरबी 11 अगस्त, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2
अगस्त 01, 2005
बाह्य वाणिज्यिक उधार
आरबीआइ/2005-06/87 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.5 अगस्त 1, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में जारी अप्रैल 25, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.60 और जनवरी 31, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 40 की ओर आकर्षित किया जाता है। प्रचलित व्यष्टि आर्थिक परिस्थितियों, बाह्य वाणिज्यिक उधार की व्यवस्था में रिज़र्व बैंक द्वारा अब तक
आरबीआइ/2005-06/87 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.5 अगस्त 1, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में जारी अप्रैल 25, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.60 और जनवरी 31, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 40 की ओर आकर्षित किया जाता है। प्रचलित व्यष्टि आर्थिक परिस्थितियों, बाह्य वाणिज्यिक उधार की व्यवस्था में रिज़र्व बैंक द्वारा अब तक
जुलाई 29, 2005
पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
 आरबीआइ/2005-06/83 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.04 जुलाई 29, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।2. स्वत: अन
 आरबीआइ/2005-06/83 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.04 जुलाई 29, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।2. स्वत: अन
जुलाई 23, 2005
जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग
 आरबीआइ/2005-06/75 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.03 जुलाई 23, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के पैराग्राफ 6 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक, मामला-दर-माम् ाला आधार पर कतिपय शर्तों के अधीन भारत के निवासियों को किसी पण्य के आयात/ निर्
 आरबीआइ/2005-06/75 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.03 जुलाई 23, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के पैराग्राफ 6 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक, मामला-दर-माम् ाला आधार पर कतिपय शर्तों के अधीन भारत के निवासियों को किसी पण्य के आयात/ निर्
जुलाई 22, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.137/2005-आरबी दिनांक : 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रत
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.137/2005-आरबी दिनांक : 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रत
जुलाई 19, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभ्ााग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 136/2005-आरबी दिनांक :19 जुलाई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभ्ााग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 136/2005-आरबी दिनांक :19 जुलाई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज
जुलाई 18, 2005
ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइन्स - टीआइडीसीओआरपी (फिलिपाइन निर्यात-आयात ऋण एजेंसी - फिलएक्ज़िम के नाम से भी जाना जाता है) को एक्ज़िम बैंक की 2 मिलियन अम्
  आरबीआइ/2005-06/66 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.02 जुलाई 18, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइन्स - टीआइडीसीओआरपी (फिलिपाइन निर्यात-आयात ऋण एजेंसी - फिलएक्ज़िम के नाम से भी जाना जाता है) को एक्ज़िम बैंक की 2 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 7, 2003 को ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइ
  आरबीआइ/2005-06/66 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.02 जुलाई 18, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइन्स - टीआइडीसीओआरपी (फिलिपाइन निर्यात-आयात ऋण एजेंसी - फिलएक्ज़िम के नाम से भी जाना जाता है) को एक्ज़िम बैंक की 2 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 7, 2003 को ट्रेड एण्ड इन्वेस्टमेंट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ दि फिलिपाइ
जुलाई 12, 2005
100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उससे कम मूल्य के माल का आयात - आयात के साक्ष्य के लिए अनुवर्ती कार्रवाई के संबंध में स्पष्टीकरण
आरबीआइ/2005-06/49 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.1 जुलाई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उससे कम मूल्य के माल का आयात - आयात के साक्ष्य के लिए अनुवर्ती कार्रवाई के संबंध में स्पष्टीकरण प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.106 के संलग्नक के पैरा अ.10.1 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिवफ्त व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे 100,00
आरबीआइ/2005-06/49 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.1 जुलाई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,100,000 अमरीकी डॉलर अथवा उससे कम मूल्य के माल का आयात - आयात के साक्ष्य के लिए अनुवर्ती कार्रवाई के संबंध में स्पष्टीकरण प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.106 के संलग्नक के पैरा अ.10.1 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिवफ्त व्यापारियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे 100,00
जून 23, 2005
वायदा संविदाओं को बुक और र िकरना
आरबीआइ/2004-05/500 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.47 जून 23, 2005विदेशी मुद्रा में कारोबार करनेवाले प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदयवायदा संविदाओं को बुक और र िकरना प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 21, 2002 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निवासियों द्वारा अपने विदेशी मुद्रा ऋण जोखिम के संबंध में बुक की हुई सभी वायदा संविदाओं को जो वर्ष के भीतर देय हैं स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की अनुमति दी जाती है, बशर्
आरबीआइ/2004-05/500 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.47 जून 23, 2005विदेशी मुद्रा में कारोबार करनेवाले प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदयवायदा संविदाओं को बुक और र िकरना प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 21, 2002 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निवासियों द्वारा अपने विदेशी मुद्रा ऋण जोखिम के संबंध में बुक की हुई सभी वायदा संविदाओं को जो वर्ष के भीतर देय हैं स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की अनुमति दी जाती है, बशर्
जून 14, 2005
भारत से बाहर दौरे पर निवासी भारतीयों द्वारा इंटरनैशनल डेबिट काड़/ स्टोर वैल्यू काड़/चार्ज काड़/स्मार्ट काड़ का उपयोग
  आरबीआइ/2004-05/492 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.46 जून 14, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत से बाहर दौरे पर निवासी भारतीयों द्वारा इंटरनैशनल डेबिट काड़/ स्टोर वैल्यू काड़/चार्ज काड़/स्मार्ट काड़ का उपयोग भारतीय रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अपनी अधिसूचना सं. पेर्र्&ींुीीvामा 15/2000-आरबी द्वारा डेबिट काड़, एटीएम काड़ अथवा कोई अन्य लिखत को जिसका उपयोग वित्तीय देयताओं के सफ्जन के लिए किया जा सकता है, "करे
  आरबीआइ/2004-05/492 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.46 जून 14, 2005 सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत से बाहर दौरे पर निवासी भारतीयों द्वारा इंटरनैशनल डेबिट काड़/ स्टोर वैल्यू काड़/चार्ज काड़/स्मार्ट काड़ का उपयोग भारतीय रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अपनी अधिसूचना सं. पेर्र्&ींुीीvामा 15/2000-आरबी द्वारा डेबिट काड़, एटीएम काड़ अथवा कोई अन्य लिखत को जिसका उपयोग वित्तीय देयताओं के सफ्जन के लिए किया जा सकता है, "करे
जून 08, 2005
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल
 आरबीआइ/2004-05/487 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.45 जून 08, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 09, 2005 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.33 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जनवरी 20, 2005 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6940 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
 आरबीआइ/2004-05/487 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.45 जून 08, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्रोटोकोल प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 09, 2005 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.33 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जनवरी 20, 2005 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6940 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
मई 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग (केद्रीय कार्यालय) मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.135/2005-आरबी    17 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भार
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग (केद्रीय कार्यालय) मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं.फेमा.135/2005-आरबी    17 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भार
मई 12, 2005
समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण
 आरबीआइ/2005/463 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42 मई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने
 आरबीआइ/2005/463 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42 मई 12, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने
मई 07, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभााग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.134/2005-आरबी  दिनांक : 07 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (स्ांशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उपधारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भाारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के किसी निवासी
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभााग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.134/2005-आरबी  दिनांक : 07 मई, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (शाखा अथवा कार्यालय अथवा कारोबार के अन्य स्थान की भारत में स्थापना) (स्ांशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उपधारा (6) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भाारतीय रिज़र्व बैंक भारत से बाहर के किसी निवासी
अप्रैल 30, 2005
ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2004-05/447 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 अप्रैल 30, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 3, 2005 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की 180 दिन तक
आरबीआइ/2004-05/447 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 41 अप्रैल 30, 2005 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने मार्च 3, 2005 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अफ्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की 180 दिन तक
अप्रैल 25, 2005
स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार
 आरबीआइ/2004-05/434 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.40 अप्रैल 25, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली योग्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों की बाह्य वाणिज्यिक उधार तक पहुंच के संबंध में 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की ओर आकर्षित कि
 आरबीआइ/2004-05/434 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.40 अप्रैल 25, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय,स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली गैर-सरकारी संगठनों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियां करनेवाली योग्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों की बाह्य वाणिज्यिक उधार तक पहुंच के संबंध में 2005-06 के केन्द्रीय बजट में की गई घोषणा की ओर आकर्षित कि
अप्रैल 25, 2005
विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना
 आरबीआइ/2004-05/433 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.39 अप्रैल 25, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को, भारत में, कोई शाखा अथवा संपर्क कार्यालय अथवा चाहे किसी भी नाम से
 आरबीआइ/2004-05/433 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.39 अप्रैल 25, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, विदेशी बीमा कंपनियों द्वारा भारत में संपर्क कार्यालयों की स्थापना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को, भारत में, कोई शाखा अथवा संपर्क कार्यालय अथवा चाहे किसी भी नाम से
अप्रैल 01, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी   01 अप्रैल, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी   01 अप्रैल, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्र
मार्च 31, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग समुद्रपारीय निवेश प्रभाग अधिसूचना सं.फेमा.132/2005-आरबी दिनांक: 31 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा उसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं.19/आरबी-2000) में आंशिक संशोधन
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग समुद्रपारीय निवेश प्रभाग अधिसूचना सं.फेमा.132/2005-आरबी दिनांक: 31 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा उसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं.19/आरबी-2000) में आंशिक संशोधन
मार्च 31, 2005
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजना
 आरबीआइ/2004-05/402 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38 मार्च 31, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रू
 आरबीआइ/2004-05/402 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.38 मार्च 31, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीवफ्त प्रेषण योजनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 के पैराग्राफ 3.4(ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा "गैर सहकारी देशों और क्षेत्रों" के रू
मार्च 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.131/2005-आरबी  दिनांक :17 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.131/2005-आरबी  दिनांक :17 मार्च, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय
मार्च 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.130/2005-आरबी दिनांक 17 मार्च,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैं
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.130/2005-आरबी दिनांक 17 मार्च,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैं
मार्च 15, 2005
पॉवर ऑफ एटर्नी धारक निवासी द्वारा अनिवासी विदेशी खाता/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) द्वारा इन खातों का परिचालन
 आरबीआइ/2004-05/394 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.37 मार्च 15, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, पॉवर ऑफ एटर्नी धारक निवासी द्वारा अनिवासी विदेशी खाता/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) द्वारा इन खातों का परिचालन विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। उसी अधिसूचना की
 आरबीआइ/2004-05/394 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.37 मार्च 15, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, पॉवर ऑफ एटर्नी धारक निवासी द्वारा अनिवासी विदेशी खाता/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) द्वारा इन खातों का परिचालन विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। उसी अधिसूचना की
मार्च 07, 2005
सेनेगल सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
 आरबीआइ/2004-05/391 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.36 मार्च 7, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,सेनेगल सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयताभारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने दिसंबर 10, 2004 को सेनेगल सरकार के साथ उनको कुल 15 मिलियन अमरीकी डॉलर (पंद्रह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण, ग्रामीण लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए सेनेग
 आरबीआइ/2004-05/391 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.36 मार्च 7, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,सेनेगल सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयताभारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने दिसंबर 10, 2004 को सेनेगल सरकार के साथ उनको कुल 15 मिलियन अमरीकी डॉलर (पंद्रह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण, ग्रामीण लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए सेनेग
फ़रवरी 22, 2005
लिसोथो सरकार को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता
 आरबीआइ/2004-05/373 ए .पी.(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.35 फरवरी 22, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,लिसोथो सरकार को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अक्तूबर 12, 2004 को लिसोथो सरकार के साथ कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण पूंजीगत माल, संयंत्र और मशीनरी, औद्योगिक निर्माण, टिकाऊ उपभोक
 आरबीआइ/2004-05/373 ए .पी.(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.35 फरवरी 22, 2005सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,लिसोथो सरकार को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अक्तूबर 12, 2004 को लिसोथो सरकार के साथ कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण पूंजीगत माल, संयंत्र और मशीनरी, औद्योगिक निर्माण, टिकाऊ उपभोक
फ़रवरी 18, 2005
ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना
आरबीआइ/2004-05/366 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 34 फरवरी 18, 2005 प्रति विदेशी मुद्रा कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी अनुसूर्ातिं वाणिय़िक बैंकों का ध्यान हमारे मार्ादिं 6, 1998 के ए.डी (ाा.पी. सिरीा) परिपत्र सं. 7 तथा ाजलाई 9, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 2 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिके द्वारा नामित ए
आरबीआइ/2004-05/366 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 34 फरवरी 18, 2005 प्रति विदेशी मुद्रा कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी अनुसूर्ातिं वाणिय़िक बैंकों का ध्यान हमारे मार्ादिं 6, 1998 के ए.डी (ाा.पी. सिरीा) परिपत्र सं. 7 तथा ाजलाई 9, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 2 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिके द्वारा नामित ए
फ़रवरी 09, 2005
भारत सरकार और पूर्व यूएसएसआर के बीच हुए व्यापार समझौते
आरबीआइ/2004-05/361 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.33 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और पूर्व यूएसएसआर के बीच हुए व्यापार समझौते के अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान दिसंबर 23, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.30 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं नवंबर 27, 2004 से लागू विशेष मुद्रा समूह (करेंसी बास्केट) का रुपया मूल्य 60.5127 रुपये दर्शाया था।2
आरबीआइ/2004-05/361 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.33 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और पूर्व यूएसएसआर के बीच हुए व्यापार समझौते के अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान दिसंबर 23, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.30 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं नवंबर 27, 2004 से लागू विशेष मुद्रा समूह (करेंसी बास्केट) का रुपया मूल्य 60.5127 रुपये दर्शाया था।2
फ़रवरी 09, 2005
समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - उदारीकरण
 आरबीआइ/2004-05/360 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.32 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - उदारीकरण जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/2004-आरबी कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना यह परिपत्र दो मुों िसे संबंधित है। पहला मुा िअधिसूचना जारी करने से संबंधित है जिसमें समुद्रपारीय निवेश से संबंधित सभी संशोधन दिए गए हैं। दूसरा कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना में उदारीकरण से संबंधित है। विस्तफ
 आरबीआइ/2004-05/360 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.32 फरवरी 09, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - उदारीकरण जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/2004-आरबी कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना यह परिपत्र दो मुों िसे संबंधित है। पहला मुा िअधिसूचना जारी करने से संबंधित है जिसमें समुद्रपारीय निवेश से संबंधित सभी संशोधन दिए गए हैं। दूसरा कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना में उदारीकरण से संबंधित है। विस्तफ
फ़रवरी 01, 2005
फेमा 1999 के अंतर्गत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंग
 आरबीआइ/2004-05/355 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.31 फरवरी 1, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, फेमा 1999 के अंतर्गत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंगप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान भारत सरकार के दिनांक 3 मई 2000 के जी.एस.आर.सं.383()िं द्वारा प्रकाशित और 2 नवंबर 2002 के जी.एस.आर.सं.443()िं (प्रति संलग्न) द्वारा यथा संशोधित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसीडिंग्स) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। इन नियमों के अ
 आरबीआइ/2004-05/355 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.31 फरवरी 1, 2005सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, फेमा 1999 के अंतर्गत हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंगप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान भारत सरकार के दिनांक 3 मई 2000 के जी.एस.आर.सं.383()िं द्वारा प्रकाशित और 2 नवंबर 2002 के जी.एस.आर.सं.443()िं (प्रति संलग्न) द्वारा यथा संशोधित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसीडिंग्स) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है। इन नियमों के अ
जनवरी 05, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 127 /आरबी-2004 दिनांक : 5 जनवरी 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उपधारा 3 के खंड (घ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा मई 3, 200 की इसकी अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय-समय पर यथा संशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा. 127 /आरबी-2004 दिनांक : 5 जनवरी 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उपधारा 3 के खंड (घ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा मई 3, 200 की इसकी अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय-समय पर यथा संशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्
दिसंबर 23, 2004
भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान शिष्टाचार
 आरबीआइ/2004-05/310 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.30 दिसंबर 23, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान शिष्टाचारप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 10, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.4 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जून 24, 2004 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6989 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
 आरबीआइ/2004-05/310 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.30 दिसंबर 23, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय,भारत सरकार और भूतपूर्व यूएसएसआर के बीच अप्रैल 30,1981 और दिसंबर 23, 1985 के आस्थगित भुगतान शिष्टाचारप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 10, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.4 की ओर आवफ्ष्ट किया जाता है जबं जून 24, 2004 से लागू विशेष करेंसी बास्केट का रुपया मूल्य 58.6989 रुपये दर्शाया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारी
दिसंबर 02, 2004
वियतनाम सरकार को 27 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता
 आरबीआइ/2004-05/289ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.29 दिसंबर 02, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय, वियतनाम सरकार को 27 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 12, 2004 को वियतनाम समाजवादी गणतंत्र सरकार के साथ कुल 27 मिलियन अमरीकी डॉलर (सत्ताईस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार नवंबर 1, 2004 को लागू हो गया है। यह
 आरबीआइ/2004-05/289ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.29 दिसंबर 02, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक महोदया/महोदय, वियतनाम सरकार को 27 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 12, 2004 को वियतनाम समाजवादी गणतंत्र सरकार के साथ कुल 27 मिलियन अमरीकी डॉलर (सत्ताईस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार नवंबर 1, 2004 को लागू हो गया है। यह
नवंबर 27, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.125/2004-आरबी दिनांक :27 नवंबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की धारा 6 और उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.125/2004-आरबी दिनांक :27 नवंबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की धारा 6 और उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र
नवंबर 19, 2004
इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट
 आरबीआइ/2004-05/280ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.28 नवंबर 19, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन यूनियन के माध्यम से लेनदेन हेतु प्रक्रिया के ज्ञापन की मद 7(ख) और (ङ) के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.14/2000-आरबी के विनियम 3 और 5 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान की शर्त पर क्
 आरबीआइ/2004-05/280ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.28 नवंबर 19, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, इन्डो-म्यांमार व्यापार - एशियाई समाशोधन यूनियन तंत्र से छूट प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन यूनियन के माध्यम से लेनदेन हेतु प्रक्रिया के ज्ञापन की मद 7(ख) और (ङ) के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.14/2000-आरबी के विनियम 3 और 5 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान की शर्त पर क्
नवंबर 11, 2004
(i)यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा (ii)म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक, म्यांमार को 56.358 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता
 आरबीआइ/2004-05/275ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.27 नवंबर 11, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, (i)यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा (ii)म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक, म्यांमार को 56.358 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका (यूनिबैंको) तथा म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक
 आरबीआइ/2004-05/275ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.27 नवंबर 11, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने कि लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, (i)यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा (ii)म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक, म्यांमार को 56.358 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की ऋण सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने यूनिबैंको-युनियौ डि बैंकोस ब्रेसिलैरोस, दक्षिण अप्रिका (यूनिबैंको) तथा म्यांमा पॉरेन ट्रेड बैंक
नवंबर 01, 2004
पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर संविदा करार करना
आरबीआइ/2004-05/265 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 26 नवंबर 1, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर संविदा करार करना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों (एडी) का ध्यान ााटखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन के संबंध में दिसंबर 9, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र क्र. 46 और ाजलाई 1, 2004 के मास्टर परिपत्र क्र. 2 के पैरा अ 2 की ओर आकृष्ट किया ााता है ासिके अनुसार आयातकों / निर्यातकों का उनके पिछले तीन वर्ष
आरबीआइ/2004-05/265 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 26 नवंबर 1, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर संविदा करार करना प्राधिकृत व्यापारी बैंकों (एडी) का ध्यान ााटखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन के संबंध में दिसंबर 9, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र क्र. 46 और ाजलाई 1, 2004 के मास्टर परिपत्र क्र. 2 के पैरा अ 2 की ओर आकृष्ट किया ााता है ासिके अनुसार आयातकों / निर्यातकों का उनके पिछले तीन वर्ष
नवंबर 01, 2004
भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना
 आरबीआइ/2004-05/263ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.24 नवंबर 1, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अप्रैल 17, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीजॅ) परिपत्र सं.87 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें प्राधिवफ्त व्यापारियों को एक्ज़िम नीति के अंतर्गत अनुमत सभी वस्तुओं के आयात के लिए प्रति आयात लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी
 आरबीआइ/2004-05/263ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.24 नवंबर 1, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अप्रैल 17, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीजॅ) परिपत्र सं.87 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें प्राधिवफ्त व्यापारियों को एक्ज़िम नीति के अंतर्गत अनुमत सभी वस्तुओं के आयात के लिए प्रति आयात लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी
नवंबर 01, 2004
माल और सेवाओं को निर्यात - निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के लिए वसूली की अवधि
 आरबीआई/2004-05/264एपी (डीआइआर सिरीजॅ) परिप)ा सं.25 नवंबर 1, 2004विदेश्ीं मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, माल और सेवाओं को निर्यात - निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के लिए वसूली की अवधिप्राधिवफ्त व्यापारी (एडी) बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फ्ेमा. 23/2000 - आर.बी. के विनियम 9 के उप-विनियम (1) के परंतुक की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निर्यात आय की वसूली और भारत में उसके प्रत्यावर्तन की अवधि को छ: माह से और आगे बढ
 आरबीआई/2004-05/264एपी (डीआइआर सिरीजॅ) परिप)ा सं.25 नवंबर 1, 2004विदेश्ीं मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, माल और सेवाओं को निर्यात - निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के लिए वसूली की अवधिप्राधिवफ्त व्यापारी (एडी) बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फ्ेमा. 23/2000 - आर.बी. के विनियम 9 के उप-विनियम (1) के परंतुक की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निर्यात आय की वसूली और भारत में उसके प्रत्यावर्तन की अवधि को छ: माह से और आगे बढ
अक्‍तूबर 27, 2004
घाना सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता
  आरबीआइ/2004-05/249ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.22 अक्तूबर 27, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, ‌घाना सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अक्तूबर 24, 2003 को घाना गणतंत्र सरकार के साथ उनको कुल 15 मिलियन अमरीकी डॉलर (पंद्रह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण, पूंजी माल, संयंत्र तथा मशीनरी, औद्योगिक
  आरबीआइ/2004-05/249ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.22 अक्तूबर 27, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमहोदया/महोदय, ‌घाना सरकार को एक्ज़िम बैंक की 15 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अक्तूबर 24, 2003 को घाना गणतंत्र सरकार के साथ उनको कुल 15 मिलियन अमरीकी डॉलर (पंद्रह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। यह ऋण, पूंजी माल, संयंत्र तथा मशीनरी, औद्योगिक
अक्‍तूबर 27, 2004
ईस्टर्न एण्ड सदर्न अप्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता
  आरबीआइ/2004-05/250ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.23 अक्तूबर 27, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अप्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 31, 2004 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अप्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण
  आरबीआइ/2004-05/250ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.23 अक्तूबर 27, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय ईस्टर्न एण्ड सदर्न अप्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 31, 2004 को ईस्टर्न एण्ड सदर्न अप्रिकन ट्रेड एण्ड डेवलपमेंट बैंक (पीटीए बैंक) को कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण
अक्‍तूबर 26, 2004
सुरीनाम सरकार को एक्ज़िम बैंक की 16 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता
 आरबीआइ/2004-05/242ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.21 अक्तूबर 26, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, ‌सुरीनाम सरकार को एक्ज़िम बैंक की 16 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 14, 2004 को सुरीनाम सरकार के साथ उनको कुल 16 मिलियन अमरीकी डॉलर (सोलह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार सितंबर 28, 2004 से लागू बे गया है। कुल
 आरबीआइ/2004-05/242ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.21 अक्तूबर 26, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमहोदया/महोदय, ‌सुरीनाम सरकार को एक्ज़िम बैंक की 16 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सबयता भाारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 14, 2004 को सुरीनाम सरकार के साथ उनको कुल 16 मिलियन अमरीकी डॉलर (सोलह मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सबयता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार सितंबर 28, 2004 से लागू बे गया है। कुल
अक्‍तूबर 25, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन
 आरबीआइ/2004-05/234ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 अक्तूबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमबेदया/मबेदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान परवरी 24, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.76 की मद 2(ख्ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवाल
 आरबीआइ/2004-05/234ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 अक्तूबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकमबेदया/मबेदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (पेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - ट्रांसपोंडर किराए पर लेने के लिए प्रेषण - प्रक्रियागत परिवर्तन प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान परवरी 24, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.76 की मद 2(ख्ववव) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार टी.वी. चैनलों और इंटरनेट सेवा प्रदान करनेवाल
अक्‍तूबर 20, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन
आरबीआइ/2004-05/230 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 19 अक्तूबर 20, 2004 प्रति विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 13, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिमें यह सूर्ातिं किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन / संशोधनों को अलग से ाारी किया ाा रहा है । रिज़र्व बैंक द्वारा ाारी और सरकारी गाट
आरबीआइ/2004-05/230 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 19 अक्तूबर 20, 2004 प्रति विदेशी मुद्रा करोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 13, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिमें यह सूर्ातिं किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन / संशोधनों को अलग से ाारी किया ाा रहा है । रिज़र्व बैंक द्वारा ाारी और सरकारी गाट
अक्‍तूबर 16, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/222 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.18 16 अक्तूबर,2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन हम सूचित करते हैं कि 31 मार्च,2004 से विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग का नाम बदलकर विदेशी मुद्रा विभाग कर दिया गया है । भारत सरकार द्वारा 9 सितंबर 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी को उपर्युक्त  परिवर्तन को अधिसूचित करने के लि
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/222 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.18 16 अक्तूबर,2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 -संशोधन हम सूचित करते हैं कि 31 मार्च,2004 से विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग का नाम बदलकर विदेशी मुद्रा विभाग कर दिया गया है । भारत सरकार द्वारा 9 सितंबर 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी को उपर्युक्त  परिवर्तन को अधिसूचित करने के लि
अक्‍तूबर 16, 2004
विदेशी एयरलाइंस/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ के पक्ष में बेंक गारंटी जारी करना
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी  मुद्रा  विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004-05/221 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17 16 अक्तूबर 2004 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया विदेशी एयरलाइंस/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ के पक्ष में बेंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000  के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी  मुद्रा  विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004-05/221 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.17 16 अक्तूबर 2004 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया विदेशी एयरलाइंस/अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ के पक्ष में बेंक गारंटी जारी करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 8/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000  के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया
अक्‍तूबर 16, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी)(संशोधन)विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.पेÀमा. 124/2004-आरबी 16 अक्तूबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ञ) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, संक्षिप्त नाम और प्रारंभ 1.(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) (संशोधन) विनियमावल
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.पेÀमा. 124/2004-आरबी 16 अक्तूबर, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ञ) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, संक्षिप्त नाम और प्रारंभ 1.(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) (संशोधन) विनियमावल
अक्‍तूबर 04, 2004
पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना
  आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16 अक्तूबर 04, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिस
  आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16 अक्तूबर 04, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिस
अक्‍तूबर 01, 2004
बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तन
  आरबीआइ/2004-05/203ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तनप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान नवंबर 14, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भुगतान/ चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी ज्ञान शुल्क / रॉयल्टी और बाह्य वाणिज्यिक उधार पर ईक्विटी/ अधिमानी शेयरों के निर
  आरबीआइ/2004-05/203ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय बाह्य वाणिज्यिक उधार और एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी का ईक्विटी में परिवर्तनप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान नवंबर 14, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भुगतान/ चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी ज्ञान शुल्क / रॉयल्टी और बाह्य वाणिज्यिक उधार पर ईक्विटी/ अधिमानी शेयरों के निर
अक्‍तूबर 01, 2004
श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करना
  आरबीआइ/2004-05/201ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.13 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.पेमा.100/2003-आरबी के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/2000-आरबी के विनियम सं.5(1) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक
  आरबीआइ/2004-05/201ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.13 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय श्रीलंका और बांगलादेश के नागरिकों को कमर्चारी स्टॉक विकल्प योजना के अधीन शेयर जारी करनाप्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अक्तूबर 3, 2003 की अधिसूचना सं.पेमा.100/2003-आरबी के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/2000-आरबी के विनियम सं.5(1) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक
अक्‍तूबर 01, 2004
निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)
 आरबीआइ/2004-05/202ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक मबेदया/मबेदय निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसक
 आरबीआइ/2004-05/202ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14 अक्तूबर 01, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक मबेदया/मबेदय निवासी व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण - एडीआर/जीडीआर संबद्ध कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी)प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.19/आरबी-2000 के विनियम 21(2) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक किसी भारतीय सॉफ्टवेअर कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर इसक
सितंबर 25, 2004
सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात
  आरबीआइ/2004-05/193ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 सितंबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर.381(E) द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची घ्घ् की मद 4 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार सार्वजनिक क
  आरबीआइ/2004-05/193ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 सितंबर 25, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंकमबेदया/मबेदय सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर.381(E) द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची घ्घ् की मद 4 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार सार्वजनिक क
सितंबर 13, 2004
भारत में विदेशी निवेश
आरबीआई/2004-05/176  ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 सितबंर 13, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय भारत में विदेशी निवेश प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 के फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित भारत में विदेशी विवेश से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम ) विनियम 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. उसी अधिसूचना के विनि
आरबीआई/2004-05/176  ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 सितबंर 13, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया/महोदय भारत में विदेशी निवेश प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 के फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित भारत में विदेशी विवेश से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम ) विनियम 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. उसी अधिसूचना के विनि
सितंबर 13, 2004
लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात
आरबीआई /2004-05/175 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.10 13 सितबंर 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया / महोदय लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान अगस्त 20, 2003 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक में सूचीबध्द देशों को निर्यातित माल / सॉफ्टवेयर के पूर्ण मूल्य की 360 दिनों के भीतर वसूली और प्रत्यावर्तन सुविधा को समी
आरबीआई /2004-05/175 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.10 13 सितबंर 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक महोदया / महोदय लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान अगस्त 20, 2003 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक में सूचीबध्द देशों को निर्यातित माल / सॉफ्टवेयर के पूर्ण मूल्य की 360 दिनों के भीतर वसूली और प्रत्यावर्तन सुविधा को समी
सितंबर 09, 2004
भारत सरकार का कार्यालयीन गज़ट
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) (केंद्रीय कार्यालय)मुंबई अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी दिनांक : 09 सितंबर,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (छ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग के नाम को "विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग" से "विदेशी मुद्रा विभाग" में परिवर्तित करने के लिए रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि 31जनवरी, 2004 से रिज़र्व
भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) (केंद्रीय कार्यालय)मुंबई अधिसूचना सं. फेमा.123/2004-आरबी दिनांक : 09 सितंबर,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (छ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग के नाम को "विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग" से "विदेशी मुद्रा विभाग" में परिवर्तित करने के लिए रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि 31जनवरी, 2004 से रिज़र्व
सितंबर 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) (संशोधन) विनियमावली, 2004

Reserve Bank of India (Foreign Exchange Department) (Central Office) G.S.R.278(E) dated April 23, 2004 - Part II - Section 3 - Sub-section (i) Notification No.FEMA.111/2004-RB March 6, 2004 Foreign Exchange Management (Transfer or Issue of Security by a Person Resident outside India) (Amendment) Regulations, 2004 In exercise of the powers conferred by clause (b) of sub-section (3) of Section 6 and Section 47 of the Foreign Exchange Management Act, 1999 (42 of 1999) an

Reserve Bank of India (Foreign Exchange Department) (Central Office) G.S.R.278(E) dated April 23, 2004 - Part II - Section 3 - Sub-section (i) Notification No.FEMA.111/2004-RB March 6, 2004 Foreign Exchange Management (Transfer or Issue of Security by a Person Resident outside India) (Amendment) Regulations, 2004 In exercise of the powers conferred by clause (b) of sub-section (3) of Section 6 and Section 47 of the Foreign Exchange Management Act, 1999 (42 of 1999) an

सितंबर 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/154 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.9 1 सितंबर 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्रों की संलग्न सूची की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. इन परिपत्रों में यह उल्लेख था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे थे। अब भारतीय रिज्रव बैं
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 भा.रि.बैं/2004-05/154 ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.9 1 सितंबर 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्रों की संलग्न सूची की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. इन परिपत्रों में यह उल्लेख था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे थे। अब भारतीय रिज्रव बैं
सितंबर 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.115/2004-आरबी दिनांक: 25 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 4/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विद
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.115/2004-आरबी दिनांक: 25 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 4/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विद
सितंबर 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 अधिसूचना सं. फेमा 114/2004-आरबी दिनांक :13 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड(क) और उप-धारा (3) , धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000) में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई-400 001 अधिसूचना सं. फेमा 114/2004-आरबी दिनांक :13 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड(क) और उप-धारा (3) , धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000) में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्
सितंबर 01, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 116/2004-आरबी दिनांक : 25 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड(क) और उप-धारा (3) , धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000) में आंशिक संशोधन करते हुए भार
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केद्रीय कार्यालय मुंबई - 400 001 अधिसूचना सं. फेमा 116/2004-आरबी दिनांक : 25 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड(क) और उप-धारा (3) , धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000) में आंशिक संशोधन करते हुए भार
अगस्त 30, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2004
भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभ्ााग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.122/2004-आरबी 30 अगस्त,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भ्ाारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की धारा 6 और उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए (भारतीय रिज़र
भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभ्ााग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.122/2004-आरबी 30 अगस्त,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध - (भ्ाारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 की धारा 6 और उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए (भारतीय रिज़र
अगस्त 26, 2004
अनिवासी निक्षेप- व्यापक एकल विवरणी (एनआरडी-सीएसआर)-संशोधित विवरण 2.1@
विदेशी  मुद्रा  विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004/141 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.8 26 अगस्त, 2004 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया अनिवासी निक्षेप- व्यापक एकल विवरणी (एनआरडी-सीएसआर)-संशोधित विवरण 2.1@ प्राधिकृत व्यापारियों (एडीएस) का ध्यान 30 अप्रैल, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 99 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा माह अप्रैल 2003 से अनिवासी निक्षेप पर सीएसआर फॉर्मेट में मासिक आधार पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिय
विदेशी  मुद्रा  विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004/141 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.8 26 अगस्त, 2004 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया अनिवासी निक्षेप- व्यापक एकल विवरणी (एनआरडी-सीएसआर)-संशोधित विवरण 2.1@ प्राधिकृत व्यापारियों (एडीएस) का ध्यान 30 अप्रैल, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 99 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा माह अप्रैल 2003 से अनिवासी निक्षेप पर सीएसआर फॉर्मेट में मासिक आधार पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिय
अगस्त 16, 2004
हंगेरियन एक्पोर्ट-इंपोर्ट बैंक लि., हंगेरी को एक्जिम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआई/2004-05/119ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.7 अगस्त 16, 2004 सेवा मेंविदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय हंगेरियन एक्पोर्ट-इंपोर्ट बैंक लि., हंगेरी को एक्जिम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने नवंबर 7, 2003 को हंगेरियन एक्पोर्ट-इंपोर्ट बैंक लि., हंगेरी के साथ उनको कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (पचास मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार जुलाई 22,
आरबीआई/2004-05/119ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.7 अगस्त 16, 2004 सेवा मेंविदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय हंगेरियन एक्पोर्ट-इंपोर्ट बैंक लि., हंगेरी को एक्जिम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने नवंबर 7, 2003 को हंगेरियन एक्पोर्ट-इंपोर्ट बैंक लि., हंगेरी के साथ उनको कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (पचास मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार जुलाई 22,
जुलाई 20, 2004
25 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए मार्च 23, 2004 का भारत - श्रीलंका ऋण करार
आरबीआई/2004-05/58 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.5 जुलाई 20, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय 25 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए मार्च 23, 2004 का भारत - श्रीलंका ऋण करार भारत सरकार ने श्रीलंका गणराज्य की सरकार को जनवरी 29, 2001 को दोनों सरकारों केग बीच हुए ऋण करार के अंतर्गत प्रदान की गई 100 मिलियन अमरीकी डॉलर में से 25 मिलियन अमरीकी डॉलर (पच्चीस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) का तीसरा हिस्सा उपलब्ध करा दिया है । दोनो सरकारों के बीच इस आशय
आरबीआई/2004-05/58 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.5 जुलाई 20, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय 25 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए मार्च 23, 2004 का भारत - श्रीलंका ऋण करार भारत सरकार ने श्रीलंका गणराज्य की सरकार को जनवरी 29, 2001 को दोनों सरकारों केग बीच हुए ऋण करार के अंतर्गत प्रदान की गई 100 मिलियन अमरीकी डॉलर में से 25 मिलियन अमरीकी डॉलर (पच्चीस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) का तीसरा हिस्सा उपलब्ध करा दिया है । दोनो सरकारों के बीच इस आशय
जुलाई 20, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2004
आरबीआई/2004-05/59 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं.6 20,जुलाई 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2004 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता ) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । वही अधिसूचना के वि
आरबीआई/2004-05/59 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं.6 20,जुलाई 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2004 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता ) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । वही अधिसूचना के वि
जुलाई 10, 2004
सुडान सरकार को एक्जिम बैंक की 50 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआई/2004-05/35 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 3 जुलाई 10, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय सुडान सरकार को एक्जिम बैंक की 50 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने सुडान सरकार के साथ कुल 50 मिलियन अमरीकी डॉलर (पचास मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता सुडान सरकार को उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार जून 4, 2004 से लागू हो गया है । यह ऋण भारत सरकार के ’एक्जिम नीति’ के अंतर्ग
आरबीआई/2004-05/35 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 3 जुलाई 10, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय सुडान सरकार को एक्जिम बैंक की 50 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने सुडान सरकार के साथ कुल 50 मिलियन अमरीकी डॉलर (पचास मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता सुडान सरकार को उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार जून 4, 2004 से लागू हो गया है । यह ऋण भारत सरकार के ’एक्जिम नीति’ के अंतर्ग
जुलाई 10, 2004
दिनांक अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के भारत सरकार तथा पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच आस्थगित भुगतान शिष्टाचार
आरबीआइ/2004-05/36 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.4 जुलाई 10, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा के सभी प्राधिवफ्त व्यापारीमहोदया/महोदय,दिनांक अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के भारत सरकार तथा पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच आस्थगित भुगतान शिष्टाचारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान अप्रैल 22, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.88 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसमें अप्रैल 02, 2004 से विशेष मुद्रा समूह का रुपया मूल्य 56.8476 रु. दर्शाया गया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारियों को सूचित
आरबीआइ/2004-05/36 ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.4 जुलाई 10, 2004सेवा मेंविदेशी मुद्रा के सभी प्राधिवफ्त व्यापारीमहोदया/महोदय,दिनांक अप्रैल 30, 1981 और दिसंबर 23, 1985 के भारत सरकार तथा पूर्ववर्ती यूएसएसआर के बीच आस्थगित भुगतान शिष्टाचारप्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान अप्रैल 22, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.88 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसमें अप्रैल 02, 2004 से विशेष मुद्रा समूह का रुपया मूल्य 56.8476 रु. दर्शाया गया था।2. प्राधिवफ्त व्यापारियों को सूचित
जुलाई 09, 2004
(i) निर्यात उन्मुख इकाइयों (ii) विशेष आर्थिक अंचल / निर्यात उन्मुख इकाइयों तथा (iii) नामित एजेंसियों द्वारा स्वर्ण आयात
आरबीआई/2004-05/30 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 2 जुलाई 9, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी सभी अनुसूचित वाणिज्यि बैंक महोदया / महोदय (i) निर्यात उन्मुख इकाइयों (ii) विशेष आर्थिक अंचल / निर्यात उन्मुख इकाइयों तथा (iii) नामित एजेंसियों द्वारा स्वर्ण आयात कृपया मार्च 6, 1998 का हमारा ए.डी.(जी.पी. सिरीज) परिपत्र सं. 7 (प्रतिलिपि संलग्न देखें जिसमें नामित एजेंसियों तथा अनुमोदित बैंकों को अलग-अलग व्यवस्था के अंतर्गत स्वर्ण आयात करने की अनुमति दी गई
आरबीआई/2004-05/30 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 2 जुलाई 9, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी सभी अनुसूचित वाणिज्यि बैंक महोदया / महोदय (i) निर्यात उन्मुख इकाइयों (ii) विशेष आर्थिक अंचल / निर्यात उन्मुख इकाइयों तथा (iii) नामित एजेंसियों द्वारा स्वर्ण आयात कृपया मार्च 6, 1998 का हमारा ए.डी.(जी.पी. सिरीज) परिपत्र सं. 7 (प्रतिलिपि संलग्न देखें जिसमें नामित एजेंसियों तथा अनुमोदित बैंकों को अलग-अलग व्यवस्था के अंतर्गत स्वर्ण आयात करने की अनुमति दी गई
जुलाई 05, 2004
अंगोला सरकार को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की वित्तीय सहायता
आरबीआई/2004-05/16 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 1 जुलाई 5, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय अंगोला सरकार को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने फरवरी 20, 2004 को अंगोला सरकार को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार जून 16, 2004 से लागू हो गया है । ऋण उन माल और सेवाएं जो भारत सरकार की एक्जिम
आरबीआई/2004-05/16 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 1 जुलाई 5, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय अंगोला सरकार को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने फरवरी 20, 2004 को अंगोला सरकार को कुल 5 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार जून 16, 2004 से लागू हो गया है । ऋण उन माल और सेवाएं जो भारत सरकार की एक्जिम
जून 29, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 119/2004-आरबी दिनांक: 29 जून , 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण)(संशोधन) विनियमावली, 2000, में निम्न
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा 119/2004-आरबी दिनांक: 29 जून , 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण)(संशोधन) विनियमावली, 2000, में निम्न
जून 21, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. आरबीआई /2004/258 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 97 जून 21,  2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान संलग्न किए हुए ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्रों की सूची की ओर आकर्षित किया जाता हैं  । 2. इन परिपत्रों में बताया गया हैं कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. आरबीआई /2004/258 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 97 जून 21,  2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान संलग्न किए हुए ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्रों की सूची की ओर आकर्षित किया जाता हैं  । 2. इन परिपत्रों में बताया गया हैं कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग
जून 15, 2004
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - उदारीकरण
आरबीआइ/2004/246 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.96 जून 15, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 के अनुसार भारत में निवासी कोई व्यक्ति उपर्युक्त अधिसूचना के अनुसूची में विनिर्दिष्ट विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते योजना की शर्तों के अधीन किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता कहा जाने
आरबीआइ/2004/246 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.96 जून 15, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी के विनियम 4 के अनुसार भारत में निवासी कोई व्यक्ति उपर्युक्त अधिसूचना के अनुसूची में विनिर्दिष्ट विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते योजना की शर्तों के अधीन किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता कहा जाने
जून 09, 2004
बैंक तुरनअलेम, कज़ाखिस्तान को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की ऋण सहायता
आरबीआइ/2004/238 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.95 जून 9, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय बैंक तुरनअलेम, कज़ाखिस्तान को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की ऋण सहायता प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान एक्जिम बैंक द्वारा बैंक तुरनअलेम कज़ाखिस्तान को किए गए 10 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण के संबंध में अप्रेल 16, 2004 (आरबीआई / 2004 / 148) के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.84 की ओर आकर्षित किया जाता है । यह सूचित किया जाता है कि भारत से निर्
आरबीआइ/2004/238 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.95 जून 9, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय बैंक तुरनअलेम, कज़ाखिस्तान को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की ऋण सहायता प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान एक्जिम बैंक द्वारा बैंक तुरनअलेम कज़ाखिस्तान को किए गए 10 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण के संबंध में अप्रेल 16, 2004 (आरबीआई / 2004 / 148) के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.84 की ओर आकर्षित किया जाता है । यह सूचित किया जाता है कि भारत से निर्
जून 07, 2004
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - व्यापार से संबंधित ऋण / अग्रिम
आरबीआई/2004/233 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.94 जून 7, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - व्यापार से संबंधित ऋण / अग्रिम प्राधिकृत व्यारियों का ध्यान फरवरी 14, 2003 और मई 31, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज ) परिपत्र सं. क्रमश: 78 और 104 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के विनियम 5 के उप-विनियम (4) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम
आरबीआई/2004/233 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.94 जून 7, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - व्यापार से संबंधित ऋण / अग्रिम प्राधिकृत व्यारियों का ध्यान फरवरी 14, 2003 और मई 31, 2003 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज ) परिपत्र सं. क्रमश: 78 और 104 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के विनियम 5 के उप-विनियम (4) अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम
मई 25, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 - अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्तियों को रुपयों में आवास ऋण
आरबीआइ/2004/219 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.93 मई 25, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 - अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्तियों को रुपयों में आवास ऋण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 4/2000 - आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) अवनियमावली 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है । उसी अधिसूचना के विनि
आरबीआइ/2004/219 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.93 मई 25, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 - अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्तियों को रुपयों में आवास ऋण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 4/2000 - आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) अवनियमावली 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है । उसी अधिसूचना के विनि
मई 19, 2004
रिपब्लिक बैंक, त्रिनिदाद और टोबैगो को एक्जिम बैंक की 8 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2004/208 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.92 मई 19, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय रिपब्लिक बैंक, त्रिनिदाद और टोबैगो को एक्जिम बैंक की 8 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात - आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने रिपब्लिक बैंक, त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ कुल 8 मिलियन अमरीकी डॉलर (आठ मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार मई 14, 2004 से लागू हो गया है और पात्र भारतीय माल और स
आरबीआइ/2004/208 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.92 मई 19, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय रिपब्लिक बैंक, त्रिनिदाद और टोबैगो को एक्जिम बैंक की 8 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात - आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने रिपब्लिक बैंक, त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ कुल 8 मिलियन अमरीकी डॉलर (आठ मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण करार मई 14, 2004 से लागू हो गया है और पात्र भारतीय माल और स
मई 14, 2004
बैंक औवेस्ट अफ्रिकैने डे डेवलपमेंट (बीओएडी - वेस्ट अफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक ) को एक्जिम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (अथवा समतुल्य यूरो) की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2004/198 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.91 मई 14, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बैंक औवेस्ट अफ्रिकैने डे डेवलपमेंट (बीओएडी - वेस्ट अफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक ) को एक्जिम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (अथवा समतुल्य यूरो) की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात - आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने बैंक औवेस्ट अफ्रिकैने डे डेवलपमेंट (बीओएडी-वेस्ट अफ्रिकेन डेवलपमेंट बैंक) के साथ पश्चिम अफ्रिकी आर्थिक और मौद्रिक संघ में बीओएडी के सदस्य देश, अर्थात ब
आरबीआइ/2004/198 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.91 मई 14, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बैंक औवेस्ट अफ्रिकैने डे डेवलपमेंट (बीओएडी - वेस्ट अफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक ) को एक्जिम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (अथवा समतुल्य यूरो) की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात - आयात बैंक (एक्जिम बैंक ) ने बैंक औवेस्ट अफ्रिकैने डे डेवलपमेंट (बीओएडी-वेस्ट अफ्रिकेन डेवलपमेंट बैंक) के साथ पश्चिम अफ्रिकी आर्थिक और मौद्रिक संघ में बीओएडी के सदस्य देश, अर्थात ब
मई 03, 2004
कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ईएसओपी) योजना के अंतर्गत व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अभिग्रहण
आरबीआइ/2004/188 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.90 मई 3, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ईएसओपी) योजना के अंतर्गत व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अभिग्रहण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 19/2000-आरबी के विनियम 19 और बाद के एपी (डीआइआर सिरिज) परिपत्र सं. 32 दिनांक अप्रैल 28, 2001, सं.16 दिनांक दिसंबर 15, 2001 और सं. 68 दिनांक जनवरी 13, 2003 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके
आरबीआइ/2004/188 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.90 मई 3, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ईएसओपी) योजना के अंतर्गत व्यक्तियों द्वारा विदेशी प्रतिभूतियों का अभिग्रहण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 19/2000-आरबी के विनियम 19 और बाद के एपी (डीआइआर सिरिज) परिपत्र सं. 32 दिनांक अप्रैल 28, 2001, सं.16 दिनांक दिसंबर 15, 2001 और सं. 68 दिनांक जनवरी 13, 2003 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके
अप्रैल 24, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 - जमा राशि स्वीकार करना - संशोधित मार्गदर्शी सिध्दांत
आरबीआइ/2004/179 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.89 अप्रैल 24, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 - जमा राशि स्वीकार करना - संशोधित मार्गदर्शी सिध्दांत विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि ) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा जारी) के विनियम 7 (1) और (2) के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी / प्राधिकृत बैंकों से इतर व्यक्तियों को अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार करने
आरबीआइ/2004/179 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.89 अप्रैल 24, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 - जमा राशि स्वीकार करना - संशोधित मार्गदर्शी सिध्दांत विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि ) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा जारी) के विनियम 7 (1) और (2) के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी / प्राधिकृत बैंकों से इतर व्यक्तियों को अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार करने
अप्रैल 22, 2004
दिनांक 30 अप्रैल 1981 और 23 दिसंबर 1985 के भारत सरकार और पूर्ववत यूएसएसआर के ब ाच आस्थागित भुगतान शिष्टाचार
आरबीआइ/2004/174 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.88 अप्रैल 22, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय दिनांक 30 अप्रैल 1981 और 23 दिसंबर 1985 के भारत सरकार और पूर्ववत यूएसएसआर के ब ाच आस्थागित भुगतान शिष्टाचार प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 19, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.59 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसमें जनवरी 01, 2004 से विशेष मुद्रा समूह का रुपया मूल्य 59.3395 रु. दर्शाया गया था । 2. प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित कि
आरबीआइ/2004/174 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.88 अप्रैल 22, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय दिनांक 30 अप्रैल 1981 और 23 दिसंबर 1985 के भारत सरकार और पूर्ववत यूएसएसआर के ब ाच आस्थागित भुगतान शिष्टाचार प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 19, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.59 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसमें जनवरी 01, 2004 से विशेष मुद्रा समूह का रुपया मूल्य 59.3395 रु. दर्शाया गया था । 2. प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित कि
अप्रैल 17, 2004
भारत में आयात के लिए व्यापारिक उधार - समीक्षा और सरलीकरण
आरबीआइ/2004/154 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.87 अप्रैल 17, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय भारत में आयात के लिए व्यापारिक उधार - समीक्षा और सरलीकरण जैसा कि प्रधिकृत व्यापारियों को मालूम है, सितंबर 27, 2002 से प्राधिकृत व्यापारियों को तीन वर्ष से कम अवधि के लिए 20 मिलियन अमरिकी डॉलर तक के प्रति आयात लेनदेन के अल्पावधि उधार को अनुमोदित करने की अनुमति दी गई है (देखें सितंबर 27, 2002 का ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र क्र.25) । 20 मिलियन अम
आरबीआइ/2004/154 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.87 अप्रैल 17, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय भारत में आयात के लिए व्यापारिक उधार - समीक्षा और सरलीकरण जैसा कि प्रधिकृत व्यापारियों को मालूम है, सितंबर 27, 2002 से प्राधिकृत व्यापारियों को तीन वर्ष से कम अवधि के लिए 20 मिलियन अमरिकी डॉलर तक के प्रति आयात लेनदेन के अल्पावधि उधार को अनुमोदित करने की अनुमति दी गई है (देखें सितंबर 27, 2002 का ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र क्र.25) । 20 मिलियन अम
अप्रैल 17, 2004
फेमा 1999 - चालू खाता लेनदेन - विदेश में रहने वाले नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए विप्रेषण - विदेशी कंपनियों से भारत में प्रतिनियुक्त किए गए भारतीय नागरिकों का अनुरोध
आरबीआइ/2004/153 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.86 अप्रैल 17, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - चालू खाता लेनदेन - विदेश में रहने वाले नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए विप्रेषण - विदेशी कंपनियों से भारत में प्रतिनियुक्त किए गए भारतीय नागरिकों का अनुरोध प्रधिकृत व्यापारियों का ध्यान मार्च 30, 2001 की अधिसूचना सं.एस.ओ.301 (ई) द्वारा यथासंशोधित मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जीएसआर 381 (ई) की अनुसूची III की मद सं.
आरबीआइ/2004/153 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.86 अप्रैल 17, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - चालू खाता लेनदेन - विदेश में रहने वाले नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए विप्रेषण - विदेशी कंपनियों से भारत में प्रतिनियुक्त किए गए भारतीय नागरिकों का अनुरोध प्रधिकृत व्यापारियों का ध्यान मार्च 30, 2001 की अधिसूचना सं.एस.ओ.301 (ई) द्वारा यथासंशोधित मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जीएसआर 381 (ई) की अनुसूची III की मद सं.
अप्रैल 16, 2004
ज़ांबिया सरकार और बैंक गोस्पोदर्स्तवा क्राजोवेगो (नैशनल इकॉनमी बैंक - बीजीके बैंक ), पोलैंड, प्रत्येक को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की वित्तीय सहायता
आरबीआइ/2004/149 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.85 अप्रैल 16, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय ज़ांबिया सरकार और बैंक गोस्पोदर्स्तवा क्राजोवेगो (नैशनल इकॉनमी बैंक - बीजीके बैंक ), पोलैंड, प्रत्येक को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात - आयात बैंक ( एक्जिम बैंक) ने दिसंबर 20, 2003 को वित्त मंत्रालय, ज़ाबिया सरकार और जनवरी 20, 2004 को बीजीके बैंक, पोलैंड, प्रत्येक को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमर
आरबीआइ/2004/149 ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.85 अप्रैल 16, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय ज़ांबिया सरकार और बैंक गोस्पोदर्स्तवा क्राजोवेगो (नैशनल इकॉनमी बैंक - बीजीके बैंक ), पोलैंड, प्रत्येक को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्जिम बैंक की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात - आयात बैंक ( एक्जिम बैंक) ने दिसंबर 20, 2003 को वित्त मंत्रालय, ज़ाबिया सरकार और जनवरी 20, 2004 को बीजीके बैंक, पोलैंड, प्रत्येक को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमर
अप्रैल 16, 2004
बैंक तुरनआलेम, कज़ख्स्तान को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की वित्तीय सहायता
आर.बी.आइ/2004/148 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 84 अप्रैल 16, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बैंक तुरनआलेम, कज़ख्स्तान को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़ाम बैंक) ने फरवरी 27, 2004 को बैंक तुरनआलेम, कज़ख्स्तान को कंल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार मार्च 24, 2004 से लागू हो गया है औरउपकरण माल और सेवाएं और
आर.बी.आइ/2004/148 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 84 अप्रैल 16, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बैंक तुरनआलेम, कज़ख्स्तान को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की एक्ज़िम बैंक की वित्तीय सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़ाम बैंक) ने फरवरी 27, 2004 को बैंक तुरनआलेम, कज़ख्स्तान को कंल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) तक ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार मार्च 24, 2004 से लागू हो गया है औरउपकरण माल और सेवाएं और
अप्रैल 12, 2004
एक्जिम बैंक की बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की साख- पत्र पुन:वित्तीयन सुविधा
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004/141 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.83 12 अप्रैल 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्जिम बैंक की बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की साख- पत्र पुन:वित्तीयन सुविधा भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान (ईरान के इस्लामिक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक) के साथ बादवाले को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर (बीस मिलिय
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400001 भारिबैंक/2004/141 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.83 12 अप्रैल 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्जिम बैंक की बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की साख- पत्र पुन:वित्तीयन सुविधा भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान (ईरान के इस्लामिक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक) के साथ बादवाले को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर (बीस मिलिय
अप्रैल 01, 2004
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - स्पष्टीकरण
आर.बी.आइ/2004/128 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 82 1 अप्रैल 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - स्पष्टीकरण जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों को संशोधत किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक से बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। इन मुद्दों के संबंध में हमारे स्पश
आर.बी.आइ/2004/128 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 82 1 अप्रैल 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - स्पष्टीकरण जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों को संशोधत किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक से बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। इन मुद्दों के संबंध में हमारे स्पश
मार्च 24, 2004
प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा उधार - औचित्यस्थापन और निगरानी
भारिबैंक/2004/113 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 81 24 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा उधार - औचित्यस्थापन और निगरानी प्राधिकृत व्यापारियों को मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के विनियम 4(2) में दी गई परिस्थितियों और उसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन विदेशी मुद्रा में उधार लेने की अनुमति दी गई है। 2. तदनुसार, जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन पर जुलाई 1, 2003 के भारि
भारिबैंक/2004/113 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 81 24 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा समुद्रपारीय विदेशी मुद्रा उधार - औचित्यस्थापन और निगरानी प्राधिकृत व्यापारियों को मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के विनियम 4(2) में दी गई परिस्थितियों और उसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन विदेशी मुद्रा में उधार लेने की अनुमति दी गई है। 2. तदनुसार, जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन पर जुलाई 1, 2003 के भारि
मार्च 18, 2004
निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना - निवेशकर्ता को संरक्षण - प्रकटीकरण अपेक्षाएं
भारिबैंक/2004/105 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 80 18 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना - निवेशकर्ता को संरक्षण - प्रकटीकरण अपेक्षाएं प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 में दिए गए अनुदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा रिज़र्व बैंक ने अधिकतम 25,000 अमरीकी डॉलर प्रति कैलंडर वर्ष के विप्रेषण की निवासी व्य
भारिबैंक/2004/105 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 80 18 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना - निवेशकर्ता को संरक्षण - प्रकटीकरण अपेक्षाएं प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 में दिए गए अनुदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा रिज़र्व बैंक ने अधिकतम 25,000 अमरीकी डॉलर प्रति कैलंडर वर्ष के विप्रेषण की निवासी व्य
मार्च 15, 2004
एक्जिम बैंक की सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी, जिबौटी को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
आर.बी.आइ/2004/99 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 79 15 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्जिम बैंक की सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी, जिबौटी को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी, जिबौटी के साथ जुलाई 24, 2003 को एक करार किया है जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की कुल राशि की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। ऋण की व्यवस्था जनव
आर.बी.आइ/2004/99 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 79 15 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्जिम बैंक की सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी, जिबौटी को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) ने सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी, जिबौटी के साथ जुलाई 24, 2003 को एक करार किया है जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ जिबौटी को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की कुल राशि की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। ऋण की व्यवस्था जनव
मार्च 13, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - आर-विवरणियों के समेकन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत
आर.बी.आइ/2004/95 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 77 13 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - आर-विवरणियों के समेकन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान फरवरी 3, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.76 के की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें फलॉपी में लेनदेन के ब्योरों (एफईटी-ईआरएस- वर्शन 5.0) के साथ हार्ड कॉपी में आर-विवरणी (नॉस्त्रो)और आर-विवरणी (वॉस्त्रो) जमा क
आर.बी.आइ/2004/95 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 77 13 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - आर-विवरणियों के समेकन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान फरवरी 3, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.76 के की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें फलॉपी में लेनदेन के ब्योरों (एफईटी-ईआरएस- वर्शन 5.0) के साथ हार्ड कॉपी में आर-विवरणी (नॉस्त्रो)और आर-विवरणी (वॉस्त्रो) जमा क
मार्च 13, 2004
विदेशी आवक विप्रेषण भुगातान प्रणाली लिखत को हटाना
आर.बी.आइ/2004/96 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 78 13 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी आवक विप्रेषण भुगातान प्रणाली लिखत को हटाना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक V की ओर आकष्रित किया जाता है। उसमें संकेत दिया गया है कि अतिरिक्त निदेशों का विचाराधीन मुद्दा, विदेशी आवक विप्रेषण भुगतान प्रणाली के संबंध में प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी मुद्रा नियंत्रण मैन्युअल क
आर.बी.आइ/2004/96 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 78 13 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी आवक विप्रेषण भुगातान प्रणाली लिखत को हटाना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक V की ओर आकष्रित किया जाता है। उसमें संकेत दिया गया है कि अतिरिक्त निदेशों का विचाराधीन मुद्दा, विदेशी आवक विप्रेषण भुगतान प्रणाली के संबंध में प्राधिकृत व्यापारियों को विदेशी मुद्रा नियंत्रण मैन्युअल क
मार्च 06, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.113/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी) में आंशिक संशोधन करते हुए
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं. फेमा.113/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी) में आंशिक संशोधन करते हुए
मार्च 06, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.112/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय र
भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.112/2004-आरबी दिनांक: 06 मार्च ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय र
फ़रवरी 24, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/74 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 76 24 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान चालू खाता लेनदेन के संबंध में मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक I की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. अधिक उदारीकरण की ओर एक और कदम के रूप में यह निर्णय लिय गया है कि निवासियों द्वारा भेजे गए विप्रेषणों पर से निम्नलिखि
आर.बी.आइ/2004/74 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 76 24 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 - चालू खाता लेनदेन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान चालू खाता लेनदेन के संबंध में मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 के संलग्नक I की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. अधिक उदारीकरण की ओर एक और कदम के रूप में यह निर्णय लिय गया है कि निवासियों द्वारा भेजे गए विप्रेषणों पर से निम्नलिखि
फ़रवरी 23, 2004
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - विलयन और अभिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी)
आर.बी.आइ/2004/72 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 75 23 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - विलयन और अभिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. भारतीय कॉर्पोरेट्स के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को सुविधाजनक बनाकर उन्हें विश्वव्यापी स्त
आर.बी.आइ/2004/72 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 75 23 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - विलयन और अभिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। 2. भारतीय कॉर्पोरेट्स के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को सुविधाजनक बनाकर उन्हें विश्वव्यापी स्त
फ़रवरी 20, 2004
फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना
आर.बी.आइ/2004/67 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/
आर.बी.आइ/2004/67 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/
फ़रवरी 20, 2004
एक्ज़ीम बैंक की एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
आर.बी.आइ/2004/63 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 70 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्ज़ीम बैंक की एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़ीम बैंक) ने एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका के साथ जुलाई 4, 2003 को एक करार किया है जिसमें एबीएसए बैंक लि. को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की कुल राशि की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। ऋण की व्यवस्था 30 दिसम
आर.बी.आइ/2004/63 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 70 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्ज़ीम बैंक की एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़ीम बैंक) ने एबीएसए बैंक लि., दक्षिण अफ्रिका के साथ जुलाई 4, 2003 को एक करार किया है जिसमें एबीएसए बैंक लि. को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की कुल राशि की ऋण सहायता उपलब्ध कराई गई है। ऋण की व्यवस्था 30 दिसम
फ़रवरी 20, 2004
राज्य ऋणों के रुपये में पुनभुगतान पर रूस को माल निर्यात - एजेंसी कमीशन का भुगतान
आर.बी.आइ/2004/64 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 71 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय राज्य ऋणों के रुपये में पुनभुगतान पर रूस को माल निर्यात - एजेंसी कमीशन का भुगतान प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 मई 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके साथ अन्य बातों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381(ई) की एक प्रति प्रे
आर.बी.आइ/2004/64 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 71 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय राज्य ऋणों के रुपये में पुनभुगतान पर रूस को माल निर्यात - एजेंसी कमीशन का भुगतान प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 मई 2000 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके साथ अन्य बातों के साथ-साथ विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381(ई) की एक प्रति प्रे
फ़रवरी 20, 2004
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य
आर.बी.आइ/2004/65 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 72 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार
आर.बी.आइ/2004/65 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 72 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार
फ़रवरी 20, 2004
उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/66 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 73 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं
आर.बी.आइ/2004/66 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 73 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं
फ़रवरी 12, 2004
फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/55 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 69 12 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.4/2000 आरबी-द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपया में ऋण लेना और देना) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को अनिवासी भारतीयों को रुपये में ऋण (i) भारत में धारित शेयरों अथवा अचल संपत्ति की ज़मानत पर निजी अथवा कारोबार क
आर.बी.आइ/2004/55 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 69 12 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय फेमा 1999 - अनिवासी भारतीयों को रुपया ऋण की मंजूरी - उदारीकरण मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.4/2000 आरबी-द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपया में ऋण लेना और देना) विनियमावली, 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत प्राधिकृत व्यापारियों को अनिवासी भारतीयों को रुपये में ऋण (i) भारत में धारित शेयरों अथवा अचल संपत्ति की ज़मानत पर निजी अथवा कारोबार क

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जुलाई 08, 2024

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